इंटरनेट और कंप्यूटर से जुड़े बहुत से शब्द है, जिनके बारे में हिंदीभाषी लोगों को बिल्कुल भी जानकारी नहीं होती है। अब जैसे डीओएस अटैक और डीडीओएस अटैक शब्द को ही ले लीजिए। बहुत से लोग तो इनका फुलफॉर्म भी नहीं जानते हैं। आइए इस आर्टिकल में विस्तार से जानकारी पाने का प्रयास करते हैं कि “DOS & DDOS अटैक क्या है” “DOS & DDOS Attack कैसे होता है? और इससे कैसे बचें?
चूंकि इंटरनेट पर हिंदी भाषा में डीओएस अटैक का मतलब क्या है अथवा डीडीओएस अटैक का अर्थ क्या होता है, इसके बारे में बहुत कम ही आर्टिकल हिंदी भाषा में उपलब्ध हैं, परंतु हमने प्रयास किया हुआ है कि इस आर्टिकल के माध्यम से आपको इन दोनों ही शब्दों के बारे में पूरी जानकारी दी जाए।
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DOS अटैक क्या है? (What is DOS Attack in Hindi)
डीओएस अटैक का पूरा मतलब डेनियल आफ सर्विस अटैक होता है, जोकि cyber-attack में आने वाला एक अटैक होता है। इस प्रकार का अटैक अधिकतर पर्सनल कंप्यूटर या फिर वेबसाइट पर होता है।
बता दें DOS यानि डेनियल आफ सर्विस अटैक का मकसद इंस्टिट्यूट के नेटवर्क ऑपरेशन में रुकावट ला करके उस नेटवर्क के यूजर को नेटवर्क का इस्तेमाल करने से रोकना होता है।
एग्जांपल के तौर पर अगर कोई बैंक वेबसाइट है जो 10 लोगों को प्रति सेकंड लॉगिन करने में मदद करती है तो DOS अटैकर के 10 डुप्लीकेट रिक्वेस्ट प्रति सेकंड भेजने से कोई भी रियल यूजर लॉगइन नहीं कर सकेगा।
डेनियल ऑफ सर्विस अटैक आसानी से नेटवर्क राउटर अथवा सरवर या फिर नेटवर्क कम्युनिकेशन लिंक को टारगेट बना सकते हैं अर्थात इन पर अटैक कर सकते हैं। सबसे ज्यादा फेमस डेनियल आफ सर्विस टेक्नोलॉजी “पिंग ऑफ डेथ है”। पहले के समय में पिंग ऑफ डेथ साइबर अटैक तेजी से इंटरनेट सर्वर को क्रैश कर पाता था।
DDOS अटैक क्या है? (What is DDOS Attack in Hindi)
डीडीओएस अटैक का पूरा मतलब डिस्ट्रीब्यूटर डेनियल आफ सर्विस होता है जिसे हिंदी भाषा में वितरित विवरण सेवा कहा जाता है, जो कि एक प्रकार का डेनियल आफ सर्विस अटैक होता है, जहां पर विभिन्न प्रकार के सिस्टम जोकी ट्रोजन से इनफेक्टेड होते हैं, वह एक स्पेशल सिस्टम को टारगेट बनाते हैं।
जिसकी वजह से जो अटैक पैदा होता है उसे डीओएस अटैक कहा जाता है। आपकी जानकारी के लिए यहां पर हम बताना चाहते हैं कि, डीडीओएस अटैक विभिन्न सरवर और इंटरनेट कनेक्शन का इस्तेमाल करता है ताकि टारगेट रिसोर्स को Flood किया जा सके।
साइबर प्लेटफार्म पर पावरफुल हथियार अर्थात वेपन की लिस्ट में डिस्ट्रीब्यूटर डेनियल आफ सर्विस अटैक को शामिल किया जाता है। जब कभी भी आपको यह पता चलता है कि, कोई वेबसाइट बंद होने वाली है, तो सामान्य तौर पर वह वेबसाइट डीडीओएस अटैक की गिरफ्त में आ जाती है।
इस प्रक्रिया में हैकर के द्वारा आपकी वेबसाइट पर या फिर आपके कंप्यूटर पर भारी मात्रा में ट्रैफिक लगाकर अटैक किया जा रहा है, जिसकी वजह से सरवर या फिर कंप्यूटर ओवरलोड हो गया है और यही वजह है कि वेबसाइट क्रैश हो जा जाती हैं।
यहां पर बताना चाहेंगे की माइकल कैल्से नाम के व्यक्ति को साल 2000 में माफिया बॉय के नाम से जाना जाता था। जिनके द्वारा अलग-अलग यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर नेटवर्क में हैकिंग की गई और उनके सरवर का इस्तेमाल करके याहू और इबे जैसी बहुत सी वेबसाइट को बंद करने के लिए डीडीओएस अटैक का इस्तेमाल किया।
DOS अटैक कैसे काम करता है?
