दोस्तो आपको अक्सर रोजमर्रा के कार्यों में account से Related अनेक शब्द सुनाई देते होंगे। खासकर यदि आप Accounting या बैंकिंग क्षेत्र में हैं या आप किसी Accounting सॉफ्टवेयर जैसे Tally का इस्तेमाल करते हैं तो आपने Balance sheet का नाम जरूर सुना होगा परंतु असल में यह बैलेंस शीट किसी भी बिज़नेस में बेहद जरूरी होती है। पर यह बैलेंस शीट क्या है? (What Is Balance Sheet In Hindi) उपयोग और फ़ायदे? Tally & Excel में Balance Sheet कैसे बनाये? Assets & Liabilities क्या होता है? अक्सर कई लोगों को इस बारे में कोई जानकारी नहीं होती।
इसलिए मैंने सोचा क्यों ना आज का यह लेख बैलेंस शीट के विषय पर तैयार किया जाए। जिससे वे सभी पाठक जो जानना चाहते हैं कि बैलेंस शीट आखिर होती क्या है? इसके क्या–क्या उपयोग एवं फायदे हैं। उन्हें इस विषय पर विस्तार पूर्वक जानकारी मिल जाएगी। अतः बैलेंस शीट से जुड़ी वे सभी जरूरी जानकारियां जो एक user को पता होनी चाहिए वह आपको इस लेख में मिलने वाली है।
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इसके साथ ही यदि आप Tally का इस्तेमाल करते हैं तो आपने बैलेंस शीट के बारे में जरूर सुना होगा। अतः हम यह भी जानेंगे कि Tally में बैलेंस sheet कैसे बना सकते हैं। तो आइए दोस्तों बिना देरी किए सबसे पहले हम जानते हैं कि यह बैलेंस शीट क्या है? कैसे समझे और कैसे बनाये? (Balance Sheet In Hindi)
अनुक्रम
- 1 बैलेंस शीट क्या है? (What Is Balance Sheet In Hindi)
- 2 बैलेंस शीट के फ़ायदे? Benefits Of Balance Sheet In Hindi
- 3 Liabilities क्या होता है? (What is Liabilities in Hindi)
- 4 Assets क्या है? (What is Assets in Hindi)
- 5 बैलेंस शीट कैसे बनाये?
- 6 Excel Me Balance Sheet Kaise Banaye In Hindi?
- 7 Tally Me Balace Sheet Kaise Banaye?
- 8 Business Networth कैसे जानें?
- 9 FAQ;
बैलेंस शीट क्या है? (What Is Balance Sheet In Hindi)
बैलेंस शीट एक Financial Statement है अर्थात यह “वित्तीय विवरण” होता है जो किसी कंपनी संस्था या बिजनेस की संपत्ति, Liabilities, Shareholders equity को एक निश्चित समय के दौरान रिपोर्ट प्रदर्शित करता है। दोस्तों कंपनी का यह वित्तीय पीरियड वर्ष के अंत में भी हो सकता है। तथा इस Balance Sheet के जरिये कंपनी के ग्रोथ को आसानी से जाँचा जा सकता है।
दोस्तों आप बैलेंस शीट को इस तरह भी समझ सकते हैं कि किसी भी कंपनी के लिए एक बैलेंस शीट उसके फाइनेंसियल स्थिति को दर्शाता है। मान लीजिए आप शेयर मार्केट में निवेश करने जा रहे हैं तो आप Stock Exchange में लिस्ट की गई किन्ही पांच कंपनियों की बैलेंस शीट को देख लीजिये तथा उन बैलेंस शीट का अध्ययन कर सकते हैं।
दोस्तों इसके अलावा जब कोई व्यापारी किसी कंपनी, संस्था या ई–कॉमर्स साइट को किसी दूसरे बिजनेसमैन से खरीदना चाहता है या उसमें Shares लगाना चाहता तो इससे पहले वह उस कंपनी की बैलेंस शीट का ध्यान–पूर्वक अध्ययन करता है। तथा उसके बाद ही आगे की Deal पक्की करते हैं।
दोस्तों इस से आप समझ सकते हैं कि बैलेंस शीट किसी भी फर्म उद्योग/कंपनी के लिए कितनी आवश्यक होती है। तो दोस्तों मातृभाषा में Balance Sheet को “तुलन पत्र या चिट्ठा पत्र” भी कहते हैं।
अधिकतर नए व्यपार मालिक सबसे बड़ी गलती यह करते हैं। की वह कंपनी की फाइनेंसियल स्टेटमेंट को ध्यापनपूर्वक नहीं समझते। दोस्त यह Balance sheet आपके व्यापार की फाइनेंसियल Health को Monitor करने में सहायक होता है।
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बैलेंस शीट के फ़ायदे? Benefits Of Balance Sheet In Hindi
Determine Working Capital
दोस्तों एक बैलेंस शीट आपके व्यापार में बेहद उपयोगी होती है क्योंकि यह आपके संचालन को बनाए रखने के लिए पर्याप्त कार्यशील पूंजी है। या नहीं इसकी गणना करता है।
