फ्लॉपी डिस्क क्या है? इसके प्रकार एवं उपयोग? (Floppy Disk in Hindi)

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फ्लॉपी डिस्क क्या है?

फ्लॉपी डिस्क एक डाटा स्टोरेज डिवाइस होता है। यह एक Hardware Device है जिसका उपयोग कंप्यूटर का डाटा स्टोर करने के लिए किया जाता है। यह एक magnetic डिस्क होती है तथा अन्य hard डिस्क के मुकाबले floppy डिस्क portable होती है जिसे एक जगह से दूसरी जगह आसानी से ले जाया जा सकता है। क्योंकि इन्हें कंप्यूटर के disk ड्राइव से आसानी से remove किया जा सकता है।


फ्लॉपी डिस्क के लिए जो disk drive लगे होते हैं उन्हें floppy driver के नाम से जाना जाता है। आपका यह जानना जरूरी है कि floppy डिस्क को access करते हुए समय अधिक लगता है साथ ही इसकी स्टोरेज कैपेसिटी भी काफी कम होती है। लेकिन floppy डिस्क का इस्तेमाल करने का मुख्य फायदा यह है कि यह सस्ते होते हैंतथा सबसे महत्वपूर्ण है की यह पोर्टेबल होते हैं।

वर्तमान समय में फ्लॉपी डिस्क का इस्तेमाल कम हो रहा हैक्योंकि यह हार्डवेयर storage का पहला प्रकार है जिसे कंप्यूटर के data को read & write करने के लिए इस्तेमाल किया जाता था। floppy डिस्क का प्रचलन अब खत्म हो चुका है तथा इनका स्थान usb एवं network फाइल ट्रांसफर ने ले लिया है।

फ्लॉपी डिस्क के प्रकार – Types of Floppy Disk in Hindi

दोस्तों इस डिस्क का इस्तेमाल आमतौर पर गवर्नमेंट, रिसर्च एवं बड़े बड़े कमर्शियल इंस्टिट्यूट जैसे कि mainframe computer में boot disk के लिए किया जाता था


5.25 Inch Floppy Disk

परन्तु 5.25 इंच फ्लॉपी डिस्क एक पोर्टेबल स्टोरेज मीडिया थाऔर 1980-90 के दौरान इस डिस्क का इस्तेमाल पर्सनल कंप्यूटर में किया जाने लगा5.25 इंच  फ्लॉपी डिस्क 360 kb से 1.2 mb के डाटा को स्टोर करने के लिए सक्षम थातथा 5.25 इंच की कुछ फ्लॉपी डिस्क को मॉडिफाई किया जा सकता था तथा इनका  इस्तेमाल disk के दोनों भागों में डाटा को write करने के लिए किया जाता था

और यही कारण था कि फ्लॉपी disk निर्माताओं को double sides drives को बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जिससे डिस्क के दोनों साइड को read किया जा सके

3.5 Inch Floppy

3.5 इंच  की लोकल डिस्क को आधुनिक floppy भी कहा जाता हैइसका आकार अन्य floppy ड्राइव्स की तुलना में काफी कम होता हैयह फ्लॉपी डिस्क double डेंसिटी डिस्क में 730 किलोबाइट (kb) स्टोर कर सकती है जबकि high डेंसिटी डिस्क पर 1.44 Mb स्टोर करने में सक्षम होती है


पुराने कंप्यूटर मैं प्रोग्राम्स को load करने का यही तरीका था जैसे कि विंडोज 3.0 में किसी प्रोग्राम को इंस्टॉल करने के लिए मल्टीपल disk का इस्तेमाल किया जाता थादोस्तों अब हम आगे बढ़ते हैं तथा जानते हैं कि फ्लॉपी डिस्क का क्याक्या उपयोग होता है?

फ्लॉपी डिस्क का उपयोग?