डेनियल ऑफ़ सर्विस अटैक सामान्य तौर पर टारगेट नेटवर्क या कंप्यूटर सिस्टम में vulnerabilities का उल्लंघन करने का काम करते हैं। इस प्रकार के अटैक में हैकर के द्वारा अथवा अटैकर के द्वारा बड़े पैमाने पर ट्रैफिक या रिक्वेस्ट उत्पन्न करने के लिए अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है।
जिसके अंतर्गत टारगेट को भारी मात्रा में डाटा से भरने का काम करते हैं। ऐसा होने पर टारगेट सिस्टम या नेटवर्क ज्यादा डाटा से भर जाता है।
डेनियल आफ सर्विस अटैक में अटैकर के द्वारा सिस्टम के किसी स्पेशल भाग को टारगेट किया जाता है और उसी भाग को टारगेट करके बार बार रिक्वेस्ट सेंड की जाती है, जिसकी वजह से संबंधित भाग ओवरलोड हो जाता है।
इसके बाद डेनियल आफ सर्विस अटैक सॉफ्टवेयर में जो कमी है उसे पहचान लेता है और उसका उल्लंघन करता है जिसकी वजह से सिस्टम क्रैश हो जाता है। इस प्रकार से आप यह समझ सकते हैं कि, डेनियल आफ सर्विस अटैक किस प्रकार से काम करता है।
DDOS अटैक कैसे काम करता है?
डीडीओएस अटैक का लॉजिक बहुत ही आसान है। हालांकि यह अटैक दूसरे अटैक से बहुत ही ज्यादा अलग है। जो दूसरे नेटवर्क कनेक्शन होते हैं, वह ओएसआई मॉडल के अलग-अलग प्रकार के लेयर से मिलते हैं।
अलग अलग टाइप के डीडीओएस अटैक किसी स्पेशल लेयर पर फोकस करते हैं। इस प्रकार के अटैक में हैकर के द्वारा बड़ी संख्या में पेज और रिक्वेस्ट भेज करके यूजर को सर्विस तक पहुंचने में बाधित करने की कोशिश की जाती है।
इस अटैक में अटैकर निश्चित टारगेट के साथ डीडीओएस अटैक की प्लानिंग पर काम करता है। डिस्ट्रीब्यूटर डेनियल आफ सर्विस अटैक में अलग अलग डीडीओएस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है, जो टारगेट सिस्टम को ज्यादा रिक्वेस्ट से ओवरलोड कर देते हैं। इसमें स्पेशल लेयर पर पासवर्ड, डाटा बेस एक्सेस इत्यादि का इस्तेमाल किया जा सकता है।
DDOS अटैक से कैसे बचें?
डीडीओएस अटैक से बचने के लिए आपको निम्न बातों को ध्यान में रखना है।
1: तुरंत एक्शन लें।
जैसे ही आपको यह पता चलता है कि डीडीओएस अटैक हो गया है, तो तुरंत ही आपको इस पर एक्शन लेना चाहिए। इसके अंतर्गत कंपनी को डीडीओएस सर्विस या फिर एक निश्चित टाइप की टेक्नोलॉजी देनी चाहिए ताकि भारी ट्रैफिक को जल्द से जल्द आईडेंटिफाई किया जा सके और उस पर वर्क शुरू किया जा सके।
2: फ़ायरवॉल और राउटर को कॉन्फ़िगर करें
डिस्ट्रीब्यूटर डेनियल आफ सर्विस अटैक से बचने के लिए आपको राउटर और फायर वोल को कुछ इस प्रकार से कंफीग्रर करना चाहिए ताकि वह नकली ट्रैफिक को रिजेक्ट कर सके और आपको अपने राउटर तथा फायर वाल को लेटेस्ट सुरक्षा पैच के साथ हमेशा अपडेट करके रखना चाहिए।
3: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करें
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में आपने सुना ही होगा। आज के समय में अलग-अलग जगह पर इसका इस्तेमाल किया जा रहा है और यह अलग-अलग प्रकार से लोगों के लिए उपयोगी भी साबित हो रहा है। इस प्रकार से डिस्ट्रीब्यूटेड डेनियल आफ सर्विस अटैक से बचाव करने के लिए आप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह आपको मजबूत सिक्योरिटी देने में सक्षम है। इसका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर नई प्रणाली के डेवलपमेंट के लिए किया जा रहा है।
4: इंटरनेट ऑफ थिंग्स डिवाइस को सुरक्षित रखें
आपके डिवाइस बोटनेट का हिस्सा ना बन सके, इसके लिए आपको अपने कंप्यूटर में भरोसेमंद सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल करने की आवश्यकता होती है और साथ ही समय-समय पर आपको उसे अपडेट करते रहने की भी आवश्यकता होती है।
DOS अटैक से कैसे बचें?