◆ एक बैलेंस शीट आपकी संपत्ति (Asset) तथा Liabilities (देनदारियों) को एक स्थान पर सूचीबद्ध करती है। साथ ही यह वर्तमान तथा दीर्घकालिक Asset Cash Generate करने तथा संचालन को बनाए रखने में आप की क्षमता को दर्शाता है।
◆ इससे आपके Current ऐसेट की वर्तमान Liabilities से तुलना करने से पता चलता है। कि बिज़नेस अल्पकालिक दायित्वों (temporary Liability) को पूरा कर सकता है या नहीं।
यदि आपके business की वर्तमान लायबिलिटीज आपके Cash बैलेंस को Exceed कर जाती है। तो इस स्थिति में आपके बिजनेस को बाहरी Sources से अतिरिक्त पूंजी लेने की आवश्यकता पड़ सकती है।
◆ इसके साथ ही एक बैलेंस शीट आपको यह भी Show करती है आपका Debt level (ऋण स्तर) कितना है। तो दोस्तों सिंपल सी बात है यदि आप आपकी बैलेंस शीट में काफी ज्यादा Debt level है तो वह आपके हानिकारक है।
बैलेंस शीट का उपयोग व्यापार में अन्य कैपिटल्स (पूंजी) को सुरक्षित रखने के लिए किया जा सकता है।
◆ जैसा कि आप समझ चुके हैं कि एक बैलेंस शीट को देखकर कोई भी व्यक्ति ऑर्गेनाइजेशन आपके व्यापार की फाइनेंसियल स्थिति को समझ सकता है। अतः Investors अर्थात निवेशक बैलेंस शीट के जरिए भी यह समझ सकते हैं कि उनकी Funding (धन) कहां जाएगा तथा कब तक वह चुकाया जा सकता है।
◆ दोस्तों समयानुसार जब बैलेंस शीट को अपडेट किया जाता है। तो यह आपके पेमेंट Collect करने तथा ऋण को चुकाने की क्षमता को दर्शाती है। इसके साथ ही यह उन लेंडर्स (उधारदाताओं) को भी यह दर्शाती है कि आपके पास ऐसे Time में लायबिलिटीज को मैनेज करने का Track रिकॉर्ड उपलब्ध है।
इसलिए जब आप किसी कार्य हेतु Loan के लिए Apply करते हैं। तो बैलेंस शीट के जरिये समझा जाता है कि वह उस लोन को चुकाने के सक्षम है या नहीं। और कितने समय में उस ऋण को चुकाएंगे।
Helpful Ration’s
Ration (अनुपात) का उपयोग किसी बिजनेस में उसके फाइनेंसियल स्टेटमेंट को Analyse करने के लिए किया जाता है। ताकि कंपनी की परिचालन दक्षता, लाभप्रदता, ऋण चुकाने की क्षमता liquidity को इंडिकेट किया जा सके।
दोस्तों यहां आपका जानना जरूरी है कि यह वित्तीय अनुपात (Financial Ratios) विशेषकर तब उपयोगी होते हैं जब किसी व्यवसाय में long समय के लिए दीर्घकालीन स्थिरता का आकलन किया जाता है।
यह कंपनी के बैलेंस शीट अकाउंट द्वारा निर्धारित किये जा सकते हैं। उदाहरण के तौर पर यदि आपकी बैलेंस शीट Snapshot है जो आपकी कंपनी की समग्र पूंजी संरचना को प्रकट करती है।
तो यह आपको कई सारी जानकारी दे सकती है– जैसे कि यह आपको बता सकती है कि आपको Inventory को बेचने में कितना समय लगता है। इसके अलावा यह आपके कंपनी के operations को उसके Competitor से तुलना करने में सहायक होता है।
तो दोस्तों यह थे बैलेंस शीट के कुछ मुख्य फायदे जो किसी भी व्यापार में बैलेंस शीट की उपयोगिता को दर्शाते हैं।तो आइए जानते हैं कि बैलेंस शीट कैसे तैयार कर सकते हैं
दोस्तों बैलेंस Sheet के बनाने के लिए कुछ नियम होते हैं। अतः जब आप अपने कंप्यूटर में बैलेंस शीट बनाएं तो आपको कुछ नियमों का पालन करना जरूरी है। यहाँ पर बैलेंस शीट के कुछ नियम बताए गए है जिनके आधार पर आप बैलेंस शीट बना सकते हैं।
दोस्तों एक बैलेंस शीट में बाया पक्ष capital एवं Liabilities का होता है जबकि दाया पक्ष कंपनी की Assets एवं properties होती हैं। तो सबसे पहले हम बायें पक्ष (liabilities) में आने वाले मदों के बारे में जानकारी लेते हैं–
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Liabilities क्या होता है? (What is Liabilities in Hindi)
इसके अंतर्गत भी दो तरह की पूंजी शामिल होती हैं।
- Equity Share Capital
- Preference Share Capital
2. Reserve And Sur-Plus Income
इसके अंतर्गत निम्न मदों को गिना जाता है
- General Reserve
- Capital Reserve
- P/L (Cr.)
