ब्लूटूथ क्या है?
ब्लूटूथ एक वायरलेस कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी है। जिसका इस्तेमाल मोबाइल फोन, कंप्यूटर तथा अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के बीच डाटा तथा voice को सीमित दूरी के भीतर ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है।
यदि हम bluetooth के उद्देश्यों को समझें तो ब्लूटूथ तकनीक के आने से पूर्व एक स्थान पर रखे दो device के बीच डेटा के आदान-प्रदान के लिए (ट्रांसफर) cables का इस्तेमाल होता था परंतु bluetooth तकनीक वायरलेस अर्थात बिना CABLES के devices के बीच संचार का कार्य करता है वह भी सुरक्षा पूर्ण तरीके से।
आज bluetooth तकनीक का इस्तेमाल न सिर्फ mobile device में बल्कि car सिस्टम, प्रिंटर, web cam, GPS सिस्टम तथा नई टेक्नोलॉजी के mouse & keyboard में भी bluetooth का इस्तेमाल होता है।
हालांकि स्मार्टफोन यूज़र्स की बढ़ती संख्या के कारण वर्तमान समय में वाईफाई का इस्तेमाल सर्वाधिक मात्रा में होता है परंतु bluetooth तकनीक का इस्तेमाल करने पर इसमें WiFi के मुकाबले low power तथा लागत भी कम आती है।
bluetooth की यह low पावर टेक्नोलॉजी सभी 2.4 गीगाहर्टज के अन्य वायरलेस डिवाइस को सरलतापूर्वक आपस में जोड़ने का कार्य करती है। bluetooth की रेंज तथा डाटा ट्रांसफर speed Wifi की तुलना में कम होती है परंतु जैसे-जैसे तकनीक में परिवर्तन आया है। ब्लूटूथ की डेटा ट्रांसमिशन स्पीड में भी बढ़ोतरी हुई है। जैसे कि bluetooth V 3.0 + HS अर्थात bluetooth हाई स्पीड bluetooth v3.0 टेक्नोलॉजी से जुड़े यह डिवाइस 24 MBPS डाटा ट्रांसफर की सुविधा देते हैं।
उसके बाद bluetooth version 4.0 को जुलाई 2010 में इस्तेमाल किया गया। इस 4.0 version में low एनर्जी consumption, low cost तथा अत्यधिक range फीचर्स उपलब्ध है। bluetooth के इस वर्जन की सबसे खास बात यह है की यहकम पावर उपभोग करता है जिस वजह से यदि आप इसे 24 घंटे अपने मोबाइल फोन से कनेक्ट करके भी रखते हैं तो आपके फोन की बैटरी तेजी से drain नहीं होती है तथा आप इससे अन्य bluetooth accessories को इस से कनेक्ट कर सकते हैं।
bluetooth की कार्य प्रणाली को समझें तो यह 2.45 ghz पर केंद्रित 79 विभिन्न फ्रीक्वेंसी के एक band में रेडियो तरंगों (waves) को भेजता तथा प्राप्त करता है। तथा जब दो या दो से अधिक bluetooth डिवाइस paired होकर जानकारियों को साँझा करते हैं तो यह एक प्रकार के ad-hoc, mini computer बनाते हैं जिसे piconet कहा जाता हैं।
ब्लूटूथ कैसे काम करता है?
