विज्ञापन क्या है और इसके प्रकार (Advertisement in Hindi)

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विज्ञापन (Advertisement) क्या होता है?

सरल हिंदी भाषा में एडवर्टाइजमेंट को विज्ञापन कहा जाता है, जोकि जनसंचार का एक तरीका है। एडवर्टाइजमेंट मुख्य तौर पर किसी व्यक्ति या फिर कंपनी अथवा संस्था के द्वारा की जाती है जिसके पीछे उद्देश्य होता है अपने सर्विस या फिर अपने आइटम का अधिक से अधिक प्रचार करना।


ताकि लोग सर्विस या फिर आइटम के बारे में जाने और उसे खरीदने के लिए या फिर सर्विस का लाभ लेने के लिए प्रेरित हो। एडवर्टाइजमेंट के द्वारा कंपनियां या फिर व्यक्ति अपनी सर्विस अथवा प्रोडक्ट की लोकप्रियता को भी बढ़ाता है।

अगर आसान भाषा में समझाया जाए तो एडवर्टाइजमेंट अर्थात एडवरटाइजिंग के द्वारा प्रोडक्ट अथवा सर्विस की क्वालिटी के बारे में लोगों को बताया जाता है, ताकि कस्टमर सर्विस अथवा प्रोडक्ट के प्रति आकर्षित हो और उसकी खरीदारी करें।

Advertisement (विज्ञापन) करने के लिए टीवी, न्यूज़ पेपर, इंटरनेट और अन्य कई तरीकों पर अमल किया जाता है। वर्तमान के समय में सोशल मीडिया के द्वारा भी बड़े पैमाने पर फ्री में एडवर्टाइजमेंट की जा रही है।


किसी कंपनी के द्वारा जब किसी नए आइटम का निर्माण किया जाता है या फिर कोई नई सर्विस लॉन्च की जाती है तो कंपनी यही चाहती है कि उनकी सर्विस या फिर आइटम की बिक्री ज्यादा हो और बिक्री तभी ज्यादा होती है जब लोग सर्विस अथवा आइटम के बारे में जानते हैं और लोगों को सर्विस अथवा आइटम के बारे में बताने के लिए Advertisement (विज्ञापन) करना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है।


एडवर्टाइजमेंट कराने से लोगों तक सर्विस या फिर वस्तु की इंफॉर्मेशन पहुंचती है। ऐसे में होता यह है कि अगर किसी को उस सर्विस या फिर आइटम की आवश्यकता होती है तो वह उसकी खरीदारी करता है जिसकी वजह से कंपनी के प्रॉफिट में बढ़ोतरी होती है और कस्टमर को भी अपनी इच्छा का सामान प्राप्त हो जाता है।

Misleading Advertising क्या होता है?


कई बार कंपनी या फिर व्यक्ति ऐसी एडवर्टाइजमेंट डिवेलप करती है जिसमें उनके द्वारा अपने आइटम या फिर अपने सर्विस के बारे में गलत इंफॉर्मेशन प्रदान की जाती है या फिर ऐसा कुछ दावा किया जाता है जो आइटम से मेल नहीं खाता है।

इस प्रकार का विज्ञापन भ्रामक विज्ञापन की कैटेगरी में आता है। इसके साथ ही अगर इस प्रकार के एडवर्टाइजमेंट में किसी भी प्रकार की बात को छुपाया जा रहा है तो इसे मिसलीडिंग एडवर्टाइजमेंट कहां जाता है।


विज्ञापन के प्रकार (Types of Advertisement in Hindi)

अधिकतर लोगों को यही पता है कि एडवर्टाइजमेंट या तो टीवी के द्वारा होती है या फिर समाचार पेपर के द्वारा होती है या फिर इंटरनेट के द्वारा होती है परंतु बता दें कि इसके अलावा भी Advertisement (विज्ञापन) कई प्रकार के होते हैं क्योंकि एडवर्टाइजमेंट के कई प्रकार मौजूद है।

विज्ञापन को देखने के हिसाब से अलग-अलग प्रकार में डिवाइड किया गया है। आइए कुछ प्रमुख विज्ञापन के प्रकार जानते है।

1: प्रिंट एडवरटाइजमेंट

प्रिंट एडवरटाइजमेंट के अंतर्गत न्यूज़पेपर या फिर पत्रिका इत्यादि में विज्ञापन की छपाई की जाती है। फिलहाल तो लोग समाचार पेपर पढ़ने में ज्यादा रुचि नहीं रखते है, परंतु इसके बावजूद अभी भी ऐसे लोगों की संख्या अच्छी खासी है, जो लोग समाचार पेपर पढ़ते हैं।

