दोस्तों Bluetooth का इस्तेमाल तो हम सभी करते हैं लेकिन क्या आपको पता है की आख़िर Bluetooth Kya Hai? और यह कैसे काम करता है? अगर नही। तो आज इस पोस्ट में हम Bluetooth के बारे में डिटेल से जानिंगे की आख़िर ब्लूटूथ क्या है? कब और किसने बनाया? फ़ायदे और नुक़सान? History of Bluetooth & All about Bluetooth in hindi?
दोस्तो आप bluetooth तकनीक के बारे में तो जानते ही होंगे। वर्तमान समय में आपने मोबाइल, Computer, तथा sound device आदि में आमतौर पर ब्लूटूथ का इस्तेमाल देखा होगा।
परंतु असल में आप जानते हैं आखिर ब्लूटूथ क्या है? ब्लूटूथ का इस्तेमाल कहाँ-कहाँ किया जाता है? Bluetooth के फायदे तथा नुकसान क्या हैं? ब्लूटूथ का इतिहास क्या है? यदि आप bluetooth के विषय पर पूरी जानकारी पाना चाहते हैं तो आज के इस लेख में आपको इन सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे।
सामान्यतया एक यूजर को bluetooth से संबंधित जानकरी नही होती। परन्तु एक स्मार्ट यूजर होने के नाते आपको bluetooth तकनीक के विषय पर पूरी जानकारी होनी चाहिए। क्योंकि आज ब्लूटूथ का इस्तेमाल अनेक इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में किया जाता है और यदि हमें इस तकनीकी विषय पर जानकारी होती है तो हम bluetooth की उपयोगिता को भलीभांति समझ सकते हैं।
bluetooth से संबंधित पूर्ण जानकारी पाने के लिए आज के इस लेख को शुरू से लेकर अंत तक जरूर पढ़ें चलिए सबसे पहले जानते हैं कि आखिर ब्लूटूथ क्या है? (What is Bluetooth in Hindi)
यह भी पढ़े: नेटवर्क क्या है और इसके प्रकार – What Is Network In Hindi
ब्लूटूथ क्या है? (What is Bluetooth in Hindi)
ब्लूटूथ एक short range वायरलेस कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी है। जिसका इस्तेमाल मोबाइल फोन, कंप्यूटर तथा अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के बीच डाटा तथा voice को सीमित दूरी के भीतर ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है।
यदि हम bluetooth के उद्देश्यों को समझें तो ब्लूटूथ तकनीक के आने से पूर्व एक स्थान पर रखे दो device के बीच डेटा के आदान-प्रदान के लिए (ट्रांसफर) cables का इस्तेमाल होता था परंतु bluetooth तकनीक वायरलेस अर्थात बिना CABLES के devices के बीच संचार का कार्य करता है वह भी सुरक्षा पूर्ण तरीके से।
आज bluetooth तकनीक का इस्तेमाल न सिर्फ mobile device में बल्कि car सिस्टम, प्रिंटर, web cam, GPS सिस्टम तथा नई टेक्नोलॉजी के mouse & keyboard में भी bluetooth का इस्तेमाल होता है।
