अलग-अलग पार्ट को असेंबल करके कंप्यूटर का निर्माण किया जाता है। असेंबली के दरमियान कंप्यूटर में कई इनबिल्ट इनपुट डिवाइस भी लगाए जाते हैं। इसके अलावा कंप्यूटर के साथ अलग से भी कई एक्सटर्नल इनपुट डिवाइस को भी कनेक्ट किया जाता है और उसका इस्तेमाल किया जाता है। जैसे कि आज के समय में आप कीबोर्ड और माउस इत्यादि को अलग से कंप्यूटर के साथ कनेक्ट कर सकते हैं, परंतु पहले ऐसा नहीं था। आइए इस पेज पर जानते हैं कि “इनपुट डिवाइस क्या है” और “कंप्यूटर के कितने इनपुट डिवाइस है।”
जिस प्रकार से कंप्यूटर के लिए उसके सभी भाग महत्वपूर्ण है, उसी प्रकार से कंप्यूटर के लिए इनपुट डिवाइस भी महत्वपूर्ण होते हैं। इनके द्वारा भी कंप्यूटर पर काम करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की जाती है।
इनपुट डिवाइस क्या है?
कंप्यूटर में किसी भी प्रकार की जानकारी को शब्दों मे या फिर अंकों के फॉर्मेट में इंटर करने के लिए इनपुट डिवाइस का इस्तेमाल किया जाता है। एक प्रकार से कंप्यूटर को क्या करना है यह कंप्यूटर को बताने का काम इनपुट डिवाइस ही करता है।
इनपुट डिवाइस वही इंस्ट्रक्शन कंप्यूटर को देता है जो आप इनपुट डिवाइस के माध्यम से देना चाहते हैं। इनपुट डिवाइस को इनपुट डिवाइस अथवा पावर सप्लाई डिवाइस के तौर पर भी जाना जाता है। एग्जांपल के लिए कीबोर्ड, माउस और माइक्रोफोन सभी इनपुट डिवाइस माने जाते हैं। अलग-अलग इनपुट डिवाइस डाटा को इलेक्ट्रिकल आवेग में ट्रांसलेट करते हैं।
इसके बाद वह कंप्यूटर में प्रोसेसिंग के लिए ट्रांसलेट होता है और इंटरनल मेमोरी में जाकर स्टोर होता है। इनपुट डिवाइस को हिंदी भाषा में निवेश यंत्र कहा जाता है।
इनपुट डिवाइस के एग्जांपल के लिए मान लीजिए कि आपको कंप्यूटर में एमएस एक्सल सॉफ्टवेयर को ओपन करना है तो आपको माउस का इस्तेमाल करना पड़ेगा और एम एस एक्सेल सॉफ्टवेयर के आइकन पर जाकर के डबल क्लिक करना होगा, जिसके बाद एमएस एक्सल सॉफ्टवेयर ओपन होगा।
यहां पर आपने माउस जैसे इनपुट डिवाइस का इस्तेमाल करके कंप्यूटर को इनपुट कमांड दिया, जिसके बाद इनपुट कमांड को प्राप्त करके कंप्यूटर के द्वारा एमएस एक्सेस सॉफ्टवेयर को ओपन करके हमारे सामने प्रस्तुत किया गया। इसका रिजल्ट हमें आउटपुट डिवाइस जैसे कि मॉनिटर पर हासिल हुआ।
इनपुट डिवाइस की परिभाषा
सबसे आसान भाषा में कहा जाए तो इनपुट डिवाइस को ऐसे डिवाइस के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जिसका इस्तेमाल डाटा प्रोसेसिंग सिस्टम को डाटा प्रदान करने के लिए और सिग्नल को कंट्रोल करने के लिए किया जाता है।
यह इंफॉर्मेशन प्रोसेसिंग सिस्टम कोई कंप्यूटर हो सकता है या फिर कोई इंफॉर्मेशन एप्लीकेशन हो सकता है। सभी इनपुट डिवाइस का ट्रैक रखना स्टूडेंट के लिए मुश्किल हो जाता है। यही वजह है कि इनपुट डिवाइस को वर्गीकृत करने से इसमें सहायता मिलती है।
इनपुट डिवाइस का काम
यूजर के द्वारा जो डाटा अथवा इंस्ट्रक्शन होते हैं, इनपुट डिवाइस उसे ग्रहण करने का काम करते हैं। इसके बाद यह सभी डाटा और डायरेक्शन इनपुट डिवाइस के द्वारा बायनरी लैंग्वेज में कन्वर्ट किए जाते हैं, क्योंकि कंप्यूटर सिर्फ मशीनी भाषा को ही समझ पाता है।
बायनरी लैंग्वेज में कन्वर्ट होने के बाद कंप्यूटर जानकारी को प्राप्त करता है और उसके बाद सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट के पास यह डाटा प्रोसेसिंग होने के लिए चला जाता है।
और इसके बाद जो रिजल्ट होते हैं, वह आउटपुट डिवाइस जैसे कि मॉनिटर की स्क्रीन पर दिखाई देते हैं। अगर शॉर्ट में कहा जाए तो इनपुट डिवाइस ऐसे डिवाइस होते हैं जिनका इस्तेमाल करके डाटा और डायरेक्शन इत्यादि कंप्यूटर को दिए जाते हैं
इनपुट डिवाइस के उदाहरण
नीचे हमने आपको कुछ प्रमुख इनपुट डिवाइस के उदाहरण दिए हुए हैं।
- ऑडियो कन्वर्जन डिवाइस
- बारकोड रीडर