ऐसे में कंपनी के द्वारा अथवा व्यक्ति के द्वारा आइटम अथवा सर्विस का प्रचार करने के लिए प्रिंट Advertisement (विज्ञापन) अर्थात छाप विज्ञापन का सहारा लिया जाता है।

2: टेलीविजन एडवरटाइजमेंट

टीवी पर जो विज्ञापन आते हैं, उन्हें टेलीविजन एडवरटाइजमेंट कहा जाता है। आज के समय में लगभग सभी लोगों के घरों में टीवी अवश्य उपलब्ध होती है। टीवी पर रियलिटी कार्यक्रम, फिल्म, समाचार, क्रिकेट, सीरियल और अन्य कई प्रकार के कार्यक्रम आते हैं।

इन्ही कार्यक्रम में बीच-बीच में अलग-अलग प्रकार के विज्ञापन आते रहते हैं। टीवी पर विज्ञापन देखना किसी भी व्यक्ति को पसंद नहीं होता है परंतु इसके बावजूद टीवी पर विज्ञापन आता है क्योंकि इससे विज्ञापन देने वाली कंपनी को फायदा होता है।

3: रेडियो एडवर्टाइजमेंट

अलग-अलग शहरी अथवा ग्रामीण इलाके में अलग-अलग रेडियो कंपनी के द्वारा रेडियो सर्विस दी जाती है, जिसके अंतर्गत मुख्य तौर पर आपको आवाज सुनाई देती है।

हमारे देश में हर राज्य में हर जिले में अलग-अलग रेडियो चैनल मौजूद है, जिनके द्वारा जो विज्ञापन किया जाता है, उसे रेडियो एडवाइजमेंट कहा जाता है। रेडियो Advertisement (विज्ञापन) के अंतर्गत किसी सर्विस अथवा आइटम के बारे में बोल करके बताया जाता है।

4: ऑनलाइन एडवरटाइजमेंट

इंटरनेट का इस्तेमाल करके जो Advertisement (विज्ञापन) की जाती है उसे ऑनलाइन एडवर्टाइजमेंट अथवा इंटरनेट एडवर्टाइजमेंट कहा जाता है। ऑनलाइन एडवर्टाइजमेंट आपको वेब पेज या फिर ऑनलाइन वीडियो के बीच में दिखाई देती है।

वर्तमान के समय में बड़ी-बड़ी कंपनियों के द्वारा ऑनलाइन Advertisement (विज्ञापन) का इस्तेमाल अपनी सर्विस अथवा अपने आइटम का प्रचार प्रसार करने के लिए किया जा रहा है, क्योंकि सामान्य जनता भी ऑनलाइन ज्यादातर अपना समय व्यतीत करती है। ऐसे में ऑनलाइन एडवर्टाइजमेंट करना सर्विस अथवा आइटम की मार्केटिंग के लिए काफी कारगर साबित हो रहा है।

5: बिलबोर्ड एडवरटाइजमेंट

किसी व्यस्त सड़क पर या फिर पब्लिक प्लेस पर या फिर हाल, मोल के अगल बगल में जो बड़े-बड़े बैनर लगाए गए होते हैं उसे ही बिलबोर्ड कहा जाता है और इस प्रकार की एडवर्टाइजमेंट को बिलबोर्ड एडवर्टाइजमेंट कहा जाता है।

6: शॉप एडवरटाइजमेंट

शॉप एडवरटाइजमेंट को हिंदी में दुकान विज्ञापन कहा जाता है। Advertisement (विज्ञापन) के इस प्रकार में दुकान के अंदर एडवर्टाइजमेंट लगाई जाती है जो कि किसी बोर्ड पर मौजूद होता है या फिर प्लास्टिक की मोटी झिल्ली पर प्रिंट होता है।

7: डिजिटल मार्केटिंग एडवरटाइजमेंट

पिछले 4 से 5 सालों में Advertisement (विज्ञापन) करने के लिए डिजिटल मार्केटिंग का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अंतर्गत डायरेक्ट मेल, ईमेल और टेलीमार्केटिंग के तरीकों पर काम किया जाता है।

डिजिटल मार्केटिंग के अंतर्गत आप घर बैठे बैठे ही अपनी सर्विस अथवा अपने आइटम की इंफॉर्मेशन टारगेटेड कस्टमर तक पहुंचा सकते हैं।

