GST Number Kaise Le? जीएसटी नंबर कैसे प्राप्त करें?


आज हम इस लेख के माध्यम से जानेंगे कि GST Number Kaise Le? जीएसटी नंबर कैसे प्राप्त करें? और इसका प्रोसेस क्या है? 1 जुलाई 2017 से जब से जीएसटी लागू हुआ है तब से बहुत सारे दुकानदार, कारोबारी और अपना स्टार्टअप करने वाले लोगों को GST नंबर लेने की आवश्यकता पड़ रही है? लेकिन कई लोगों को यह नहीं पता रहता रहता है कि GST नंबर कैसे लेना है?

GST Number Kaise Le? जीएसटी नंबर कैसे प्राप्त करें? 2022

इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बताएंगे GST नंबर बड़ी आसानी से कैसे ले सकते हैं? GST Number Kaise Le? इसकी प्रक्रिया क्या है? जैसा की आप जानते होंगे की पहले टैक्स सरंचना बड़ी जटिल हुआ करती थी क्योंकि पहले आपको सर्विस टैक्स ,वैट और एक्साइज ड्यूटी देनी पड़ती थी।


लेकिन भारत सरकार इस समस्या को खत्म करने के लिए जीएसटी लाई है। जिसका संक्षिप्त नाम Goods and services Tax होता है, आइए जानते हैं

GST Kya Hai?

जीएसटी का पूरा नाम गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स है। अर्थात वस्तु एवं सेवा कर, भारत सरकार पहले वस्तुओं तथा सेवाओं पर अलग से टैक्स लगाती थी। लेकिन जीएसटी के आने के बाद से अब वस्तु और सेवा का टैक्स एक साथ ही आपको चुकाना पड़ता है। चूंकि पहले की कार्यप्रणाली बड़ी जटिल हुआ करती थी क्योंकि कंजूमर को गुड्स के लिए अलग से tax चुकाना पड़ता था और सर्विसेज के लिए अलग से। 


इससे कंजूमर पर ज्यादा भार पड़ता था। इन सब सभी समस्याओं के निदान के लिए भारत सरकार ने जीएसटी की अवधारणा पेश की। यदि जीएसटी की परिभाषा एक शब्दों में दी जाए तो जीएसटी वस्तुओं और सेवाओं पर लगने वाला व्यापक कर है। यह अप्रत्यक्ष करों में सुधार है। जिसके अंतर्गत एक राष्ट्र एक कर तथा एक बाजार की संकल्पना को साकार किया जाता है। जीएसटी के अंतर्गत वस्तुओं और सेवाओं पर लगाए जाने वाले विभिन्न अप्रत्यक्ष करों को एक कर के रूप में समाहित किया गया है। 

संक्षेप में कहें तो जीएसटी का मुख्य लक्ष्य कर की दर एवं प्रक्रिया में समरूपता लाकर आर्थिक बाधाओं को समाप्त करना एवं राष्ट्रीय साझा बाजार की स्थापना करना है।

GST Number Kaise Le?

जीएसटी नंबर लेने के लिए आपके पास लीगल डॉक्यूमेंट होना अनिवार्य है जैसे कि आपके पास डॉक्यूमेंट में पैन कार्ड ,आधार कार्ड और साथ ही साल बिजली का बिल और साथ ही साथ आपका हाउस टैक्स का हार्ड कॉपी और साथ ही साथ आप जिस किराए के मकान में ऑफिस लिए हैं,


उसका एनओसी पेपर और साथ ही साथ ईमेल और फोन नंबर की आवश्यकता  पड़ती है। तो आज इस आर्टिकल के  माध्यम से हम जानेंगे की  जीएसटी नंबर कैसे लेना है ?उसका प्रोसेस क्या है? उस प्रोसेस में आने वाली कठिनाई क्या है? उसका समाधान क्या है?

जीएसटी नंबर कैसे प्राप्त करें?