ब्लूटूथ के आविष्कार के बाद इसका इस्तेमाल विभिन्न इंडस्ट्री में किय जाने लगा। ब्लूटूथ को वर्ष 1994 में विकसित किया गया तथा इसे cable को replace करने के उद्देश्य से निर्माण किया गया था। अन्य वायरलेस टेक्नोलॉजी जैसे wifi राउटर तथा मोबाइल में इस्तेमाल की जाने वाली frequency की तरह ही bluetooth में भी same फ्रीक्वेंसी अर्थात 2.4 GHz का इस्तेमाल होता है।
bluetooth 10 मीटर अर्थात 30 फुट radius वायरलेस नेटवर्क बनाता है जिसे personal एरिया नेटवर्क (PAN) या piconet कहा जाता है जो दो से 8 डिवाइसेज को जोड़ सकता है। मतलब आप bluetooth का इस्तेमाल कर दूसरे कमरे में स्थित प्रिंटर में आसानी से पेज send कर सकते हैं बिना किसी किसी cables को कंप्यूटर device में कनेक्टेड किए बगैर।
तो दोस्तों यदि आप एक bluetooth यूजर हैं और अक्सर ब्लूटूथ का इस्तेमाल करते हैं तो आप जानते होंगे कि जब हम दो bluetooth डिवाइस को आपस में कनेक्ट करते हैं तो वह pairing कहलाता है. दोस्तों हालांकि स्मार्टफोन यूज़र्स की बढ़ती संख्या के कारण वर्तमान समय में वाईफाई का इस्तेमाल सर्वाधिक मात्रा में होता है परंतु bluetooth तकनीक का इस्तेमाल करने पर इसमें WiFi के मुकाबले low power तथा लागत भी कम आती है।
bluetooth की यह low पावर टेक्नोलॉजी सभी 2.4 गीगाहर्टज के अन्य वायरलेस डिवाइस को सरलतापूर्वक आपस में जोड़ने का कार्य करती है। bluetooth की रेंज तथा डाटा ट्रांसफर speed Wifi की तुलना में कम होती है परंतु जैसे-जैसे तकनीक में परिवर्तन आया है। ब्लूटूथ की डेटा ट्रांसमिशन स्पीड में भी बढ़ोतरी हुई है। जैसे कि bluetooth V 3.0 + HS अर्थात bluetooth हाई स्पीड bluetooth v3.0 टेक्नोलॉजी से जुड़े यह डिवाइस 24 MBPS डाटा ट्रांसफर की सुविधा देते हैं।
उसके बाद bluetooth version 4.0 को जुलाई 2010 में इस्तेमाल किया गया। इस 4.0 version में low एनर्जी consumption, low cost तथा अत्यधिक range फीचर्स उपलब्ध है। bluetooth के इस वर्जन की सबसे खास बात यह है की यहकम पावर उपभोग करता है जिस वजह से यदि आप इसे 24 घंटे अपने मोबाइल फोन से कनेक्ट करके भी रखते हैं तो आपके फोन की बैटरी तेजी से drain नहीं होती है तथा आप इससे अन्य bluetooth accessories को इस से कनेक्ट कर सकते हैं।
bluetooth की कार्य प्रणाली को समझें तो यह 2.45 ghz पर केंद्रित 79 विभिन्न फ्रीक्वेंसी के एक band में रेडियो तरंगों (waves) को भेजता तथा प्राप्त करता है। तथा जब दो या दो से अधिक bluetooth डिवाइस paired होकर जानकारियों को साँझा करते हैं तो यह एक प्रकार के ad-hoc, mini computer बनाते हैं जिसे piconet कहा जाता हैं।
ब्लूटूथ क्या है? यह जानने के बाद चलिए अब ब्लूटूथ से जुड़ी अन्य जानकारियाँ देखते हैं।
ब्लूटूथ का इस्तेमाल – Use Of Bluetooth In Hindi
चलिये अब हम bluetooth के उपयोग के बारे में जानते हैं। कि bluetooth का इस्तेमाल कहाँ-कहाँ किया जाता है?