Data Storage

फ्लॉपी डिस्क का मुख्य इस्तेमाल डाटा स्टोरेज के लिए किया जाता हैयूज़र्स फ्लॉपी के जरिए data को स्टोर करने के साथ ही जरूरी information backup कर सकते हैं

पहले के समय में floppy डिस्क डाटा को रिकॉर्ड करने तथा उस डाटा को स्टोर कर जानकारी को बनाए रखने का सबसे अच्छा तरीका था। उस समय इस माध्यम को सबसे अधिक कुशल इसलिए माना जाता था क्योंकि इसमें 1.45 MB की कैपेसिटी तथा cross प्लेटफॉर्म support था


Software and Drivers

3.5 इंच के floppy डिस्क का सबसे महत्वपूर्ण एप्लीकेशन (अनुप्रयोग) programmes तथा सेवाओं का वितरण (distribute) करना थाउदाहरण के लिए developers द्वारा ग्राहक के लिए सॉफ्टवेयर और ड्राइवर अपडेट दिया जाना

इसके साथ ही आपका जानना जरूरी है कि पहले सॉफ्टवेयर का साइज काफी अधिक होता थामेमोरी, pendrive आदि साधन उपलब्ध नहीं थेउस समय फ्लॉपी डिस्क के जरिए यह सॉफ्टवेयर computer डिवाइस में इंस्टॉल होते थेहालांकि अभी भी कुछ मॉडर्न drivers के लिए हार्डवेयर components floppy डिस्क में फिट होते हैं

File Transfer

3.5 इंच floppy डिस्क विभिन्न कंप्यूटर्स के बीच files को  को ट्रांसफर करने के लिए यूनिवर्सल स्टैंडर्ड मानक के रूप में जानी जाती थी। 3.5 इंच फ्लॉपी डिस्क  की मदद से यूजर्स डाटा को efficiently एवं विश्वसनीयता से ट्रांसफर कर सकते हैं


floppy डिस्क की कुशलता तथा लोकप्रियता की वजह से इस टेक्नोलॉजी को apple तथा unix-based सिस्टम् में भी लसम्मिलित किया गयाजिससे विभिन्न प्लेटफॉर्म के बीच फाइल्स को ट्रांसफर करना सरल हो गया। तो यह थे कुछ floppy डिस्क के मुख्य उपयोग अब हम इसे इस्तेमाल करने के फायदे जान लेते हैं

यह भी पढ़े: कंप्यूटर हार्डवेयर क्या है – What Is Hardware In Hindi

फ्लॉपी डिस्क के फायदे – Benefits Of Floppy Disk In Hindi

Portability

फ्लॉपी डिस्क का इस्तेमाल करने का मुख्य लाभ यह है कि फ्लॉपी डिस्क का आकार छोटा होता हैतथा यह पोटेबल होते हैंयहां आपका जानना जरूरी है कि 3.5 इंच की फ्लॉपी डिस्क का आकार Cd (compact disk) की तुलना में काफी कम होता है

तथा फ्लॉपी डिस्क के बाहर प्लास्टिक की casing होती है जिस वजह से फ्लॉपी डिस्क अंदर से सुरक्षित रहती हैयह एक मुख्य कारण है कि CD की तुलना में floppy डिस्क के स्क्रैच या खराब होने की संभावनाएं काफी कम हो जाती हैंफ्लॉपी डिस्क में bulit-in write protection होता हैजो डाटा को गलती से erased या overwritten होने से बचाता है

अतः फ्लॉपी डिस्क की पोर्टेबिलिटी छोटे साइज के फाइल्स जैसे डाक्यूमेंट्स को एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में ट्रांसफर करने में सहायक होती है

Compatibility

इसके अलावा floppy डिस्क का फायदा यह है कि यह उन पुराने कंप्यूटर्स device के लिए भी supportable होते हैं जो अन्य data स्टोरेज डिवाइस को सपोर्ट नहीं करते हैंइसे आप एक उदाहरण की सहायता से समझ सकते हैं कि 1990 के दशक में कंप्यूटर में cd और dvd ड्राइव अधिकतर कंप्यूटर्स में नहीं होता थाउस समय फाइल ट्रांसफर करने हेतु floppy डिस्क एकमात्र साधन था