  • सबसे पहली आपको अपना इंटरनेट डाटा ऑन करना है।
  • फिर अपने device में क्रोम ब्राउज़र को ओपन करना है उसके बाद आपको उसमें gst.gov.in टाइप करना है।
  • जब आप gst.gov.in का वेबसाइट खुलता है तब आपको GST पोर्टल पर के पेज पर क्लिक करना है।
  • जब आप जीएसटी पोर्टल का पेज ओपन करते हैं तब आपको फॉर्म फिल अप करना रहता है आपको फॉर्म फिल अप करने के लिए एप्लिकेशन का पार्ट ए पहले  फिल अप करना है। जिसमें आपसे आपका पैन का नंबर ,मोबाइल का नंबर और आपका इमेल आईडी मांगा जाएगा।
  • जब आप अपना मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी भर देते हैं। तब आपके ईमेल पर एक मैसेज आएगा उस मैसेज में ओटीपी रहेगा ।उस ओटीपी को आप को कॉपी करके पुनः जीएसटी पोर्टल में आकर उस ओटीपी वाले ऑप्शन में पेस्ट कर देना है।
  • फिर ई-मेल द्वारा आपका पार्ट ए एप्लिकेशन को  वेरीफाई किया जाएगा।
  • फिर आपको आवश्यक दस्तावेज अपलोड करना है आवश्यक दस्तावेज में जैसे पैन कार्ड ,बिजली का बिल, पानी का बिल ,हाउस टैक्स का बिल,आदि डॉक्यूमेंट को आपको अपलोड करना रहेगा।
  • जब आप मांगे गए डॉक्यूमेंट को अपलोड कर देते हैं तब आपको एक नंबर मिलेगा आप उस नंबर का उपयोग करके आप पार्ट बी तक पहुंच सकते हैं और फिर आप पार्ट B को भरे।
  • तब आपको आपकी आवेदन का रजिस्ट्रेशन संख्या आपको मिल जाएगा।
  • इसके बाद जीएसटी अधिकारी आपके द्वारा सब्मिट किए गए डॉक्यूमेंट का वेरीफाई करेगा। यह देखने के लिए की क्या डॉक्यूमेंट में जो पैन कार्ड, आधार कार्ड और बिजली का बिल है यह सब ठीक है? यदि यह ठीक है तो आपको ईमेल के माध्यम से सूचित किया जाएगा।
  • यदि डॉक्यूमेंट में सब कुछ ठीक रहा तो जीएसटी अधिकारी 3 दिनों के अंदर आपके द्वारा किए गए आवेदन को या तो रिजेक्ट करेगी या तो एक्सेप्ट करेगी
  • यदि किसी और डॉक्यूमेंट की नीड रहती है तो आपके ईमेल पर एक मैसेज भेजा जाएगा आप उस ईमेल पर मांगे गए डॉक्यूमेंट को भेज सकते हैं।
  • इस प्रक्रिया के बाद जीएसटी अधिकारी आपके जीएसटी नंबर को अलॉट कर देगा।

ध्यान देने योग्य बात यह है कि जीएसटी नंबर लेने के लिए आपको किसी फर्जी डॉक्यूमेंट को नहीं सब्मिट करना है । अन्यथा जीएसटी ऑफिसर आपके ऊपर कार्यवाही भी कर सकता है ।

जीएसटी की आवश्यकता क्यों पड़ी?

(1) टैक्स पर टैक्स होने की वजह से कासकेडिंग प्रभाव सृजित होता था। जिससे न केवल उत्पादन की लागत बढ़ जाती थी बल्कि इससे मुद्रास्फीति भी होती थी।


(2) अलग-अलग राज्यों में अलग अलग कर व्यवस्था विद्यमान थी इसके परिणाम स्वरूप इंटीग्रेटेड नेशनल मार्केट की स्थापना नहीं हो पाती थी।

(3) विभिन्न प्रकार के टैक्स तथा विभिन्न प्रकार की कर की दरें अर्थव्यवस्था में जटिलता उत्पन्न करती थी।

(4) जटिल कर, संरचना कर अपवंचन को बढ़ावा देती है अर्थात कर अनुपालन लागत अधिक एवं कर आधार संकीर्ण हो जाता था।


(5) सेंट्रल वैट और स्टेट वैट का प्रयोग एक दूसरे के देयता में प्रयोग नहीं किया जाता था जिससे उत्पादन के लिए अधिक पूंजी की आवश्यकता होती थी।

(6) भारत में जटिल कर व्यवस्था होने के कारण भारतीय कर व्यवस्था अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सामंजस्य स्थापित नहीं कर पाती थी जिसके परिणाम स्वरूप फॉरेन इन्वेस्टर्स हतोत्साहित होते थे।

जीएसटी की विशेषताएं क्या है?

