Google Analytics क्या है और कैसे इस्तेमाल करें?

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गूगल एनालिटिक्स गूगल के द्वारा दी जाने वाली एक ऐसी सुविधा है, जिसके द्वारा आप अपने ब्लॉग अथवा अपने वेबसाइट की महत्वपूर्ण जानकारियों को प्राप्त कर सकते हैं और जानकारियों के आधार पर अपने ब्लॉग अथवा वेबसाइट को किस प्रकार से इंप्रूव करना है, इसका डिसीजन भी ले सकते हैं। तो चलिए बढ़ते हैं आगे और आर्टिकल में जानते हैं कि आखिर “Google Analytics क्या है” और “Google Analytics काम कैसे करता है।”

Google Analytics क्या है और कैसे इस्तेमाल करें?


ब्लॉगिंग करने वाले हर व्यक्ति को गूगल एनालिटिक्स के बारे में जानकारी रखना आवश्यक होता है, क्योंकि यह उनके ब्लॉगिंग कैरियर में हमेशा काम आता है, इसी बात का ध्यान रखते हुए हमने इस आर्टिकल में Google Analytics क्या है से जुडी सभी जानकारियाँ साझा की है। इसे अछे से समझने के लिए आर्टिकल को अंत तक पढ़े।

Google Analytics Details In Hindi

प्लेटफार्म का नाम: गूगल एनालिटिक्स
मालिक: गूगल
लॉन्च डेट: 15 नवंबर 2005 
वेबसाइट लिंक: analytics.google.com
एप उपलब्धता: गूगल प्ले स्टोर, एप्पल एप्लीकेशन स्टोर, इंटरनेट
रजिस्ट्रेशन: जरूरी है
वर्तमान स्थिति: सक्रिय

Google Analytics क्या है?

गूगल एनालिटिक्स वेब एनालिटिक्स सर्विसे है, जो गूगल के द्वारा वेबसाइट के ट्रैफिक को रिपोर्ट करने के लिए और ट्रैक करने के लिए ऑफर की जाती है। कहने का मतलब है कि आप की वेबसाइट पर कितना ट्रैफिक आ रहा है, कहां से ट्रैफिक आ रहा है इन सभी बातों के बारे में जानने के लिए गूगल एनालिटिक्स का इस्तेमाल किया जा सकता है। 

गूगल के द्वारा इस शानदार सर्विस को साल 2005 के नवंबर के महीने में लॉन्च किया गया था। यह सर्विस वर्ल्ड वर्ल्ड लेवल पर अवेलेबल है अर्थात दुनिया के कई देशों के लोग गूगल एनालिटिक्स सर्विस का इस्तेमाल कर सकते हैं।


गूगल एनालिटिक का मालिक गूगल है। गूगल एनालिटिक्स की आधिकारिक वेबसाइट का यूआरएल analytics.google.com है। साल 2019 के आंकड़े के अनुसार देखा जाए तो गूगल एनालिटिक्स वेब पर बड़े पैमाने पर इस्तेमाल की जाने वाली वेब एनालिटिक्स सर्विस है। 

गूगल एनालिटिक्स की आधिकारिक वेबसाइट भी गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है, जो स्मार्टफोन के माध्यम से वेबसाइट की ट्रैकिंग करने के लिए बहुत ही सहायक साबित होती है। गूगल एनालिटिक्स का इस्तेमाल करने के लिए आपको कोई भी पैसे नहीं देने होते हैं, क्योंकि यह फ्री सुविधा है।

Google Analytics कैसे काम करता है?

वेबसाइट की रिपोर्ट पाने के लिए सबसे पहले यूजर को गूगल एनालिटिक्स अकाउंट बनाना होता है। इसके बाद गूगल एनालिटिक के द्वारा आपको एक जावास्क्रिप्ट कोड दिया जाता है, जिसे आपको वेबसाइट के सभी पेज पर लगाना होता है। 


जैसे ही कोई यूजर कोई ऐसा कीवर्ड सर्च करता है जो आपके ब्लॉग पर मौजूद होता है तो यूजर आपके ब्लॉग पर आ जाता है‌। यूजर के आपके ब्लॉग पर आने के बाद गूगल एनालिटिक के द्वारा उसका डाटा इकट्ठा कर लिया जाता है। 