- बायोमेट्रिक (फिंगरप्रिंट स्कैनर)
- बिजनेस कार्ड रीडर
- डाटा कलेक्शन डिवाइस
- डिजिटल कैमरा एंड डिजिटल कैमकॉर्डर
- गेमपैड
- बैलेंस बोर्ड
- ट्रांसपेड
- जॉय स्टिक
- पेडल
- स्टीयरिंग व्हील
- माइक्रोसॉफ्ट काइनेक्ट
- जेस्चर रिकॉग्निशन
- ग्राफिक टेबलेट
- गिटार
- एमआईडीआई कीबोर्ड
- कीबोर्ड
- लाइट गन
- लाइट पेन
- मैग्नेटिक इंक
- मैग्नेटिक स्ट्राइप रीडर
- मेडिकल इमेजिंग डिवाइस
- माइक्रोफोन
- एमआईसीआर
- मोशन सेंसिंग माउस
- माउस टचपैड ऑप्टिकल मार्क रीडर
- पंच कार्ड
- रीडर रिमोट
- आरएफआईडी रीडर
- स्कैनर सेंसर
- सोलर इमेजिंग डिवाइस
- टच स्क्रीन
- वीडियो कैप्चर डिवाइस
- वर्चुअल डिवाइस
- वेबकैम
- योक
इनपुट डिवाइस के प्रकार
इनपुट डिवाइस के कई प्रकार है परंतु नीचे हम आपको कुछ महत्वपूर्ण और मुख्य इनपुट डिवाइस के प्रकार के नाम और उनकी जानकारी बता रहे हैं।
स्कैनर
स्कैनर इनपुट डिवाइस का इस्तेमाल फोटो या दस्तावेज को स्कैन करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा इसका इस्तेमाल शब्द को भी स्कैन करने के लिए किया जाता है। स्केनर के द्वारा दस्तावेज को डिजिटल फॉर्मेट में कन्वर्ट किया जाता है। स्केनर की कीमत सामान्य तौर पर मार्केट में ₹2000 से लेकर के ₹3000 के आसपास में होती है।
डिजिटल कैमरा
डिजिटल कैमरा की सहायता से डिजिटल फोटो उत्पन्न होती है। उत्पन्न हुई फोटो को हम आसानी से अपने कंप्यूटर पर स्टोर कर सकते हैं और साथ ही साथ जब चाहे तब उसे कंप्यूटर की स्क्रीन पर देख सकते हैं। डिजिटल कैमरा में इलेक्ट्रॉनिक इमेज सेंसर लगे हुए होते हैं।
इसीलिए इसके द्वारा जो फोटो क्लिक की जाती है वह काफी शानदार और हाई क्वालिटी में आती है। दूसरी भाषा में डिजिटल कैमरा को डिजिकेम के नाम से भी जाना जाता है। इसमें जो फोटो क्लिक की जाती है वह डिटेल मेमोरी में जाकर सुरक्षित होती है। वर्तमान के समय में बड़े पैमाने पर डिजिटल कैमरा का ही इस्तेमाल किया जा रहा है।
ग्राफिक टेबलेट
ग्राफिक टेबलेट को ड्राइंग टेबलेट अथवा पेन टेबलेट के नाम से भी जानते हैं। यह एक स्पेशल प्रकार का कंप्यूटर से संबंधित इनपुट डिवाइस होता है, जिसका इस्तेमाल कंप्यूटर में तो होता ही है, इसके अलावा लैपटॉप में भी इसका इस्तेमाल होता है। ग्राफिक टेबलेट के साथ आपको एक पेन के आकार के जैसा दिखाई देने वाला डिवाइस भी प्राप्त होता है, जिसे स्टाइलस कहा जाता है।
इसका इस्तेमाल आप पेंटब्रश अथवा पेंसिल या फिर पेन के तौर पर कर सकते हैं। स्टाइलिश का इस्तेमाल करके आप टेबलेट पर ड्राइंग कर सकते हैं या फिर आपको जो कुछ लिखना है उसे आप लिख सकते हैं। इसके अलावा बता दें कि ग्राफिक टेबलेट का इस्तेमाल ड्राइंग करने के लिए कर सकते हैं साथ ही यूजर के द्वारा जो सिग्नेचर किया गया है, उसे कैप्चर करने के लिए भी कर सकते हैं।
कीबोर्ड
कीबोर्ड की गिनती महत्वपूर्ण इनपुट डिवाइस में होती है। आपको कंप्यूटर को अगर किसी भी काम को करने के लिए इंस्ट्रक्शन देने की आवश्यकता होती है तो इंस्ट्रक्शन देने के लिए कीबोर्ड का ही इस्तेमाल किया जाता है।
कीबोर्ड में कई प्रकार की बटन होती है और सभी बटन कौन सा काम करती हैं इसकी जानकारी बटन के ऊपर अंकित होती है। जैसे कि अगर आप कीबोर्ड में एस वाली बटन दबाएंगे तो एस शब्द टाइप होगा, वही अगर आप पांच नंबर वाली बटन दबाएंगे तो 5 अंक टाइप होगा।
पहले के समय में कंप्यूटर के साथ इनबिल्ट कीबोर्ड आते थे परंतु आज कीबोर्ड को आप कंप्यूटर में जब चाहे तब अटैच कर सकते हैं और जब चाहे तब कंप्यूटर से डिस्कनेक्ट कर सकते है।
आज के समय में जो कीबोर्ड आ रहे हैं उनमें से किसी में 104 बटन होते हैं तो किसी में 108 बटन होती है। वर्तमान के कीबोर्ड कई रंग में उपलब्ध है साथ ही कई ब्रांड के द्वारा निर्मित भी उपलब्ध है। कीबोर्ड के कई प्रकार है, जिनमें से कीबोर्ड के मुख्य प्रकार के नाम QWERTY Keyboard, AZERTY Keyboard, DVORAK Keyboard है।
