डेटाबेस क्या है? इसके प्रकार? फायदे एवं उपयोग? (Database in Hindi)

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Database Kya Hai? – What Is Database In Hindi? दोस्तों Database का नाम तो आप सब ने सुना ही होगा, लेकिन अगर आप database के बारे में डिटेल से जानना चाहते हो तो आज इस पोस्ट में हम जानिंगे की डेटाबेस क्या है? कितने प्रकार का होता है? उपयोग और फ़ायदे क्या है? History of Database & All about database in hindi?

डेटाबेस क्या है? इसके प्रकार? फायदे एवं उपयोग? (Database in Hindi)

दोस्तों यदि आप एक कंप्यूटर यूजर हैं। तो आपको डेटाबेस के बारे में जानकारी होनी महत्वपूर्ण है। और आज के इस लेख में हम जानेंगे कि हमारे कंप्यूटर में डेटाबेस क्या होता है? डेटाबेस का क्या महत्व होता है? तथा डेटाबेस कितने प्रकार के होते हैं अतः डेटाबेस के बारे में पूर्ण एवं सरल शब्दों में जानकारी पाने के लिए इस लेख को शुरू से लेकर अंत तक जरूर पढ़ें।


दोस्तों पिछले पोस्ट में मैंने आपको बताया था की ब्लॉग (Blog) क्या है? – What Is Blog Meaning In Hindi और वेबसाइट (Website) क्या है? – What Is Website In Hindi? और अब अगर आप डेटाबेस के बारे में डिटेल से जानना चाहते हो तो आज इस पोस्ट में हम जानिंगे की डेटाबेस क्या है? – What Is Database In Hindi?

डेटाबेस क्या है? (What is Database in Hindi)

डेटाबेस डेटा का एक संगठित संग्रह (organised collection) है, जिसे आमतौर पर कंप्यूटर सिस्टम से इलेक्ट्रॉनिक रूप से संग्रहीत और एक्सेस किया जाता है। जहां डेटाबेस अधिक जटिल (complex) होते हैं, उन्हें अक्सर औपचारिक (formal) डिजाइन और मॉडलिंग तकनीकों का उपयोग करके विकसित किया जाता है।


दोस्तों इस इंटरनेट की दुनिया में हम अपने सवालों का जवाब आसानी से पता कर पाते हैं। जैसे यदि हम Google search engine. पर यह पूछते हैं कि डेटाबेस क्या है? तो इस स्थिति मे सर्च इंजन अपने डेटाबेस में उपलब्ध डाटा के अनुसार result में show कर देता है कि डेटाबेस क्या है?. इसी तरह यदि हम ऑफ़लाइन डेटाबेस का उदाहरण समझें तो जब हम अपनी किसी नजदीकी दुकान पर जाते हैं तो जब हम किसी सामान का नाम या उसके बारे में दुकानदार को बताते हैं तो तुरंत दुकानदार हमें वह सामान दे देता है।

अब मेरे यहां कहने का अर्थ यह है कि जब हम किसी जानकारी को यदि संभाल कर रखते हैं तो आसानी से उसे कभी भी प्राप्त कर सकते हैं। “ठीक इसी तरह इंटरनेट की दुनिया में डेटाबेस होता है जिसका कार्य डाटा को व्यवस्थित रूप से संभाल कर रखना होता है” जिससे जो भी यूजर किसी जानकारी को पूछता है तो डेटाबेस के जरिये जानकारी को तुरंत प्रस्तुत किया जा सके। तो डेटाबेस को सरल शब्दों में समझें तो “यह जानकारियों का कलेक्शन होता है जिसमें जनकारियों को व्यवस्थित रूप में रखा जाता है। ताकि डेटाबेस में उपलब्ध जानकारी को आसानी से प्राप्त किया जा सके”।

इसमें save की गई जानकारियां किसी भी तरह की हो सकती है। उदाहरण के लिए जब आप बैंक में जाते हैं और जब आप अपनी डिटेल डालते हैं तो तुरंत आपको आपकी बैंक अकाउंट डिटेल सामने आ जाती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बैंक के डेटाबेस में अनेक users की तरह आपके अकाउंट की जानकारी व्यवस्थित रूप से रखी जाती है। और जब कोई यूजर वहां अपना अकाउंट नंबर डालता है तो आपके अकाउंट की जानकारी आसानी से मिल जाती है।


“दोस्तों हमारी ऑनलाइन जिंदगी और डेटाबेस का महत्व काफी बढ़ चुका है डेटाबेस को एक तरह का रिकॉर्ड कह सकते हैं। जिसमें सारी जानकारियां सम्मिलित होती हैं”

