टीवी देखने के दरमियान हमें बीच-बीच में अनेक प्रकार की सर्विस या फिर आइटम के विज्ञापन दिखाई देते हैं, वही जब हम समाचार पेपर पढ़ते हैं या फिर इंटरनेट चलाते हैं, तो उस दरमियान भी हमें विभिन्न प्रकार की एडवर्टाइजमेंट दिखाई देती है, जिन्हें करवाने का कुछ ना कुछ उद्देश्य अवश्य होता है। आज के इस पोस्ट में हम Advertisement (विज्ञापन) के बारे में जानेंगे की आख़िर विज्ञापन क्या है? इसके प्रकार एवं कैसे बनाये?
आखिर किसी भी कंपनी के लिए या फिर व्यक्ति के लिए अपनी सर्विस अथवा अपने आइटम की एडवर्टाइजमेंट करवाना आवश्यक क्यों होता है और इससे उन्हें क्या लाभ होता है, इसके बारे में अवश्य ही हमें जानकारी होनी चाहिए। इसलिए हमने स्पेशल तौर पर एडवर्टाइजमेंट को फोकस करके यह आर्टिकल लिखा हुआ है।
इस आर्टिकल में आज हम जानेंगे की “विज्ञापन क्या है? या एडवर्टाइजमेंट क्या होती है” और “एडवर्टाइजमेंट कैसे की जाती है। या विज्ञापन (Ad) कैसे बनाए?”
विज्ञापन क्या है? (What is Advertisement in Hindi)
सरल हिंदी भाषा में एडवर्टाइजमेंट को विज्ञापन कहा जाता है, जोकि जनसंचार का एक तरीका है। एडवर्टाइजमेंट मुख्य तौर पर किसी व्यक्ति या फिर कंपनी अथवा संस्था के द्वारा की जाती है जिसके पीछे उद्देश्य होता है अपने सर्विस या फिर अपने आइटम का अधिक से अधिक प्रचार करना।
ताकि लोग सर्विस या फिर आइटम के बारे में जाने और उसे खरीदने के लिए या फिर सर्विस का लाभ लेने के लिए प्रेरित हो। एडवर्टाइजमेंट के द्वारा कंपनियां या फिर व्यक्ति अपनी सर्विस अथवा प्रोडक्ट की लोकप्रियता को भी बढ़ाता है।
अगर आसान भाषा में समझाया जाए तो एडवर्टाइजमेंट अर्थात एडवरटाइजिंग के द्वारा प्रोडक्ट अथवा सर्विस की क्वालिटी के बारे में लोगों को बताया जाता है, ताकि कस्टमर सर्विस अथवा प्रोडक्ट के प्रति आकर्षित हो और उसकी खरीदारी करें।
Advertisement (विज्ञापन) करने के लिए टीवी, न्यूज़ पेपर, इंटरनेट और अन्य कई तरीकों पर अमल किया जाता है। वर्तमान के समय में सोशल मीडिया के द्वारा भी बड़े पैमाने पर फ्री में एडवर्टाइजमेंट की जा रही है।
किसी कंपनी के द्वारा जब किसी नए आइटम का निर्माण किया जाता है या फिर कोई नई सर्विस लॉन्च की जाती है तो कंपनी यही चाहती है कि उनकी सर्विस या फिर आइटम की बिक्री ज्यादा हो और बिक्री तभी ज्यादा होती है जब लोग सर्विस अथवा आइटम के बारे में जानते हैं और लोगों को सर्विस अथवा आइटम के बारे में बताने के लिए Advertisement (विज्ञापन) करना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है।
एडवर्टाइजमेंट कराने से लोगों तक सर्विस या फिर वस्तु की इंफॉर्मेशन पहुंचती है। ऐसे में होता यह है कि अगर किसी को उस सर्विस या फिर आइटम की आवश्यकता होती है तो वह उसकी खरीदारी करता है जिसकी वजह से कंपनी के प्रॉफिट में बढ़ोतरी होती है और कस्टमर को भी अपनी इच्छा का सामान प्राप्त हो जाता है।
विज्ञापन का मतलब क्या होता है?
हमारे द्वारा सुबह उठने के बाद जैसे ही न्यूज़पेपर पढ़ा जाता है या फिर किसी मैगजीन को देखा जाता है अथवा टीवी ओपन किया जाता है वैसे ही हमें तमाम प्रकार के अलग अलग ब्रांड या सर्विस के विज्ञापन दिखाई देते हैं।
इसी प्रकार से हर व्यक्ति को रोजाना कई विज्ञापन दिखाई देते हैं। यहां तक की सड़क, हॉल, मॉल, घर, सोशल मीडिया, किताब, समाचार पत्र इत्यादि जगह पर भी भर भर कर विज्ञापन होते हैं।
टीवी में जब कोई कार्यक्रम चल रहा होता है तो कार्यक्रम के बीच जब ब्रेक आता है तो उसमें भी अलग-अलग विज्ञापन दिखाई देते हैं, उसी प्रकार इंटरनेट चलाने के दरमियान भी हमें अलग-अलग चीजों के विज्ञापन दिखाई देते हैं। यही नहीं जब हम किसी भी यूट्यूब वीडियो को ओपन करते हैं तो वहां पर भी हमें अलग-अलग कैटेगरी वाले ब्रांड या फिर सर्विस के एडवर्टाइज दिखाई देती हैं। इस प्रकार से यह सभी एडवर्टाइजमेंट के ही एग्जांपल है।
Misleading Advertising क्या होता है?