Listen Music
समान्यतः ब्लूटूथ का इस्तेमाल संगीत सुनने के लिए किया जाता है। यदि आपके पास ब्लूटूथ enabled एयर फोन/हेडसेट तथा स्पीकर है तो आप वायरलेस ब्लूटूथ से device को कनेक्ट कर संगीत सुन सकते हैं।
Bluetooth
ब्लूटूथ का इस्तेमाल एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस में फाइल ट्रांसफर करने के लिए भी किया जाता है। हालांकि वर्तमान समय में स्मार्टफोन में फाइल ट्रांसफर करने के लिए वाईफाई तकनीक का अधिक इस्तेमाल होता है। परंतु ब्लूटूथ तकनीक का इस्तेमाल आज भी keypad mobiles में होता है। अतः आपके मल्टीमीडिया keypad मोबाइल में bluetooth है तो आप उसमें भी वायरलेस फाइल ट्रांसफर कर सकते हैं।
Hands Free In Cars
आजकल आप वाहनों में भी ब्लूटूथ सपोर्ट देख सकते हैं। आप अपने smartphone को ऑटोमोबाइल से कनेक्ट कर driving के दौरान फ़ोन pick कर सकते हैं वो भी स्मार्ट फोन को टच किए बगैर। दोस्तों इसके अलावा जैसा कि आपने जाना वर्तमान समय में अनेक इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में ब्लूटूथ तकनीक का इस्तेमाल होता है तो आप उन सभी में ब्लूटूथ डिवाइस का इस्तेमाल कर सकते हैं।
दोस्तों इस तरह हमने ब्लूटूथ तकनीक के बारे में जाना अब हम जानते हैं कि ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी के क्या-क्या फायदे हैं।
यह भी पढ़े: वेब ब्राउज़र क्या है? – What Is Web Browser In Hindi
ब्लूटूथ के फ़ायदे – Benefits Of Bluetooth In Hindi
Compatibility/Support
आमतौर पर सभी bluetooth उपकरण बिना किसी device के model, डिजाइन, आकार के आधार के बिना अन्य ब्लूटूथ डिवाइस से आसानी से कनेक्ट हो जाते हैं।
आप न सिर्फ अपने किसी मोबाइल से दूसरे ब्लूटूथ mobile को pair सकते हैं इसके अलावा अपने mobile से आप bluetooth इनेबल gaming उपकरण या म्यूजिक डिवाइस आदि को भी कनेक्ट कर सकते हैं।
Less Hardware
जी हां ब्लूटूथ तकनीक में तार का कोई झंझट ही है यहां तक कि यह फ़ीचर wifi से भी अधिक फायदेमंद है। यदि आपको wifi के जरिये अपने घर में या ऑफिस में वायरलेस नेटवर्क create करना है तो आपको access point के लिए router की आवश्यकता होगी।
परंतु ब्लूटूथ के जरिए आप आसानी से एक डिवाइस को दूसरे ब्लूटूथ डिवाइस से कनेक्ट कर सकते हैं। आपको किसी बाहरी हार्डवेयर को कनेक्ट करने की आवश्यकता नहीं पड़ती। इसके साथ ही ब्लूटूथ फ़ीचर सपोर्ट डिवाइस सस्ते होते हैं। अतः आप सामान्यतया प्रत्येक डिवाइस में bluetooth सपोर्ट देख सकते हैं।
Bluetooth तकनीक का इस्तेमाल करना पूरी तरह मुक्त है आप किसी भी डिवाइस में installed ब्लूटूथ का इस्तेमाल free में कर सकते हैं।
ब्लूटूथ के नुक़सान?