उदाहरण के लिए यदि आप अक्सर Ms-word  पर डॉक्यूमेंट तैयार करते हैं तो उसमें सैकड़ों डॉक्यूमेंट सेव होते हैं। यह सभी डॉक्यूमेंट को ही डेटाबेस में save किया जाता है तथा जब आप किसी डॉक्यूमेंट का नाम टाइप करते हैं तो आपका डॉक्यूमेंट आपके सामने आ जाता है। तथा फिर आप चाहे तो डॉक्यूमेंट को edit या डिलीट कर सकते हैं।

अतः उस डॉक्यूमेंट् के तेजी से मिलने का कारण यही है कि “उसको एक डेटाबेस में ऑर्गेनाइज करके रखा जाता है जिससे यूजर जब भी उसे सर्च करें तो आसानी से उसे वह जानकारी मिल सके” संक्षेप में कहें तो एक कंप्यूटर में बड़ी संख्या में डाटा को स्टोर करना तथा बाद में उस डेटा को इस्तेमाल कर edit, डिलीट तथा अपडेट किया जा सके एक डेटाबेस कहालाता है।


डेटाबेस का महत्व?

दोस्तों मान लीजिए यदि डेटाबेस न होता तो क्या होता आज हम इंटरनेट पर जो भी चीज सर्च करते हैं वह तुरन्त मिल जाता है । वह सिर्फ इसलिए क्योंकि जो डाटा होता है उसको ऑर्गेनाइज तरीके से रखा जाता है यदि यह डेटा अस्त-व्यस्त होता तो हमें किसी जानकारी को ढूंढने में कई घंटों लग जाते हैं।

आप इसे अपने घर के सामान से भी compare कर सकते हैं यदि आपके टेबल पर कहीं सारी बुक्स को बेहतर तरीके से व्यवस्थित रूप में रखा हुआ है तो आप जब भी किसी बुक को ढूढेंगे तो आपको आसानी से मिल जाएंगे वहीं दूसरी ओर यदि उनको सही तरीके से न रखा जाए तो उसे ढूंढने में परेशानी होगी।

डेटाबेस का इतिहास – History Of Database In Hindi

1960 के दशक में डेटाबेस का विकास हुआ तथा डेटाबेस की शुरुआत 1980 के दशक में object oriented database के साथ हुई। परन्तु आज SQL, NoSQL डेटाबेस तथा cloud डेटाबेस उपलब्ध हैं।


तो दोस्तों इस तरह आपने जाना डेटाबेस क्या है? तथा इसके महत्व को जाना हम जानते हैं कि डेटाबेस के कितने प्रकार होते हैं?

डेटाबेस के प्रकार – Types Of Database In Hindi

Relational Database

रिलेशनल डेटाबेस का F.F. codd ने 1970 में IBM में अविष्कार किया था। यह एक ट्यूबलर डेटाबेस है। रिलेशनल डेटाबेस डेटा के साथ tables के एक सेट से बने हुए थे जो पूर्व निर्धारित श्रेणी में फिट होते थे तथा प्रत्येक टेबल के एक कॉलम में एक डेटा कैटेगरी  होती थी।

relational डेटाबेस के लिए स्टैण्डर्ड यूजर तथा एप्लीकेशन प्रोग्राम इंटरफ़ेस होता है।। यह डेटाबेस स्टोर किये गए items तथा इनफार्मेशन के बीच संबंध को व्यवस्थित करता है।

Distributor Database

डिस्ट्रीब्यूटर डेटाबेस में डेटाबेस के कई हिस्सों को विभिन्न भौतिक स्थानों पर store किया जाता है। जिसमें नेटवर्क में विभिन्न प्वाइंट्स के बीच प्रसंस्करण को फैलाया या दोहराया जाता है तथा डिस्ट्रीब्यूटर डेटाबेस सम विषम या हो सकते हैं.

Cloud Database

क्लाउड डेटाबेस एक डेटाबेस है जिसे आभाषी (virtual) वातावरण के लिए ऑप्टिमाइज या निर्मित किया गया है। हाइब्रिड cloud, सार्वजनिक क्लाउड या निजी क्लाउड के रूप में।

NoSql Database

डेटाबेस को भारी मात्रा में data performance की समस्याओं को सुधारने के लिए इस्तेमाल किया जाता है जो कार्य रेलशनल डेटाबेस द्वारा नहीं किया जाता है।

Object Oriented Database

वे आइटम जो object oriented programming भाषा मे तैयार किये जाते हैं वे आमतौर पर रेलशनल डेटाबेस में store किये जाते हैं।

ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड डेटाबेस आमतौर पर ऑब्जेक्ट के रूप में ऑर्गनाइज किये जाते हैं।

Graph Database

एक ग्राफ ओरिएंटेड डेटाबेस/ Graph डेटाबेस एक NoSQL डेटाबेस का एक प्रकार है। जो map, तथा क्वेरी रिलेशन के लिए graph theory का इस्तेमाल करता है।.