(1) जीएसटी का  तात्पर्य वस्तु अथवा सेवाओं अथवा दोनों की सप्लाई पर लगने वाला कर है

(2) यह दोहरी कर व्यवस्था है जिसमें केंद्र और राज्य सरकार दोनों एक साथ एक समान कर आधार पर कर अधिरोपित करते हैं। केंद्र सरकार द्वारा संग्रहित किए जाने वाला कर CGST कहलायेगा और राज्य सरकारों द्वारा संग्रहित किए जाने वाला कर  SGST कहलाएगा।

(3) वस्तुओं के आयात तथा इंटरस्टेट सप्लाई पर केंद्र सरकार द्वारा आईजीएसटी निरूपित एवं संग्रहित किया जाएगा अर्थात आयात को इंटर स्टेट सप्लाई माना जाएगा एवं आयात पर सीमा शुल्क के अलावा आईजीएसटी भी लागू होगा।

(4) मानव उपभोग के लिए अल्कोहल को जीएसटी से बाहर रखा गया है।

(5) पेट्रोलियम उत्पादों पर जीएसटी उस तारीख से लागू होगा जिसकी सिफारिश जीएसटी परिषद द्वारा की जाएगी।

(6) जीएसटी की दरों का निर्धारण जीएसटी परिषद द्वारा किया जाएगा।

(7) विभिन्न राज्यों को जीएसटी से होने वाले संभावित हानि की क्षतिपूर्ति केंद्र सरकार द्वारा अगले 5 वर्षों तक सौ पर्सेंट मुआवजा देकर की जाएगी। मुआवजा देने के लिए 2015-16 के राजस्व को आधार बनाया जाएगा।

GST के लाभ

GST से उपभोक्ताओं को निम्न लाभ प्राप्त होंगे।

  • इन्फ्लेशन में कमी
  • पर्चेजिंग पावर में वृद्धि
  • बाजार मांग में तार्किक रूप से वृद्धि

व्यापारी को क्या लाभ प्राप्त होगा?

  • उपभोक्ता मांग में वृद्धि से उत्पादक प्रोत्साहित
  • सरल एवं पारदर्शी कर व्यवस्था से कर अनुपालन आसान
  • इंटरनेशनल ट्रेड को प्रोत्साहन
  • इनपुट टैक्स क्रेडिट के माध्यम से उत्पादन लागत में कमी
  • एकल कर व्यवस्था से कराघाट में कमी।

अर्थव्यवस्था को क्या लाभ होगा?

  • एकीकृत राष्ट्रीय बाजार की स्थापना से केंद्र सरकार व राज्य सरकार के कर कानूनों में एकरूपता
  • अंतर्राष्ट्रीय कर व्यवस्था के साथ सामंजस्य स्थापित
  • विदेशी प्रत्यक्ष निवेश को प्रोत्साहन
  • अर्थव्यवस्था की वास्तविक स्थिति की जानकारी
  • ग्रॉस डॉमेस्टिक प्रोडक्ट अर्थात GDP में वृद्धि की संभावना
  • अंतरराष्ट्रीय बाजार में कंपटीशन करने में सहायता

टैक्स सिस्टम को क्या लाभ होगा?

  • कर अनुपालन में सुधार।
  • कर आधार में विस्तार।
  • कर अपवंचन में कमी।
  • राजस्व संग्रह में वृद्धि
  • टेक्नोलॉजी आधारित होने के कारण मानवीय हस्तक्षेप में कमी तथा ट्रांसपेरेंसी एंड रिस्पांसिबिलिटी टैक्स व्यवस्था की स्थापना।

जीएसटी परिषद क्या है?

यह एक संवैधानिक संस्था है। जिसके अध्यक्ष केंद्रीय वित्त मंत्री होते हैं। तथा सदस्यों के रूप में सभी राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश के वित्त मंत्री भाग लेते हैं। परिषद में केंद्र सरकार  का मत भारत एक तिहाई तथा राज्यों का मत भारत दो तिहाई होता है और परिषद अपना निर्णय तीन चौथाई बहुमत से करती है।

जीएसटी परिषद के कार्य क्या है?