दोस्तों एक तरफ ब्लूटूथ तकनीक आज काफी प्रचलित है। और इसका इस्तेमाल कई जगहों पर किया जाता है दूसरी ओर यदि इसके नकारात्मक पहलुओं को देखे तो इसके कुछ नुकसान हैं जो निम्नलिखित हैं।
वायरलेस डिवाइस जैसे कि स्मार्टफोन में bluetooth के उपयोग से बैटरी अधिक खर्च होती है हालांकि आधुनिक bluetooth तकनीक में यह समस्या काफी कम है यदि हम तुलना करें जैसा पहले के मोबाइल डिवाइसेज में होती थी। इसके अलावा ब्लूटूथ तकनीक की रेंज सीमित होती है सामान्यतः सभी वायरलेस तकनीकों में 30 फुट रेंज होती है तथा दीवार, floors के बीच यह रेंज और कम हो जाती है।
तीसरा यह कि ब्लूटूथ तकनीक में पेयरिंग प्रक्रिया थोड़ी कठिन होती है। अन्य ब्लूटूथ accessories में ब्लूटूथ डिवाइस को pair करने में थोड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। यदिउ सुरक्षा की दृष्टि से ब्लूटूथ तकनीक को देखें तो आप पाएंगे कि वाईफाई तथा अन्य वायरलेस डाटा स्टैंडर्ड की तुलना में blutooth की सिक्योरिटी कमजोर होती है। तथा bluetooth device के हैक करने के चांस होते हैं।
चूंकि हमलावर ब्लूटूथ डिवाइस के जरिए आपके डिवाइस को एक्सेस कर सकते हैं।। वाईफाई के मुकाबले ब्लूटूथ तकनीक में डेटा ट्रांसमिशन स्पीड कम होती है। अतः इसमें डाटा प्रोसेसिंग धीमा होती है एक डिवाइस से दूसरे device में डाटा को पहुंचने में समय अधिक लगता है।
अतः bluetooth users को यह सलाह दी जाती है कि ब्लूटूथ का इस्तेमाल करने के बाद ब्लूटूथ disable कर देना चाहिए। जो आपकी सुरक्षा को बढ़ाता है। तथा यदि आप अपने कंप्यूटर,लैपटॉप में डिवाइस में bluetooth का इस्तेमाल करते हैं तो आप firewall, एंटीवायरस का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- एनीमेशन क्या है और कैसे बनाये – What Is Animation In Hindi
- डिजिटल सिग्नेचर क्या है – What Is Digital Signature In Hindi
ब्लूटूथ का इतिहास – History Of Bluetooth In Hindi
ब्लूटूथ तकनीक का आविष्कार वैज्ञानिकों के ग्रुप द्वारा वर्ष 1994 में स्वीडिश कंपनी Ericsson के लिए कार्य करते समय किया गया था। ब्लूटूथ का नाम डेनमार्क के राजा हेराल्ड के उपनाम( sir name)पर रखा गया है
तथा 4 वर्ष बाद अर्थात वर्ष 1998 में कंपनियों के पूरे समूह ने (सभी कंपनियों) ने अपने प्रोजेक्ट्स को बढ़ाने तथा प्रोडक्ट्स के बेहतर संचार के लिए इस प्रौद्योगिकी को इस्तेमाल करना शुरू कर दिया।अतः यही वजह है कि ब्लूटूथ पर किसी एक व्यक्ति या संस्था का स्वामित्व नहीं है।
यहां आपका जानना जरूरी है कि ब्लूटूथ का logo तथा bluetooth के स्पेसिफिकेशन, टेस्टिंग एवं जांच के लिए Bluetooth Special Interest Group को बनाया गया है। इस ग्रुप में 17000 से अधिक कंपनियां हैं यह सभी कंपनियां लगातार ब्लूटूथ तकनीक को बेहतर बनाने के लिए कार्य करती हैं.
ब्लूटूथ क्या है? इसके फ़ायदे, नुक़सान और इतिहास जानने का बाद चलिए अब देखते हैं की आख़िर ब्लूटूथ कैसे काम करता है?
ब्लूटूथ कैसे काम करता है?