माउस
कंप्यूटर की स्क्रीन पर आपको जो ऑप्शन दिखाई देते हैं, उन पर क्लिक करने के लिए आपको माउस का इस्तेमाल करना होता है। यह भी महत्वपूर्ण इनपुट डिवाइस है, जिसे पॉन्टिंग डिवाइस भी कहा जाता है। माउस का आकार चूहे की तरह होता है। इसलिए इसे माउस कहा जाता है। माउस में नीचे की तरफ एक लाल रंग की लाइट जलती होती है और साथ ही एक रोलर भी होता है।
माउस की सहायता से आप किसी भी प्रोग्राम जैसे कि फाइल, फोल्डर, टेक्स्ट इत्यादि को ओपन कर सकते हैं। इसके अलावा कंप्यूटर की स्क्रीन पर मौजूद किसी आइकन को यहां से वहां करने के लिए भी माउस का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा कंप्यूटर की स्क्रीन पर डायग्राम और स्केच का निर्माण करने के लिए भी माउस का इस्तेमाल कर सकते हैं।
नॉर्मल माउस में तीन बटन उपलब्ध होते हैं। कुछ स्पेशल माउस में पांच प्रकार के बटन भी अवेलेबल होते हैं। माउस इनपुट डिवाइस को कंप्यूटर से जब चाहे तब कनेक्ट कर सकते हैं और जब चाहे तब डिस्कनेक्ट कर सकते हैं।
बारकोड रीडर
किसी आइटम, किसी किताब या फिर अन्य चीजों पर लिखे गए बार कोड को स्कैन करने के लिए बारकोड रीडर का इस्तेमाल किया जाता है। इसे इनपुट डिवाइस कहां जाता है, साथ ही इसे स्केनर डिवाइस भी कहा जाता है।
बता दें कि बारकोड में किसी आइटम की कीमत, उसकी एक्सपायरी डेट के साथ ही साथ अन्य कई महत्वपूर्ण जानकारी दर्ज होती है, जिसके बारे में जानने के लिए बारकोड रीडर का इस्तेमाल किया जाता है और उस आइटम के बार कोड को स्कैन किया जाता है।
बारकोड में कई लाइन होती है जिसमें से कुछ लाइन पतली होती है तो कुछ लाइन छोटी होती है। बारकोड रीडर आपके कंप्यूटर के साथ कनेक्ट होता है।
जैसे ही बारकोड रीडर के द्वारा किसी बार कोड को स्कैन किया जाता है वैसे ही उसकी जानकारी कंप्यूटर की स्क्रीन पर दिखाई देती है। George J Laurer नाम के व्यक्ति के द्वारा साल 1971 में बारकोड रीडर का आविष्कार किया गया था, जो कि आईबीएम कंपनी में काम करते थे।
टच स्क्रीन
कंप्यूटर की जो डिस्प्ले होती है या फिर आपके मोबाइल की जो डिस्प्ले स्क्रीन होती है उसे ही टचस्क्रीन कहा जाता है, जोकि इनपुट डिवाइस के तौर पर काम करती है।
आपके द्वारा जब टच स्क्रीन पर किसी उंगली या फिर स्टाइलिश पेन का इस्तेमाल करके टच किया जाता है तो यह उस एक्टिविटी को इनपुट के तौर पर लेता है और उस पर प्रोसेसिंग करने के लिए उसे कंट्रोलर के पास सेंड कर देता है।
टच स्क्रीन में ऐसे कंप्यूटर डिवाइस के प्रोग्राम स्टार्ट हो सकते हैं जिन्हें यूजर डिवाइस से इंटरेक्ट करने के लिए टच करता है। अलग-अलग इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में टचस्क्रीन उपलब्ध होती है, जैसे कि कंप्यूटर और लैपटॉप, स्मार्टफोन, टैबलेट, एटीएम , कार नेविगेशन सिस्टम, सूचना कियोस्क, रिटेल पॉइंट-ऑफ़-सेल टर्मिनल, मेडिकल मॉनिटर और औद्योगिक कण्ट्रोल पैनल, इत्यादि।
वेबकैम
अधिकतर लैपटॉप, कंप्यूटर में पहले से ही इनबिल्ट हो करके वेबकैम आता है, जिसे की वेब कैमरा कहते हैं। जब आप दूर बैठे किसी व्यक्ति की शक्ल देख कर के उससे बातचीत करते हैं तो वेब कैमरा आपके काफी काम आता है।
इसके लिए सामने वाले व्यक्ति को भी अपने कंप्यूटर के सामने बैठना होता है और आपको भी अपने कंप्यूटर सिस्टम के सामने बैठना होता है और उसके बाद निश्चित प्रक्रिया का पालन करके आपको वेब कैमरा को ऑन करना होता है।
ऐसा करने से आपकी शक्ल सामने वाले व्यक्ति को दिखाई देती है और सामने वाले व्यक्ति की शक्ल आपको दिखाई देती है, साथ ही आप एक दूसरे की आवाज को भी सुन पाते हैं।
आसान भाषा में कहा जाए तो वेब कैमरा रियल टाइम में फोटो और वीडियो को इंटरनेट की सहायता से एक जगह से दूसरी जगह दिखाने का काम करता है। यह महत्वपूर्ण कंप्यूटर का इनपुट डिवाइस होता है। बड़ी-बड़ी मीटिंग में वेब कैमरे के द्वारा ही लोग अपने घर पर बैठकर शामिल हो पाते हैं।
