आखिर 3D प्रिंटर क्या है? कैसे काम करता है और 3D प्रिंटर की विशेषताएं क्या है, इसके बारे में प्रिंटर के बारे में जानने की इच्छा रखने वाले लोग हमेशा से ही इंटरेस्ट लेते हैं, तो हमने सोचा की क्यों ना, आपको 3D प्रिंटर के बारे में हिंदी में जानकारी दी जाए।
जबसे प्रिंटर का आविष्कार हुआ है, तब से लेकर के वर्तमान के समय तक अभी तक विभिन्न प्रकार की टेक्नोलॉजी वाले प्रिंटर लॉन्च हो चुके हैं, जो अलग-अलग प्रकार से काम करते हैं और जिनकी प्रिंटिंग क्वालिटी भी अलग-अलग होती है। 3D प्रिंटर भी प्रिंटर के प्रमुख प्रकारों में गिना जाता है, जिसका आज के इस आधुनिक जमाने में काफी अधिक इस्तेमाल किया जा रहा है।
- कंप्यूटर के इनपुट डिवाइस – What Is Input Devices In Hindi
- कंप्यूटर के आउटपुट डिवाइस – What Is Output Devices In Hindi
3D प्रिंटर क्या है? (What is 3D Printer in Hindi)
एडिटिव प्रोसेस के द्वारा प्रिंट करने के लिए इस्तेमाल में लिया जाने वाला 3D प्रिंटर एक प्रिंट करने वाली इलेक्ट्रॉनिक मशीन होती है, जिसे काम करने के लिए बिजली की आवश्यकता होती है। बताना चाहते हैं की एडिटिव प्रक्रिया में किसी भी ऑब्जेक्ट या फिर वस्तु के थ्री डाइमेंशन सॉलिड ऑब्जेक्टिव को क्रिएट किया जाता है।
इसके अंतर्गत बहुत सारी लेयर को एक दूसरे के ऊपर रखा जाता है और यह तब तक ऐसी ही अवस्था में रहती है जब तक कि कोई ऑब्जेक्ट या फिर वस्तु प्रिंट नहीं हो जाती है। 3D प्रिंटर के द्वारा प्रिंट की गई चीज दिखाई देने में बिल्कुल रियलिस्टिक अर्थात वास्तविक लगती है।
वर्तमान के समय में ऐसे कई क्षेत्र हैं, जहां पर 3D प्रिंटर का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। जैसे कि स्पेस इंजीनियरिंग में इसका इस्तेमाल होता है। इसके अलावा आटोमोटिव, रोबोटिक्स, इंडस्ट्रियल टूल, हेल्थ केयर इत्यादि फील्ड में भी 3D प्रिंटर का इस्तेमाल हो रहा है।
यही नहीं हेल्थ केयर, प्रोडक्ट डिजाइन और इंटरटेनमेंट के साथ ही साथ एजुकेशन के क्षेत्र में भी 3D प्रिंटर का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर हो रहा है।
3D प्रिंटर को एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग प्रिंटर या फेब्रिकेशन प्रिंटर के नाम से भी जाना पहचाना जाता है। 3D प्रिंटर की गिनती कंप्यूटर के आउटपुट डिवाइस में होती है। इससे काम लेने के लिए इसे कंप्यूटर के साथ कनेक्ट करना पड़ता है।
3D प्रिंटिंग क्या है?
3D प्रिंटिंग एक प्रिंट करने वाली टेक्नोलॉजी है। 3D प्रिंटिंग करने के लिए 3D प्रिंटर का इस्तेमाल किया जाता है। 3D प्रिंटर के द्वारा थ्री डाइमेंशनल ऑब्जेक्ट को बना करके तैयार किया जाता है।
इसके लिए मूल रूप से एक डिजिटल फॉर्मेट में एक 3D ऑब्जेक्ट को डिजाइन कर लिया जाता है और फिर 3D प्रिंटर का इस्तेमाल करते हुए डिजाइन किए गए Three Dimensional ऑब्जेक्ट को फिजिकल फॉर्मेट में हासिल किया जाता है।
3D प्रिंटिंग में जो प्रिंटर इस्तेमाल होते हैं, वह एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग पर डिपेंड होते हैं। आपको बता देना चाहते हैं कि एक साधारण प्रिंट करने वाली मशीन में पेज और इंक की आवश्यकता होती है, वहीं 3D प्रिंटर में जिस चीज को प्रिंट किया जाना है, उसके आकार, उसके कलर इत्यादि को तय करके उसी के हिसाब से मैटेरियल को डाला जाता है।
3D प्रिंटर कैसे काम करता है?