डाटा में यह यूजर के Clicks, Page Views, Sessions, Purchase, Location, Device Used, Browser इत्यादि डाटा की ट्रैकिंग कर लेता है, साथ ही गूगल एनालिटिक्स यह भी देखता है कि आपके ब्लॉग पर सोशल मीडिया से कितने विजिटर आ रहे हैं या फिर ऐड केमपेन के द्वारा कितने विजिटर आ रहे हैं अथवा कितने ऑर्गेनिक विजिटर आ रहे हैं।

डाटा को इकट्ठा कर लेने के पश्चात यह इंफॉर्मेशन गूगल एनालिटिक्स को चली जाती है। गूगल एनालिटिक्स के द्वारा प्राप्त हुए डाटा को अलग-अलग क्राइटेरिया के हिसाब से ऑर्गेनाइज किया जाता है और उसके बाद डाटा प्रदान कर दिया जाता है जिसे आप देख सकते हैं और उसके बाद आगे की रणनीति बना सकते हैं।


Google Analytics ब्लॉग के लिए जरूरी क्यों है?

ब्लॉग या फिर वेबसाइट का निर्माण करने वाले हर व्यक्ति के मन में यह इच्छा होती है कि उसके ब्लॉग या फिर वेबसाइट पर अधिक से अधिक ट्रैफिक आएं, क्योंकि जब अधिक से अधिक ट्रैफिक आएगा तभी उसकी गूगल ऐडसेंस और दूसरे एडवर्टाइज नेटवर्क से ज्यादा कमाई होगी। 

बस इसीलिए गूगल एनालिटिक्स ब्लॉग के लिए आवश्यक होता है क्योंकि इसके द्वारा ब्लॉग के ट्रैफिक के आंकड़े को देखा जा सकता है, जिससे लोगों को किस प्रकार से ब्लॉग को डिवेलप करना है, इससे संबंधित निर्णय लेने में आसानी होती है।

Google Analytics पर अकाउंट कैसे बनाएं?

गूगल एनालिटिक्स इस्तेमाल करने के लिए आपको गूगल एनालिटिक्स पर अकाउंट क्रिएट करने की आवश्यकता होती है। अकाउंट चाहे तो आप इसकी ऑफिशियल एप्लीकेशन को डाउनलोड करके भी बना सकते हैं या फिर इंटरनेट पर इसकी ऑफिशियल वेबसाइट को विजिट करके भी अकाउंट बना सकते हैं। नीचे हम आपको वेबसाइट के माध्यम से अकाउंट बनाने की प्रक्रिया बता रहे हैं।


1: गूगल एनालिटिक्स अकाउंट बनाने के लिए सर्वप्रथम आपको मोबाइल में इंटरनेट डाटा चालू करना है और उसके बाद किसी भी ब्राउज़र को ओपन करना है।

2: ब्राउज़र को ओपन करने के बाद सबसे ऊपर जो सर्च बॉक्स मिल रहा है, उस पर क्लिक करना है।

3: सर्च बॉक्स पर क्लिक करने के बाद आपको अंग्रेजी भाषा में गूगल एनालिटिक्स ऑफिशियल वेबसाइट लिखना है और सर्च करना है।

4: जब सर्चिंग की प्रक्रिया पूरी हो जाती है, तो आपके डिवाइस की स्क्रीन पर गूगल एनालिटिक्स की ऑफिशियल वेबसाइट आती है। आपको ऑफिशियल वेबसाइट के नाम के ऊपर क्लिक करना है।

5: गूगल एनालिटिक्स वेबसाइट ओपन हो जाने के बाद आपके द्वारा अपने मोबाइल में जितने भी ईमेल आईडी का इस्तेमाल किया जाता होगा, वह सभी ईमेल आईडी आपकी स्क्रीन पर आ जाएंगी।

6: आपकी स्क्रीन पर जो ईमेल आईडी आई है, उनमें से आपको उस ईमेल आईडी के ऊपर क्लिक कर देना है, जिस ईमेल आईडी पर आपने अपना ब्लॉग या फिर अपनी वेबसाइट बनाई हुई है।

7: ईमेल आईडी पर क्लिक करते ही ऑटोमेटिक आप अगले पेज पर चले जाते हैं, जहां पर आपको ईमेल आईडी का पासवर्ड दर्ज करने की आवश्यकता होती है। आपको ईमेल आईडी का पासवर्ड दर्ज करने के बाद नेक्स्ट बटन पर क्लिक करना है।

इस प्रकार से गूगल एनालिटिक्स पर आपका अकाउंट बन जाता है और आप गूगल एनालिटिक्स के होम पेज पर चले जाते हैं। इस प्रकार से उपरोक्त प्रक्रिया का पालन करके आसानी से गूगल एनालिटिक्स अकाउंट बनाया जा सकता है।

