हम आपको लगातार प्रिंटर के विभिन्न प्रकारों के बारे में जानकारी दे रहे हैं। इसी क्रम में आज हम आपको डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर के बारे में पूरी जानकारी हिंदी में देने वाले हैं। जैसा कि आप जानते हैं कि, हर प्रिंटर अपनी विशेषताओं के लिए जाना जाता है। आइए इस आर्टिकल में आपको जानकारी देते हैं कि “डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर क्या है” और “डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर कैसे काम करता है” तथा “डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर के फायदे और डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर के नुकसान क्या है।”
हर प्रिंटर में कोई ना कोई खूबी होती है, तो कोई ना कोई खामी भी अवश्य ही होती है। इसलिए सभी प्रकार के काम को एक ही प्रिंटर से सही ढंग से नहीं करवाया जा सकता है।
- प्रिंटर क्या है? इसके प्रकार एवं उपयोग? (Printer in Hindi)
- कंप्यूटर के इनपुट डिवाइस – What Is Input Devices In Hindi
इसलिए हर काम को सही ढंग से करवाने के लिए अलग-अलग प्रिंटर की आवश्यकता होती है। हालांकि कुछ ऐसे भी प्रिंटर होते हैं, जो मल्टीपल कामों को करने की कैपेसिटी रखते हैं।
डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर क्या है? (What is Dot Matrix Printer in Hindi)
इंपैक्ट प्रिंटर के प्रकार में शामिल डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर, कंप्यूटर प्रिंटर होता है। हम इस प्रिंटर के माध्यम से कंप्यूटर पर से शब्दों को या ऑब्जेक्ट को प्रिंट कर सकते हैं और उसे हार्ड कॉपी के तौर पर एक कागज पर प्राप्त कर सकते हैं। डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर को पुरानी टेक्नोलॉजी का प्रिंटर माना जाता है जो कि अब काफी कम ही इस्तेमाल किया जाता है।
डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर में एक मैकेनिकल अरेंजमेंट होता है, जो इधर से उधर मेटल पट्टी को चलाता है। इस प्रिंटर के अंदर एक सीरीज में नंबर के एलिमेंट फिट करने के लिए बहुत सारे छोटे मेटल पिन का इस्तेमाल होता है।
जब यह मेटल पिन पेपर के कांटेक्ट में आते हैं तो इसकी वजह से पेपर पर प्रिंटिंग होना चालू हो जाती है और प्रिंटिंग की प्रक्रिया पूरी हो जाने के पश्चात आपको अपना प्रिंट आउट प्राप्त हो जाता है। इस प्रकार से इस टेक्नोलॉजी की वजह से इसे डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर कहते हैं।
इस प्रिंटर में जो मेटल पट्टी होती है, वह आगे और पीछे प्रिंटर में लगी हुई मोटर की वजह से होती है और बताना चाहते हैं कि जो प्रिंट कमांड इस प्रिंटर को मिलता है उसी प्रिंट कमांड के आधार पर मेटल पिन को पेपर पर धकेला जाता है।
डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर सामान्य तौर पर 1 लाइन के डॉट को ही प्रिंट कर पाते हैं जिसकी वजह से यह सिर्फ शब्दों को प्रिंट करने तक ही सीमित होता है। इसके माध्यम से ग्राफिक या फिर दूसरे किसी भी प्रकार की फोटो को सही प्रकार से प्रिंट नहीं किया जा सकता है। डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर को नार्मल कैटेगरी वाला और कम पैसे वाला प्रिंटर माना जाता है। इसकी प्रिंटिंग की जो क्वालिटी होती है, वह भी ज्यादा ठीक नहीं होती है और यह बहुत ही धीमे काम करता है।
जब डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर की खोज हुई थी तब तो इसका काफी अधिक इस्तेमाल लगातार 4 से 8 सालों तक किया गया परंतु जैसे-जैसे दूसरे high-technology वाले प्रिंटर मार्केट में आते गए, वैसे वैसे इसका इस्तेमाल कम होता चला गया। आज इसकी जगह पर अधिकतर जगह लेटेस्ट और अच्छी टेक्नोलॉजी वाले प्रिंटर का इस्तेमाल किया जा रहा है।
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डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर कैसे काम करता है?