3D प्रिंटर के माध्यम से प्रिंटिंग करने के लिए सर्वप्रथम हमें अपने कंप्यूटर को पावर ऑन करने के बाद सीएडी प्रोग्राम को ओपन करना होता है और उसके पश्चात हमें अपने पसंदीदा ऑब्जेक्ट को बना लेना होता है और साथ ही ऑब्जेक्ट को स्कैन कर लेना होता है।
अपने कंप्यूटर में ऑब्जेक्ट का निर्माण करने के पश्चात उसे 3D प्रिंटर में प्रिंट के लिए डाल दिया जाता है। 3D प्रिंटर में फिलामेंट लगा हुआ होता है जिसमें कार्बन फाइबर 3D प्रिंटर फिलामेंट, एबीएस 3D प्रिंटर एलिमेंट, पीएलए 3D प्रिंटर फिलामेट तथा वूड और मेटल जैसे बहुत सारे फिलामेंट मौजूद होते हैं।
यह सभी फिलामेंट एक ड्राइव से अटैच होते हैं। जिस ड्राइव से सभी फिलामेंट अटैच होते हैं, वह ड्राइव फिलामेंट को खींचती है और हॉट एंड में उसे डाल देती है। इसके पश्चात होता यह है कि मटेरियल फिलामेंट पिघलता है और वह बाहर की साइड निकलता है और जो प्रिंट बोर्ड है उस पर ऑब्जेक्ट की लेयर का निर्माण करता है। इस प्रकार से आपने कंप्यूटर पर जो ऑब्जेक्ट बनाया हुआ होता है, वह प्रिंट हो जाता है।
3D प्रिंटर का प्रकार (Types of 3D Printer in Hindi)
3D प्रिंटर के मुख्य तौर पर 5 प्रकार हैं, जिनके नाम और उनकी जानकारी आगे आपको दी जा रही है।
- Viper SI2
- Projets
- iPros
- Pro X
- Fab Pro
1: Viper SI2
3D सिस्टम के द्वारा उपरोक्त 3D प्रिंटर का निर्माण किया गया है, जो किसी भी ऑब्जेक्ट को प्रिंट करने के लिए राल सामग्री का इस्तेमाल करता है। बताना चाहते हैं कि वाइपर s12 प्रिंटर स्टीरियो लिथोग्राफी नाम की टेक्नोलॉजी पर काम करता है। यह टेक्नोलॉजी अच्छी क्वालिटी में ऑब्जेक्ट को प्रिंट करने की कैपेसिटी रखती है। इसलिए यदि आप एक हाई क्वालिटी में 3D प्रिंटिंग करने वाला प्रिंटर लेना चाहते हैं, तो आपको वाइपर s12 प्रिंटर पर अवश्य ही सोच विचार करना चाहिए।
2: Projets 3D Printers
3D सिस्टम के द्वारा ही प्रोजेक्ट 3D प्रिंटर का भी निर्माण किया गया है, जो कि प्रमुख 3D प्रिंटर में हमेशा से ही शामिल होता है। प्रोजेक्ट 3D प्रिंटर की परफॉर्मेंस बहुत ही शानदार है, ऐसा कई यूजर के द्वारा बताया गया है। इसके अलावा यह लोंग लास्टिंग है अर्थात आप लंबे समय तक इसके साथ काम कर सकते हैं।
इस प्रिंटर को हैंडल करना काफी आसान है और इसे यूज करना भी बहुत ही सरल है। आप इस प्रिंटर के माध्यम से जो ऑब्जेक्ट प्रिंट करते हैं वह बिल्कुल सटीक प्रिंट हो जाता है। यह प्रिंटर अच्छी क्वालिटी में ऑब्जेक्ट को प्रिंट करने की कैपेसिटी की वजह से लोगों के बीच काफी अधिक लोकप्रिय है।
3: iPros 3D Printers
इसे मीडियम लेवल का 3D प्रिंटर कहा जाता है। इस प्रिंटर का इस्तेमाल 3D प्रिंटिंग के लिए होता है या फिर 3D ऑब्जेक्ट की मैन्युफैक्चरिंग के लिए होता है। इसका निर्माण करने का भी श्रेय 3D सिस्टम को ही दिया जाता है।
यह प्रिंटर भी वाइपर s12 प्रिंटर की तरह ही स्टीरियो लिथोग्राफी नाम की टेक्नोलॉजी पर काम करता है और इसके द्वारा 3D ऑब्जेक्ट को हार्ड कॉपी के तौर पर प्रिंट करने के लिए रेसीन मैटेरियल का इस्तेमाल किया जाता है।
4: Pro X 3D Printers