गूगल एनालिटिक्स की विशेषताएं 

गूगल एनालिटिक्स की विशेषताएं निम्नानुसार है।

  • अपनी वेबसाइट के ट्रैफिक रिपोर्ट की जानकारी पाने के लिए गूगल एनालिटिक्स का इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • आपकी वेबसाइट पर जो विजिटर आते हैं, उनके बारे में जानकारी पाने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। जैसे कि आप यह पता कर सकते हैं कि विजिटर की लोकेशन क्या है, विजिटर कौन से डिवाइस से आपकी वेबसाइट पर आया है, विजिटर कितने समय आपकी वेबसाइट पर रुका रहा और विजिटर की उम्र कितनी है।
  • अपनी वेबसाइट के कन्वर्जन को चेक करने के लिए गूगल एनालिटिक्स फायदेमंद होता है।
  • आपकी वेबसाइट के ऐसे पेज के बारे में भी आप जानकारी प्राप्त कर सकते हैं जिस पर सबसे अधिक विजिटर आए हुए हैं।
  • वेबसाइट की लोडिंग स्पीड की जानकारी पाने के लिए भी गूगल एनालिटिक्स सहायक साबित होता है।
  • इसके द्वारा आप यह भी जान सकते हैं कि कौन से ब्राउज़र में वेबसाइट को ओपन होने में कितना टाइम लग रहा है। 
  • वेबसाइट के कौन से पेज से आपको गूगल ऐडसेंस के माध्यम से कितनी कमाई हो रही है, इसके बारे में भी गूगल एनालिटिक्स बताता है।

गूगल एनालिटिक्स का उपयोग 

गूगल एनालिटिक्स का उपयोग निम्नानुसार है।

  • वेबसाइट का ट्रैफिक जाने

गूगल एनालिटिक के द्वारा वेबसाइट के ट्रैफिक के बारे में जानकारी प्राप्त करी जा सकती है। आप इसके द्वारा वेबसाइट के मासिक, साप्ताहिक और दैनिक ट्रैफिक के बारे में काफी बारीकी से जानकारी इकट्ठा कर सकते हैं।

  • रियल टाइम ऑडियंस को चेक करें

इंटरनेट पर गूगल एनालिटिक्स ही एकमात्र ऐसा टूल है जिसके द्वारा आप अपने ब्लॉग और वेबसाइट पर real-time ट्रैफिक को चेक कर सकते हैं। इसके द्वारा आप यह पता कर सकते हैं कि वर्तमान के समय में आपके ब्लॉग पर कितने विजिटर आए हुए हैं।

  • विजिटर के व्यवहार को पहचाने

एनालिटिक का इस्तेमाल आप की वेबसाइट पर आने वाले विजिटर के व्यवहार को पहचानने के लिए किया जाता है, क्योंकि आपको इसके अंदर ऐसे बहुत सारे टूल मिल जाते हैं जिसके द्वारा विजिटर के व्यवहार को आसानी से समझा जा सकता है और फिर उसी हिसाब से वेबसाइट के लिए आगे का एक्शन लिया जा सकता है।

  • सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन को बेहतरीन करें

अपनी वेबसाइट के सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन को बढ़िया बनाने के लिए गूगल एनालिटिक्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके द्वारा आप आसानी से अपनी वेबसाइट में मौजूद एरर को आईडेंटिफाई कर सकते हैं और उसे फिक्स कर सकते हैं जिसकी वजह से वेबसाइट का SEO इंप्रूव होता है।

  • विजिटर की इनफार्मेशन प्राप्त करें

गूगल एनालिटिक्स का इस्तेमाल वेबसाइट पर आने वाले विजिटर की इंफॉर्मेशन प्राप्त करने के लिए किया जाता है। इसके द्वारा आपको यह पता चलता है कि विजिटर कहां से आए हुए हैं, कितने विजिटर कौन से देश/शहर से आए हुए हैं, कौन से डिवाइस से आपकी वेबसाइट पर विजिटर आए हुए हैं, विजिटर कितने समय तक आप की वेबसाइट पर रुक रहे हैं। इन सभी बातों को समझ कर आप उसी हिसाब से ब्लॉग को कस्टमाइज कर सकते हैं और क्वालिटी ऑडियंस को टारगेट करने का काम कर सकते हैं।

गूगल एनालिटिक्स से क्या ट्रैक कर सकते हैं?