8: सिनेमा एडवर्टाइजमेंट

सिनेमा हॉल में लोग फिल्म देखने के लिए जाते हैं। अधिकतर सिनेमा हॉल में सिनेमा एडवर्टाइजमेंट तो नहीं होती है परंतु जो बड़े-बड़े सिनेमाहॉल होते हैं वहां पर सिनेमा एडवर्टाइजमेंट अवश्य होती है। सिनेमा हॉल में फिल्म चालू होने से पहले या फिर फिल्म के बीच में अथवा फिल्म खत्म हो जाने के पश्चात अलग-अलग प्रकार की एडवर्टाइजमेंट दिखाई देती हैं।

यह थोड़ी सी महंगी जरूर होती है, परंतु इसका काफी अच्छा असर फिल्म देखने आने वाली पब्लिक पर पड़ता है, जिसकी वजह से Advertisement (विज्ञापन) कराने वाली कंपनी या फिर एडवर्टाइजमेंट कराने वाले व्यक्ति को फायदा होता है।

हालांकि इस प्रकार के एडवर्टाइजमेंट में लिमिटेड लोगों तक ही प्रचार-प्रसार हो पाता है क्योंकि सिनेमा हॉल में जितने लोग मौजूद होते हैं उन्हें ही सिनेमा हॉल के परदे पर आने वाली एडवर्टाइजमेंट दिखाई देती है।

9: डायरेक्ट एडवरटाइजमेंट

डायरेक्ट एडवर्टाइजमेंट को सीधी एडवर्टाइजमेंट कहा जाता है। इसे हम डायरेक्ट मार्केटिंग भी कह सकते हैं। इस एडवर्टाइजमेंट में टारगेटेड कस्टमर तक ईमेल के जरिए, फोन कॉल के जरिए, व्हाट्सएप और दूसरे सोशल मीडिया एप्लीकेशन के द्वारा अपनी बात पहुंचाई जाती है।

आपको भी अक्सर ऐसे फोन कॉल अवश्य आते होंगे जिसमें किसी प्रकार के क्रेडिट कार्ड को लेने के लिए कहा जाता होगा या फिर किसी नए ऑफर को आप को ग्रहण करने के लिए कहा जाता होगा या फिर लोन लेने के लिए आपको कहा जाता होगा।

यह सभी डायरेक्ट एडवर्टाइजमेंट के अंतर्गत ही होता है। इस प्रकार के Advertisement (विज्ञापन) में कस्टमर के साथ डायरेक्ट कम्युनिकेशन किया जाता है। हालांकि कई बार डायरेक्ट एडवरटाइजिंग में कस्टमर के अभद्र व्यवहार का सामना भी डायरेक्ट एडवर्टाइजमेंट करने वाले वर्कर को करना पड़ता है।

10: सोशल मीडिया एडवर्टाइजमेंट

हमारे देश में ही सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या 50 करोड़ से ज्यादा है। इसलिए कंपनियां भी अब सोशल मीडिया पर Advertisement (विज्ञापन) कराने पर ज्यादा फोकस कर रही है। सोशल मीडिया के द्वारा एडवर्टाइजमेंट करा करके आप अपनी सर्विस और अपने आइटम के हिसाब से कस्टमर को अट्रैक्ट कर सकते हैं। यही वजह है कि इनफ्लुएंसर के द्वारा काफी एडवर्टाइजमेंट सोशल मीडिया पर चलाई जाते हैं।

सोशल मीडिया पर Advertisement (विज्ञापन) करने का एक प्रमुख कारण यह भी है कि सोशल मीडिया पर करोड़ों कस्टमर उपलब्ध है, उनमें से अगर आधे कस्टमर भी आइटम या फिर सर्विस को लेने के लिए प्रेरित होते हैं तो यह कंपनी के लिए बहुत ही बड़ी उपलब्धि होगी। इससे कंपनी को काफी तगड़ा फायदा हो सकता है।

11: पोस्टर एडवर्टाइजमेंट

पोस्टर के द्वारा किसी भी चीज की एडवर्टाइजमेंट करना बहुत ही आसान है। इस एडवर्टाइजमेंट के तरीके में सबसे पहले अपनी सर्विस या फिर आइटम की जानकारियों को प्रिंटिंग मशीन की सहायता से प्रिंट करवाया जाता है।

और फिर उसके बाद उसे व्यस्त चौराहे पर या फिर व्यस्त गली मोहल्ले में सड़क के किनारे लगाया जाता है। इससे होता यह है कि आने जाने वाले लोगों की नजर पोस्टर पर पड़ती है और उन्हें सर्विस/आइटम के बारे में जानकारी पता चलती है। इस प्रकार से पोस्टर Advertisement (विज्ञापन) काम करती है।