कई बार कंपनी या फिर व्यक्ति ऐसी एडवर्टाइजमेंट डिवेलप करती है जिसमें उनके द्वारा अपने आइटम या फिर अपने सर्विस के बारे में गलत इंफॉर्मेशन प्रदान की जाती है या फिर ऐसा कुछ दावा किया जाता है जो आइटम से मेल नहीं खाता है।
इस प्रकार का विज्ञापन भ्रामक विज्ञापन की कैटेगरी में आता है। इसके साथ ही अगर इस प्रकार के एडवर्टाइजमेंट में किसी भी प्रकार की बात को छुपाया जा रहा है तो इसे मिसलीडिंग एडवर्टाइजमेंट कहां जाता है।
Advertisement (विज्ञापन) महत्वपूर्ण क्यों है?
Advertisement (विज्ञापन) कस्टमर तक पहुंच बनाने का एक बेहतरीन जरिया होता है। अट्रैक्टिव एडवरटाइजिंग बना करके और अपने टारगेट ऑडियंस तक पहुंचने के लिए पर्याप्त पैसा खर्च करके आप अपने बिजनेस में एक पॉजिटिव बदलाव ला सकते हैं।
क्योंकि एडवर्टाइजमेंट का किसी भी बिजनेस पर काफी तेजी से इफेक्ट पड़ता है। इस इफ़ेक्ट को अलग-अलग मैट्रिक्स के बीच बेहतर बिजनेस और बढे हुए ब्रांड आईडेंटिटी के तौर पर देखा जा सकता है। इसलिए कहा जाता है कि Advertisement (विज्ञापन) बिजनेस के लिए महत्वपूर्ण होती है।
Advertisement (विज्ञापन) का उद्देश्य?
किसी कंपनी के द्वारा जब किसी नए आइटम या फिर सर्विस को लांच किया जाता है तब उसके बारे में ज्यादा लोगों को पता नहीं होता है। ऐसे में उसकी बिक्री काफी कम ही होती है। इस प्रकार से बिक्री बढ़ाने के लिए कंपनी के द्वारा एडवर्टाइजमेंट का सहारा लिया जाता है।
एडवर्टाइजमेंट के अंतर्गत कंपनी अलग-अलग Advertisement (विज्ञापन) के प्रकार पर अमल करती हैं और अपनी सर्विस या फिर अपने प्रोडक्ट को अधिक से अधिक लोगों की नजरों में लाने का प्रयास करती है। ऐसा होने से लोग कंपनी की सर्विस या फिर प्रोडक्ट के बारे में जानते हैं और अगर उन्हें इंटरेस्ट होता है तो वह उसकी खरीदारी भी करते हैं।
इस प्रकार से Advertisement (विज्ञापन) का मुख्य उद्देश्य सर्विस या फिर प्रोडक्ट की इनफार्मेशन लोगों तक पहुंचाना होता है और उन्हें अपनी सर्विस और अपने आइटम की क्वालिटी के बारे में और उसकी कीमत के बारे में बताना होता है।
विज्ञापन के प्रकार (Types of Advertisement in Hindi)
अधिकतर लोगों को यही पता है कि एडवर्टाइजमेंट या तो टीवी के द्वारा होती है या फिर समाचार पेपर के द्वारा होती है या फिर इंटरनेट के द्वारा होती है परंतु बता दें कि इसके अलावा भी Advertisement (विज्ञापन) कई प्रकार के होते हैं क्योंकि एडवर्टाइजमेंट के कई प्रकार मौजूद है।
विज्ञापन को देखने के हिसाब से अलग-अलग प्रकार में डिवाइड किया गया है। आइए कुछ प्रमुख विज्ञापन के प्रकार जानते है।
1: प्रिंट एडवरटाइजमेंट
प्रिंट एडवरटाइजमेंट के अंतर्गत न्यूज़पेपर या फिर पत्रिका इत्यादि में विज्ञापन की छपाई की जाती है। फिलहाल तो लोग समाचार पेपर पढ़ने में ज्यादा रुचि नहीं रखते है, परंतु इसके बावजूद अभी भी ऐसे लोगों की संख्या अच्छी खासी है, जो लोग समाचार पेपर पढ़ते हैं।
ऐसे में कंपनी के द्वारा अथवा व्यक्ति के द्वारा आइटम अथवा सर्विस का प्रचार करने के लिए प्रिंट Advertisement (विज्ञापन) अर्थात छाप विज्ञापन का सहारा लिया जाता है।
2: टेलीविजन एडवरटाइजमेंट
टीवी पर जो विज्ञापन आते हैं, उन्हें टेलीविजन एडवरटाइजमेंट कहा जाता है। आज के समय में लगभग सभी लोगों के घरों में टीवी अवश्य उपलब्ध होती है। टीवी पर रियलिटी कार्यक्रम, फिल्म, समाचार, क्रिकेट, सीरियल और अन्य कई प्रकार के कार्यक्रम आते हैं।
इन्ही कार्यक्रम में बीच-बीच में अलग-अलग प्रकार के विज्ञापन आते रहते हैं। टीवी पर विज्ञापन देखना किसी भी व्यक्ति को पसंद नहीं होता है परंतु इसके बावजूद टीवी पर विज्ञापन आता है क्योंकि इससे विज्ञापन देने वाली कंपनी को फायदा होता है।
3: रेडियो एडवर्टाइजमेंट
अलग-अलग शहरी अथवा ग्रामीण इलाके में अलग-अलग रेडियो कंपनी के द्वारा रेडियो सर्विस दी जाती है, जिसके अंतर्गत मुख्य तौर पर आपको आवाज सुनाई देती है।
हमारे देश में हर राज्य में हर जिले में अलग-अलग रेडियो चैनल मौजूद है, जिनके द्वारा जो विज्ञापन किया जाता है, उसे रेडियो एडवाइजमेंट कहा जाता है। रेडियो Advertisement (विज्ञापन) के अंतर्गत किसी सर्विस अथवा आइटम के बारे में बोल करके बताया जाता है।