आप गूगल एनालिटिक के द्वारा निम्न चीजों को ट्रैक कर सकते हैं।

  • विजिटर्स

अपनी वेबसाइट के विजिटर को गूगल एनालिटिक के द्वारा चेक कर सकते हैं और यह जान सकते हैं कि वह आपके ब्लॉग के साथ किस प्रकार से इंटरेक्ट कर सकते हैं, वह कौन से पेज पर कितनी देर रुक रहे हैं और कौन से लिंक पर क्लिक कर रहे हैं।

  • लैंडिंग पेज

आपके ब्लॉग के कौन से पेज को सबसे ज्यादा लोगों के द्वारा विजिट किया जा रहा है, इसके बारे में आप जान सकते हैं।

  • एग्जिट पेज 

आप गूगल एनालिटिक्स के द्वारा ऐसे पेज को भी ट्रैक कर सकते हैं जिन्हें लोग विजिट नहीं करते हैं या फिर जहां पर जाने के बाद जल्दी से वापस आ जाते हैं।

  • नेटवर्क रेफरल

नेटवर्क रेफरल के द्वारा इस बात की जानकारी प्राप्त होती है कि कौन से सोशल नेटवर्क से कितने लोग आपके ब्लॉग अथवा वेबसाइट पर आ रहे हैं। यह इंफॉर्मेशन सोशल मीडिया स्ट्रेटजी को प्रभावशाली बनाने में आपकी सहायता करती है।

  • ट्रैफिक सर्च 

गूगल एनालिटिक्स यह बताता है कि आप की वेबसाइट पर डायरेक्ट ट्रैफिक आ रहा है या सोशल मीडिया से ट्रैफिक आ रहा है या फिर एडवरटाइजमेंट कैमपेन के द्वारा ट्रैफिक आ रहा है।

  • Average Session Duration

गूगल एनालिटिक्स यह बताता है कि आपके ब्लॉग पर जो विजिटर आया है वह सामान्य तौर पर कितना देर आपके ब्लॉग पर इंगेज रहता है। इसकी वजह से आपको यह पता चलता है की आपका ब्लॉग कैसा परफॉर्म कर रहा है और कैसे आप यूजर को अपने ब्लॉग के साथ इंगेज रखने के लिए अपने ब्लॉग को इंप्रूव कर सकते हैं।

  • बाउंस रेट

इसके द्वारा यह पता चलता है कि कितने पर्सेंट यूजर ने आपकी वेबसाइट पर कोई एक्टिविटी की और कितनों ने नहीं की। बाउंस रेट ज्यादा होने पर आपकी वेबसाइट के लिए यह अच्छा नहीं माना जाता है।

  • कन्वर्जन रेट

गूगल एनालिटिक के द्वारा कन्वर्जन रेट को चेक कर सकते हैं। इसके द्वारा अधिक या फिर कम कन्वर्जन रेट को जाना जा सकता है।

Google Analytics सेटअप कैसे करें?

गूगल एनालिटिक्स सेट अप करने की प्रक्रिया निम्नानुसार है।

1: किसी वेबसाइट के लिए गूगल एनालिटिक्स का सेटअप करने के लिए सबसे पहले आपको किसी भी ब्राउज़र में गूगल एनालिटिक्स की आधिकारिक वेबसाइट को ओपन कर लेना है। आधिकारिक वेबसाइट का लिंक आपको इसी आर्टिकल में दिया गया है।

2: गूगल एनालिटिक्स साइट पर जाने के बाद आपको जो साइन अप विद फ्री वाला ऑप्शन दिखाई दे रहा है, उस पर क्लिक कर देना है।

3: अब आपकी स्क्रीन पर जो अगला पेज आएगा, उसमें आपको एक अन्य साइनअप वाली बटन दिखाई देगी, इसी बटन पर क्लिक कर दें।

4: अब आपको गूगल एनालिटिक्स अकाउंट बनाने के लिए एक एप्लीकेशन फॉर्म को भरने की आवश्यकता होगी, जिसे आपको नीचे दिए गए हिसाब से भरना है।