वर्तमान समय में आधुनिक कंप्यूटर में फ्लॉपी डिस्क का फीचर नहीं दिया जाता परंतु अभी भी कई सारे नई कंप्यूटर्स में floppy ड्राइव्स पाई जाती हैतथा कंप्यूटर निर्माता कंपनियां custom made कंप्यूटर बनाते समय floppy drives का फ़ीचर दे सकते हैं

Boot Disks

जी हांदोस्तों  डिस्क से boot करने का मुख्य फायदा  होता है कि जब आप ऑपरेटिंग सिस्टम के बजाय हार्ड ड्राइव को किसी disk से boot करते हैं तो यह आपको कहीं सारे टास्क जैसे errors के लिए मेमोरी चेक करना,

या troubleshooting के सिस्टम के अन्य errors को चेक करने में मदद करता हैअतः इस तरह भी floppy डिस्क फायदेमंद होती है

फ्लॉपी डिस्क का इतिहास – History of Floppy Disk in Hindi

फ्लॉपी डिस्क ड्राइव का अविष्कार वर्ष 1967 में Alan Shugart द्वारा 1967 में किया गया। यह 8 इंच का पहला फ्लॉपी disk डिजाइन था तथा 1970 के शुरुआती दौर में इसका इस्तेमाल होने लगा। उस समय इसका इस्तेमाल कंप्यूटर में read only format के लिए हुए तथा बाद read-write फॉरमैट के लिए भी किया गया।

हालांकि आपका यह जानना जरूरी है कि आमतौर पर डेस्कटॉप/ लैपटॉप कंप्यूटर floppy डिस्क का इस्तेमाल सपोर्ट नही करते। पहली floppy डिस्क एक फ्लेक्सिबल (लचीली) तथा पतली चुम्बकीय (magnetic) डिस्क से बनाई गई थी। दोस्तों आइए हम floppy डिस्क की साइज की बात कर लेते हैं।

फ्लॉपी डिस्क आमतौर पर 3 साइज में उपलब्ध होती है पहला 8 इंच दूसरा 5.25 इंच तथा 3.5 इंच दोस्तों floppy का लेटेस्ट 3.5 इंच version में अधिक cutting edge टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करता है। इसमें पहले के versions के मुकाबले अधिक डाटा स्टोर किया जा सकता है। दोस्तों जैसे जैसे टेक्नोलॉजी advanced हो रही है floppy disk का आकार भी कम होता जा रहा है।

फ्लॉपी डिस्क का भविष्य – Future Of Floppy Disk In Hindi

दोस्तों अंत में यहां आप को समझना होगा कि वर्तमान समय में 5.25 तथा 3.5 इंच के floppy disk का प्रचलन खत्म हो चुका हैहालांकि अभी भी system में प्रॉब्लम की स्थिति में command prompt पर boot करने के लिए floppy डिस्क ड्राइव का उपयोग किया जाता है

और आज भी कभीकभी कंप्यूटर्स में bios upgrade हेतु फ्लॉपी डिस्क का इस्तेमाल होता हैपरंतु यह उपयोग भी धीरेधीरे खत्म हो रहा है। और वर्तमान समय में  कंप्यूटर निर्माता कंपनियां नई machines में फ्लॉपी डिस्क ड्राइव को इंस्टॉल नहीं कर रहे हैं

संक्षेप में कहें तो “floppy डिस्क तकनीक का इस्तेमाल  आज के समय में लगभग खत्म हो चुका थातथा इसकी जगह आज usb एवं अन्य network file transfer का उपयोग होता हैऔर उम्मीद है आने वाले समय में कुछ नई टेक्नोलॉजी कंप्यूटर निर्माता कंपनियों द्वारा यूजर्स के लिए उपलब्ध की जाएगी