मैग्नेटिक कार्ड इंक रीडर
संक्षेप में इसे एमआईसीआर कहा जाता है। यह एक प्रकार की कैरेक्टर को आईडेंटिफाई करने की टेक्नोलॉजी है जिसका इस्तेमाल मुख्य तौर पर बैंकिंग उद्योग द्वारा चेक और दूसरे दस्तावेज को प्रोसेस करने के लिए किया जाता है।
जब तक एमआईसीआर कोड का आविष्कार नहीं हुआ था, तब तक चेक और दस्तावेज की निकासी में मैन्युअल प्रोसेसिंग के लिए बहुत ही ज्यादा समय लगता था।
जिसकी वजह से जल्दी चेक क्लीयरेंस नहीं हो पाती थी, परंतु ऐसी अवस्था से बचने के लिए काफी खोजबीन की गई और इस प्रकार से एमआईसीआर को खोजा गया। इसके द्वारा अब चेक क्लीयरेंस काफी जल्दी से हो जा रही है।
कार्ड रीडर
माइक्रोचिप में जो डाटा अवेलेबल होते हैं, उन्हें एक्सेस करने का काम कार्ड रीडर जैसे इनपुट डिवाइस के द्वारा किया जाता है। इसका आकार ज्यादा बड़ा नहीं होता है। आपको कार्ड रीडर के अंदर मेमोरी कार्ड अथवा एसडी कार्ड को डालना होता है और इसके बाद आपको यूएसबी के द्वारा कार्ड रीडर को अपने कंप्यूटर के साथ कनेक्ट करना होता है।
इसके बाद आप अपने कंप्यूटर की स्क्रीन पर मेमोरी कार्ड में मौजूद जो भी डाटा होते हैं, उन्हें देख सकते हैं अथवा उन्हें प्ले कर सकते हैं या फिर उन्हें डिलीट कर सकते हैं। अगर आपके पास कार्ड रीडर मौजूद नहीं है तो आप कंप्यूटर में माइक्रोचिप के डाटा को एक्सेस नहीं कर सकेंगे। कार्ड रीडर को स्टैंडअलोन डिवाइस भी कहा जाता है। इसे कंप्यूटर से जोड़ने के लिए यूएसबी का इस्तेमाल किया जाता है।
जॉय स्टिक
कंप्यूटर में जब आप गेम खेलते हैं तो गेमिंग एप्लीकेशन को कंट्रोल करने के लिए जिस इनपुट डिवाइस का इस्तेमाल किया जाता है उसे ही जॉयस्टिक कहा जाता है। इसका इस्तेमाल ग्राफिक एप्लीकेशन में भी कभी कबार कर लिया जाता है।
सामान्य तौर पर गेम लवर के द्वारा जॉयस्टिक को गेम को कंट्रोल करने के लिए इस्तेमाल में लिया जाता है और सामान्य तौर पर देखा गया है कि इसमें या तो एक पुश अप बटन होते हैं या फिर उससे ज्यादा होते हैं, जिनकी सिचुएशन को भी कंप्यूटर आसानी से रीड कर सकता है। जॉय स्टिक का इस्तेमाल ट्रक, पानी के अंदर चलने वाले वाहन, क्रेन, व्हीलचेयर, सीसीटीवी कैमरा जैसी मशीनों को कंट्रोल करने के लिए भी होता है।
लाइट पेन
लाइट पेन को स्टायलश के तौर पर जाना जाता है। इसका इस्तेमाल शब्दों का सिलेक्शन करने के लिए, ड्राइंग करने के लिए या फिर कंप्यूटर की स्क्रीन अथवा मॉनिटर पर यूजर इंटरफेस एलिमेंट के साथ इंटरेक्ट करने के लिए होता है। सीआरटी मॉनिटर के साथ लाइट पेन बहुत ही अच्छी तरीके से काम कर लेता है।
इसे पॉइंटर डिवाइस भी कहा जाता है। अगर आपके कंप्यूटर की स्क्रीन पर किसी आइकन पर आप क्लिक करना चाहते हैं तो इसके लिए लाइट पेन का इस्तेमाल किया जा सकता है। लाइट पेन के द्वारा उस आइकन पर क्लिक करके उसे ओपन कर सकते हैं।
यह एंटर बटन या फिर ओके बटन की तरह पर काम करता है। इसके अलावा किसी शब्द की एडिटिंग करने के लिए भी इसका इस्तेमाल होता है। इसके द्वारा सिर्फ कंप्यूटर में ही लिखा जा सकता है। बेहतरीन बात यह है कि इसका इस्तेमाल कंप्यूटर में करने के लिए किसी भी अन्य सॉफ्टवेयर/एप्लीकेशन को इंस्टॉल करने की आवश्यकता नहीं होती है। लाइट पेन का आविष्कार साल 1959 में किया गया था।
ओसीआर
ओसीआर का पूरा मतलब ऑप्टिकल कैरक्टर रिकॉग्निशन होता है। ओसीआर के द्वारा किसी फोटो को स्कैन कर सकते हैं और उस फोटो में जो शब्द मौजूद है उसमें बदलाव कर सकते हैं।
इसकी सहायता से आसानी से अखबार, किताब, मेडिसिन इत्यादि को स्कैन कर सकते हैं और उसमें मौजूद शब्दों की एडिटिंग कर सकते हैं।