4: ऑनलाइन एडवरटाइजमेंट
इंटरनेट का इस्तेमाल करके जो Advertisement (विज्ञापन) की जाती है उसे ऑनलाइन एडवर्टाइजमेंट अथवा इंटरनेट एडवर्टाइजमेंट कहा जाता है। ऑनलाइन एडवर्टाइजमेंट आपको वेब पेज या फिर ऑनलाइन वीडियो के बीच में दिखाई देती है।
वर्तमान के समय में बड़ी-बड़ी कंपनियों के द्वारा ऑनलाइन Advertisement (विज्ञापन) का इस्तेमाल अपनी सर्विस अथवा अपने आइटम का प्रचार प्रसार करने के लिए किया जा रहा है, क्योंकि सामान्य जनता भी ऑनलाइन ज्यादातर अपना समय व्यतीत करती है। ऐसे में ऑनलाइन एडवर्टाइजमेंट करना सर्विस अथवा आइटम की मार्केटिंग के लिए काफी कारगर साबित हो रहा है।
5: बिलबोर्ड एडवरटाइजमेंट
किसी व्यस्त सड़क पर या फिर पब्लिक प्लेस पर या फिर हाल, मोल के अगल बगल में जो बड़े-बड़े बैनर लगाए गए होते हैं उसे ही बिलबोर्ड कहा जाता है और इस प्रकार की एडवर्टाइजमेंट को बिलबोर्ड एडवर्टाइजमेंट कहा जाता है।
6: शॉप एडवरटाइजमेंट
शॉप एडवरटाइजमेंट को हिंदी में दुकान विज्ञापन कहा जाता है। Advertisement (विज्ञापन) के इस प्रकार में दुकान के अंदर एडवर्टाइजमेंट लगाई जाती है जो कि किसी बोर्ड पर मौजूद होता है या फिर प्लास्टिक की मोटी झिल्ली पर प्रिंट होता है।
7: डिजिटल मार्केटिंग एडवरटाइजमेंट
पिछले 4 से 5 सालों में Advertisement (विज्ञापन) करने के लिए डिजिटल मार्केटिंग का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अंतर्गत डायरेक्ट मेल, ईमेल और टेलीमार्केटिंग के तरीकों पर काम किया जाता है।
डिजिटल मार्केटिंग के अंतर्गत आप घर बैठे बैठे ही अपनी सर्विस अथवा अपने आइटम की इंफॉर्मेशन टारगेटेड कस्टमर तक पहुंचा सकते हैं।
8: सिनेमा एडवर्टाइजमेंट
सिनेमा हॉल में लोग फिल्म देखने के लिए जाते हैं। अधिकतर सिनेमा हॉल में सिनेमा एडवर्टाइजमेंट तो नहीं होती है परंतु जो बड़े-बड़े सिनेमाहॉल होते हैं वहां पर सिनेमा एडवर्टाइजमेंट अवश्य होती है। सिनेमा हॉल में फिल्म चालू होने से पहले या फिर फिल्म के बीच में अथवा फिल्म खत्म हो जाने के पश्चात अलग-अलग प्रकार की एडवर्टाइजमेंट दिखाई देती हैं।
यह थोड़ी सी महंगी जरूर होती है, परंतु इसका काफी अच्छा असर फिल्म देखने आने वाली पब्लिक पर पड़ता है, जिसकी वजह से Advertisement (विज्ञापन) कराने वाली कंपनी या फिर एडवर्टाइजमेंट कराने वाले व्यक्ति को फायदा होता है।
हालांकि इस प्रकार के एडवर्टाइजमेंट में लिमिटेड लोगों तक ही प्रचार-प्रसार हो पाता है क्योंकि सिनेमा हॉल में जितने लोग मौजूद होते हैं उन्हें ही सिनेमा हॉल के परदे पर आने वाली एडवर्टाइजमेंट दिखाई देती है।
9: डायरेक्ट एडवरटाइजमेंट
डायरेक्ट एडवर्टाइजमेंट को सीधी एडवर्टाइजमेंट कहा जाता है। इसे हम डायरेक्ट मार्केटिंग भी कह सकते हैं। इस एडवर्टाइजमेंट में टारगेटेड कस्टमर तक ईमेल के जरिए, फोन कॉल के जरिए, व्हाट्सएप और दूसरे सोशल मीडिया एप्लीकेशन के द्वारा अपनी बात पहुंचाई जाती है।
आपको भी अक्सर ऐसे फोन कॉल अवश्य आते होंगे जिसमें किसी प्रकार के क्रेडिट कार्ड को लेने के लिए कहा जाता होगा या फिर किसी नए ऑफर को आप को ग्रहण करने के लिए कहा जाता होगा या फिर लोन लेने के लिए आपको कहा जाता होगा।
यह सभी डायरेक्ट एडवर्टाइजमेंट के अंतर्गत ही होता है। इस प्रकार के Advertisement (विज्ञापन) में कस्टमर के साथ डायरेक्ट कम्युनिकेशन किया जाता है। हालांकि कई बार डायरेक्ट एडवरटाइजिंग में कस्टमर के अभद्र व्यवहार का सामना भी डायरेक्ट एडवर्टाइजमेंट करने वाले वर्कर को करना पड़ता है।
10: सोशल मीडिया एडवर्टाइजमेंट
हमारे देश में ही सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या 50 करोड़ से ज्यादा है। इसलिए कंपनियां भी अब सोशल मीडिया पर Advertisement (विज्ञापन) कराने पर ज्यादा फोकस कर रही है। सोशल मीडिया के द्वारा एडवर्टाइजमेंट करा करके आप अपनी सर्विस और अपने आइटम के हिसाब से कस्टमर को अट्रैक्ट कर सकते हैं। यही वजह है कि इनफ्लुएंसर के द्वारा काफी एडवर्टाइजमेंट सोशल मीडिया पर चलाई जाते हैं।