पेपर पर निशान को जनरेट करने के लिए डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर स्टैंडर्ड चार्टर्ड प्रोटोनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करता है। यदि डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर के काम करने की प्रक्रिया के बारे में बात की जाए, तो सर्वप्रथम कंप्यूटर के माध्यम से जो कमांड किया जाता है, उस कमांड के अंतर्गत डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर कंप्यूटर से डाटा हासिल कर लेता है।
जिसमें सिंबल अथवा दूसरी इंफॉर्मेशन हो सकती है। इसके पश्चात प्रिंटर के द्वारा अपने अंदर मौजूद रोलर के बीच में से पेपर को निकाला जाता है और उसे ट्रैक्टर नाम के एलिमेंट में लोड कर दिया जाता है। अब प्रिंटर के अंदर पेपर पाथ पर एक प्रिंटहेड होता है जिसमें बहुत सारी लाइन अवेलेबल होती है। इसके अलावा यहां पर प्रिंटहेड के पीछे अच्छी मात्रा में पिन भी मौजूद होते हैं।
अब प्रिंटर के द्वारा हर स्टेप को पढ़ा जाता है और सभी स्टेप के लिए एक अथवा उससे भी ज्यादा आप पिन को नीचे धकेलना चालू कर दिया जाता है जिसके पश्चात प्रिंटहेड के जो पिन होते हैं, वह पेपर पर प्रेशर डालते हैं और इसकी वजह से जहां पर प्रेशर डाला जा रहा है, वहां पर निशान बनना चालू हो जाता है या बन जाता है।
प्रिंटर के द्वारा पेपर ट्रैक्टर की सहायता से पेपर को आगे की ओर बढ़ाया जाता है जिसकी वजह से एक नई लाइन की शुरुआत हो जाती है और यह प्रोसेस तब तक चलती रहती है जब तक की जितनी जानकारी प्रिंट करने का कमांड आया हुआ है उतनी जानकारी प्रिंट नहीं हो जाती है। इस प्रकार से डॉट मैट्रिक्स के द्वारा प्रिंटिंग की प्रक्रिया को अंजाम दिया जाता है और फिर प्रिंटिंग आपको एक कागज पर हार्ड कॉपी के तौर पर प्राप्त हो जाती है।
डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर के उदाहरण
डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर के कुछ प्रमुख उदाहरण निम्नानुसार हैं।
- EPSON LX-310 Single Function
- TVS MSP 250 STAR Single Function
- EPSON LQ-1310 Single Function
- T.V.S. HD 250 Gold Single Function
- TVS MSP 345 Single Function
- TVS MSP 245 Single Function
डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर की विशेषताएं
डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर क्या होता है अर्थात डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर का परिचय जानने के बाद अब हम आगे आपको डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर की विशेषताएं क्या होती है, इसके बारे में जानकारी देंगे।
1: प्रिंटिंग स्पीड
डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर के जो प्रिंटिंग की स्पीड है वो ठीक-ठाक है। हालांकि यह आज के आधुनिक जमाने के मुकाबले के प्रिंटर की प्रिंटिंग स्पीड का तो मुकाबला नहीं कर सकता है, परंतु सामान्य कामकाज के लिए इसकी प्रिंटिंग की स्पीड एवरेज मानी जाती है। बताना चाह रहे हैं कि डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर की जो प्रिंटिंग स्पीड होती है उसे सामान्य तौर पर वर्ग सेकंड में मापा जाता है।
2: यूनिकोड सपोर्ट
डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर के द्वारा यूनिकोड का सपोर्ट किया जाता है। इसका मतलब यह होता है कि, डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर के माध्यम से आप अलग-अलग लैंग्वेज और किसी स्पेशल निशान को प्रिंट कर सकते हैं।
3: विजुअलिटी
अगर डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर की विजुअलिटी के बारे में बात की जाए तो इसके जो रिजल्ट हैं वह सामान्य तौर पर विजुअल नहीं होते हैं, जिसकी वजह से इसके माध्यम से जो प्रिंट मिलता है वह ज्यादा खास नहीं होता है फिर भी नॉर्मल कामकाज के लिए तो इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