12: लाउडस्पीकर एडवर्टाइजमेंट

आपने देखा होगा कि किसी अपराधी के घर की कुर्की करने के लिए या फिर अपराधी को हाजिर होने के लिए पुलिस के द्वारा लाउडस्पीकर पर कुछ अनाउंसमेंट की जाती है। खैर यह तो पुलिस की बात हो गई परंतु यही कुछ तरीका एडवर्टाइजमेंट करने के लिए भी किया जाता है।

लाउडस्पीकर एडवर्टाइजमेंट खासतौर पर छोटे बिजनेस या फिर लोकल बिजनेस के लिए बहुत उपयोगी साबित हो सकता है। इसके जरिए बिजनेस के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियों को सबसे पहले रिकॉर्ड कर लिया जाता है और फिर उसका प्रसारण गली मोहल्ले और छोटे शहरों में लाउडस्पीकर के द्वारा किया जाता है।

13: पेंपलेट एडवर्टाइजमेंट

इस प्रकार के Advertisement (विज्ञापन) में सबसे पहले रंग बिरंगी या फिर अलग-अलग पन्ने पर बिजनेस की जानकारियों को प्रिंट करवाया जाता है और इसके बाद तैयार हुए पन्ने का वितरण लोगों के घर-घर तक करवाया जाता है।

इस प्रकार की Advertisement (विज्ञापन) में काफी कम ही खर्चा होता है, परंतु यह डायरेक्ट लोगों के दिमाग पर असर करता है, क्योंकि इस एडवर्टाइजमेंट के अंतर्गत तैयार हुए पेंपलेट का वितरण लोगों के घरों में या फिर ऑफिस में किया जाता है।

Advertisement (विज्ञापन) के फायदे?

एडवर्टाइजमेंट के एडवांटेज क्या है अथवा एडवर्टाइजमेंट के लाभ क्या है, आइए इसके बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं।

  • एडवर्टाइजमेंट के द्वारा इंस्टिट्यूट अथवा सर्विस या फिर आइटम को लोकप्रिय बनाने का प्रयास किया जाता है जिसकी वजह से प्रोडक्ट और इंस्टिट्यूट को सिर्फ फायदा ही फायदा होता है।
  • Advertisement (विज्ञापन) दिखा करके इनकम भी की जाती है। टीवी के मालिक और इंटरनेट पर अधिकतर लोगों के द्वारा एडवर्टाइजमेंट दिखाकर पैसा कमाया जाता है।
  • जो लोग Advertisement (विज्ञापन) देखते हैं उन्हें समय-समय पर नए नए प्रोडक्ट या फिर संगठन की इंफॉर्मेशन प्राप्त होती है जिसकी वजह से उन्हें खरीदारी करने में या फिर किसी सर्विस का इस्तेमाल करने में सुविधा होती है।

    भारत में Advertisement (विज्ञापन) की शुरुआत कब हुई?

    अंग्रेजो के द्वारा जब हमारे भारत देश पर शासन किया जा रहा था, तो उसी समय हमारे देश में विज्ञापन अर्थात एडवर्टाइजमेंट की शुरुआत हो गई थी। अर्थात कहने का मतलब है कि देश की आजादी के पहले साल 1922 में अंग्रेजों के द्वारा ही हमारे देश में पहली बार Advertisement (विज्ञापन) एजेंसी की शुरुआत की गई थी।

    हालांकि तब इसका स्तर ज्यादा बड़ा नहीं था, परंतु साल 1930 में बड़े लेवल पर एक एडवरटाइजमेंट एजेंसी को स्टार्ट किया गया, जिसका नाम नेशनल एडवरटाइजिंग सर्विस रखा गया था ।

    और जिस प्रकार से समय गुजरता गया वैसे वैसे अन्य कई एडवर्टाइजमेंट करने वाली एजेंसी मार्केट में आती गई और आज हमारे देश में बड़े पैमाने पर एडवर्टाइजमेंट अलग-अलग कंपनियों के द्वारा अलग-अलग सेक्टर में की जा रही है।

    Advertisement (विज्ञापन) कहां कर सकते हैं?