ब्लूटूथ के कार्य करने का एक साधारण (Simple? सिद्धांत यह कि यह Radio Waves के form में डाटा को receive करता है। जिस भी डिवाइस में ब्लूटूथ इनेबल होता है उसमें एक card लगा होता है उस कार्ड को हम bluetooth Adaptor के नाम से भी जानते हैं।
असल में यह ब्लूटूथ का एक मुख्य कंपोनेंट होता है जो data को send एवं Recieve करने का कार्य करता है। एक ब्लूटूथ adaptor की विशेष Range होती है और इस range के अंतर्गत वह डाटा को रिसीव तथा सेंड कर पाता है। उदाहरण के तौर पर जब हम अपने मोबाइल में ब्लूटूथ on करते हैं तो उस एडेप्टर की रेंज में जितने भी ब्लूटूथ Enable डिवाइस आते हैं उनको Detect कर लेता है।
अब दोस्तों यहां पर बात आती है Bluetooth के माध्यम से किस तरह डाटा ट्रांसमिशन होता है? जब भी Bluetooth के जरिए डाटा send या रिसीव किया जाता है तो यह 720 kb प्रति सेकंड के समान होता है। जब दो devices आपस में ब्लूटूथ से pair होने की कोशिश करते हैं तो यह दोनों ही डिवाइस आपस में एक जैसी फ्रीक्वेंसी को सर्च करते हैं। ताकि डाटा को सेंड एवं रिसीव किया जा सके।
और जब दोनों डिवाइस को एक समान फ्रीक्वेंसी मिल जाती है तो वह आपस में कनेक्ट हो जाते हैं। और bluetooth device found show होता है। इसी तरह एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस में कनेक्ट होने में फ्रीक्वेंसी सबसे महत्वपूर्ण होती है।
ब्लूटूथ का भविष्य – Future Of Bluetooth In Hindi
यदि आप सोच रहे हैं कि आने वाला समय ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी के लिए कैसा होगा? तो हम इसे समझने के लिए वर्तमान को देख सकते हैं। रिसर्च के मुताबिक वर्तमान समय में मार्केट में 50% से ज्यादा Headphones bluetooth टेक्नोलॉजी के बेचे जा रहे हैं। और आप भी जरूर ब्लूटूथ हेडफोन से परिचित होंगे। ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स के अनुसार इस समय वायर headphones की तुलना में वायरलेस headphones का चलन तेजी से बढ़ रहा है।
इस समय ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी तथा ब्लूटूथ इनेबल devices को अधिक बेहतर बनाने की और कार्य किया जा रहा है। आने वाले समय में नई ब्लूटूथ आर्किटेक्चर को हम मार्केट में देख सकते हैं। जिसे ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने वाले उपयोगकर्ता लाभान्वित होंगे।
दोस्तों अतः बात करें ब्लूटूथ के फ्यूचर की तो टेक्नोलॉजी कुछ और बदलाव देख सकते हैं। लेकिन जिस तरह से मार्केट में ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी आज विभिन्न devices में काम कर रही है और इसका फायदा लोगों को मिल रहा है इससे आने वाले समय में जरूर ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी का अच्छा फ्यूचर देखने को मिलता है।
ब्लूटूथ के फायदे – Benefits Of Bluetooth In Hindi
Life Is Easier
Bluetooth के इस्तेमाल का एक बड़ा फायदा है जिसने हमारी जिंदगी को आसान बना है। आज हम घरों में विभिन्न प्रकार के उपकरणों को देख सकते हैं जो bluetooth टेक्नोलॉजी पर कार्य कर रहे हैं जैसे कि हेडफोंस स्पीकर लैपटॉप इत्यादि।