क्योंकि इस बात को आप अच्छी तरह से जानते हैं कि मैगजीन, किताब और न्यूजपेपर हार्ड कॉपी के तौर पर होते हैं। इसीलिए उसमें कोई भी बदलाव नहीं कर सकते हैं परंतु ऑप्टिकल कैरक्टर रिकॉग्निशन टेक्निक के द्वारा ऐसी फाइल को स्कैन कर सकते हैं और उसमें जो डाटा है उसमें बदलाव कर सकते हैं। बता दें कि ओसीआर की शुरुआत 1990 में ही हो गई थी, परंतु उसके 4 से 5 सालों के बाद लोगों को इस तकनीक के बारे में धीरे-धीरे समझ में आने लगा था।
गेमपैड
इसे आप गेम कंट्रोलर भी समझ सकते हैं, जिसे कंट्रोल करने के लिए आपको अपने दोनों हाथों का इस्तेमाल करना होता है। गेमिंग का पूरा आनंद उठाने के लिए गेम पैड का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें आपको अपने हाथों की उंगलियों के द्वारा इनपुट देना होता है।
सामान्य तौर पर वीडियो गेम कंसोल और कंप्यूटर में गेम खेलने के लिए गेमपैड मुख्य इनपुट डिवाइस होता है। दूसरी भाषा में इसे जॉय पैड और कंट्रोलर भी कहा जाता है। इसमें कुछ बटन मौजूद होती हैं जिनका अलग-अलग काम होता है। इनके द्वारा गेम खेलना आनंददायक होता है।
लाइट गन
लाइट गन आपको बिल्कुल बंदूक के आकार की तरह दिखाई देती है। इसे पोंटिंग डिवाइस के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। इसके द्वारा गन बैरल में फोटो डायोड का यूज़ करके डिस्पले स्क्रीन से लाइट को ढूंढने का काम किया जाता है। इसके द्वारा स्क्रीन पर आप अपने लक्ष्य को सूट कर सकते हैं।
ओएमआर
इसका पूरा नाम ऑप्टिकल मार्क रीडर होता है जिसकी गिनती कंप्यूटर के इनपुट डिवाइस में होती है। आपके द्वारा जब किसी परीक्षा में ओएमआर शीट पर जवाब दिया जाता है, तब उस जवाब की स्कैनिंग करने के लिए साथ ही ओएमआर शीट की स्कैनिंग करने के लिए ऑप्टिकल मार्क रीडर का इस्तेमाल किया जाता है।
स्कूल और कॉलेज के अलावा विभिन्न प्रकार के बिजनेस और एजेंसी अपने डाटा इनपुट को बहुत ही आसान करने के लिए भी ऑप्टिकल मार्क रीडर तकनीक का इस्तेमाल करती हैं। ऑप्टिकल मार्क रीडर के द्वारा टीचर विद्यार्थियों के ओएमआर सीट को चेक करने का काम करते हैं।
इससे उनका काम बहुत ही जल्दी से और आसानी से पूरा हो जाता है। ऑप्टिकल मार्क रीडर को हिंदी भाषा में ऑप्टिकल निशान मान्यता कहा जाता है। Micheal Sokolski नाम के व्यक्ति के द्वारा साल 1991 में इसका आविष्कार किया गया था।
माइक्रोफोन
माइक्रोफोन के द्वारा आवाज को डिजिटल फॉर्मेट में कन्वर्ट करने का काम किया जाता है। यह महत्वपूर्ण कंप्यूटर का इनपुट डिवाइस होता है। इसके द्वारा ही हम जो कुछ भी बोलते हैं वह कंप्यूटर सुन पाता है। माइक्रोफोन का एक अन्य इस्तेमाल यह भी है कि इसके द्वारा कंप्यूटर में हम टाइपिंग भी बोल कर के कर सकते हैं।
Emile Berliner और Thomas Edison नाम के दो लोगों के द्वारा संयुक्त तौर पर साल 1876 में माइक्रोफोन का आविष्कार किया गया था। माइक्रोफोन का इस्तेमाल करने के लिए आपको इसे कंप्यूटर से कनेक्ट करने की आवश्यकता होती है। माइक्रोफोन के कई प्रकार होते हैं जैसे कि, Condenser Microphone, Kinetic Microphone, Ribbon Microphone, Carbon Microphone, Piezoelectric Microphone, Fiber Optic Microphone, Laser Microphone, Liquid Microphone इत्यादि।
सामान्य भाषा में लोगों के द्वारा माइक्रोफोन को माईक भी कहा जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता देना चाहते हैं कि कंप्यूटर से माइक्रोफोन को कनेक्ट करने के लिए साउंड कार्ड का इस्तेमाल किया जाता है। बड़े पैमाने पर माइक्रोफोन का इस्तेमाल भाषण देने के लिए या फिर किसी लाइव परफॉर्मेंस में गाना गाने के लिए किया जाता है।
बायोमेट्रिक
अगर आप आधार कार्ड बनवाने गए होंगे तो वहां पर आपकी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियों को लिया गया होगा। जैसे कि आपकी आंखों का स्कैन किया होगा, आपके फिंगरप्रिंट को भी लिया गया होगा।
