डोमेन नाम क्या है और इसके प्रकार (Domain Name in Hindi)

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डोमेन नाम क्या है?

डोमेन नाम किसी भी वेबसाइट का एक Web Address होता है, जिसका इस्तेमाल इंटरनेट पर किसी वेबसाइट की पहचान के लिए किया जाता है। जब भी हम सर्च इंजिन या ब्राउज़र के जरिए URL Bar में डोमेन नाम सर्च करते है तो डायरेक्ट उस वेबसाइट तक पहुँच जाते हैं।


अगर आप गूगल या किसी अन्य Search Engine के जरिए कुछ भी सर्च करते है तो उसके रिजल्ट मे आपको कई सारी वेबसाइट देखने को मिलती है उदाहरण के तौर पर www.Facebook.com, youtube.com, Yahoo.com, example.in आदि। इसी नाम को डोमेन Name कहा जाता है।

इस उदाहरण के द्वारा समझते तो जैसे हर इंसान का एक नाम होता हैं जिसके जरिए उस इंसान को पहचाना जाता है वैसे ही एक वेबसाइट को उसके डोमेन नेम से पहचाना जाता है जैसे की हम Facebook को www.Facebook.com से इंटरनेट पर ढूंढते है। इसमें www का मतलब (World Wide Web) होता है।

डोमेन नेम हमेशा यूनिक होता है यानी की दो वेबसाइट का डोमेन नाम कभी एक समान नहीं हो सकता है हालाकी उसके extension अलग अलग हो सकते है जैसे की abc.com और abc.in अगर कोई व्यक्ति किसी Domain Registrar से Abc.com नाम का कोई डोमेन खरीद लेता है तो अब कोई दूसरा व्यक्ति उसे खरीद नहीं सकता है।


डोमेन नाम काम कैसे करता है?

जैसे हम किसी वेबसाइट को उसके Domain Name से जानते है ठीक उसी प्रकार ब्राउजर या सर्च इंजन जिसके जरिए हम कुछ भी सर्च करते है वो उस वेबसाइट को IP address से जानते है जैसे की 316.58.216.1 हर वेबसाईट का अपना अलग IP address होता है।

इंटरनेट पर मोजूद हर वेबसाइट का Numerical फॉर्म होता है जिसे IP एड्रेस कहते है, अब इस तरह के Numerical आईपी एड्रेस को आम इंटरनेट यूजर नहीं याद रख सकता है। इसलिए वेबसाइट के एड्रेस को आम यूजर के लिए Numerical form से Alphabetic फॉर्म मे बदल दिया जाता है। ताकि आम यूजर के लिए इसे पढ़ने और याद रखने मे आसानी हो लेकिन जो वेब ब्राउजर है वो किसी भी वेबसाइट को उनके IP address के जरिए ही जानता है।


इसीलिए जब हम किसी website को search करते है तो हमारा ब्राउजर उस website को उसके IP address से search करता है। अगर आप चाहें तो किसी website को उसके IP address से भी search कर सकते है लेकिन इसके लिए आपको उस वेबसाइट का आईपी एड्रेस पता होना चाहीए।

Domain Extension क्या होता है?


आपने domain नेम के अलावा Domain Extension का भी नाम कभी न कभी जरूर सुना होगा किसी भी डोमेन नेम के अंत मे डॉट के बाद जो भी लगा होता है उसे डोमेन एक्सटेंशन कहते हैं। उदहारण के तोर पर facebook.com मे Facebook Domain name है और .com डोमेन एक्सटेंशन है।

Domain Extension बहुत सारे है लेकिन .com सबसे पॉपुलर डोमेन एक्सटेंशन है इसे TLD यानी Top Level Domain कहा जाता है। इसके अलावा कई सारे देश के आधार पर भी एक्सटेंशन होते हैं जैसे .In (भारत के लिए), .au (ऑस्ट्रेलिया के लिए), us (अमेरिका के लिए) होता है।


वैसे तो अलग अलग कामों के लिए एक्सटेंशन को कैटेगोराइज किया गया है लेकिन ऐसा कोई नियम डोमेन एक्सटेंशन लेते वक्त नहीं होता है कि .com सिर्फ com डोमेन सिर्फ कंपनी वाले ही ले सकते हैं या फिर .org सिर्फ आर्गेनाईजेशन वाले ले सकते है। आप जो चाहो वो एक्सटेंशन अपने डोमेन नेम के लिए चुन सकते हो।

डोमेन नाम के प्रकार (Types of Domain Name in Hindi)

डोमेन नाम को एक्सटेंशन के आधार पर मुख्य रूप से तीन प्रकारों मे बाट दिया गया है:

  • Top Level Domain Name
  • Country Code Top Level Domain
  • New Top Level Domains (nTLDs)

शीर्ष स्तरीय डोमेन (Top Level Domain)

TLD का मतलब होता है Top level domain इस कैटेगरी मे ऐसे एक्सटेंशन को रखा गया है जो दुनिया के सभी देशों के लिए बने होते हैं जिनके जरिए विश्व स्तर पर वेबसाइट चल सकती है। शीर्ष स्तरीय डोमेन किसी एक देश से संबन्धित नही होते है इन कैटेगरी के डोमेन एक्सटेंशन का इस्तेमाल करके अपनी वेबसाइट को पूरी दुनिया में रैंक करवा सकते हैं. कुछ प्रसिद्ध टॉप लेवल डोमेन के नाम निम्नलिखित हैं जैसे की:

  • .Com (Commercial)
  • .Org (Organization)
  • Gov (Government)
  • .Biz (Business)
  • .Edu (Education)
  • .Net (Network)
  • .Info (Information)

देश कोड शीर्ष स्तरीय डोमेन (Country Code Top Level Domain)

शीर्ष स्तरीय डोमेन के बाद Country Code Top Level Domain को डेवलप किया गया था इसको Short Form में CCTLD कहते है, इस कैटेगरी के डोमेन को किसी एक देश के लिए विकसित किया गया है। इन Country Code Top Level Domain का इस्तेमाल करके आप किसी देश का डोमेन नेम लेके उस देश मे अपनी वेबसाइट को अच्छे से रैंक करवा सकते हो।

शीर्ष स्तरीय देश कोड डोमेन को किस भी कंट्री के Two Letter ISO Code के बेसिस पर बनाया गया है। अगर आप इंडिया मे अपनी वेबसाइट सिर्फ दिखाना चाहते तो आपकी टारगेट ऑडियंस इंडिया के लोग है तो आप .in डोमेन एक्सटेंशन का इस्तेमाल कर सकते है।

  • .Us (United States)
  • .In (India)
  • .Uk (United Kingdom)
  • .Ru (Russia)
  • .au – Australia
  • .cn – China
  • .br: Brazil

New Top-Level Domains (TLDs):

CCTLD और TLD एक्सटेंशन के अलावा कुछ New Top Level Domains (nTLDs) extension भी है। ये डोमेन एक्स्टेंशन अपने आप मे ही descriptive होते हैं यानि की इन्हे देखकर हम ये आसानी से पता लगा सकते है की यह किस category का है और किन चीजों के बारे मे बताने वाला है जैसे की:

  • .academy
  • .accountant
  • .bike
  • .cafe
  • .career
  • .dance
  • .yoga

सबडोमेन (Subdomain) क्या होते हैं?

किसी भी मुख्य Domain extension के एक भाग को आप Subdomain या उपडोमेन समझ सकते है, इस तरीके के डोमेन को खरीदना नही पड़ता है। मान लीजिए अगर आपने TLD या CCTLD डोमेन एक्स्टेंशन वाला नाम ख़रीद लिया है तो आप आप उसे Sub Domain में विभाजित कर सकते हैं।

जैसे की Domain Name है abcd.com और इसके subdomain को किसी भी तरीके से बना सकते है जैसे की Hindi.abcd.Com या फीर Eng.abcd.Com अब इसमें hindi ya eng hai इसे Subdomain या उपडोमेन कहते है।

सबडोमेन का इस्तेमाल हम अपने वेबसाइट के अलग – अलग केटेगरी के कंटेंट को मैनेज करने के लिए करते हैं। आपने अक्सर जो बड़ी बड़ी इंटरनेट या न्यूज साइट है उनको subdomain का इस्तेमाल करते हुऐ देखा होगा। जैसे की abc.com एक न्यूज़ की वेबसाइट है इस वेबसाइट को उन्होंने Sports न्यूज़ के लिए Sports.abc.com कर दिया है fashion के लिए fashion.abc.com कर दिया है।

डोमेन नाम को प्रत्येक वर्ष Renew करवाना पड़ता है. आप चाहे तो 4 – 5 वर्ष के लिए भी डोमेन खरीद सकते हैं. अगर आप डोमेन नाम को Renew नहीं करवाते हैं तो आपके डोमेन नाम को कोई अन्य व्यक्ति खरीद सकता है।

डोमेन और URL में क्या अंतर होता है?

अक्सर लोग डोमेन और URL के बीच के अंतर मे कंफ्यूज हो जाते है बहुत लोगो को url और डोमेन एक ही लगता है अगर तकनीकी रूप से बात करें तो domain name को छोटा सा हिस्सा कह सकते है बड़े internet address का जिसे की “URL” कहते हैं। 

URL को (Uniform Resource Locator) कहा जाता है जिसके जरिए हम बहुत सी चीजों का पता लगा सकते है जैसे की specific page address, folder name, machine name, and protocol language आदि।

उदाहरण के तौर पर हमारी वेबसाइट का नाम abc.com है लेकिन हमारी वेबसाईट का url https://www.abc.com है  Domain Name के जरिए आप केवल एक वेबसाइट को खोज सकते हैं, लेकिन URL के द्वारा आप इंटरनेट पर मोजूद किसी भी Specific वेबपेज को खोज सकते हैं।

किसी भी वेबसाइट के URL में डोमेन नाम के अलावा अन्य जानकारी भी होती है जैसे कि – प्रोटोकॉल, Www, किसी विशिष्ट पेज का एड्रेस, फोल्डर का नाम आदि।

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हेलो दोस्तों, मेरा नाम अंकुर सिंह है और में New Delhi से हूँ। मैंने B.Tech (Computer Science) से ग्रेजुएशन किया है। और में इस ब्लॉग पर टेक्नोलॉजी, कंप्यूटर, मोबाइल और इंटरनेट से जुड़े लेख लिखता हूँ।

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