इस टेक्नोलॉजी के उपयोग से हम wireless रूप से connect रहते हुए एक समय में 1 से ज्यादा काम भी कर सकते हैं।
Receive Phone Calls
ब्लूटूथ हेडसेट का उपयोग करने के दौरान यदि आप गाना सुन रहे हैं। या कोई और काम कर रहे हैं? और अचानक आपके मोबाइल डिवाइस में किसी का कॉल आ जाता है तो आप आसानी से ब्लूटूथ के जरिए ही उसे रिसीव कर सकते हैं और बातें कर सकते हैं।
Data Transfer
एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस के बीच इंपॉर्टेंट फाइल्स को हम एक bluetooth के माध्यम से शेयर तो कर ही सकते हैं। इसके अलावा ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल इंटरनेट सर्च करने के लिए भी किया जा सकता है।
Cheap Cost
मार्केट में आपको affordable दाम में ब्लूटूथ हैंडसेट देखने को मिल जाते हैं। जिसकी वजह से आज बड़ी संख्या में world wide इनका इस्तेमाल भी हो रहा है। इस टेक्नोलॉजी का एक मुख्य फायदा है कि इनकी लागत कम होती है और जरूरत पड़ने पर इन्हें अपग्रेड भी किया जा सकता है।
Data Rate
ब्लूटूथ की डाटा स्पीड rate 1 mbps तक होती है। हालांकि यह wifi की तुलना में काफी कम है, परंतु यह इसका एक विशेष गुण है और हमें यह नहीं भूलना चाहिए स्मार्टफोन आने से पूर्व मल्टीमीडिया मोबाइल में ब्लूटूथ का इस्तेमाल करके बी फाइल्स को एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस में ट्रांसफर किया जाता था ।
Globally Used
ब्लूटूथ का किसी एक country में इस्तेमाल नहीं किया जाता है बल्कि ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी का आज वैश्विक स्तर पर उपयोग किया जाता है। इसलिए इसकी क्वालिटी को लगातार बेहतर बनाने की और कार्य किया जाता है। वर्ल्ड वाइड यूजर्स आज ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी इस्तेमाल करते हैं।
अक्सर कई सारे कंप्यूटर यूजर्स अपने डिवाइस में मौजूद ब्लूटूथ के वर्जन का पता करना चाहते हैं। क्योंकि कई बार ब्लूटूथ troubleshooting में इसके वर्जन का पता होना जरूरी होता है तो आइए जानते हैं कि कैसे आप अपने कंप्यूटर में ब्लूटूथ के वर्जन को चेक कर सकते हैं।
कंप्यूटर का ब्लूटूथ वर्जन कैसे पता करे?
सबसे पहले अपने विंडोज कंप्यूटर में Window key दबाएं और सर्च बार में device manager सर्च करें। अब आपके सामने device manager ओपन हो जाएगा। तो यहां पर आपको सभी drivers देखने को मिलेंगे, तो आपको bluetooth के ऑप्शन पर क्लिक करना है और नीचे bluetooth का ड्राइवर show हो जाएगा। आप इस driver पर right click करें और properties पर क्लिक करें जैसा स्क्रीनशॉट में देख पा रहे हैं।
प्रॉपर्टीज पर क्लिक करते ही आपके सामने एक नई window ओपन होगी यहां पर आपको advanced ऑप्शन पर
क्लिक करना है। जैसे ही आप advance पर क्लिक करते हैं तो सबसे नीचे आपको bluetooth का वर्जन सामने स्क्रीन पर show हो जाएगा।
तो साथियों इस तरह आप बड़ी ही आसानी से ब्लूटूथ के वर्जन को अपने कंप्यूटर, laptop में चेक कर सकते हैं।
तो दोस्तों आशा करते हैं की अब आपको ब्लूटूथ से संवन्धित सभी प्रकार की जानकारी मिल चुकी होगी, और आप जान गये होगे की ब्लूटूथ क्या है? कैसे काम करता है और इसके फायदे? (Bluetooth in Hindi)