फ्लॉपी डिस्क कैसे काम करती है? How Floppy Disk Works In Hindi

floppy disk एक मैग्नेटिक मीडिया होती है मैग्नेटिक मीडिया एक स्टोरेज डिवाइस होती हैं। जो इंफॉर्मेशन स्टोर करने के लिए मैग्नेटिक पैटर्न का इस्तेमाल करती है। एक फ्लॉपी डिस्क डाटा को स्टोर एवं रीड करने का कार्य Floppy डिस्क के read head के जरिए करती है।

3.5 इंच की फ्लॉपी डिस्क को जब किसी ड्राइव में insert किया जाता है, तो मेटल स्लाइड door ओपन हो जाता है। जो फ्लॉपी डिस्क में मैग्नेटिक डिस्क को expose कर देता है। floppy डिस्क के read/write हेड्स 0 से 1 की मैग्नेटिक पोलैरिटी का इस्तेमाल करते हैं और कंप्यूटर इसे एक बायनरी डाटा समझकर यह पता कर लेता है letter में कौन सा डाटा है।

यदि कंप्यूटर को लेटर में इंफॉर्मेशन को राइट करना तो read/write हेड्स की  magnetic polarity को align कर देता है, जिन्हें बाद में रीड किया जा सके।

हार्ड डिस्क और फ्लॉपी डिस्क में क्या अंतर है?

फ्लॉपी डिस्क Small और Portable होती है, जबकि हार्ड डिस्क साइज में अधिक होने की वजह से पोर्टेबल आमतौर पर नहीं होती।

हार्ड डिस्क की तुलना में फ्लॉपी डिस्क की कीमत कम होती है मार्केट में। आपको यह काफी सस्ते दाम पर मिल जाती है। जबकि हार्ड डिस्क विभिन्न स्टोरेज कैपेसिटी के साथ मार्केट में अवेलेबल है, जिनकी कीमत आपको कम से कम से लेकर ज्यादा से ज्यादा में मिल जाएगी।

स्टोरेज कैपेसिटी कम होने की वजह से फ्लॉपी डिस्क में डाटा काफी कम मात्रा में स्टोर किया जा सकता है। जबकि हार्ड डिस्क कंप्यूटर का मुख्य स्टोरीज मीडियम माना जाता है जिसमें बड़ी मात्रा में डाटा को स्टोर किया जा सकता है। हार्ड डिस्क की तुलना में फ्लॉपी डिस्क में store डाटा को एक्सेस करने में स्पीड की प्रॉब्लम आती है, क्योंकि इसमें डाटा Accessing स्पीड काफी कम होती है। वही हार्ड डिस्क में फ्लॉपी डिस्क की तुलना में काफी अच्छी स्पीड देखी जा सकती है।

सिक्योरिटी के नजरिए से भी देखा जाए तो फ्लॉपी डिस्क में स्टोर किया गया डाटा safe नहीं माना जाता। जबकि दूसरी ओर हार्ड डिस्क में जो डाटा होता है वह अधिक safe माना जाता है, इसीलिए सालों का डाटा भी हार्ड डिस्क में स्टोर किया गया हम उसे इस्तेमाल कर पाते हैं।

डैमेज होने की समस्या की वजह से फ्लॉपी डिस्क आसानी से डैमेज हो सकती है जबकि हार्ड डिस्क के आसानी से डैमेज होने की संभावनाएं काफी कम होती हैं। एक floppy डिस्क सिंगल flat piece होता है तथा यह आयरन ऑक्साइड तथा प्लास्टिक कोटेड से मिलकर बना होता है। जबकि हार्ड डिस्क में एक या एक से अधिक meta प्लेट्स की कोटिंग होती हैं जिसमें आईरन ऑक्साइड भी शामिल होती है।

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हेलो दोस्तों, मेरा नाम अंकुर सिंह है और में New Delhi से हूँ। मैंने B.Tech (Computer Science) से ग्रेजुएशन किया है। और में इस ब्लॉग पर टेक्नोलॉजी, कंप्यूटर, मोबाइल और इंटरनेट से जुड़े लेख लिखता हूँ।

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