4: पेपर सपोर्ट
बताना चाहते हैं कि डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर की एक विशेषता यह है कि यह अलग अलग टाइप के पेपर और लेबल पर प्रिंट करने में सक्षम होता है।
5: साउंड
जब आप कंप्यूटर को प्रिंट कमांड देते हैं और प्रिंट कमांड डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर को मिल जाता है तो यह प्रिंटिंग की प्रक्रिया चालू करता है जिसके दरमियान एक साउंड पैदा होता है जिससे कुछ लोगों को दिक्कत हो सकती है। हालांकि यह साउंड ज्यादा तेज नहीं होता है।
डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर के फायदे
डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर के एडवांटेज क्या होते हैं या फिर डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर के लाभ क्या-क्या हो सकते हैं, इसके बारे में यदि आप जानना चाहते हैं तो आगे पढ़िए।
1: टिकाऊ
टिकाऊ का मतलब अंग्रेजी भाषा में ड्यूरेबल होता है। बताना चाहेंगे कि डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर में कई ऐसे भाग होते हैं जिन्हें मूविंग पार्ट कहा जाता है जिसका निर्माण भारी उपयोग को सहन करने के लिए किया गया होता है। इसका अर्थ यह निकाला जाता है कि दूसरे प्रिंटर की तुलना अगर डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर से की जाए तो डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर ज्यादा टिकाऊ प्रिंटर माने जाते हैं यानी कि आप डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर की सर्विस लंबे समय तक ले सकते हैं।
2: कम कीमत
डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर की कीमत के बारे में बात की जाए तो इस प्रकार के प्रिंटर को बहुत ही कम कीमत में आप खरीद सकते हैं। इस प्रकार के प्रिंटर का इस्तेमाल खासतौर पर ऐसे लोग ज्यादा करते हैं जिन्हें प्रिंटर से ज्यादा काम लेने की आवश्यकता होती है या फिर ऐसी जगह पर ज्यादा होता है जहां पर ज्यादा प्रिंट करने की जरूरत होती है। कीमत कम होने की वजह से इसे आसानी से रिप्लेस भी किया जा सकता है। अगर यह प्रिंटर खराब हो जाता है तो इसकी रिपेयरिंग बहुत ही कम कीमत में करवाई जा सकती है, क्योंकि इसके पार्ट बहुत ही सस्ते आते हैं।
3: वर्सेटाइल
वर्सेटाइल का मतलब हिंदी भाषा में बहुमुखी होता है। डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर को आप वर्सेटाइल अर्थात बहुमुखी प्रिंटर भी समझ सकते हैं। ऐसा इसलिए हम कह रहे हैं, क्योंकि डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर के माध्यम से अलग अलग टाइप के पेपर के प्रकार पर प्रिंटिंग के काम को अंजाम दिया जा सकता है।
जैसे की आप मोटे कार्ड स्टॉक या कार्बन कॉपी फॉर्म पर भी डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर के माध्यम से प्रिंटिंग कर सकते हैं। यही वजह है कि इस प्रिंटर के द्वारा अलग अलग टाइप के डॉक्यूमेंट पर प्रिंटिंग करना सुविधाजनक होता है।
4: मल्टीपल प्रिंटिंग
यदि आप एक ही डॉक्यूमेंट की बहुत सारी कॉपी को तैयार करना चाहते हैं, तो इसके लिए भी डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर आपके लिए एक अच्छा प्रिंटर साबित हो सकता है, क्योंकि डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर एक ही साथ कई पेपर के पन्ने को संभालने में सक्षम होता है। रिसीप को जनरेट करने के लिए या फिर चालान की कॉपी निकालने के लिए या फिर दूसरे फॉर्म को प्रिंट करने के लिए डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर अच्छा प्रिंटर होता है।
5: साउंड लेवल
डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर के द्वारा साउंड तो पैदा किया जाता है परंतु यह इतना भी ज्यादा नहीं होता है कि आपके कान दर्द करने लगे। यह प्रिंटर बहुत ही कम साउंड पैदा करता है। इसलिए एक शांत वातावरण में या फिर शांत ऑफिस में इसका इस्तेमाल करना फायदेमंद साबित हो सकता है।
डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर के नुकसान
हमें हर सिक्के के 2 पहलू के बारे में अवश्य ही जानना चाहिए। इसलिए हमने ऊपर अगर डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर के फायदे के बारे में जान लिया है, तो हमें इसके नुकसान के बारे में भी जानना चाहिए। इसलिए हम आगे आपको डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर के डिसएडवांटेज क्या हो सकते हैं या डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर की कमी क्या है, इसके बारे में भी जानकारी हिंदी में दे रहे हैं।
1: कम प्रिंट क्वालिटी
इमेज को और शब्दों को प्रिंट करने के लिए डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर के द्वारा जिस मेथड का इस्तेमाल किया जाता है उसे डॉट मेथड कहा जाता है। डॉट मेथड की एक कमी यह होती है कि, इसके माध्यम से जो प्रिंटिंग होती है।
उसका प्रिंट रिज़ॉल्यूशन ज्यादा अच्छा नहीं होता है, बल्कि एवरेज ही होता है और इसमें ज्यादा विस्तार से प्रिंटिंग नहीं हो पाती है, तो यह डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर की पहली कमी है जिसे आप डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर का नुकसान भी समझ सकते हैं।
2: लिमिटेड कलर ऑप्शन
क्या आप जानते हैं कि, अगर आप डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर के माध्यम से कलर प्रिंटिंग करना चाहते हैं तो ऐसा आप नहीं कर सकते हैं, क्योंकि डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर के द्वारा कलर प्रिंटिंग को सपोर्ट ही नहीं किया जाता है।
तो ऐसे में यदि किसी व्यक्ति को अगर कलर प्रिंट करना है तो उसे दूसरे प्रिंटर का इस्तेमाल करना होगा। डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर के माध्यम से आप सिर्फ ब्लैक एंड वाइट में ही प्रिंटिंग कर सकते हैं।
3: साउंड
डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर जब प्रिंटिंग के काम को चालू कर देता है तो यह साउंड पैदा करता है जिसकी वजह से ऐसे लोगों को दिक्कत हो सकती है जो शांत दिमाग के होते हैं या फिर जिन्हें शांत वातावरण पसंद होता है। अगर शांति वाली जगह में डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर का इस्तेमाल किया जाता है, तो उस जगह के वातावरण में खलल पैदा हो सकती है।
4: जाम होने की संभावना
डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर के द्वारा पेपर पर इंक को ट्रांसफर करने के लिए रिबन का इस्तेमाल नहीं किया जाता है, जिसकी वजह से अगर रिबन सही प्रकार से लोड नहीं की जाती है या फिर समय-समय पर उसका मेंटेनेंस नहीं किया जाता है तो वह जाम हो सकती है जिसकी वजह से प्रिंटिंग की प्रक्रिया बीच में ही रुक सकती है।
5: धीमा
आपको डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर के काम करने की जो स्पीड है उससे निराशा का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि कई लोगों ने इस बात को स्वीकार किया है कि डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर दूसरे प्रिंटर की तुलना में ज्यादा तेजी से काम नहीं कर पाता है। इसलिए कभी अगर आपको कम समय में अधिक कॉपी बनाने की आवश्यकता होगी तो यह प्रिंटर आपको निराश कर सकता है।
डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर और लेजर प्रिंटर में अंतर
डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर और लेजर प्रिंटर में क्या फर्क होता है, आइए जानते हैं।