सोशल मीडिया पर Advertisement (विज्ञापन) करने का एक प्रमुख कारण यह भी है कि सोशल मीडिया पर करोड़ों कस्टमर उपलब्ध है, उनमें से अगर आधे कस्टमर भी आइटम या फिर सर्विस को लेने के लिए प्रेरित होते हैं तो यह कंपनी के लिए बहुत ही बड़ी उपलब्धि होगी। इससे कंपनी को काफी तगड़ा फायदा हो सकता है।
11: पोस्टर एडवर्टाइजमेंट
पोस्टर के द्वारा किसी भी चीज की एडवर्टाइजमेंट करना बहुत ही आसान है। इस एडवर्टाइजमेंट के तरीके में सबसे पहले अपनी सर्विस या फिर आइटम की जानकारियों को प्रिंटिंग मशीन की सहायता से प्रिंट करवाया जाता है।
और फिर उसके बाद उसे व्यस्त चौराहे पर या फिर व्यस्त गली मोहल्ले में सड़क के किनारे लगाया जाता है। इससे होता यह है कि आने जाने वाले लोगों की नजर पोस्टर पर पड़ती है और उन्हें सर्विस/आइटम के बारे में जानकारी पता चलती है। इस प्रकार से पोस्टर Advertisement (विज्ञापन) काम करती है।
12: लाउडस्पीकर एडवर्टाइजमेंट
आपने देखा होगा कि किसी अपराधी के घर की कुर्की करने के लिए या फिर अपराधी को हाजिर होने के लिए पुलिस के द्वारा लाउडस्पीकर पर कुछ अनाउंसमेंट की जाती है। खैर यह तो पुलिस की बात हो गई परंतु यही कुछ तरीका एडवर्टाइजमेंट करने के लिए भी किया जाता है।
लाउडस्पीकर एडवर्टाइजमेंट खासतौर पर छोटे बिजनेस या फिर लोकल बिजनेस के लिए बहुत उपयोगी साबित हो सकता है। इसके जरिए बिजनेस के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियों को सबसे पहले रिकॉर्ड कर लिया जाता है और फिर उसका प्रसारण गली मोहल्ले और छोटे शहरों में लाउडस्पीकर के द्वारा किया जाता है।
13: पेंपलेट एडवर्टाइजमेंट
इस प्रकार के Advertisement (विज्ञापन) में सबसे पहले रंग बिरंगी या फिर अलग-अलग पन्ने पर बिजनेस की जानकारियों को प्रिंट करवाया जाता है और इसके बाद तैयार हुए पन्ने का वितरण लोगों के घर-घर तक करवाया जाता है।
इस प्रकार की Advertisement (विज्ञापन) में काफी कम ही खर्चा होता है, परंतु यह डायरेक्ट लोगों के दिमाग पर असर करता है, क्योंकि इस एडवर्टाइजमेंट के अंतर्गत तैयार हुए पेंपलेट का वितरण लोगों के घरों में या फिर ऑफिस में किया जाता है।
Advertisement (विज्ञापन) के फायदे?
एडवर्टाइजमेंट के एडवांटेज क्या है अथवा एडवर्टाइजमेंट के लाभ क्या है, आइए इसके बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं।
- एडवर्टाइजमेंट के द्वारा इंस्टिट्यूट अथवा सर्विस या फिर आइटम को लोकप्रिय बनाने का प्रयास किया जाता है जिसकी वजह से प्रोडक्ट और इंस्टिट्यूट को सिर्फ फायदा ही फायदा होता है।
- Advertisement (विज्ञापन) दिखा करके इनकम भी की जाती है। टीवी के मालिक और इंटरनेट पर अधिकतर लोगों के द्वारा एडवर्टाइजमेंट दिखाकर पैसा कमाया जाता है।
- जो लोग Advertisement (विज्ञापन) देखते हैं उन्हें समय-समय पर नए नए प्रोडक्ट या फिर संगठन की इंफॉर्मेशन प्राप्त होती है जिसकी वजह से उन्हें खरीदारी करने में या फिर किसी सर्विस का इस्तेमाल करने में सुविधा होती है।
Advertisement (विज्ञापन) का काम क्या होता है?
किसी भी आइटम अथवा सर्विस की बिक्री को बढ़ाने के लिए अथवा उसे लोकप्रिय बनाने के लिए Advertisement (विज्ञापन) का इस्तेमाल किया जाता है। हमने आपको इसी आर्टिकल में ऊपर एडवर्टाइजमेंट के विभिन्न प्रकारों के बारे में बताया। आइए अब हम आपको इस बात की भी जानकारी प्रदान करते हैं कि आखिर एडवर्टाइजमेंट का काम क्या है।
- एडवर्टाइजमेंट का मुख्य काम होता है नई-नई सर्विस या फिर आइटम की इनफार्मेशन लोगों तक पहुंचाना।
- एडवर्टाइजमेंट किसी सर्विस या फिर आइटम की क्वालिटी और उसकी उपयोगिता के बारे में जानकारी प्रदान करती है और लोगों को उसकी तरफ अट्रैक्ट करने का काम करती है।
- एडवर्टाइजमेंट की वजह से ही लोगों के मन में वस्तु के प्रति भरोसा और इंटरेस्ट पैदा होता है।
- एडवर्टाइजमेंट के द्वारा लोगों की याददाश्त को प्रभावित किया जाता है।
- एडवर्टाइजमेंट किसी सर्विस या फिर आइटम में विशेष छूट के बारे में जानकारी देती है, जिससे उसकी डिमांड मार्केट में ज्यादा होती है।
- एडवर्टाइजमेंट के द्वारा किसी वस्तु को स्वीकार करने और उसे खरीदने की प्रेरणा लोगों को दी जाती है।
भारत में Advertisement (विज्ञापन) की शुरुआत कब हुई?