इन सभी चीजों को लेने के लिए जिस मशीन का इस्तेमाल किया गया था उसे ही बायोमेट्रिक मशीन कहा जाता है। बायोमेट्रिक तकनीक में किसी व्यक्ति की पहचान के लिए उसके बायोलॉजिकल जानकारियों को लिया जाता है। जैसे कि उसकी आवाज, अंगूठे और अंगुली का निशान, आंखों का रेटिना इत्यादि।
मैग्नेटिक कार्ड रीडर
यह एक ऐसा कंप्यूटर का इनपुट डिवाइस है जिसके द्वारा डाटा कैप्चर करने का काम किया जाता है। इसके द्वारा इंफॉर्मेशन को पढ़ने के लिए मैग्नेटिक पट्टी का इस्तेमाल किया जाता है, जो सामान्य तौर पर कार्ड या फिर बैज का भाग होती है। मैग्नेटिक कार्ड रीडर की स्थापना करने का श्रेय आईबीएम कंपनी को द्वारा दिया जाता है।
रिमोट
यह एक हार्डवेयर डिवाइस होता है, जिसकी डिजाइनिंग डिवाइस को कंट्रोल करने के लिए की गई है। जैसे कि टीवी रिमोट के द्वारा आप टीवी के चैनल को चेंज कर सकते हैं या फिर टीवी में आवाज को बढ़ा सकते हैं अथवा घटा सकते हैं।
यह सभी काम आप टीवी से निश्चित दूरी पर बैठकर कर सकते हैं। बता दें कि साल 1956 में पहली बार कॉर्डलेस टीवी रिमोट का आविष्कार रोबोट एडलर के द्वारा किया गया था। इस रिमोट के द्वारा डिवाइस के साथ कम्युनिकेट करने के लिए इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगों को सेंड किया जाता था।
डिजिटाइजर
डिजिटाइजर की गिनती कंप्यूटर के इनपुट डिवाइस में होती है। इसके द्वारा एनालॉग इंफॉर्मेशन को डिजिटल फॉर्मेट में कन्वर्ट कर दिया जाता है। डिजिटाइजर कैमरा या फिर टेलीविजन के सिग्नल को नंबर की सीरीज में कन्वर्ट कर देता है जो कि कंप्यूटर में इंस्टॉल हो सकती है। इसका इस्तेमाल कंप्यूटर के द्वारा पिक्चर को या फिर जिस किसी भी चीज को पॉइंट किया गया है उसे क्रिएट करने के लिए होता है।
वर्चुअल रियलिटी
वर्चुअल रियलिटी एक आर्टिफिशियल अर्थात वर्चुअल एनवायरमेंट है, जो कंप्यूटर के द्वारा जनरेट किया जाता है। व्यक्ति आर्टिफिशियल एनवायरमेंट के द्वारा कुछ जरूरी इनपुट डिवाइस जैसे कि हेडसेट, हेडफोन इत्यादि का इस्तेमाल करके वर्चुअल ऑब्जेक्ट के साथ इंटरेक्ट कर सकता है।
क्यूआर कोड रीडर
इसका इस्तेमाल क्यूआर कोड को स्कैन करने के लिए अर्थात पढ़ने के लिए किया जाता है। हमारे फोन में भी विभिन्न एप्लीकेशन में क्यूआर कोड रीडर मौजूद होता है। इसके द्वारा हम पेटीएम जैसे क्यूआर कोड को स्कैन कर सकते हैं।
क्यूआर कोड को पढ़ने के लिए एक एप्लीकेशन या फिर सॉफ्टवेयर की आवश्यकता होती है। किसी किसी डिवाइस में पहले से ही क्यूआर कोड रीडर इनबिल्ट होकर आता है, तो किसी किसी में इसका इस्तेमाल करने के लिए एप्लीकेशन या फिर सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल करने की आवश्यकता होती है।
कंप्यूटर में यूज होने वाला इनपुट डिवाइस कौन सा है?
कंप्यूटर में इस्तेमाल होने वाले इनपुट डिवाइस के प्रकार कई होते हैं, जिनका काम अलग अलग होता है। जैसे कि अगर आपको गेम खेलना है तो आपको जॉय स्टिक नाम के इनपुट डिवाइस का इस्तेमाल करना होगा। अगर आपको कंप्यूटर के किसी आइकन अथवा ऑप्शन पर क्लिक करना है तो इसके लिए आपको कंप्यूटर के माउस जैसे इनपुट डिवाइस का इस्तेमाल करना होगा।
अगर आपको कंप्यूटर में कोई जानकारी दर्ज करनी है तो इसके लिए कीबोर्ड जैसे इनपुट डिवाइस का इस्तेमाल करना होगा। आपको दूर बैठे हुए किसी व्यक्ति से फेस टू फेस बात करनी है तो इसके लिए वेबकैम अर्थात वेब कैमरा जैसे इनपुट डिवाइस का इस्तेमाल होगा।
इस प्रकार से कई प्रकार के इनपुट डिवाइस है, जो कंप्यूटर में इस्तेमाल किए जाते हैं, जिनमें से कुछ इनपुट डिवाइस कंप्यूटर में पहले से ही इनबिल्ट होते हैं, तो कुछ इनपुट डिवाइस को आप बाहर से लगाते हैं। जैसे कि वेब कैमरा कंप्यूटर में पहले से ही होता है, वही कीबोर्ड और माउस आप अलग से कंप्यूटर के साथ जोड़ते हैं।
कंप्यूटर में इनपुट डिवाइस की आवश्यकता क्यों है?