    पारंपरिक रूप से अभी तक बड़े पैमाने पर Advertisement (विज्ञापन) न्यूज़पेपर, मैगज़ीन, टीवी और रेडियो स्टेशन के माध्यम से की जाती थी, परंतु वर्तमान के समय में एडवर्टाइजमेंट करने के लिए अन्य कई उपाय और तरीके अवेलेबल हो गए हैं, जिनमें नीचे दिए गए उपाय अथवा तरीके भी शामिल है।

    • रोड के किनारे होर्डिंग लगाकर एडवर्टाइजमेंट
    • बिल्डिंग के बगल में एडवर्टाइजमेंट
    • वेबसाइट के द्वारा एडवर्टाइजमेंट
    • ईमेल न्यूज़लेटर के द्वारा एडवर्टाइजमेंट
    • न्यूज़लेटर प्रिंटिंग के द्वारा एडवर्टाइजमेंट
    • इनसाइड बिल
    • प्रोडक्ट पैकेजिंग
    • रेस्टोरेंट्स प्लेसमेंट
    • इवेंट बुलेटिन
    • स्टोर विंडो
    • ट्रक और कार के बगल में
    • मेट्रो कार की दीवार पर
    • एयरपोर्ट के क्योस्को पर
    • स्पोर्ट्स एरिना
    • यूट्यूब वीडियो

    Advertisement (विज्ञापन) करने में कितना खर्चा आता है?

    देखिए यहां पर हम आपको बता देना चाहते हैं कि, एडवर्टाइजमेंट के कई प्रकार हैं और प्रकार के हिसाब से ही उनमें लगने वाला खर्च भी अलग-अलग हो सकता है। इसलिए एडवर्टाइजमेंट में कितना खर्च लगेगा, इसके बारे में पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता है।

    जब आप वास्तव में Advertisement (विज्ञापन) करेंगे तभी आप को लगने वाले खर्च के बारे में सही जानकारी प्राप्त होगी।

    क्योंकि कुछ Advertisement (विज्ञापन) के तरीके ऐसे है, जिसमें कम खर्चा लगता है तो कुछ एडवर्टाइजमेंट के तरीके ऐसे है, जिसमें आपको अधिक पैसे खर्च करने की आवश्यकता होती है। जैसे कि अगर आप टेलीविजन पर एडवर्टाइजमेंट करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको हजारों से लेकर के लाखों रुपए खर्च करने की आवश्यकता होगी।

    वही अगर आप अखबार में फ्रंट पेज पर एडवर्टाइजमेंट करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको ज्यादा पैसा देना होगा, वही अखबार के किसी दूसरे या फिर तीसरे पन्ने पर छोटी एडवर्टाइजमेंट देना चाहते हैं तो इसके लिए थोड़े कम पैसे देने की आवश्यकता होगी।

    वही इसी प्रकार से अगर आप खुद से सोशल मीडिया के द्वारा एडवर्टाइजमेंट कर रहे हैं तो आपको इसके लिए ₹1 खर्च करने की आवश्यकता नहीं होगी। इस प्रकार से एडवर्टाइजमेंट करने में कितना खर्चा आएगा यह डिपेंड करता है कि आप किस प्रकार की एडवर्टाइजमेंट कर रहे हैं।

    गलत Advertisement (विज्ञापन) करने पर क्या होगा?

    न्यूज़ पेपर, टीवी चैनल और रेडियो पर अक्सर विज्ञापन आता ही रहता है परंतु अगर आप कभी इस बात को नोटिस करते हैं कि कोई विज्ञापन सही नहीं है तो आप उस Advertisement (विज्ञापन) की कंप्लेंट भी कर सकते हैं। हमारे भारत देश में एडवर्टाइजमेंट को रेगुलेट करने वाली संस्था का नाम एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया है जिसे संक्षेप में ASCI कहा जाता है।

    एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्यों के द्वारा साफ तौर पर यह कहा गया है कि अगर किसी कस्टमर को कोई गलत विज्ञापन दिखाई देता है तो कस्टमर के द्वारा उसकी शिकायत को दर्ज करवाया जा सकता है। इसके लिए एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया के द्वारा एक व्हाट्सएप नंबर भी जारी किया गया है।

    आपको 7710012345 व्हाट्सएप नंबर पर गलत दिखाई दे रहे एडवर्टाइजमेंट की फोटो को क्लिक करके सेंड कर देना है। अगर आपके द्वारा जो शिकायत की गई है उसे सही पाया जाता है तो स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया के द्वारा एडवर्टाइजमेंट के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने की प्रक्रिया को आरंभ किया जाता है।

    हम अपने ब्लॉग पर ऐसे विषयो पर पोस्ट डालते रहते है। अतः हमारे ब्लॉग से जुड़े रहे।

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    हेलो दोस्तों, मेरा नाम अंकुर सिंह है और में New Delhi से हूँ। मैंने B.Tech (Computer Science) से ग्रेजुएशन किया है। और में इस ब्लॉग पर टेक्नोलॉजी, कंप्यूटर, मोबाइल और इंटरनेट से जुड़े लेख लिखता हूँ।

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