यूजर रिव्यु के हिसाब से देखा जाए तो प्रोएक्स 3D प्रिंटर की परफॉर्मेंस भी बहुत ही कमाल की है और इसकी प्लॉटिंग भी बहुत ही शानदार है, जिसकी वजह से जब ऑब्जेक्ट को प्रिंट किया जाता है तो वह बिल्कुल एक्यूरेट और बिल्कुल साफ प्रिंट होता है।
5: Fab Pro 3D Printers
इस प्रकार के जो प्रिंटर होते हैं, उसे लो बजट प्रिंटर कहा जाता है। यानी की इनकी कीमत कम होती है, तो इसलिए अगर आप कम बजट में प्रिंटर लेना चाहते हैं तो आपको उपरोक्त प्रिंटर के बारे में विचार करना चाहिए। कम कीमत होने के बावजूद ऐसा नहीं है की यह प्रिंटर अच्छी परफॉर्मेंस नहीं दे पाते हैं। इनके द्वारा भी बहुत ही तेजी से चीजों को प्रिंट किया जाता है, जिनकी क्वालिटी शानदार होती है।
3D प्रिंटर के फायदे?
3D प्रिंटर के एडवांटेज क्या हो सकते हैं या फिर 3D प्रिंटर के लाभ क्या हैं, आइए इनके बारे में जानते हैं।
1: कपड़े, गिफ्ट और ज्वेलरी का निर्माण
3D प्रिंटर का इस्तेमाल करते हुए आप अपने पसंद के कपड़े की डिजाइन कर सकते हैं या फिर पसंदीदा गिफ्ट अथवा ज्वेलरी को तैयार कर सकते हैं। 3D प्रिंटर आपको एक यूनिक डिजाइन तैयार करने में पूरी तरह से सहायक साबित होता है।
इंडिया में बड़े-बड़े ज्वेलरी ब्रांड के द्वारा मार्केट में नई प्रकार की ज्वेलरी की डिजाइन को लाने के लिए सर्वप्रथम उसे कंप्यूटर और 3D प्रिंटर का इस्तेमाल करके तैयार किया जाता है और फिर उस पर लोगों से उनके विचार लिए जाते हैं और उसके पश्चात ज्वेलरी डिजाइन मार्केट में प्रस्तुत होती है। यही काम बड़े-बड़े कपड़े की इंडस्ट्री में भी होता है।
2: साइंस और टेक्नोलॉजी अपडेट में
3D प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी का उपयोग प्रिंट किए जा सकने वाले तकनीकी मॉडल को तैयार करने में किया जा रहा है। ऐसे लोग जो साइंस या फिर टेक्नोलॉजी में इंटरेस्ट रखते हैं वह अपनी एजुकेशन के लिए अथवा अपनी स्टडी के लिए 3D प्रिंटर अथवा 3D प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे है।
3: एजुकेशन में इस्तेमाल
देश और दुनिया के बड़े-बड़े स्कूल और कॉलेज में इंपोर्टेंट डिवाइस के तौर पर 3D प्रिंटर और इंपॉर्टेंट तकनीक के तौर पर 3D प्रिंटिंग का इस्तेमाल किया जा रहा है। विद्यार्थियों के द्वारा अलग-अलग प्रकार के प्रोजेक्ट को क्रिएट करने के लिए 3D प्रिंटर का इस्तेमाल किया जाता है।
इसके अलावा इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी भी अलग-अलग स्ट्रक्चर को समझने के लिए या फिर समझाने के लिए 3D प्रिंटर का इस्तेमाल कर रहे हैं। पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को 3D प्रिंटर की वजह से टेक्नोलॉजिकल मुद्दों को समझने में काफी सहायता प्राप्त हो रही है।
4: नई इंडस्ट्री का निर्माण
3D प्रिंटर और 3D प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी आने वाली इंडस्ट्री के लिए और वर्तमान इंडस्ट्री के लिए भी सहायक साबित हो रही है। इसके माध्यम से उद्योग की यूनिट की स्थापना के लिए 3D डिजाइन बनाए जा रहे हैं और डिजाइन के अनुसार ही इंडस्ट्री की बिल्डिंग या फिर इंडस्ट्री की यूनिट का निर्माण किया जा रहा है।
3D प्रिंटर के नुकसान?