ब्लूटूथ के कार्य करने का एक साधारण (Simple) सिद्धांत यह कि यह Radio Waves के form में डाटा को receive करता है। जिस भी डिवाइस में ब्लूटूथ इनेबल होता है उसमें एक card लगा होता है उस कार्ड को हम Bluetooth Adaptor के नाम से भी जानते हैं।
असल में यह ब्लूटूथ का एक मुख्य कंपोनेंट होता है जो data को send एवं Recieve करने का कार्य करता है। एक ब्लूटूथ adaptor की विशेष Range होती है और इस range के अंतर्गत वह डाटा को रिसीव तथा सेंड कर पाता है। उदाहरण के तौर पर जब हम अपने मोबाइल में ब्लूटूथ on करते हैं तो उस एडेप्टर की रेंज में जितने भी ब्लूटूथ Enable डिवाइस आते हैं उनको Detect कर लेता है।
अब दोस्तों यहां पर बात आती है Bluetooth के माध्यम से किस तरह डाटा ट्रांसमिशन होता है? जब भी Bluetooth के जरिए डाटा send या रिसीव किया जाता है तो यह 720 kb प्रति सेकंड के समान होता है। जब दो devices आपस में ब्लूटूथ से pair होने की कोशिश करते हैं तो यह दोनों ही डिवाइस आपस में एक जैसी फ्रीक्वेंसी को सर्च करते हैं। ताकि डाटा को सेंड एवं रिसीव किया जा सके।
और जब दोनों डिवाइस को एक समान फ्रीक्वेंसी मिल जाती है तो वह आपस में कनेक्ट हो जाते हैं। और bluetooth device found show होता है। इसी तरह एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस में कनेक्ट होने में फ्रीक्वेंसी सबसे महत्वपूर्ण होती है।
ब्लूटूथ कितनी दूरी तक काम करता है?
सामान्यतः एक Bluetooth के कार्य करने की दूरी 10 मीटर होती है। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि आप जब भी ब्लूटूथ के जरिए डाटा ट्रांसफर या कोई भी ऑपरेशन करें तो 10 मीटर की रेंज में डिवाइस को रखें ताकि आप सफलता पूर्वक tasks को कर सके।
हालांकि Bluetooth के कार्य करने कि दूसरी इस बात पर भी निर्भर करती है कि आप किस जगह Bluetooth डिवाइसेज का इस्तेमाल कर रहे हैं। अगर आप खुले आसमान के नीचे खड़े होकर एक दूसरे डिवाइस को कनेक्ट कर रहे हैं, तो संभव है आप आसानी से ऑपरेशंस को कर पाएंगे लेकिन वहीं अगर आप घर के किसी कमरे से दोनों डिवाइस को कनेक्ट करेंगे तो हो सकता है बीच में दीवार होने की वजह से डाटा ट्रांसफर की गति में कमी आए।
ब्लूटूथ का इस्तेमाल कहाँ कहाँ होता है?
चलिये अब हम bluetooth के उपयोग के बारे में जानते हैं। कि bluetooth का इस्तेमाल कहाँ-कहाँ किया जाता है?
Listen Music
समान्यतः ब्लूटूथ का इस्तेमाल संगीत सुनने के लिए किया जाता है। यदि आपके पास ब्लूटूथ enabled एयर फोन/हेडसेट तथा स्पीकर है तो आप वायरलेस ब्लूटूथ से device को कनेक्ट कर संगीत सुन सकते हैं।
Bluetooth
ब्लूटूथ का इस्तेमाल एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस में फाइल ट्रांसफर करने के लिए भी किया जाता है। हालांकि वर्तमान समय में स्मार्टफोन में फाइल ट्रांसफर करने के लिए वाईफाई तकनीक का अधिक इस्तेमाल होता है। परंतु ब्लूटूथ तकनीक का इस्तेमाल आज भी keypad mobiles में होता है। अतः आपके मल्टीमीडिया keypad मोबाइल में bluetooth है तो आप उसमें भी वायरलेस फाइल ट्रांसफर कर सकते हैं।
Hands Free In Cars
आजकल आप वाहनों में भी ब्लूटूथ सपोर्ट देख सकते हैं। आप अपने smartphone को ऑटोमोबाइल से कनेक्ट कर driving के दौरान फ़ोन pick कर सकते हैं वो भी स्मार्ट फोन को टच किए बगैर। दोस्तों इसके अलावा जैसा कि आपने जाना वर्तमान समय में अनेक इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में ब्लूटूथ तकनीक का इस्तेमाल होता है तो आप उन सभी में ब्लूटूथ डिवाइस का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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ब्लूटूथ के फ़ायदे?