- Gary Starkweather नाम के व्यक्ति के द्वारा साल 1969 में डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर की खोज की गई थी। हालांकि इसे डिजिटल इक्विपमेंट कॉरपोरेशन के द्वारा ही परिचित करवाया गया था। वही लेजर प्रिंटर की खोज के बारे में बात की जाए तो यह एक नॉन इंपैक्ट प्रिंटर होता है जिसकी खोज डिजिटल इक्विपमेंट कॉरपोरेशन के द्वारा साल 1970 में की गई थी।
- डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर को इंपैक्ट प्रिंटर के प्रकारों में गिना जाता है और लेजर प्रिंटर को नॉन एम्पैक्ट प्रिंटर के प्रकारों में शामिल किया जाता है।
- डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर इंक लगे हुए रिबन पर प्रिंट हैमर के माध्यम से शब्द या इमेज को प्रिंट करने का काम करता है। वही लेजर प्रिंटर बिना कागज पर किसी भी प्रकार की चोट पहुचाए हुए फोटो/शब्दों को प्रिंट करता है।
- डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर के द्वारा लेजर प्रिंटर के मुकाबले में प्रिंटिंग करने में अधिक समय लिया जाता है क्योंकि इसकी प्रिंटिंग स्पीड धीमे होती है, वही लेजर प्रिंटर डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर के मुकाबले में कम समय में प्रिंट कर देता है क्योंकि लेजर प्रिंटर की प्रिंटिंग स्पीड डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर से ज्यादा होती है।
- लेजर प्रिंटर के मुकाबले में डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर की प्रिंट क्वालिटी कम होती है, वही डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर के मुकाबले में लेजर प्रिंटर कि जो प्रिंट क्वालिटी होती है, वह बहुत ही शानदार होती है अर्थात लेजर प्रिंटर की प्रिंट क्वालिटी अव्वल दर्जे की होती है।
- सामान्य तौर पर प्रिंटिंग के काम के लिए लगातार डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर के द्वारा पेपर शीट का इस्तेमाल किया जाता है, वहीं प्रिंटिंग की प्रोसेस के लिए लेजर प्रिंटर के द्वारा अलग-अलग पेपर शीट का इस्तेमाल किया जाता है।
- कागज पर प्रिंटिंग के काम को अंजाम देने के लिए डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर इंक से भीगे हुए रिबन पर पिन लगा कर अपना काम करता है, वही लेजर प्रिंटर में बारीक इंक पाउडर का इस्तेमाल होता है जो प्रिंटिंग के लिए पाउडर को कागज पर गर्म करके भेजता है।
- डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर में सीरियल डॉट मैट्रिक्स और लाइन डॉट मैट्रिक्स शामिल होती है, वही लेजर प्रिंटर में ब्लैक एंड वाइट या फिर रंगीन प्रिंटर शामिल होते हैं।
- डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर के द्वारा जब प्रिंटिंग की प्रक्रिया को चालू किया जाता है तब यह थोड़ी आवाज अवश्य करता है, वही जब लेजर प्रिंटर प्रिंटिंग की प्रक्रिया को चालू करता है तो यह कोई भी आवाज नहीं करता है।
- डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर में रिबन प्रिंटिंग की प्रक्रिया के लिए इस्तेमाल होती है, वही लेजर प्रिंटर में कार्टेज प्रिंटिंग की प्रक्रिया के लिए यूज़ होता है।
- डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर के द्वारा एक सेकंड में 30 से लेकर के 550 शब्दों को प्रिंट किया जा सकता है वही लेजर प्रिंटर के माध्यम से आप 1 मिनट के अंदर 20 पेज की प्रिंटिंग कर सकते हैं यानी कि प्रिंटिंग स्पीड के मामले में लेजर प्रिंटर एडवांस है।
- डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर अब आउटडेटेड प्रिंटर हो चुका है। इसलिए इसकी कीमत बहुत ही कम होती है, वही लेजर प्रिंटर अभी भी इस्तेमाल में लिया जाता है। इसलिए इसकी कीमत ज्यादा होती है।
डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर किसका उदाहरण है?
डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर इंपैक्ट प्रिंटर का उदाहरण है। डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर एक ऐसा प्रिंटर होता है, जो फिलहाल तो कम ही इस्तेमाल किया जा रहा है, क्योंकि यह आउटडेटेड प्रिंटर की कैटेगरी में आने वाला प्रिंटर है। हम इस प्रिंटर के माध्यम से ठीक-ठाक फोटो को प्रिंट कर सकते हैं और बढ़िया ढंग से शब्दों को भी प्रिंट कर सकते हैं।
डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर फोटो या फिर शब्दों को तैयार करने के लिए पिन का इस्तेमाल करता है। डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर को कंप्यूटर का आउटपुट डिवाइस माना जाता है, क्योंकि अगर हमें डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर के माध्यम से प्रिंटिंग के काम को अंजाम देना होता है।
तो हमें अपने कंप्यूटर या फिर लैपटॉप के साथ डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर को कनेक्ट करने की आवश्यकता होती है। इसके लिए डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर के केबल को कंप्यूटर के निश्चित पोर्ट में या फिर सीपीयू के पोर्ट में लगाना होता है।
डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर कैसे खरीदे?
डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर एक ऐसा प्रिंटर है, जो सरलता से खरीदा जा सकता है। लगभग सभी लैपटॉप की बिक्री करने वाले या फिर कंप्यूटर की बिक्री करने वाले अथवा लैपटॉप कंप्यूटर की रिपेयरिंग करने वाले दुकानदारों के द्वारा डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर को बिक्री हेतु रखा जाता है।
तो ऐसे में आप अपने आसपास मौजूद किसी कंप्यूटर/लैपटॉप बिक्री की दुकान पर जा सकते हैं और वहां पर आप डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर को दिखाने की दुकानदार से डिमांड कर सकते हैं और प्रिंटर की क्वालिटी और उसके स्पेसिफिकेशन को चेक करते हुए उसकी खरीदारी कर सकते हैं।
यदि आप डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर की खरीदारी ऑनलाइन करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको फ्लिपकार्ट, अमेजॉन और अन्य शॉपिंग वेबसाइट का इस्तेमाल करना चाहिए। वहां पर भी आप डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर की खरीदारी कर सकते हैं। अगर आपके पास ज्यादा बजट नहीं है तो आप ऑनलाइन किस्तों में भी डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर को प्राप्त कर सकते हैं।
डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर की कीमत
देखिए यहां पर हम आपको बताना चाहते हैं कि, सामान्य तौर पर तो डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर की कीमत कम ही होती है, परंतु जैसा कि आप जानते हैं कि देश और दुनिया में अलग-अलग प्रिंटर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी है, जिनके द्वारा अलग-अलग मटेरियल का इस्तेमाल करके प्रिंटर बनाए जाते हैं।
इसलिए प्रिंटर की कीमत भी अलग-अलग रखी जाती है। इस प्रकार से यदि आप डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर की कीमत के बारे में जानना चाहते हैं तो आप जिस कंपनी के प्रिंटर को लेना चाहते हैं उस कंपनी के नाम और प्रिंटर मॉडल को ऑनलाइन सर्च करके उसकी वास्तविक कीमत के बारे में जान सकते हैं या फिर शॉपिंग वेबसाइट पर भी डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर की कीमत को देख सकते हैं।
नीचे हम आपको कुछ प्रमुख डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर के नाम और उनकी कीमत बता रहे हैं।
- TVS MSP 250 Star Black Dot Matrix Monochrome Printer: ₹12,449
- Epson LQ-310 White Dot Matrix Printer: ₹15,799
- TVS MSP 270 Star Dot Matrix Printer: ₹11,549
- TVS RP45 Black Shoppe Monochrome Dot Matrix Printer: ₹9,599
डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर कहां उपयोग किए जाते हैं?
डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर एक साथ ही बहुत सारी सीट को प्रिंट कर पाने में सक्षम होता है। यह डायरेक्ट सफेद फ्रंट सीट पर प्रिंट कर सकता है और फिर पीछे कलर कार्बन प्रिंट पर भी प्रिंट कर सकता है। डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर का सबसे ज्यादा इस्तेमाल गोदाम या कार गैरेज जैसे वातावरण में किया जाता है। इसके अलावा कई लोग हैं जो घर पर भी इसका इस्तेमाल करते हैं, वहीं कई लोग ऐसे भी हैं जो अपने छोटे से ऑफिस में डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर का इस्तेमाल करते हैं।
इंपैक्ट प्रिंटर क्या है?