नीचे आपको 3D प्रिंटर के डिसएडवांटेज अथवा 3D प्रिंटर की हानि के बारे में जानकारी दी जा रही है।
1: टेक्निकल प्रॉब्लम
3D प्रिंटर में आपको कुछ टेक्निकल समस्याएं देखने को मिल सकती है। जैसे की टेंपरेचर की प्रॉब्लम। अगर इसका इस्तेमाल लंबे समय तक होता है तो यह गर्म होने लगता है जिसकी वजह से इसकी प्रिंटिंग क्वालिटी पर इफेक्ट पड़ता है।
2: खर्चा
3D प्रिंटर का इस्तेमाल करना काफी महंगा साबित हो सकता है, क्योंकि 3D प्रिंटर सामान्य प्रिंटर के मुकाबले में थोड़े से महंगे आते हैं। इसलिए आपको थोड़े अधिक पैसे खर्च करने की आवश्यकता होती है।
इसके अलावा इसमें इस्तेमाल होने वाले केमिकल मटेरियल की खरीदारी करने के लिए भी आपको पैसा खर्च करना होता है। इसके अलावा बताना चाहते हैं की, 3D प्रिंटर सामान्य प्रिंटर के मुकाबले में अधिक इलेक्ट्रिसिटी की खपत करता है, जिससे आपके महीने के बिजली बिल में बढ़ोतरी हो सकती है। इसलिए आपको इसका इस्तेमाल करने से पहले अपने बजट और खर्चे की योजना अवश्य ही बना लेनी चाहिए।
3: आंखों पर प्रेशर
3D प्रिंटर का इस्तेमाल करने का एक नुकसान यह है कि अगर आप लंबे समय तक इस पर ध्यान देते हैं तो इससे आपकी आंखों को नुकसान हो सकता है या फिर आंखों में थकावट पैदा हो सकती है। कई बार 3D प्रिंटर के साथ कुछ समस्याएं हो जाती हैं जिसकी वजह से आपको धैर्य रखने की आवश्यकता होती है।
4: सिक्योरिटी
3D प्रिंटर के माध्यम से प्रिंटिंग करने के दरमियान आपको सिक्योरिटी पर ध्यान देना होता है क्योंकि कई बार प्रिंटर का टेंपरेचर अधिक हो जाता है जिसकी वजह से यह गर्म हो जाता है। ऐसे में अगर आप इसे टच करते हैं तो आपके हाथ जल सकते हैं या फिर चोट लगने का खतरा भी हो सकता है। इसलिए आपको सिक्योरिटी के लिए सावधान रहने की आवश्यकता है और सुरक्षा के नियमों का पालन करने की जरूरत है।
3D प्रिंटर कौन सा डिवाइस है?
कंप्यूटर के महत्वपूर्ण आउटपुट डिवाइस में 3D प्रिंटर की गिनती होती है, जो कंप्यूटर के साथ अटैच नहीं होता है बल्कि इसे कंप्यूटर के साथ अटैच करने के लिए आपको 3D प्रिंटर की केबल को कंप्यूटर के निश्चित पोर्ट में लगाना होता है।
जिसके बाद कंप्यूटर और 3D प्रिंटर आपस में कनेक्ट हो जाते हैं और इसके बाद आप कंप्यूटर पर जिस ऑब्जेक्ट को प्रिंट करने का कमांड देते हैं वह ऑब्जेक्ट 3D प्रिंटर के द्वारा प्रिंट करना चालू कर दिया जाता है।
3D प्रिंटर का उपयोग?