- Security Premium
- Share Forfeiture
3. Secured Loans
इसमें भी निम्न प्रकार के दायित्व आते हैं
- Debenture
- Bonds
- Bank Loan
- Mortgage Loan
4. Current Liabilites
करंट लायबिलिटीज के इस मद के अंतर्गत निम्न अल्पकालीन दायित्वों को गिना जाता है।
- Creditor
- B/P
- Bank Overdraft
- Outstanding Expense
- Advance Income
इसके बाद अंत में Liabilities के अंतर्गत कुछ प्रावधान भी होते हैं।
5. Provisions (प्रावधान)
इसके अंतर्गत निम्नलिखित प्रावधानों आते है :
- Provision For Bad Debts
- Provision For Taxation
- Provision For Repaires
अब हम दायें पक्ष अर्थात Asset में आने वाले मदों के बारे में जानकारी लेते हैं।
Assets क्या है? (What is Assets in Hindi)
1. Fixed Assets
दोस्तों वे संपत्ति जिनमें बार–बार परिवर्तन नहीं होता। उन्हें Fixed Asset (स्थायी संपत्ति) के नाम से जाना जाता है। इसमें आने वाली मदें निम्नलिखित हैं।
- Land And Building
- Plant And Machinery
- Furniture And Fixture
- Loose Tools
- Goodwill
- Patent Right
- Trade Marks
2. Current Assets
Current Assets में परिवर्तन अक्सर होता रहता है इसमें निम्न मदें शामिल है।
- Cash
- Bank
- Debtors
- B/R
- Investment
- Stock
- Prepaid Expense
- Accrued Income
- Miscellaneous Expenditure
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बैलेंस शीट कैसे बनाये?
Excel Me Balance Sheet Kaise Banaye In Hindi?
दोस्तों एक्सेल में बैलेंस शीट आप अलग–अलग उद्देश्यों के लिए बना सकते हैं। मान लीजिए आपकी कोई कंपनी है जिसमें अनेक मजदूर काम करते हैं। और यदि आपको उन सभी के काम का ब्यौरा बनाना है। तो इसके लिए आप बैलेंस शीट का उपयोग कर सकते हैं।
दोस्तों जैसा कि आप स्क्रीनशॉट में देख रहे होंगे। यहां एक Labour के अप्रैल से लेकर दिसंबर तक पूरे कार्य का विवरण बैलेंस शीट में दिया गया है। जहां सबसे पहले आपको Name, सीरियल नंबर उसके बाद Esi नंबर तथा और Labour का नाम, रेट, अमाउंट इत्यादि जो भी डिटेल आप Add करना चाहते हैं। उन्हें Mention कीजिए।
तथा उसके बाद नई cell में सभी Months को enter कीजिए और प्रत्येक महीने की अमाउंट Rate इत्यादि डिटेल्स को इंटर कीजिए। इसके बाद एक्सेल के Formula’s के जरिए अच्छे से कैलकुलेशन कीजिए। और इस तरह एक व्यक्ति के काम का पूरा लेखा–जोखा आपको बैलेंस शीट में मिल जाएगा।
दोस्तों जैसा कि आप जानते होंगे बैलेंस शीट का उपयोग Tally में भी किया जाता है। अतः अब इस लेख में हम यह भी जानेंगे कि कैसे हम Tally में बैलेंस शीट बना सकते हैं? लेकिन उसे बनाने से पूर्व हमारे लिए यह जानना जरूरी है कि बैलेंस शीट Tally में क्यों बनाई जाती है?