प्रिंटहेड का इस्तेमाल करके पेपर के ऊपर तेजी से प्रेशर डालकर के पेपर पर प्रिंट करने वाले प्रिंटर को ही इंपैक्ट प्रिंटर कहा जाता है, जोकि प्रिंटर का ही एक प्रकार होता है। यह पेपर के साथ इंक रिबन के साथ मिलकर के काम करते हैं और पेपर पर प्रिंटिंग के लिए इंपैक्ट प्रिंटर का इस्तेमाल किया जाता है।
इसमें जो भाग प्रिंट करने के लिए काम में लिया जाता है उसे प्रिंटहेड कहते हैं, जिसमें शब्दों को प्रिंट करने के लिए पिन लगे हुए होते हैं। यही पिन पेपर पर शब्दों को छापने का काम करते हैं। इंपैक्ट प्रिंटर एक बार में एक लाइन को ही प्रिंट करने की क्षमता रखते हैं। यह पुरानी टेक्नोलॉजी में गिने जाने वाले प्रिंटर होते हैं।
डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर का उपयोग क्यों करते हैं?
मुख्य तौर पर तो प्रिंटिंग करने के लिए ही डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर का इस्तेमाल किया जाता है। अगर आपको मासिक रिपोर्ट की प्रिंटिंग करनी है अर्थात मंथली रिपोर्ट प्रिंटिंग करनी है, तो डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर का इस्तेमाल आप कर सकते हैं।
इसके अलावा बैंक में डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर का इस्तेमाल ट्रांजैक्शन रिपोर्ट की प्रिंटिंग के लिए किया जाता है, वहीं कई कंपनियों में एकाउंटिंग स्टेटमेंट को प्रिंट करने के लिए इसका इस्तेमाल होता है। इसके अलावा स्प्रेडशीट प्रिंटिंग के लिए तथा अगर कभी कम समय में मल्टीपल प्रिंटिंग करनी होती है, तो मल्टीपल कॉपी डॉक्यूमेंट को प्रिंट करने के लिए डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर का इस्तेमाल किया जाना आवश्यक होता है।
प्रिंटर बनाने वाली कंपनी के नाम
देश और दुनिया में ऐसी कई कंपनी है, जो अच्छी क्वालिटी के प्रिंटर को बनाने का काम करती है। नीचे हम आपको टॉप प्रिंटर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी के नाम दे रहे हैं जो डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर तो बनाती ही है। इसके अलावा प्रिंटर के अन्य प्रकारों का भी निर्माण इन कंपनियों के द्वारा किया जाता है।
- Canon India Pvt Ltd
- Brother International India Pvt. Ltd
- Epson India Pvt Ltd
- Colorject Group
- JET INKs Pvt Ltd
- HP India Pvt Ltd
- Samsung
- Panasonic
FAQ
डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर इंपैक्ट प्रिंटर होता है।
यह कंप्यूटर का आउटपुट डिवाइस और एक प्रिंटिंग डिवाइस होता है, जो लेजर प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करता है।
डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर का दूसरा नाम इंपैक्ट प्रिंटर होता है, क्योंकि इंपैक्ट प्रिंटर के प्रकारों में जो प्रिंटर आते हैं उसमें डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर भी शामिल है।
डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर में इंक रिबन होते हैं। यही प्रिंटिंग में इस्तेमाल में लिए जाते हैं।
डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर क्या होता है, इसके बारे में हिंदी भाषा में ही हमने आपको इस आर्टिकल में जानकारी दी है। इसलिए यदि आप जानकारी पाना चाहते हैं तो उपरोक्त आर्टिकल को ध्यान से पढ़ें।
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- नेटवर्क क्या है और इसके प्रकार – What Is Network In Hindi
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Hope की आपको “डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर क्या है” और “डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर कैसे काम करता है” तथा “डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर के फायदे और डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर के नुकसान क्या है।”, का यह पोस्ट पसंद आया होगा तथा आपके लिए हेल्पफुल भी रहा होगा।
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