जिस प्रकार से कंप्यूटर के लिए उसके कई भाग आवश्यक होते हैं, उसी प्रकार से कंप्यूटर के लिए इनपुट डिवाइस भी बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। अगर आप कंप्यूटर में इनपुट डिवाइस का इस्तेमाल नहीं करेंगे, तो कंप्यूटर का सही प्रकार से इस्तेमाल आप नहीं कर सकेंगे।
जैसे की अगर आपको कंप्यूटर में कोई डाटा दर्ज करना है परंतु आपके पास कीबोर्ड नहीं है तो ऐसी अवस्था में जब तक आप कीबोर्ड की व्यवस्था नहीं करेंगे तब तक आप कंप्यूटर में डाटा दर्ज नहीं कर सकेंगे।
इसके अलावा कंप्यूटर के किसी ऑप्शन अथवा आइकन पर आपको क्लिक करना है, तो इसके लिए माउस की आवश्यकता होगी। बिना माउस के भी आप ऐसा नहीं कर सकेंगे।
कंप्यूटर की सेटिंग में बदलाव करने के लिए या फिर किसी शब्द को टाइप करने के लिए किसी सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल करने के लिए अथवा एप्लीकेशन को ओपन करने के लिए इनपुट डिवाइस कंप्यूटर के लिए बहुत ही आवश्यक होता है।
प्राइमरी इनपुट डिवाइस क्या है?
प्राइमरी इनपुट डिवाइस को प्राथमिक इनपुट डिवाइस अथवा मुख्य इनपुट डिवाइस कहा जाता है। अगर आप इन प्राइमरी इनपुट डिवाइस का इस्तेमाल नहीं करते हैं तो आप आसानी से अपने कंप्यूटर को ऑपरेट नहीं कर सकेंगे। प्राइमरी इनपुट डिवाइस में कीबोर्ड और माउस जैसे इनपुट डिवाइस का इस्तेमाल किया जाता है।
यह दोनों इनपुट डिवाइस कंप्यूटर को चलाने के लिए बहुत ही आवश्यक होते हैं, क्योंकि कीबोर्ड के द्वारा आप कंप्यूटर में कोई जानकारी इंटर करते हैं और माउस के द्वारा कंप्यूटर के आइकन पर क्लिक करते हैं या फिर कंप्यूटर की स्क्रीन पर दिखाई देने वाले ऑप्शन पर क्लिक करते हैं।
सेकेंडरी इनपुट डिवाइस क्या है?
सेकेंडरी इनपुट डिवाइस को द्वितीय इनपुट डिवाइस कहा जाता है। सेकेंडरी इनपुट डिवाइस के बिना भी कंप्यूटर को चलाया जा सकता है, परंतु आवश्यकता के लिहाज से यह भी कंप्यूटर के लिए महत्वपूर्ण ही होते हैं।
अगर हम अपनी आवश्यकता के आधार पर एक स्पेशल प्रकार के डाटा को इंटर करना चाहते हैं तो ऐसी अवस्था में सेकेंडरी इनपुट डिवाइस का इस्तेमाल करना आवश्यक होता है। सेकेंडरी इनपुट डिवाइस के प्रमुख उदाहरण ट्रैकबॉल, माइक्रोफोन, कार्ड रीडर, जॉयस्टिक और लाइट पेन इत्यादि है।
5 इनपुट डिवाइस के नाम
नीचे आपको पांच प्रमुख इनपुट डिवाइस के नाम बताए गए हैं।
- कीबोर्ड इनपुट डिवाइस
- माउस इनपुट डिवाइस
- वेब कैमरा इनपुट डिवाइस
- माइक्रोफोन इनपुट डिवाइस
- बारकोड रीडर इनपुट डिवाइस
इनपुट डिवाइस के 10 उदाहरण
इनपुट डिवाइस के 10 उदाहरण निम्नानुसार है।
- कीबोर्ड इनपुट डिवाइस
- माउस इनपुट डिवाइस
- वेब कैमरा इनपुट डिवाइस
- माइक्रोफोन इनपुट डिवाइस
- बारकोड रीडर इनपुट डिवाइस
- ट्रैकबॉल इनपुट डिवाइस
- जॉय स्टिक इनपुट डिवाइस
- ओसीआर इनपुट डिवाइस
- एमआईसीआर इनपुट डिवाइस
- पंच कार्ड इनपुट डिवाइस
मेरे कंप्यूटर के इनपुट डिवाइस क्या हैं?
आज के समय में जब आप कंप्यूटर की खरीदारी करते हैं तो आपको उसके साथ में एक कीबोर्ड और एक माउस अवश्य प्राप्त हो जाता है। लैपटॉप की बात करें तो लैपटॉप टचपैड के साथ आता है, जिसे इनपुट डिवाइस माना जाता है।
जहां तक दूसरे इनपुट डिवाइस की बात है तो यह इस बात पर डिपेंड करता है कि आपके कंप्यूटर में क्या उपलब्ध है और क्या कनेक्ट हुआ है। आपके कंप्यूटर के इनपुट डिवाइस का निर्धारण करने का सबसे अच्छा तरीका आर्टिकल में दिए हुए इनपुट डिवाइस के प्रकारों के बारे में जानना है।
इनपुट डिवाइस कंप्यूटर को क्या भेजता है?