अंग्रेजो के द्वारा जब हमारे भारत देश पर शासन किया जा रहा था, तो उसी समय हमारे देश में विज्ञापन अर्थात एडवर्टाइजमेंट की शुरुआत हो गई थी। अर्थात कहने का मतलब है कि देश की आजादी के पहले साल 1922 में अंग्रेजों के द्वारा ही हमारे देश में पहली बार Advertisement (विज्ञापन) एजेंसी की शुरुआत की गई थी।
हालांकि तब इसका स्तर ज्यादा बड़ा नहीं था, परंतु साल 1930 में बड़े लेवल पर एक एडवरटाइजमेंट एजेंसी को स्टार्ट किया गया, जिसका नाम नेशनल एडवरटाइजिंग सर्विस रखा गया था ।
और जिस प्रकार से समय गुजरता गया वैसे वैसे अन्य कई एडवर्टाइजमेंट करने वाली एजेंसी मार्केट में आती गई और आज हमारे देश में बड़े पैमाने पर एडवर्टाइजमेंट अलग-अलग कंपनियों के द्वारा अलग-अलग सेक्टर में की जा रही है।
Advertisement (विज्ञापन) के नुकसान?
जिस प्रकार से किसी चीज के फायदे होते हैं उसी प्रकार से उस चीज के कुछ ना कुछ नुकसान भी अवश्य होते हैं। इसलिए अगर हमने Advertisement (विज्ञापन) के फायदे के बारे में जानकारी प्राप्त की है तो हमारा यह कर्तव्य बनता है कि हम आपको एडवर्टाइजमेंट के नुकसान के बारे में भी बताएं।
एडवर्टाइजमेंट के प्रमुख डिसएडवांटेज अथवा एडवरटाइजमेंट की हानियां निम्नानुसार है।
- एडवर्टाइजमेंट में आइटम की जितनी भी लागत होती है उसे उपभोक्ता के द्वारा ही वहन किया जाता है। किसी भी प्रकार से जब आइटम की एडवर्टाइजमेंट दिखाई जाती है तो उसकी सबसे आखरी कीमत एडवर्टाइजमेंट में जो खर्चा आया हुआ है उसे जोड़ करके कस्टमर तक पहुंचाई जाती है। इसलिए कहीं ना कहीं एडवर्टाइजमेंट की वजह से आइटम की लागत भी ज्यादा हो जाती है।
- कुछ एडवर्टाइजमेंट को इस प्रकार से बनाया जाता है कि वह काफी अट्रैक्टिव होती है और इसीलिए लोग उसकी खरीदारी करने के लिए विवश हो जाते हैं, जबकि वास्तव में देखा जाए तो उसे चीज में कुछ भी खास नहीं होता है।
- इसीलिए विज्ञापन की वजह से फालतू और बेकार की चीजों की बिक्री भी ज्यादा होती है। परंतु हमारी आपसे यही रिक्वेस्ट है कि अगर आपके द्वारा ऑनलाइन या फिर ऑफलाइन किसी भी प्रकार की चीज की खरीदारी की जा रही है तो आपको उसकी खरीदारी अपनी आवश्यकता के हिसाब से ही करनी चाहिए। कहीं ऐसा ना हो कि अधिक दाम देने के बावजूद भी आपको खोटा माल प्राप्त हो जाए।
- जो एडवर्टाइजमेंट किसी वस्तु या फिर आइटम की की जाती है यह आवश्यक नहीं है कि उस एडवर्टाइजमेंट में वस्तु या फिर आइटम की सही जानकारी ही प्रदान की जा रही हो। कभी-कभी प्रोडक्ट मैन्युफैक्चरिंग कंपनी के द्वारा या फिर सर्विस देने वाली कंपनी के द्वारा गलत जानकारियां भी दी जाती है, जिसकी वजह से बाद में कस्टमर को नुकसान सहना पड़ता है।
- इंटरनेट पर एक ही सर्विस या फिर आइटम के लिए अलग-अलग कंपनियों के द्वारा एडवर्टाइजमेंट किया जाता है परंतु उनके द्वारा अपने अपने एडवर्टाइजमेंट में अपने अपने हिसाब से अलग-अलग जानकारियां प्रस्तुत की जाती है। ऐसे में जो कस्टमर होते हैं वह कंफ्यूज हो जाते हैं और उन्हें यह समझ में नहीं आता है कि उन्हें किस एडवर्टाइजमेंट पर भरोसा करना चाहिए और किस पर नहीं करना चाहिए।
- लोकल लेवल पर व्यापार हेतु विज्ञापन करवाना काफी चैलेंजिंग भरा होता है, क्योंकि इसका खर्चा काफी ज्यादा होते हैं। इसीलिए सामान्य दुकानदारों के द्वारा एडवर्टाइजमेंट से कन्नी काटी जाती है।
- परंतु जो लोग बड़े लेवल के बिजनेस करते हैं।उनके द्वारा अधिक कस्टमर तक अपनी पहुंच बनाने के लिए एडवर्टाइजमेंट का पूरा इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए कहा जा सकता है कि बड़े लोगों के लिए तो एडवर्टाइजमेंट उपयुक्त है परंतु छोटे दुकानदारों के लिए यह बजट को देखने वाला काम होता है।
Advertisement (विज्ञापन) का महत्व?