F.A.Qs
ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी रेडियो तरंगों की लो पावर का इस्तेमाल कर एक- दूसरे डिवाइस से संचार करती हैं। जिनकी frequency band आमतौर पर 2.400 GHz and 2.483 के बीच होती है। अर्थात कम्युनिकेशन के लिए ब्लूटूथ को काफी कम एनर्जी की आवश्यकता इसका इस्तेमाल ब्रॉडकास्टिंग तथा mesh networks के लिए भी किया जा सकता है बता दें Mash नेटवर्क किसी भी तरह के रेडियो सिग्नल में कार्य करने में सक्षम होते हैं।
आज हम mobile, computer, music player इत्यादि Devices में Bluetooth का हम इस्तेमाल करते हैं, यह सभी लगभग एक ही तरीके से कार्य करते हैं।
Bluetooth wireless technology है, जिसका इस्तेमाल एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस में बिना वायर, केबल के डाटा का आदान-प्रदान करने तथा रेडियो तरंगों की मदद से एक device से दूसरे डिवाइस को नियंत्रित करने हेतु किया जाता है। Bluetooth technology का इस्तेमाल प्रयोग मोबाइल पर संगीत सुनने इंटरनेट connection और डाटा ट्रांसफर के लिए किया जाता है। हालांकि बदलते समय के साथ वाईफाई के स्थान पर ब्लूटूथ का उपयोग आज हो रहा है।
ब्लूटूथ से होने वाले कुछ फायदे निम्नलिखित हैं।
Wireless technology:- ब्लूटूथ सपोर्टेड किसी भी Device को आप अपने मोबाइल, कंप्यूटर इत्यादि गैजेट्स से बिना किसी वायर की मदद के कनेक्ट कर सकते हैं।
Inexpensive:- सामान्यतः ब्लूटूथ डिवाइस मार्केट में अफॉर्डेबल दाम में उपलब्ध होते हैं। आज ब्लूटूथ, हेडफोंस, स्पीकर का इस्तेमाल बड़ी संख्या में लोग करते हैं
Low energy consumption:- वाईफाई तकनीक भले ही ब्लूटूथ से फास्ट है, परंतु ब्लूटूथ वाईफाई की तुलना में काफी कम एनर्जी का उपभोग करता है, तो मोबाइल पर ब्लूटूथ का इस्तेमाल करने से बैटरी को अधिक नुकसान नहीं पहुंचता।
Security:- सिक्योरिटी के लिए आज से भी ब्लूटूथ एक बेहतरीन वायरलेस डिवाइस माना जाता है, ब्लूटूथ के जरिए पॉइंट 2 पॉइंट एक device से दूसरे डिवाइस को कनेक्ट किया जा सकता है। पासवर्ड प्रोटेक्शन फीचर की वजह से ब्लूटूथ आज भी सिक्योरिटी की वजह से वाईफाई से बेहतर माना जाता है।
मार्केट में ब्लूटूथ डिवाइस अलग-अलग फीचर्स और Tasks के साथ विभिन्न दाम में उपलब्ध है। एक ब्लूटूथ हेडफोन मार्केट में आपको तकरीबन ₹300 में मिल जाएगा। लेकिन क्योंकि हर कंपनी के प्रोडक्ट के दाम भी अलग-अलग होते हैं इसी तरह ब्लूटूथ डिवाइस मैन्युफैक्चर करने वाली कंपनी के दाम भी भिन्न भिन्न हो सकते हैं हालांकि ज्यादातर ब्लूटूथ Devices मार्केट में Affordable होते हैं।
जब भी एक Bluetooth डिवाइस को दूसरे ब्लूटूथ डिवाइस से कनेक्ट किया जाता है तो इस प्रक्रिया के दौरान Pairing Elable करनी करनी होती है। पेयरिंग इनेबल होने के बाद यदि दोनों डिवाइस एक निश्चित रेंज पर हैं तो एक डिवाइस दूसरे डिवाइस को फाइंड कर पाता है।
साथ ही दोनों Devices का डिस्कवरेबल/विजिबल होना जरूरी है ताकि bluetooth signal का पता किया जा सके। जब वे आपस में एक दूसरे से कनेक्ट हो जाते हैं तो फिर वे एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस में डाटा ट्रांसफर या Devices को कंट्रोल कर पाते है।