ग्राफ डेटाबेस वर्तमान समय में इंटरकनेक्शन को एनालाइज करने के लिए तेजी से प्रसिद्ध हो रहे हैं। उदाहरण के लिए कंपनियाँ ग्राफ डेटाबेस का इस्तेमाल कर सोशल मीडिया में यूज़र्स के बारे में जानकारी के लिए डेटा माइनिंग (अधिक डेटा प्राप्त करने के लिए) करती है।

डेटाबेस की विशेषताएँ? Characteristics of Database in Hindi

Structured and Described Data:

देखा जाए तो डेटाबेस सिस्टम केवल डाटा को ही store करने का कार्य नहीं करता। क्योंकि कोई भी storage डिवाइस यह कार्य कर सकता है, बल्कि डाटा को व्यवस्थित रूप में स्टोर करता है और उस डाटा से संबंधित डिटेल इंफॉर्मेशन डिस्क्रिप्शन में स्टोर करता है।

डिस्क्रिप्शन का अर्थ है कि इसमें structure फॉरमैट की पूरी डिटेल होती है। और इस तरह के डाटा को हम meta डेटा भी कहते हैं

Data Persistence

इसका अर्थ है की डेटाबेस में स्टोर किया गया डाटा तब तक व्यवस्थित रूप में मौजूद रहता है। जब तक कि उस डाटा को पूरी तरीके से डिलीट न कर दिया जाए। जो कि डेटाबेस की एक विशेष खासियत है एक बार डेटाबेस में जो डाटा Restore कर दिया जाता है वह आसानी से खोता नहीं है।

उदाहरण के लिए लेन-देन के दौरान अचानक सिस्टम fail हो जाए तो इस स्थिति में भी DBMS डाटा को खतरे में पढ़ने में नहीं देता।

Data Integrity

data integration (एकीकरण) database का एक विशेष गुण है, जो किसी डेटाबेस सिस्टम में डाटा की क्वालिटी एवं रिलायबिलिटी के रूप में जाना जाता है।

यदि हम डाटा इंटीग्रिटी को विस्तार में समझें तो डाटा इंटीग्रिटी फीचर unauthorised एक्सेस से डेटाबेस को प्रोटेक्शन प्रदान करता है।

Separation of Data and Applications:

जिस भी एप्लीकेशन software का जब हम इस्तेमाल हम करते हैं उस सिस्टम के किसी फिजिकल कंपोनेंट के बारे में नॉलेज रखने की आवश्यकता नहीं होती। अर्थात encoding फॉर्मेटिंग सिर्फ DBMS के साथ कम्युनिकेट करता है.

साथियों database के फीचर्स को जानने के बाद अब हम डेटाबेस की उपयोगिता को समझने के लिए इसके फायदे  जानेंगे उसके बाद हम इसके नुकसान की चर्चा करेंगे।

डेटाबेस के फ़ायदे? – Benefits Of Database

Providing Backup and Recovery:

सॉफ्टवेयर या हार्डवेयर के फेल होने की स्तिथि में एक डेटाबेस के पास backup सुविधा होना बेहद जरूरी है। मान लीजिए कंप्यूटर में complex ट्रांजैक्शन अपडेट के दौरान  सिस्टम अचानक फेल हो जाता है। तो Recovery sub system इसके लिए उत्तरदाई होता है जो री-स्टोर किए डाटा को प्रोवाइड करता है।

Flexibility

एक कंपनी/ऑर्गेनाइजेशन को डेटाबेस का एक बड़ा फायदा यह मिल जाता है कि वे अपनी आवश्यकता के मुताबिक कभी भी डेटाबेस के स्ट्रक्चर को चेंज कर सकते हैं? अतः इस प्रकार फ्लैक्सिबिलिटी भी डेटाबेस का एक मुख्य गुण है।

Efficient Data Access:

एक डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम विभिन्न प्रकार की तकनीकों का इस्तेमाल करता है जिससे डाटा को स्टोर एवं पुनः प्राप्त किया जा सके। इसका फायदा विशेषकर तब होता है जब डाटा को किसी एक्सटर्नल स्टोरेज डिवाइस में स्टोर किया गया हो।

Providing Multiple User Interfaces:

एक DBMS विभिन्न प्रकार के यूजर इंटरफेस उपलब्ध करता है। क्योंकि अलग-अलग यूजर्स अपनी आवश्यकताओं एवं टेक्निकल नॉलेज क साथ इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।

डेटाबेस के नुकसान?