Advertisement (विज्ञापन) का महत्व कस्टमर के लिए भी होता है, साथ ही बिजनेस के लिए भी होता है। जब एडवरटाइजमेंट किसी कंपनी के द्वारा करवाई जाती है तो उस कंपनी की सर्विस या फिर आइटम के बारे में कस्टमर को जानकारी प्राप्त होती है।
ऐसे में कस्टमर को लंबे समय से जिस चीज की आवश्यकता होती है, वह उसे प्राप्त होती है और उसकी जानकारी भी उसे घर बैठे-बैठे मिल जाती है।
ऐसे में वह संबंधित आइटम की खरीदारी करता है या फिर सर्विस का लाभ लेता है, वहीं दूसरी तरफ जब किसी नए बिजनेस की शुरुआत की जाती है तो उसे तरक्की के रास्ते पर आगे ले जाना थोड़ा सा मुश्किल होता है। ऐसी अवस्था में अगर Advertisement (विज्ञापन) का सहारा लिया जाता है तो एडवर्टाइजमेंट के द्वारा बिजनेस को ग्रो करना थोड़ा आसान हो जाता है।
एडवर्टाइजमेंट की वजह से प्रोडक्ट की बिक्री में बढ़ोतरी तो होती ही है, इसके अलावा कंपनी की ब्रांड वैल्यू में भी बढ़ोतरी होती है, जिसकी वजह से कंपनी को ज्यादा इनकम जनरेट करने में सहायता प्राप्त होती है।
अधिक जानकारी के लिए आप यह वीडियो देख सकते हैं:
Advertisement (विज्ञापन) कैसे बनाये?
हमारे द्वारा जब कभी भी किसी नए बिजनेस की स्टार्टिंग की जाती है, तो हम यही इच्छा रखते हैं कि हमारा बिज़नेस तेजी के साथ तरक्की के रास्ते पर आगे बढ़े, परंतु इच्छा रखने से ही कुछ नहीं होता है, बल्कि हमें अपने बिजनेस को सफल बनाने के लिए अपने स्तर से जो प्रयास हो सकते हैं उन पर अमल करना होता है।
इसके लिए हमें बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए अलग-अलग रणनीति बनानी होती है, जिसमें से Advertisement (विज्ञापन) भी एक महत्वपूर्ण रणनीति होती है, जिस पर हमें काम करने की आवश्यकता होती है।
अगर आपने कोई बिजनेस चालू किया हुआ है तो आप अपने बिजनेस की एडवर्टाइजमेंट करके जल्दी से उसे स्थापित कर सकते हैं। आखिर आप अपने बिजनेस की एडवर्टाइजमेंट कैसे लिखेंगे और बिजनेस एडवर्टाइजमेंट में कौन-कौन सी बातों को शामिल करेंगे, इसकी इंफॉर्मेशन आपको होनी चाहिए। नीचे आपको इससे संबंधित जानकारी ही उपलब्ध करवाई जा रही है।
1: एडवर्टाइजमेंट के लिए सही प्लेटफार्म का सिलेक्शन करें
अपने बिजनेस की Advertisement (विज्ञापन) करवाने के लिए सबसे पहले आपको यह डिसाइड करना होता है कि आखिर आप कौन से प्लेटफार्म पर अर्थात आप किस जगह पर एडवर्टाइजमेंट दिखाना चाहते हैं। एडवर्टाइजमेंट दिखाने के कई प्रकार है। जैसे कि न्यूज़पेपर, मैगज़ीन, टीवी या फिर वेबसाइट।
एडवर्टाइजमेंट के लिए सही प्लेटफार्म का सिलेक्शन करने के बाद आपको यह तय करना होता है कि आप किस प्रकार से अपने बिजनेस की एडवर्टाइजमेंट करवाना चाहते हैं। जैसे की इमेज फॉर्मेट में, शब्दों के फॉर्मेट में या फिर वीडियो एडवर्टाइजमेंट या फिर अन्य किसी फॉर्मेट में।
2: विजिटर को टारगेट करें
आपके द्वारा भले ही ऐसे किसी आइटम का निर्माण किया गया है जो सभी लोगों के लिए काम का है परंतु इसके बावजूद भी आपको अपने Advertisement (विज्ञापन) में अपनी ऑडियंस की उम्र का ख्याल अवश्य रखना है और ऑडियंस की उम्र के हिसाब से ही उन्हें टारगेट करना है। आपके द्वारा जब ऐसा किया जाता है तो कस्टमर के माइंड में ज्यादा इफेक्ट पड़ता है।
वर्तमान के समय में हमारे भारत देश में जवान लोगों की संख्या ज्यादा है। इसलिए हमारी सलाह के अनुसार आपको जवान लोगों की उम्र को टारगेट करना चाहिए जिसके अंतर्गत आपको 18 से लेकर के 27- 30 साल की उम्र को टारगेट करना चाहिए।
आपको यहां पर हम यह भी बता देना चाहते हैं कि आपको दैनिक और खाने के आइटम के लिए ऑडियंस को टारगेट नहीं करना चाहिए क्योंकि यह सभी सामान्य ही होती है। इसलिए आपको आइटम के साथ एज ग्रुप को टारगेट अवश्य करना चाहिए।
3: अट्रैक्टिव हेडिंग बनाएं
आपके द्वारा जो अपने बिजनेस की Advertisement (विज्ञापन) बनाई जा रही है, आपको प्रयास करना चाहिए कि उसकी हेडिंग लोगों को आकर्षित करने वाली और आसान होनी चाहिए, ताकि आपके एडवर्टाइजमेंट की हेडिंग को पढ़ने के लिए लोग आकर्षित हो।
अगर आपके द्वारा सही प्रकार से हेडिंग नहीं रखी गई है तो भले ही आपके द्वारा कितना भी अच्छी क्वालिटी का विज्ञापन क्यों ना बनाया गया हो या फिर आपका आइटम कितना भी अच्छी क्वालिटी का क्यों ना हो, लोग जब आपके एडवर्टाइजमेंट पर आएंगे ही नहीं तो भला उन्हें यह कैसे पता चलेगा कि आपकी सर्विस या फिर आपके प्रोडक्ट की क्वालिटी क्या है और उसमें क्या खासियत है।
4: प्रोडक्ट की सच्चाई ही व्यक्त करें