Mobile से ब्लूटूथ को कनेक्ट करने के लिए नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करें।
1. सबसे पहले अपने मोबाइल की Settings पर जाकर ब्लूटूथ On करें। साथ ही उस डिवाइस में भी ब्लूटूथ को Enable कर लें, जिससे आप मोबाइल को कनेक्ट करना चाहते हैं।
2. अब अपने मोबाइल पर आएं pair new device के ऑप्शन पर Tap करें, अगर डिवाइस नहीं दिखाई दे रहा है। तो Available devices पर क्लिक करें या फिर Refresh करें।
3. अब स्क्रीन पर दिखाई दे रहे, Bluetooth Devices से कनेक्ट करने के लिए उस पर Tap करें।
4. अब स्क्रीन पर दिए गए सभी निर्देशों का पालन करें इतना करते ही आपका ब्लूटूथ उस डिवाइस से सफलतापूर्वक कनेक्ट हो जाएगा।
माना जाता है ब्लूटूथ की यह निम्नतम रेंज 30 Feet तक होती है। वही बात की जाए ब्लूटूथ की अधिकतम रेंज की तो यह डिवाइस की आउटपुट पावर पर निर्भर करता है।
सामान्यतः एक ब्लूटूथ Device की रेंज 50 मीटर तक होती है, हालांकि कई बार 50 मीटर से भी कम की दूरी में भी ब्लूटूथ कनेक्ट नहीं होता। और कनेक्ट ना होने का कारण दीवार या खिड़की इत्यादि हो सकते हैं जिससे एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस को कनेक्ट करने में बाधा आती है।
आज हम जिस रेडियो टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल भरपूर मात्रा में देखते हैं, उसके आविष्कार का श्रेय Nils Rydbeck को जाता है। उन्होंने ब्लूटूथ नामक इस रेडियो टेक्नोलॉजी की 1989 मे शुरुआत की थी जिसे डिवेलप करने का मुख्य उद्देश्य एक ऐसे वायरलेस हेडसेट का निर्माण करना था जो बिना केबल के डाटा का आदान प्रदान करने में सक्षम हो। हालांकि ब्लूटूथ के खोज का मुख्य श्रेय Jaap Haartsen को जाता है।
सामान्यतः एक ब्लूटूथ के कार्य करने की दूरी 10 मीटर होती है। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि आप जब भी ब्लूटूथ के जरिए डाटा ट्रांसफर या कोई भी ऑपरेशन करें तो 10 मीटर की रेंज में डिवाइस को रखें ताकि आप सफलता पूर्वक tasks को कर सके।
हालांकि ब्लूटूथ के कार्य करने कि दूसरी इस बात पर भी निर्भर करती है कि आप किस जगह Bluetooth डिवाइसेज का इस्तेमाल कर रहे हैं। अगर आप खुले आसमान के नीचे खड़े होकर एक दूसरे डिवाइस को कनेक्ट कर रहे हैं, तो संभव है आप आसानी से ऑपरेशंस को कर पाएंगे लेकिन वहीं अगर आप घर के किसी कमरे से दोनों डिवाइस को कनेक्ट करेंगे तो हो सकता है बीच में दीवार होने की वजह से डाटा ट्रांसफर की गति में कमी आए।
तो दोस्तों आज के लेख में बस इतना ही उम्मीद है की अब आपको ब्लूटूथ से जुड़ी पूरी जानकारी मिल चुकी होगी, और अब आप जान गये होगे की ब्लूटूथ क्या है? कब और किसने बनाया? फ़ायदे और नुक़सान? History of Bluetooth & All about Bluetooth in hindi?
यह भी पढ़े:
Hope की आपको ब्लूटूथ क्या है? कैसे काम करता है और इसके फायदे? (Bluetooth in Hindi) का यह पोस्ट पसंद आया होगा, और हेल्पफ़ुल लगा होगा।
अगर आपके पास इस पोस्ट से रिलेटेड कोई सवाल है तो नीचे कमेंट करे. और अगर पोस्ट पसंद आया हो तो सोशल मीडिया पर शेयर भी कर दे.