Not for Everyone

जी हां किसी कंपनी संस्था में डेटाबेस का महत्व काफी बढ़ जाता है। परंतु यदि हम बात करें सिंगल यूजर के लिए तो छोटी और सिंपल एप्लीकेशंस के लिए डेटाबेस का इस्तेमाल करने की यूजर्स को सलाह नहीं दी जाती।

Size

डेटाबेस की फ्लैक्सिबिलिटी एवं इसके द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं की वजह से इस हार्डवेयर का आकार भी काफी ज्यादा होता है। साथ ही सभी functions को सही तरीके से कार्य करने के लिए कंप्यूटर मे उचित मात्रा में मेमोरी होनी चाहिए अर्थात यह डिस्क स्पेस भी अधिक लेता है।

Complexity

क्योंकि जैसा कि हम जानते हैं, एक डेटाबेस में एडीशनल फीचर्स का इस्तेमाल किया जा सकता है। जितने ज्यादा यूजर्स उस डेटाबेस से जुड़ेंगे भी वे उतने अधिक रिसोर्सेज का इस्तेमाल करेंगे और उससे अधिक costly एवं demanding होने के चांसेस बढ़ते हैं।

Failure Chances

जी हां डेटाबेस का इस्तेमाल करने के दौरान इसके फेल होने के चांसेस बने रहते हैं क्योंकि जब सभी रिसोर्सेज का सेंट्रलाइजेशन कर दिया जाता है तो यह सिस्टम की vulnerability को बढ़ा देता है और इसका सबसे बड़ा नुकसान यह है कि सारे यूजर से एक ही location से जुड़े रहते हैं तो ऐसे में यदि डेटाबेस के किसी एक कंपोनेंट में भी खराबी आती है तो पूरे कंप्यूटर नेटवर्क पर इसका प्रभाव पड़ता है.

Low Efficiency

एक डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम की efficiency काफी कम होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह मल्टी सॉफ्टवेयर के तौर पर कार्य करता है, इसे single-user द्वारा ही ऑपरेट नहीं किया जाता अतः यह किसी एक स्पेशलाइज्ड सॉफ्टवेयर की तुलना में कम कुशल होता है जो कि इसका एक मुख्य नुकसान है।

जब बात होती है डाटा की तो डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम (DBMS) का नाम तो हमने सुना ही है, साथ ही file सिस्टम का भी बीच में नाम आता है तो आइए जानते हैं फाइल सिस्टम और डेटाबेस के बीच क्या अंतर होता है।

Difference Between Filesystem and Database Management System In Hindi

• फाइल सिस्टम वह है जिसमें डेटा का कलेक्शन मौजूद होता है फाइल सिस्टम में कोई भी मैनेजमेंट किया जाता है तो यूजर के पास यह अधिकार होता है कि वह प्रक्रियाओं को write कर सके। वहीं इसकी तुलना डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम से की जाए तो डीबीएमएस भी डाटा का कलेक्शन होता है। लेकिन इसमें procedures को राइट करने की अनुमति यूजर के पास  नहीं होती साथ ही यह डेटाबेस को मैनेज नहीं कर सकता।

• फाइल सिस्टम के जरिए डाटा की detail इंफॉर्मेशन प्राप्त की जा सकती है। DBMS के अंतर्गत यह data को  Abstract view प्रोवाइड करता है और डिटेल्स को हाइड कर देता है। तीसरा इन दोनों के बीच मुख्य अंतर यह है कि file सिस्टम डाटा को स्टोर करने एवं पुनः प्राप्त करने में इतना कुशल नहीं होता। जबकि DBMS में विभिन्न प्रकार की तकनीकें मौजूद होती है जिससे डाटा को स्टोर या retrieve किया जा सके।

• फाइल सिस्टम क्रैश रिकवरी मैकेनिज्म को प्रोवाइड नहीं करता है। अर्थात जब आप कोई data एंटर करते हैं और अचानक से सिस्टम fail हो जाता है तो फाइल सिस्टम उस डाटा को फिर से वापस प्रोवाइड करने में सक्षम नहीं होता। जबकि DBMS इस कार्य में निपुण होता है, सिस्टम के फेल होने की स्थिति में डाटा को दोबारा वापस दे देता है। तो साथियों यह है DBMS और फाइल सिस्टम के बीच जो मुख्य अंतर हमें देखने को मिलता है.

तो दोस्तों उम्मीद है की अब आपको डेटाबेस और डेटाबेस के प्रकारों के बारे में पूरी जानकारी मिल चुकी होगी, और आप जान गये होगे की डेटाबेस क्या है? कितने प्रकार का होता है? उपयोग और फ़ायदे क्या है? History of Database & All about database in hindi?

FAQ;

डेटाबेस क्या है समझाएं?

डेटाबेस से जुड़ी सभी जानकारी आर्टिकल में बतायी गई है।

डेटाबेस की रचना कब हुई?

1960 में।

यह भी पढ़े:

Hope की आपको डेटाबेस क्या है? इसके प्रकार? फायदे एवं उपयोग? (Database in Hindi) का यह पोस्ट पसंद आया होगा, और हेल्पफ़ुल लगा होगा।

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