डेनियल आफ सर्विस अटैक से बचने के लिए आपको क्या करने की आवश्यकता होती है, इसके बारे में आइए आगे चर्चा कर लेते हैं।
- डेनियल आफ सर्विस अटैक से बचने के लिए आपको अपने नेटवर्क की सिक्योरिटी पर तो बराबर ध्यान देने की आवश्यकता होती ही है। इसके अलावा आपको अपने सिस्टम की सुरक्षा पर भी लगातार ध्यान बना करके रखना होता है, क्योंकि अगर यह डेनियल आफ सर्विस अटैक से इनफेक्टेड हो जाते हैं, तो आपके नेटवर्क और सिक्योरिटी को नुकसान हो सकता है। इसलिए प्रयास करें कि आप नेटवर्क और सिस्टम को दैनिक तौर पर अपडेट करें और साथ ही लेटेस्ट सुरक्षा तकनीक का इस्तेमाल करें ताकि डेनियल आफ सर्विस अटैक से बचा जा सके।
- डेनियल आफ सर्विस अटैक से बचने के लिए आपको अपने राउटर और सर्वर में ट्रैफिक लिमिटिंग तथा rate-limiting जैसी नीति को अप्लाई करना चाहिए ताकि आप ज्यादा ट्रैफिक वाले रिक्वेस्ट का सामना कर सके।
- समय-समय पर आपको अपने सिस्टम और नेटवर्क में कोई कमी है या नहीं इसके बारे में जानने के लिए उसकी टेस्टिंग करते रहना चाहिए और अगर टेस्टिंग में कोई कमी पाई जाती है तो उसमें सुधार लाने का प्रयास करना चाहिए।
- इंटरनेट पर आपको बहुत सारे डेनियल आफ सर्विस अटैक से बचने की सर्विस देने वाली वेबसाइट और कंपनियां मिल जाती है। आपको उनके द्वारा जो सर्विस दी जाती है उनका इस्तेमाल करना चाहिए। ऐसा करने पर आपका नेटवर्क डेनियल आफ सर्विस अटैक से बचा रहता है।
- आपके नेटवर्क पर जो भी ट्रैफिक आ रहा है, आपको लगातार उसका एनालिसिस करते रहना चाहिए और आपको कोई ट्राफिक अगर अचानक से ही आ गया है तो उसे पहचानना चाहिए। अचानक से आया हुआ ट्रैफिक डेनियल आफ सर्विस अटैक का सिग्नल हो सकता है।
- आपको यह भी प्रयास करना चाहिए कि, आपका डिवाइस बॉटनेट का हिस्सा ना बने, क्योंकि अगर आपका डिवाइस बॉटनेट का हिस्सा बनता है, तो वह सुरक्षित नहीं रह सकेगा। इसलिए आपको भरोसेमंद एंटीवायरस और सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल अपने सिस्टम में करना चाहिए और समय-समय पर आपको एंटीवायरस तथा सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर को भी अपडेट करते रहते हैं, ताकि लेटेस्ट सुरक्षा प्रणालियों का फायदा आपको प्राप्त हो सके।
इस प्रकार से हमारे द्वारा आपको ऊपर जो उपाय बताए गए हैं, अगर आप उनका पालन करते हैं तो आप डेनियल आफ सर्विस अटैक से अपने नेटवर्क और सिस्टम को सिक्योर अर्थात सुरक्षित बना करके रख सकते हैं।
DOS अटैक और DDOS अटैक में अंतर
आइए डेनियल आफ सर्विस अटैक और डिस्ट्रीब्यूटेड डेनियल आफ सर्विस अटैक में क्या अंतर होता है, इसके बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं।
- डेनियल ऑफ़ सर्विस अटैक में डेनियल आफ सर्विस अटैक टूल के द्वारा सिंगल डिवाइस का इस्तेमाल होता है परंतु डिस्ट्रीब्यूटेड डेनियल आफ सर्विस अटैक में रियल टाइम में अटैक करने के लिए वॉल्यूम बोट का इस्तेमाल होता है।