यह भी एक बहुत ही महत्वपूर्ण भाग होता है। आपको अपनी Advertisement (विज्ञापन) मे यह दिखाना होता है कि आपका आइटम वास्तव में किस प्रकार से लोगों की समस्याओं को हल कर सकता है।
ताकि लोगों को अच्छी तरह से यह पता चले कि उन्हें आपके आइटम से क्या फायदा प्राप्त होने वाला है और लोग इस बात का सिलेक्शन कर सके कि वास्तव में उन्हें आपके सर्विस या फिर आपके आइटम की आवश्यकता है अथवा नहीं।
आपको इस बात का ध्यान भी अवश्य रखना चाहिए कि आपको अपनी एडवर्टाइजमेंट में किसी भी प्रकार की गलत जानकारी अपनी सर्विस या फिर आइटम के बारे में नहीं देनी चाहिए, क्योंकि अगर आपके द्वारा ऐसा किया जाता है।
तो हो सकता है कि एक बार कोई कस्टमर धोखे से आपकी सर्विस या फिर आइटम की खरीदारी कर ले परंतु जब उसे सच्चाई पता चलेगी तो वह कभी आगे से आपके आइटम या फिर सर्विस को नहीं लेगा, साथ ही आपके प्रोडक्ट अथवा सर्विस के बारे में नेगेटिव बातें अन्य लोगों को भी बताएगा, जिससे आपको नए कस्टमर प्राप्त करने में काफी मुश्किल होगी।
इसलिए वास्तव में आप का प्रोडक्ट जो है उसके बारे में सही जानकारी बिल्कुल साफ-साफ एडवर्टाइजमेंट में आपको बतानी चाहिए। किसी भी प्रकार की भ्रामक जानकारी या फिर कंफ्यूज करने वाली जानकारी आपको एडवर्टाइजमेंट में नहीं देनी चाहिए।
5: एडवर्टाइजमेंट को छोटा रखें
ज्यादा लंबे सेंटेंस को पढ़ना लोग पसंद नहीं करते है। इसलिए आपको प्रयास करना चाहिए कि आप अपनी Advertisement (विज्ञापन) में छोटे सेंटेंस का इस्तेमाल करें और छोटा एडवर्टाइजमेंट ही बनाए। एक बेहतरीन एडवर्टाइजमेंट की टाइम लिमिट 1 सेकंड से लेकर के 30 अथवा 50 सेकंड के आसपास तक होती है।
इससे ज्यादा का एडवर्टाइजमेंट लोगों को बोरिंग लगता है। लोग ना तो लंबी एडवर्टाइजमेंट को पढ़ना पसंद करते हैं ना ही लंबी एडवर्टाइजमेंट को देखना लाइक करते हैं। इसलिए लोगों की रुचि को ध्यान में रखते हुए आपको एडवर्टाइजमेंट लिखनी चाहिए और कम शब्दों में ऐसा विज्ञापन लिखना चाहिए जो काफी आकर्षक हो क्योंकि आकर्षक चीजों में लोग ज्यादा रुचि रखते हैं।
Advertisement (विज्ञापन) कहां कर सकते हैं?
पारंपरिक रूप से अभी तक बड़े पैमाने पर Advertisement (विज्ञापन) न्यूज़पेपर, मैगज़ीन, टीवी और रेडियो स्टेशन के माध्यम से की जाती थी, परंतु वर्तमान के समय में एडवर्टाइजमेंट करने के लिए अन्य कई उपाय और तरीके अवेलेबल हो गए हैं, जिनमें नीचे दिए गए उपाय अथवा तरीके भी शामिल है।
- रोड के किनारे होर्डिंग लगाकर एडवर्टाइजमेंट
- बिल्डिंग के बगल में एडवर्टाइजमेंट
- वेबसाइट के द्वारा एडवर्टाइजमेंट
- ईमेल न्यूज़लेटर के द्वारा एडवर्टाइजमेंट
- न्यूज़लेटर प्रिंटिंग के द्वारा एडवर्टाइजमेंट
- इनसाइड बिल
- प्रोडक्ट पैकेजिंग
- रेस्टोरेंट्स प्लेसमेंट
- इवेंट बुलेटिन
- स्टोर विंडो
- ट्रक और कार के बगल में
- मेट्रो कार की दीवार पर
- एयरपोर्ट के क्योस्को पर
- स्पोर्ट्स एरिना
- यूट्यूब वीडियो
Advertisement (विज्ञापन) करने में कितना खर्चा आता है?
देखिए यहां पर हम आपको बता देना चाहते हैं कि, एडवर्टाइजमेंट के कई प्रकार हैं और प्रकार के हिसाब से ही उनमें लगने वाला खर्च भी अलग-अलग हो सकता है। इसलिए एडवर्टाइजमेंट में कितना खर्च लगेगा, इसके बारे में पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता है।
जब आप वास्तव में Advertisement (विज्ञापन) करेंगे तभी आप को लगने वाले खर्च के बारे में सही जानकारी प्राप्त होगी।
क्योंकि कुछ Advertisement (विज्ञापन) के तरीके ऐसे है, जिसमें कम खर्चा लगता है तो कुछ एडवर्टाइजमेंट के तरीके ऐसे है, जिसमें आपको अधिक पैसे खर्च करने की आवश्यकता होती है। जैसे कि अगर आप टेलीविजन पर एडवर्टाइजमेंट करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको हजारों से लेकर के लाखों रुपए खर्च करने की आवश्यकता होगी।
वही अगर आप अखबार में फ्रंट पेज पर एडवर्टाइजमेंट करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको ज्यादा पैसा देना होगा, वही अखबार के किसी दूसरे या फिर तीसरे पन्ने पर छोटी एडवर्टाइजमेंट देना चाहते हैं तो इसके लिए थोड़े कम पैसे देने की आवश्यकता होगी।
वही इसी प्रकार से अगर आप खुद से सोशल मीडिया के द्वारा एडवर्टाइजमेंट कर रहे हैं तो आपको इसके लिए ₹1 खर्च करने की आवश्यकता नहीं होगी। इस प्रकार से एडवर्टाइजमेंट करने में कितना खर्चा आएगा यह डिपेंड करता है कि आप किस प्रकार की एडवर्टाइजमेंट कर रहे हैं।
गलत Advertisement (विज्ञापन) करने पर क्या होगा?