दोस्तों जैसा कि आप जान चुके हैं कि बैलेंस शीट कंपनी के Financial पोजिशन को दर्शाती है। इससे आप अंदाजा लगा पाते हैं कि वर्तमान समय मे कंपनी की वित्तीय स्थिति क्या चल रही है? आप बैलेंस शीट को देखकर किसी फर्म के Asset तथा liabilities के संतुलन को देख सकते हैं।
एक कंपनी की बैलेंस शीट निम्नलिखित मूलभूत अकाउंटिंग Accusition acquisition का अनुसरण करती है;
Assets= Liability+ Owner’s equity
Tally Me Balace Sheet Kaise Banaye?
तो दोस्तों आइए अब हम जानते हैं कि कैसे Tally में बैलेंस शीट बनाई जाती है।
1. दोस्तो Tally में बैलेंस शीट बनाने के लिए सबसे पहले हम अकाउंट टाइप करते हैं। मतलब Assets पक्ष में Assets A/c और जबकि Liabilities पक्ष में Liabilities A/c टाइप करते हैं।
2. Assets को लेफ्ट से Right की ओर type किया जाता है जबकि लायबिलिटीज A/c को left से राइट की ओर टाइप किया जाता है।
3. उसके बाद हम एसेट तथा लायबिलिटी अकाउंट को Analyse कर पता करते हैं। कि कौन–कौन सा Transection लायबिलिटीज, income, Expense में आता है।
4. यह जानने के बाद हम Asset वाली side में Assets को टाइप करते हैं। जबकि लायबिलिटी में हम सभी लायबिलिटीज को टाइप कर देते हैं।
Note: यदि कोई चीज इनकम या Expense में आती है, तो उसे Cash और कैपिटल से घटाया या फिर जोड़ा जाता है।
दोस्तों ध्यान रहे की इनकम और Expensis अकाउंट को बैलेंस शीट में Add नहीं किया जाता।
5. Asset को एंटर करने के बाद आप देख पाते हैं कि आपकी Asset बढ़ रही है या घट रही है, या फिर लायबिलिटीज increase हो रही है, या कम हो रही है।
6. उसके बाद Dr और Cr नियम का उपयोग कर उन्हें Plus या माइनस कर अगले ट्रांजैक्शन के लिए उन्हें New acquisition में जोड़ लिया जाता है और इसी प्रकार Next ट्रांजैक्शन पूरी हो पाती है।
7. ट्रांजैक्शन पूरी होने के बाद बैलेंस शीट का एक Format बनाया जाता है और उन्हें अकाउंटिंग acquisition में में सभी अकाउंट के closing बैलेंस को fill किया जाता है।
यदि वह बैलेंस sheet सही तरह से तैयार की गई होती है तथा उसमें सब कुछ ठीक होता है। तो उसमें अकाउंटिंग acquisition के मुताबिक Assets का टोटल बैलेंस liabilities के Total बैलेंस के बराबर होता है।
Note: दोस्तों Tally में आपको सिर्फ और सिर्फ ट्रांजैक्शन की एंट्री करनी पड़ती है, तथा इसमें बैलेंस शीट ऑटोमैटिक Prepare हो जाती है।
तो इस प्रकार आपने जाना Tally में बैलेंस शीट कैसे बनाते हैं। उम्मीद है आप थोड़ा बहुत तो टैली में Balance शीट के Work को समझ चुके होंगे।
Business Networth कैसे जानें?
दोस्तों क्या आप जानते हैं? यदि आप किसी बिजनेस की शुद्ध सम्पति जानना चाहते हैं। तो इसके लिए भी बैलेंस शीट आपकी सहायता करेगा। Networth अर्थात निवल मूल्य वह राशि होती है। जो कंपनी के मालिक या इन्वेस्टर्स को सभी Liabilities (देनदारियों) में कटौती करने के बाद प्राप्त होती है।
दोस्तों किसी भी कंपनी की Networth को Liabilities एवं Assets के बीच अंतर से पता किया जा सकता है. दोस्तों बैलेंस शीट क्या है? यह जानने के बाद आइए हम जानते हैं की व्यापार में बैलेंस शीट के क्या -क्या फायदे हैं।
FAQ;
बैलेंस शीट से जुड़ी सारी जानकारी आर्टिकल में बतायी हुई है।
वित्तीय विवरण
दोस्तों इस प्रकार आपने आज के इस लेख में बैलेंस शीट के बारे में जानकारी प्राप्त की। उम्मीद है बैलेंस शीट से जुड़ी पूरी जानकारी मिल चुकी होगी, और आप जान गये होगे की बैलेंस शीट क्या है? (What Is Balance Sheet In Hindi) उपयोग और फ़ायदे? Tally & Excel में Balance Sheet कैसे बनाये? Assets & Liabilities क्या होता है?
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