  • सबसे पहले आपको वेबसाइट या फिर मोबाइल एप्लीकेशन वाले ऑप्शन में से किसी भी एक ऑप्शन का सिलेक्शन करना है‌। हमने वेबसाइट वाले ऑप्शन का सिलेक्शन किया हुआ है।
  • अब आपको निश्चित जगह में अकाउंट नेम, वेबसाइट नेम, वेबसाइट यूआरएल, इंडस्ट्री कैटेगरी और रिपोर्टिंग टाइम जोन इत्यादि की जानकारियों को दर्ज करना है।
  • अब आपको डाटा शेयरिंग सेटिंग वाला ऑप्शन मिलेगा, जहां पर आपको टिक मार्क कर देना है। इसके बाद गेट ट्रैकिंग आईडी वाले ऑप्शन पर क्लिक करना है।
  • अब आपकी स्क्रीन पर एक पॉपअप बॉक्स ओपन होकर आएगा, जिसमें जो टर्म ऑफ सर्विस एग्रीमेंट लिखा है, उसे अच्छे से पढ़ना है और उसके बाद आई एक्सेप्ट वाले ऑप्शन पर क्लिक कर देना है।

5: इतनी प्रक्रिया करने के बाद गूगल एनालिटिक्स डैशबोर्ड ओपन होगा, जहां पर आपको अपनी वेबसाइट के लिए एक ट्रैकिंग आईडी प्राप्त हो जाएगी और साथ ही साथ एक “ग्लोबल साईट टैग (gtag.js)” कोड मिलेगा।

6: आपको जो कोड प्राप्त हुआ है उसे आपको कॉपी कर लेना है और उसे अपने वेबसाइट के header.php के सबसे ऊपर के <body> सेक्शन के आगे जोड़ देना है।

इस प्रकार से अपनी वेबसाइट पर गूगल एनालिटिक्स का सेटअप पूरा हो जाता है। अब आप गूगल एनालिटिक्स अकाउंट ओपन करके वेबसाइट की परफॉर्मेंस को देख सकते हैं।

Google Analytics का उपयोग कैसे करें?

गूगल एनालिटिक का उपयोग करने का तरीका हमने आर्टिकल में आपको जो गूगल एनालिटिक्स का सेट अप कैसे करें, वाला हेड लाइन है उसमें बताया हुआ है। हालांकि संक्षेप में कहा जाए तो गूगल एनालिटिक का इस्तेमाल करने के लिए आपको गूगल एनालिटिक्स पर जा करके अपना अकाउंट बनाना होता है।

इसके लिए आपके पास ईमेल आईडी होनी चाहिए। अकाउंट बनाने के बाद आपको गूगल एनालिटिक में अपनी वेबसाइट की जानकारियों के साथ ही साथ कुछ अन्य जानकारियों को देना होता है और निश्चित प्रक्रिया करनी होती है।

 ऐसा करने पर गूगल एनालिटिक्स के द्वारा आपको एक कोड प्रदान किया जाता है, उसे आपको अपने वेबसाइट के हेडर सेक्शन में जाकर के निश्चित जगह में दर्ज कर देना होता है। इसके बाद आपके वेबसाइट की सभी रिपोर्ट आपको गूगल एनालिटिक्स अकाउंट पर दिखाई देना चालू हो जाती है।

वर्डप्रेस में गूगल एनालिटिक्स कैसे इस्तेमाल करें?

वर्डप्रेस प्लेटफॉर्म पर गूगल एनालिटिक्स का इस्तेमाल करना आसान तो होता है परंतु इसका सेटअप करना थोड़ा सा कन्फ्यूजन भरा होता है। इसलिए हमारी आपको यही सलाह रहेगी कि अगर आप वर्डप्रेस पर अपनी वेबसाइट या फिर ब्लॉग चलाते हैं।

 तो उस पर गूगल एनालिटिक्स का इस्तेमाल करने के लिए आपको यूट्यूब के किसी बेस्ट ट्यूटोरियल वीडियो का सहारा लेना चाहिए और वीडियो में जिस प्रकार से बताया जा रहा है।

उसी प्रकार से स्टेप बाय स्टेप प्रक्रिया का पालन करके अपने वर्डप्रेस ब्लॉग पर गूगल एनालिटिक का सेटअप करना चाहिए। इसके बाद आप आसानी से वर्डप्रेस पर भी गूगल एनालिटिक्स का इस्तेमाल कर सकेंगे।

गूगल एनालिटिक्स का इस्तेमाल कौन कर सकता है?