  • केंद्र सरकार राज्य सरकार एवं स्थानीय सरकारों द्वारा वसूले जाने वाले विभिन्न करों को सिर्फ जीएसटी के अंतर्गत समाहित करने की सिफारिश करना।
  • उन वस्तुओं और सेवाओं की सिफारिश करना जिन्हें जीएसटी से छूट प्रदान की जा सकती है।
  • उस तारीख की सिफारिश करना जिस तारीख से पेट्रोलियम उत्पादों पर जीएसटी वसूला जा सके।
  • उस सीमा रेखा का निर्धारण करना जिस से कम टर्नओवर होने पर जीएसटी से छूट प्रदान की जा सके।
  • उत्तर पूर्वी  पर्वतीय राज्यों के संबंध में विशेष प्रावधान स्थापित करना।
  • किसी भी प्राकृतिक आपदा के दौरान अतिरिक्त संसाधन कलेक्ट करने के लिए टैक्स के विशेष दल की सिफारिश करना।
  • आदर्श जीएसटी कानून ,जीएसटी अधिरोपित करने का सिद्धांत आईजीएसटी का विभाजन एवं आपूर्ति के स्थान को परिभाषित करने वाले सिद्धांतों की सिफारिश करना।

जीएसटी नेटवर्क क्या है?

जीएसटी का क्रियान्वयन करने के लिए टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाएगा। अतः इसके लिए आधारभूत संरचना के रूप में जीएसटी नेटवर्क की स्थापना की गई। यह संस्था जीएसटी के लिए आवश्यक इनफॉरमेशन और टेक्नोलॉजी की व्यवस्था करेगी।

तथा इसकी सहायता से करदाता अपनी लायबिलिटी का भुगतान डिजिटल स्वरूप में कर पाएंगे। यह एक गैर सरकारी एवं गैर लाभकारी संस्था है, जिसमें वर्तमान में केंद्र सरकार राज्य सरकार एवं निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी क्रमश: 24 परसेंट एंड 25 परसेंट ओर छः परसेंट है। जीएसटी का लक्ष्य न केवल अनुपालन प्रक्रिया को सरल बनाना है बल्कि कर व्यवस्था को सुविधाजनक करना भी है। 

जीएसटीएन इंस्टीट्यूशन के द्वारा जीएसटी पोर्टल का विकास किया गया है जिसके माध्यम से करदाता समय बध्द तरीके से अपनी कर लायबिलिटी की भुगतान कर पाएंगे और साथ ही साथ जीएसटीएन करदाता को पंजीकरण की सुविधा प्रदान करती है यह आईजीएसटी की गणना करने के लिए एक केंद्रीय पोर्टल है

जीएसटी से सम्बंधित संवैधानिक प्रावधान क्या है?

(1) अनुच्छेद 366 के उपखंड 12 में वस्तुओं की परिभाषा दी गई है

(2) अनुच्छेद 366 के उपखंड 26a में सेवाओं की परिभाषा दी गई है

(3) अनुच्छेद 246 खण्ड a में यह लिखा गया है कि संसद एवं प्रत्येक राज्य विधानमंडल को अधिकार देता है कि वह जीएसटी से संबंधित नियम बना सकते हैं यद्यपि वस्तुओं और सेवाओं की इंटर स्टेट सप्लाई पर नियम बनाने का अधिकार केवल संसद को होगा।

(4) अनुच्छेद 269(A) में लिखा गया है वस्तुओं और सेवाओं की इंटर स्टेट सप्लाई पर आईजीएसटी आदिल रोपित एवं संग्रहित करने का अधिकार केंद्र सरकार को होगा तथा इसे जीएसटी परिषद की सिफारिश के आधार पर केंद्र व राज्यों के मध्य विभाजित किया जाएगा

(5) अनुच्छेद 270 के अनुसार जीएसटी के अंतर्गत केंद्र द्वारा कलेक्ट की गई राशि  राज्यों के बीच विभाजित की जाएगी । जिसे वित्त आयोग की सिफारिश पर विभाजित किया जाएगा।

(6) अनुच्छेद 279(A) में लिखा गया है कि जीएसटी अधिनियम लागू होने के 60 दिनों के अंदर राष्ट्रपति द्वारा जीएसटी परिषद का गठन किया जाएगा।

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