3D प्रिंटर का इस्तेमाल लंबे समय से किया जा रहा है और हाल के सालों में इसकी लोकप्रियता में काफी अधिक बढ़ोतरी हो गई है जिसका प्रमुख कारण यह है की 3D प्रिंटर को एक आसान तकनीक तकनीक मे चेंज कर दिया गया है, जिसकी वजह से 3D प्रिंटर का इस्तेमाल लगभग सभी टाइप के क्षेत्र में एप्लीकेशन में किया जा रहा है।
जब 3D प्रिंटर का निर्माण हुआ था, तब इसका इस्तेमाल करने में अधिक लागत लगाने की आवश्यकता होती थी, क्योंकि तब के समय में 3D प्रिंटर, मॉडल और मटेरियल की कीमत आज के मुकाबले में ज्यादा थी परंतु जैसे जैसे समय व्यतीत होता गया वैसे वैसे 3D प्रिंटर की कीमत, मॉडल और इसके मटेरियल की कीमतों में गिरावट आती गई, जिसकी वजह से इंडस्ट्री से लेकर के एजुकेशन की फील्ड में 3D प्रिंटर का इस्तेमाल आज किया जा रहा है।
यहां तक की, लोग अपने घरों में भी 3D प्रिंटर का इस्तेमाल कर रहे हैं क्योंकि अब यह प्रिंटर आसानी से लोगों के बजट में फिट बैठ रहा है। जो नए 3D प्रिंटर का डेवलपमेंट किया जा रहा है, उन्हें सरलता से इस्तेमाल किया जा सके कुछ इस प्रकार से डिवेलप किया जा रहा है। 3D प्रिंटर का मुख्य तौर पर उपयोग निम्न क्षेत्रों में हो रहा है।
- शिक्षा
- प्रोटोटाइपिंग और निर्माण
- चिकित्सा निर्माण
- कंस्ट्रक्शन
- आर्ट और डिज़ाइन
3D प्रिंटिंग के खोजकर्ता कौन हैं?
Chuck Hull नाम के व्यक्ति के द्वारा 3D प्रिंटिंग की खोज की गई थी। इसीलिए इन्हें फाउंडर ऑफ 3D प्रिंटिंग कहा जाता है। इनका जन्म सन 1939 में 12 मई के दिन अमेरिका देश के कोलोराडो शहर में हुआ था। Chuck Hull ने अपना प्रारंभिक जीवन अमेरिका के कोलोराडो शहर में ही व्यतीत किया था।
इन्होंने अपने ग्रेजुएशन की पढ़ाई कोलोराडो में स्थित सेंट्रल हाई स्कूल से की थी और साल 1961 में यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो से इन्होंने बैचलर ऑफ साइंस में इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की थी।
Chuck Hull को साल 2014 में यूरोपीयन पेटेंट ऑफिस के द्वारा नोन यूरोपियन कंट्री कैटेगरी में यूरोपियन इन्वेंटर अवार्ड प्राप्त हुआ था। इसके अलावा साल 2015 में इंडस्ट्रियल रिसर्च इंस्टीट्यूट का अचीवमेंट अवार्ड स्टीरियो लिथोग्राफी के लिए हासिल हुआ था, वहीं साल 2020 में इन्हें रॉयल फोटोग्राफिक सोसायटी प्रोग्रेस मेडल प्राप्त हुआ।
3D तकनीक क्या है?
यह एक ऐसी टेक्नोलॉजी है, जिसका अधिकतर डिजाइनिंग के लिए या फिर मैन्युफैक्चरिंग के लिए इस्तेमाल होता है। इसके द्वारा थ्री डाइमेंशनल ऑब्जेक्ट को बना करके तैयार किया जाता है।
3D टेक्नोलॉजी में डिजिटल रूप से थ्री डायमेंशनल ऑब्जेक्ट को डिजाइन करते हैं और फिर उसके पश्चात उसे फिजिकली बनाने के लिए 3D प्रिंटिंग का सहारा लिया जाता है। 3D प्रिंटिंग के लिए जिस स्पेशल प्रकार के प्रिंटर का इस्तेमाल किया जाता है उसे 3D प्रिंटर कहते हैं।
3D प्रिंटर का मार्केट
अगर इंटरनेशनल लेवल पर 3D प्रिंटर के मार्केट के बारे में चर्चा की जाए, तो लगातार इसका मार्केट काफी तेज गति से आगे बढ़ रहा है। आंकड़ों के अनुसार साल 2017 तक ही 3D प्रिंटर का ग्लोबल मार्केट $7.01 के आसपास तक पहुंच गया था।