गूगल के द्वारा इस बात की जानकारी प्रदान की गई है कि गूगल एनालिटिक्स का इस्तेमाल ऐसे लोग कर सकते हैं जिनके पास अपनी खुद की वेबसाइट मौजूद है या फिर खुद का ब्लॉग मौजूद है अथवा जिनके पास अपनी कोई एप्लीकेशन मौजूद है और जो अपनी वेबसाइट, ब्लॉग या फिर अपने एप्लीकेशन को गूगल एनालिटिक्स के माध्यम से ट्रैक करना चाहते हैं और उसकी रिपोर्ट को हासिल करना चाहते हैं।

गूगल एनालिटिक्स का इस्तेमाल करने के लिए कोई भी उम्र सीमा तय नहीं की गई है। अगर आपके पास ईमेल आईडी है और उपरोक्त चीजें आपके पास मौजूद है तो आसानी से आप गूगल एनालिटिक्स प्लेटफॉर्म पर अपना अकाउंट बिल्कुल मुफ्त में बना सकते हैं और उसके बाद गूगल एनालिटिक्स का इस्तेमाल करना शुरू कर सकते हैं।

गूगल एनालिटिक्स क्या करता है?

गूगल एनालिटिक्स के द्वारा यूजर बिहेवियर की जानकारी आपको दी जाती है, जो आपके बिजनेस के लिए फायदेमंद हो सकती है। ऐसी कई वजह है जिसकी वजह से आपको गूगल एनालिटिक्स का इस्तेमाल करना चाहिए। यह आपकी वेबसाइट को मीजर करने का काम करता है अर्थात वेबसाइट की परफॉर्मेंस कैसी है इसके बारे में कंप्लीट जानकारी आपको देता है।

गूगल एनालिटिक्स आपको इस बात की भी जानकारी प्रदान करता है कि यूज़र की उम्र कितनी है, यूजर का जेंडर क्या है, यूजर कौन सी कंट्री से संबंध रखता है, उसके द्वारा कौन से डिवाइस का इस्तेमाल करके आपकी एप्लीकेशन, वेबसाइट या फिर ब्लॉग का इस्तेमाल किया जा रहा है।

गूगल एनालिटिक्स ट्रैकिंग कोड क्या है?

आप जब गूगल एनालिटिक्स पर अकाउंट बनाते हैं, तब गूगल एनालिटिक्स के द्वारा आपको एक ट्रैकिंग आईडी अर्थात ट्रैकिंग कोड प्रदान किया जाता है। आपको इस ट्रैकिंग कोड को ले जा करके अपनी वेबसाइट या फिर ब्लॉग के हेडर सेक्शन में दर्ज करना होता है और सबमिट कर देना होता है।

ऐसा करने से आपकी वेबसाइट या फिर आपके ब्लॉग की इंफॉर्मेशन गूगल एनालिटिक्स को प्राप्त होना चालू हो जाती है और फिर गूगल एनालिटिक्स प्राप्त इंफॉर्मेशन के आधार पर ही आपको आपकी वेबसाइट, ब्लॉग अथवा एप्लीकेशन की महत्वपूर्ण जानकारियों को प्रदान करने का काम करता है।

FAQs: 

गूगल एनालिटिक्स क्या है समझाइए?

इसके द्वारा वेबसाइट के ट्रैफिक को देखा जा सकता है और वेबसाइट को किस प्रकार से आगे बढ़ाना है, इसका डिसीजन लिया जा सकता है।

गूगल एनालिटिक्स क्या है और यह क्यों जरूरी है?

यह गूगल की वेब एनालिटिक्स सर्विस है जो ब्लॉग के ट्रैफिक को देखने के लिए जरूरी होती है।

गूगल एनालिटिक कब लांच हुआ था?

14 नवंबर 2005

गूगल एनालिटिक्स से क्या तात्पर्य होता है?

गूगल एनालिटिक्स प्लेटफार्म के द्वारा आपकी वेबसाइट और ब्लॉग तथा एप्लीकेशन से डाटा को इकट्ठा करके रिपोर्ट बनाई जाती है, जो आपके लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होती है।

गूगल एनालिटिक्स की विशेषता क्या है?

इसके द्वारा वेबसाइट की परफॉर्मेंस को ट्रैक कर सकते हैं और विजिटर की सारी जानकारी को प्राप्त कर सकते हैं।

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Hope की आपको यह पोस्ट Google Analytics क्या है?, कैसे काम करता है?, इसमें अकाउंट कैसे बनाये? का यह पोस्ट पसंद आया होगा और आपके लिए यह लेख हेल्पफुल भी रहा होगा।

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हेलो दोस्तों, मेरा नाम अंकुर सिंह है और में New Delhi से हूँ। मैंने B.Tech (Computer Science) से ग्रेजुएशन किया है। और में इस ब्लॉग पर टेक्नोलॉजी, कंप्यूटर, मोबाइल और इंटरनेट से जुड़े लेख लिखता हूँ।

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