Compatibility/Support
आमतौर पर सभी bluetooth उपकरण बिना किसी device के model, डिजाइन, आकार के आधार के बिना अन्य ब्लूटूथ डिवाइस से आसानी से कनेक्ट हो जाते हैं।
आप न सिर्फ अपने किसी मोबाइल से दूसरे ब्लूटूथ mobile को pair सकते हैं इसके अलावा अपने mobile से आप bluetooth इनेबल gaming उपकरण या म्यूजिक डिवाइस आदि को भी कनेक्ट कर सकते हैं।
Life Is Easier
Bluetooth के इस्तेमाल का एक बड़ा फायदा है जिसने हमारी जिंदगी को आसान बना है। आज हम घरों में विभिन्न प्रकार के उपकरणों को देख सकते हैं जो bluetooth टेक्नोलॉजी पर कार्य कर रहे हैं जैसे कि हेडफोंस स्पीकर लैपटॉप इत्यादि।
इस टेक्नोलॉजी के उपयोग से हम wireless रूप से connect रहते हुए एक समय में 1 से ज्यादा काम भी कर सकते हैं।
Receive Phone Calls
ब्लूटूथ हेडसेट का उपयोग करने के दौरान यदि आप गाना सुन रहे हैं। या कोई और काम कर रहे हैं? और अचानक आपके मोबाइल डिवाइस में किसी का कॉल आ जाता है तो आप आसानी से ब्लूटूथ के जरिए ही उसे रिसीव कर सकते हैं और बातें कर सकते हैं।
Data Transfer
एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस के बीच इंपॉर्टेंट फाइल्स को हम एक bluetooth के माध्यम से शेयर तो कर ही सकते हैं। इसके अलावा ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल इंटरनेट सर्च करने के लिए भी किया जा सकता है।
Cheap Cost
मार्केट में आपको affordable दाम में ब्लूटूथ हैंडसेट देखने को मिल जाते हैं। जिसकी वजह से आज बड़ी संख्या में world wide इनका इस्तेमाल भी हो रहा है। इस टेक्नोलॉजी का एक मुख्य फायदा है कि इनकी लागत कम होती है और जरूरत पड़ने पर इन्हें अपग्रेड भी किया जा सकता है।
Data Rate
ब्लूटूथ की डाटा स्पीड rate 1 mbps तक होती है। हालांकि यह wifi की तुलना में काफी कम है, परंतु यह इसका एक विशेष गुण है और हमें यह नहीं भूलना चाहिए स्मार्टफोन आने से पूर्व मल्टीमीडिया मोबाइल में ब्लूटूथ का इस्तेमाल करके बी फाइल्स को एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस में ट्रांसफर किया जाता था ।
Globally Used
ब्लूटूथ का किसी एक country में इस्तेमाल नहीं किया जाता है बल्कि ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी का आज वैश्विक स्तर पर उपयोग किया जाता है। इसलिए इसकी क्वालिटी को लगातार बेहतर बनाने की और कार्य किया जाता है। वर्ल्ड वाइड यूजर्स आज ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी इस्तेमाल करते हैं।
अक्सर कई सारे कंप्यूटर यूजर्स अपने डिवाइस में मौजूद ब्लूटूथ के वर्जन का पता करना चाहते हैं। क्योंकि कई बार ब्लूटूथ troubleshooting में इसके वर्जन का पता होना जरूरी होता है तो आइए जानते हैं कि कैसे आप अपने कंप्यूटर में ब्लूटूथ के वर्जन को चेक कर सकते हैं।
ब्लूटूथ के नुक़सान?