- डेनियल ऑफ सर्विस अटैक को आसानी से ट्रेस किया जा सकता है, परंतु डिस्ट्रीब्यूटेड डेनियल आफ सर्विस अटैक को ट्रेस करना थोड़ा सा डिफिकल्ट होता है अर्थात मुश्किल होता है।
- डीडीओएस अटैक का पूरा मतलब डेनियल आफ सर्विस अटैक होता है, वही डीडीओएस अटैक का पूरा अर्थ डिस्ट्रीब्यूटेड डेनियल आफ सर्विस अटैक होता है।
- डेनियल आफ सर्विस अटैक में सिंगल सिस्टम विक्टिम सिस्टम को टारगेट करने का काम करता है, वही डिस्ट्रीब्यूटेड डेनियल आफ सर्विस अटैक में अलग-अलग सिस्टम विक्टिम सिस्टम को टारगेट करने का काम करते हैं।
- डेनियल आफ सर्विस अटैक में विक्टिम का पर्सनल कंप्यूटर सिंगल लोकेशन के द्वारा जो डाटा पैकेट सेंड किया गया है, उससे लोड होता है, वही डिस्ट्रीब्यूटेड डेनियल आफ सर्विस अटैक में विक्टिम का पर्सनल कंप्यूटर मल्टीपल लोकेशन के द्वारा जो डाटा पैकेट सेंड किया गया है, उससे लोड होता है।
- डिस्ट्रीब्यूटेड डेनियल आफ सर्विस अटैक की तुलना में डेनियल आफ सर्विस अटैक स्लो होता है, वही डिस्ट्रीब्यूटेड डेनियल आफ सर्विस अटैक, डेनियल आफ सर्विस अटैक से काफी ज्यादा फास्ट होता है।
- डेनियल ऑफ सर्विस अटैक को आसानी से ब्लॉक किया जाता है, क्योंकि इसमें सिर्फ एक ही सिस्टम का इस्तेमाल होता है, परंतु जब बात डिस्ट्रीब्यूटेड डेनियल आफ सर्विस अटैक की जाती है, तो इसे ब्लॉक करना थोड़ा सा मुश्किल होता है, क्योंकि इसमें मल्टीपल डिवाइस के द्वारा पैकेट को सेंड किया जाता है और मल्टीपल लोकेशन से अटैक होता है।
FAQs
डेनियल आफ सर्विस अटैक और डिस्ट्रीब्यूटेड डेनियल आफ सर्विस अटैक में क्या अंतर होता है, इसकी पूरी जानकारी हमने आपको इसी आर्टिकल में दी हुई है। इसीलिए आर्टिकल में दी हुई बातों को ध्यान से पढ़े, ताकि पता चले कि डोस और डीडीओएस में क्या डिफरेंस है।
डिस्ट्रीब्यूटेड denial-of-service एक साइबर अटैक होता है, जो जब किसी वेबसाइट पर हो जाता है, तो इसकी वजह से वेबसाइट डाउन हो जाती है, जिसकी वजह से आप उस वेबसाइट के द्वारा जो सर्विस दी जाती है, उसका इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं।
डेनियल आफ सर्विस अटैक के द्वारा किसी मशीन या फिर नेटवर्क को बंद किया जाता है, ताकि वह अपने क्षेत्र के लिए पहुंच से बाहर हो जाए। डेनियल आफ सर्विस अटैक टारगेट को ट्रैफिक से भर देते हैं या फिर उसे ऐसी इंफॉर्मेशन भेज कर पूरा कर देते हैं, जो अटैक का कारण बनती है।
डिस्ट्रीब्यूटेड डेनियल आफ सर्विस अटैक विजिटर की इंफॉर्मेशन को नहीं चुरा सकते हैं। इस प्रकार का हमला वेबसाइट रिसॉर्स को ट्रेस करने के लिए किया जाता है। यही नहीं इस प्रकार का हमला जबरन वसूली और ब्लैकमेल करने के लिए भी होता है। एग्जांपल के तौर पर वेबसाइट ओनर को डिस्ट्रीब्यूटेड डेनियल आफ सर्विस अटैक को रोकने के लिए अटैकर को फिरौती देने की आवश्यकता हो सकती है।
DOS का फुल फॉर्म डेनियल आफ सर्विस होता है, जो कि एक cyber-attack है।
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