3D प्रिंटर के तहत सबसे ज्यादा 3D टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल डिजाइन और मकान बनाने जैसे एरिया में किया जा रहा है। इसके अलावा हार्डवेयर के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। 3D प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी और 3D प्रिंटर की सहायता से गाड़ी या फिर घर का निर्माण बहुत ही कम समय में कर लिया जा रहा है।
अगर हमारे इंडिया की बात की जाए, तो यहां पर भी वर्तमान के समय में 3D प्रिंटिंग की काफी ज्यादा संभावनाएं देखने को मिल रही है। हमारे देश में गवर्नमेंट के द्वारा देशभर में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर काफी ज्यादा फोकस किया जा रहा है।
इसक अलावा गवर्नमेंट के द्वारा मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया और स्किल इंडिया जैसी कई योजना चलाई जा रही है, जहां पर 3D प्रिंटर और 3D प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो रहा है।
3D प्रिंटर की विशेषताएं
3D प्रिंटर की विशेषताएं निम्नानुसार है।
- प्रिंटर के सभी प्रकारों में 3D प्रिंटर को आधुनिक और एडवांस फीचर वाला प्रिंटर माना जाता है। इसे आप नए जमाने का प्रिंटर भी कह सकते हैं।
- 3D प्रिंटर के द्वारा अपने यूजर्स को बहुत सारी सुविधाएं दी जाती है जिसकी वजह से अपनी आवश्यकता के अनुसार यूजर ऑब्जेक्ट को कस्टमाइज कर सकता है।
- 3D प्रिंटर 3D फॉर्मेट में ऑब्जेक्ट को या वस्तु को प्रिंट करने की कैपेसिटी रखता है और इसके लिए 3D प्रिंटर एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग नाम की प्रोसेस को फॉलो करता है।
- ज्यादातर 3D प्रिंटर का इस्तेमाल आर्टिस्ट अथवा इंजीनियर या फिर ऐसे लोगों के द्वारा किया जाता है जो थोड़े क्रिएटिव होते हैं।
3D प्रिंटर की कीमत क्या है और कैसे खरीदें?
3D प्रिंटर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी के द्वारा अपने 3D प्रिंटर की कीमत अलग-अलग रखी जाती है। जैसे कि जो प्रिंटर एप्सन कंपनी के द्वारा बनाया गया है, उसकी कीमत अलग होगी और जो प्रिंटर एचपी कंपनी के द्वारा बनाया गया है, उसकी कीमत अलग होगी।
आप 3D प्रिंटर की कीमत के बारे में जानने के लिए इंटरनेट पर संबंधित ब्रांड के 3D प्रिंटर के मॉडल को सर्च कर सकते हैं। ऐसा करने पर आपको उसकी कीमत प्राप्त हो जाएगी। अगर आप 3D प्रिंटर को ऑनलाइन लेना चाहते हैं, तो आप शॉपिंग वेबसाइट जैसे कि फ्लिपकार्ट, अमेजॉन, शॉपक्लूज, स्नैपडील इत्यादि पर विजिट कर सकते हैं।
ऑनलाइन 3D प्रिंटर की कीमत 8000 से लेकर के ₹80000 के बीच में होती है। जितना महंगा 3D प्रिंटर होगा, उसमें उतनी ही ज्यादा सुविधाएं होगी। यदि आप ऑफलाइन 3D प्रिंटर लेना चाहते हैं, तो आप अपने नजदीकी कंप्यूटर या लैपटॉप सेल्स दुकान पर विजिट कर सकते हैं और वहां से स्पेसिफिकेशन को चेक करते हुए अपने लिए बेस्ट 3D प्रिंटर खरीद सकते हैं।
3D प्रिंटर के मटेरियल
3D प्रिंटर में ऐसे कई मटेरियल होते हैं जिसके माध्यम से 3D ऑब्जेक्ट बनाया जाता है। नीचे आपको कुछ मटेरियल के एग्जांपल और उनकी संक्षेप में जानकारी दी जा रही है।
Acrylonitrile Butadiene Styrene (ABS)
Acrylonitrile Butadiene Styrene का शार्ट फॉर्म एबीएस होता है। यह एक ऐसा प्लास्टिक मटेरियल होता है जिसे आकार देना आसान होता है। यही वह मटेरियल है, जिसके द्वारा LEGO का निर्माण किया जाता है।
Carbon Fiber Filaments