न्यूज़ पेपर, टीवी चैनल और रेडियो पर अक्सर विज्ञापन आता ही रहता है परंतु अगर आप कभी इस बात को नोटिस करते हैं कि कोई विज्ञापन सही नहीं है तो आप उस Advertisement (विज्ञापन) की कंप्लेंट भी कर सकते हैं। हमारे भारत देश में एडवर्टाइजमेंट को रेगुलेट करने वाली संस्था का नाम एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया है जिसे संक्षेप में ASCI कहा जाता है।
एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्यों के द्वारा साफ तौर पर यह कहा गया है कि अगर किसी कस्टमर को कोई गलत विज्ञापन दिखाई देता है तो कस्टमर के द्वारा उसकी शिकायत को दर्ज करवाया जा सकता है। इसके लिए एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया के द्वारा एक व्हाट्सएप नंबर भी जारी किया गया है।
आपको 7710012345 व्हाट्सएप नंबर पर गलत दिखाई दे रहे एडवर्टाइजमेंट की फोटो को क्लिक करके सेंड कर देना है। अगर आपके द्वारा जो शिकायत की गई है उसे सही पाया जाता है तो स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया के द्वारा एडवर्टाइजमेंट के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने की प्रक्रिया को आरंभ किया जाता है।
ऑनलाइन और ऑफलाइन Advertisement (विज्ञापन) में अंतर:
ऑनलाइन और ऑफलाइन एडवर्टाइजमेंट में मुख्य अंतर यही होता है कि Advertisement (विज्ञापन) करने के लिए जिन ऑनलाइन तरीके का इस्तेमाल किया जाता है उसे ऑनलाइन एडवर्टाइजमेंट और जिन ऑफलाइन तरीके का इस्तेमाल किया जाता है उसे ऑफलाइन एडवर्टाइजमेंट कहा जाता है।
जैसे कि अगर आपके द्वारा किसी सड़क के किनारे बैनर लगाकर के या फिर पेंपलेट का वितरण करवा करके या फिर लाउडस्पीकर में अनाउंसमेंट करके एडवर्टाइजमेंट की जा रही है तो इसे ऑफलाइन एडवर्टाइजमेंट कहां जाएगा।
परंतु वहीं दूसरी तरफ अगर आपके द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से या फिर डिजिटल मार्केटिंग के अंतर्गत अथवा टेलीकॉलिंग के अंतर्गत एडवर्टाइजमेंट की जा रही है तो इसे ऑनलाइन एडवर्टाइजमेंट कहा जाएगा। उम्मीद है कि अब आपको ऑनलाइन और ऑफलाइन एडवर्टाइजमेंट के बीच अंतर पता चल गया होगा।
FAQ:
ANS: विज्ञापन को अंग्रेजी में एडवर्टाइजमेंट या फिर एडवरटाइजिंग कहा जाता है। विज्ञापन के द्वारा कंपनियां अपनी सर्विस अथवा आइटम की जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने का काम करती हैं, ताकि उनकी सेलिंग में बढ़ोतरी हो सके और उन्हें अधिक से अधिक प्रॉफिट प्राप्त हो सके।
ANS: विज्ञापन अपने बिजनेस के अंतर्गत निर्माण हुए प्रोडक्ट को प्रमोट करने का एक बेहतरीन तरीका है। इससे कंपनी की ब्रांड वैल्यू बढ़ती है। कंपनी के आइटम की बिक्री अधिक से अधिक होती है। कंपनी को ज्यादा से ज्यादा कस्टमर प्राप्त करने में सहायता प्राप्त होती है। विज्ञापन से ही नई स्टार्ट हुई कंपनी की सर्विस अथवा आइटम के बारे में लोग काफी जल्दी जान पाते हैं।
ANS: विज्ञापन अर्थात एडवर्टाइजमेंट के कई प्रकार है, जिनमें से तकरीबन 11 से 13 प्रकारों की जानकारी हमने आपको इसी आर्टिकल में दी हुई है। इसलिए आर्टिकल को ध्यान से पढ़ें ताकि आप यह जान सके कि आखिर विज्ञापन के टाइप कितने हैं।
ANS: एडवर्टाइजमेंट के कई प्रकार हैं, उनमें से हमने आपको आर्टिकल में प्रमुख एडवर्टाइजमेंट के प्रकारों के बारे में बताया हुआ है।
आज के इस आर्टिकल में आपने जाना है की विज्ञापन क्या है? (What is Advertisement in Hindi) उम्मीद करते है को आपको आर्टिकल से कुछ महत्वपूर्ण जानकारी जरूर प्राप्त हुई होगी।
अब आपको पता है की एडवर्टाइजमेंट क्या है और यह कैसे काम करता है, यदि आर्टिकल पसंद आया है तो इसे अपने दोस्तों और सोशल मीडिया पर शेयर करना न भूले।
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