दोस्तों एक तरफ Bluetooth तकनीक आज काफी प्रचलित है। और इसका इस्तेमाल कई जगहों पर किया जाता है दूसरी ओर यदि इसके नकारात्मक पहलुओं को देखे तो इसके कुछ नुकसान हैं जो निम्नलिखित हैं।
वायरलेस डिवाइस जैसे कि स्मार्टफोन में bluetooth के उपयोग से बैटरी अधिक खर्च होती है हालांकि आधुनिक bluetooth तकनीक में यह समस्या काफी कम है यदि हम तुलना करें जैसा पहले के मोबाइल डिवाइसेज में होती थी। इसके अलावा ब्लूटूथ तकनीक की रेंज सीमित होती है सामान्यतः सभी वायरलेस तकनीकों में 30 फुट रेंज होती है तथा दीवार, floors के बीच यह रेंज और कम हो जाती है।
तीसरा यह कि Bluetooth तकनीक में पेयरिंग प्रक्रिया थोड़ी कठिन होती है। अन्य ब्लूटूथ accessories में ब्लूटूथ डिवाइस को pair करने में थोड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। यदिउ सुरक्षा की दृष्टि से ब्लूटूथ तकनीक को देखें तो आप पाएंगे कि वाईफाई तथा अन्य वायरलेस डाटा स्टैंडर्ड की तुलना में Bluetooth की सिक्योरिटी कमजोर होती है। तथा bluetooth device के हैक करने के चांस होते हैं।
चूंकि हमलावर ब्लूटूथ डिवाइस के जरिए आपके डिवाइस को एक्सेस कर सकते हैं।। वाईफाई के मुकाबले ब्लूटूथ तकनीक में डेटा ट्रांसमिशन स्पीड कम होती है। अतः इसमें डाटा प्रोसेसिंग धीमा होती है एक डिवाइस से दूसरे device में डाटा को पहुंचने में समय अधिक लगता है।
अतः bluetooth users को यह सलाह दी जाती है कि ब्लूटूथ का इस्तेमाल करने के बाद ब्लूटूथ disable कर देना चाहिए। जो आपकी सुरक्षा को बढ़ाता है। तथा यदि आप अपने कंप्यूटर,लैपटॉप में डिवाइस में bluetooth का इस्तेमाल करते हैं तो आप firewall, एंटीवायरस का इस्तेमाल कर सकते हैं।
ब्लूटूथ का इतिहास – History of Bluetooth in Hindi
Bluetooth तकनीक का आविष्कार वैज्ञानिकों के ग्रुप द्वारा वर्ष 1994 में स्वीडिश कंपनी Ericsson के लिए कार्य करते समय किया गया था। ब्लूटूथ का नाम डेनमार्क के राजा हेराल्ड के उपनाम( sir name)पर रखा गया है
तथा 4 वर्ष बाद अर्थात वर्ष 1998 में कंपनियों के पूरे समूह ने (सभी कंपनियों) ने अपने प्रोजेक्ट्स को बढ़ाने तथा प्रोडक्ट्स के बेहतर संचार के लिए इस प्रौद्योगिकी को इस्तेमाल करना शुरू कर दिया।अतः यही वजह है कि ब्लूटूथ पर किसी एक व्यक्ति या संस्था का स्वामित्व नहीं है।
यहां आपका जानना जरूरी है कि ब्लूटूथ का logo तथा bluetooth के स्पेसिफिकेशन, टेस्टिंग एवं जांच के लिए Bluetooth Special Interest Group को बनाया गया है। इस ग्रुप में 17000 से अधिक कंपनियां हैं यह सभी कंपनियां लगातार ब्लूटूथ तकनीक को बेहतर बनाने के लिए कार्य करती हैं.
ब्लूटूथ का भविष्य – Future of Bluetooth in Hindi
यदि आप सोच रहे हैं कि आने वाला समय Bluetooth टेक्नोलॉजी के लिए कैसा होगा? तो हम इसे समझने के लिए वर्तमान को देख सकते हैं। रिसर्च के मुताबिक वर्तमान समय में मार्केट में 50% से ज्यादा Headphones bluetooth टेक्नोलॉजी के बेचे जा रहे हैं। और आप भी जरूर ब्लूटूथ हेडफोन से परिचित होंगे। ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स के अनुसार इस समय वायर headphones की तुलना में वायरलेस headphones का चलन तेजी से बढ़ रहा है।
इस समय ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी तथा Bluetooth enable devices को अधिक बेहतर बनाने की और कार्य किया जा रहा है। आने वाले समय में नई ब्लूटूथ आर्किटेक्चर को हम मार्केट में देख सकते हैं। जिसे ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने वाले उपयोगकर्ता लाभान्वित होंगे।
दोस्तों अतः बात करें Bluetooth के फ्यूचर की तो टेक्नोलॉजी कुछ और बदलाव देख सकते हैं। लेकिन जिस तरह से मार्केट में ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी आज विभिन्न devices में काम कर रही है और इसका फायदा लोगों को मिल रहा है इससे आने वाले समय में जरूर ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी का अच्छा फ्यूचर देखने को मिलता है।
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