कार्बन फाइबर का इस्तेमाल ऐसी वस्तु को क्रिएट करने के लिए किया जाता है जो मजबूत भी हो और साथ ही वह ज्यादा भारी भी ना हो और साथ ही हल्की हो।
Conductive Filaments
यह भी एक प्रिंट करने वाला मटेरियल है जो अभी एक्सपेरिमेंटल स्टेज में है। इसका इस्तेमाल तार की आवश्यकता के बिना इलेक्ट्रिकल सर्किट को प्रिंट करने के लिए कर सकते हैं।
Flexible Filaments
फ्लैक्सिबल फिलामेंट ऐसे प्रिंट को बना करके तैयार करते हैं जो थोड़े से सख्त होते हैं, इसके बावजूद वह मुड़ सकते हैं। फ्लैक्सिबल फिलामेंट का इस्तेमाल हैंड वोच से लेकर के फोन कवर को प्रिंट करने के लिए कर सकते हैं।
Metal Filament
मेटल फिलामेंट बारीक पिसी हुई मेटल और पॉलीमर गोंद से निर्मित होते हैं।
Wood Filament
वुड फिलामेंट में पॉलीमर गोंद के साथ ही साथ बारीक पिसा हुआ लकड़ी का पाउडर भी मिक्स होता है। इसका इस्तेमाल साफ तौर पर लकड़ी के जैसी दिखाई देने वाली वस्तु को प्रिंट करने के लिए होता है।
3D प्रिंटिंग से संबंधित चुनौती
यदि 3D प्रिंटिंग से संबंधित चैलेंज के बारे में चर्चा की जाए, तो 3D प्रिंटर में विविधता की वजह से प्रोडक्ट की मैन्युफैक्चरिंग की जो क्वालिटी होती है, उसमें बदलाव देखे जा सकते हैं।
3D प्रिंटर में क्वालिटी को लेकर के जो स्टैंडर्ड मानक होता है उसमें भी कमी दिखाई पड़ती है। 3D प्रिंटर के तहत उत्पाद की मैन्युफैक्चरिंग में सबसे ज्यादा मात्रा में प्लास्टिक का इस्तेमाल होता है और इसमें काफी अधिक इलेक्ट्रिसिटी की खपत होती है जो पर्यावरण की नजर से देखा जाए तो बिल्कुल भी अच्छा नहीं कहा जा सकता है।
बेस्ट 3D प्रिंटर
यदि आप 3D प्रिंटर की खरीदारी करना चाहते हैं तो हमने नीचे आपके लिए बेस्ट 3D प्रिंटर की लिस्ट दी हुई है। आप इनमें से किसी भी 3D प्रिंटर को खरीद सकते हैं।
- Original Prusa MK4
- Bambu Lab P1P
- Lulzbot TAZ SideKick 747
- Mingda Magician X2
- Snapmaker J1
- Creality Ender-5 S1
FAQs
3D प्रिंटिंग सामग्री में मिक्स धातु, पॉलीमर, प्लास्टिक और अन्य चीजों का इस्तेमाल होता है।
हमारे भारत देश में आर्ट एंड क्राफ्ट, कंस्ट्रक्शन, मेडिकल निर्माण, दंत चिकित्सा, फैशन और हाई एंड इंजीनियरिंग इंडस्ट्री जैसे कि एयरोस्पेस, आटोमोटिव इत्यादि क्षेत्र में 3D प्रिंटर का इस्तेमाल होता है।
3D प्रिंटिंग को एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग के तौर पर भी जानते हैं। 3D प्रिंटिंग कंप्यूटर के द्वारा बनाए गए डिजाइन का इस्तेमाल करके थ्री डायमेंशन ऑब्जेक्ट को बनाने की एक विधि होती है।
3D प्रिंटिंग हमारे द्वारा जो डिजिटल डिजाइन कंप्यूटर के माध्यम से तैयार की जाती है, उसी डिजिटल डिजाइन का इस्तेमाल करके फिजिकल वस्तु को बनाने की सुविधा प्रदान करती है।
3D प्रिंटर 3D प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी पर काम करता है। हमने 3D प्रिंटर के बारे में संपूर्ण जानकारी विस्तार से आपको इसी आर्टिकल में दी हुई है। इसलिए आर्टिकल को ध्यान से पढ़ें।
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- कंप्यूटर हार्डवेयर क्या है – What Is Hardware In Hindi
- सॉफ्टवेयर (Software) क्या है? – What Is Software In Hindi
- माउस क्या है और इसके प्रकार – What Is Mouse In Hindi
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