इनपुट डिवाइस के द्वारा कंप्यूटर को क्या भेजा जाता है यह डिवाइस के ऊपर डिपेंड करता है। सामान्य तौर पर सभी इनपुट डिवाइस कंप्यूटर को किसी केबल के माध्यम से डाटा सेंड करने का काम करते हैं या फिर वॉयरलैस ट्रांसमिशन के द्वारा कंप्यूटर को डाटा सेंड करते हैं।
उदाहरण के तौर पर आप जब कंप्यूटर के माउस को मूव करते हैं तो कंप्यूटर को भेजा गया डाटा एक्स वाई एक्सीस होता है जिसका इस्तेमाल माउस करसर को स्क्रीन पर प्रदर्शित करने के लिए करता है।
शारीरिक रूप से विकलांग यूजर के लिए इनपुट डिवाइस
ऊपर दी गई इंफॉर्मेशन के अलावा जो लोग शारीरिक रूप से विकलांग है उनके लिए भी कुछ स्पेशल प्रकार के इनपुट डिवाइस का निर्माण किया गया है। नीचे ऐसे डिवाइस की जानकारी और उनके नाम आपको बताए जा रहे हैं।
- आई-ट्रैकिंग
काम करने के लिए या फिर माउस प्वाइंटर को मूव करने के लिए यूजर की आंखों को ट्रैक करने के लिए यह एक स्पेशल प्रकार का कैमरा होता है।
- फुट माउस
विकलांग लोग माउस प्वाइंटर को अपने पैरों से पेडल का इस्तेमाल करके कंट्रोल करने के लिए फुट माउस का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- इशारों की पहचान
इसका इस्तेमाल चेहरे के हावभाव को पढ़ने के लिए अथवा होठों को पढ़ने के लिए या फिर अलग-अलग प्रकार के सिग्नल लैंग्वेज सहित अलग-अलग प्रकार के इशारों का पता लगाने के लिए किया जाता है।
- हेड-माउंटेड पॉइंटर
माउस प्वाइंटर को कंट्रोल और ट्रैक करने के लिए हेड माउंटेड प्वाइंटर को एक बैंड पर सेट किया जाता है।
- जॉयस्टिक
विकलांग लोगों के लिए एक स्पेशल प्रकार का जॉय स्टिक बनाया गया है, जिसके द्वारा वह माउस प्वाइंटर को कंट्रोल कर सकते हैं। यह जॉय स्टिक कंप्यूटर के ठीक बगल में होता है।
- आवाज की पहचान
कंप्यूटर के काम को कंट्रोल करने के लिए और कंप्यूटर पर टाइपिंग करने के लिए अपनी आवाज का इस्तेमाल विकलांग लोग कर सकते हैं। विकलांग लोग जो बोलते हैं उनकी आवाज को यह तकनीक कवर करती है और उसी के अनुसार आगे का काम करती है।
इनपुट डिवाइस के फंक्शन
इनपुट डिवाइस के द्वारा हमें कंप्यूटर में अलग-अलग फॉर्मेट में इंफॉर्मेशन को इंटर करने की सुविधा मिलती है। जैसे कि ऑडियो फॉर्मेट, फोटो फॉर्मेट, टेक्स्ट फॉरमैट इत्यादि।
इनपुट डिवाइस में यूजर के द्वारा जो डाटा कंप्यूटर को दिए जाते हैं उसे कंप्यूटर के समझने लायक बनाया जाता है। इनपुट डिवाइस कंप्यूटर के हार्डवेयर के भाग होते हैं और वायरलेस या फिर केबल के माध्यम से कंप्यूटर से जोड़े जा सकते हैं।
क्या वेबकैम इनपुट डिवाइस है अथवा आउटपुट डिवाइस?
वेबकैम एक छोटे से कैमरा के साथ आता है और इसकी गिनती इनपुट डिवाइस में होती है। हालांकि यह पहले से ही लैपटॉप या फिर कंप्यूटर में इनबिल्ट होकर आता है परंतु फिर भी यह इनपुट डिवाइस ही गिना जाएगा। वेबकैम के द्वारा रियल टाइम में फोटो को ट्रांसमिट किया जाता है। इसका बड़े पैमाने पर इस्तेमाल वीडियो कॉल करने के लिए किया जाता है। अधिकतर लैपटॉप में built-in वेब कैमरा उपलब्ध होता है।
क्या प्रिंटर इनपुट डिवाइस है?
नहीं प्रिंटर इनपुट डिवाइस नहीं है बल्कि प्रिंटर कंप्यूटर का आउटपुट डिवाइस है। प्रिंटर का इस्तेमाल कंप्यूटर के स्क्रीन पर दिखाई दे रहे किसी दस्तावेज को हार्ड कॉपी के तौर पर प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
प्रिंटर में पहले से ही कागज मौजूद होते हैं और जब आप आवश्यक कार्रवाई करते हैं तो उसी कागज पर कंप्यूटर की स्क्रीन पर आपने जिस दस्तावेज या फिर शब्द का सिलेक्शन किया होता है वह प्रिंट हो करके आ जाता है।
इनपुट डिवाइस कहां से खरीदें?
इनपुट डिवाइस की खरीदारी करने के लिए आपको अपने घर के आस-पास मौजूद किसी कंपूटर या फिर लैपटॉप बिक्री अथवा रिपेयरिंग की दुकान पर जाना है, क्योंकि इसी जगह पर आपको आसानी से इनपुट डिवाइस प्राप्त हो सकेगा।
इसके अलावा आप किसी ऐसे एरिया में रहते हैं जहां पर ऐसी दुकान उपलब्ध नहीं है तो आप चाहे तो ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट के द्वारा भी अपने पसंदीदा ब्रांड के इनपुट डिवाइस को सर्च कर सकते हैं और उसकी खरीदारी करके उसे घर बैठे ही हासिल कर सकते हैं।
अलग-अलग इनपुट डिवाइस की कीमत अलग-अलग होती है, क्योंकि इनपुट डिवाइस का निर्माण विभिन्न ब्रांड के द्वारा किया जाता है। हालांकि आपको जब कभी भी इनपुट डिवाइस खरीदना हो तो आपको अच्छे ब्रांड के द्वारा बनाए गए इनपुट डिवाइस को ही लेना है, भले ही इसके लिए आपको थोड़े अधिक पैसे देने पड़े, क्योंकि सस्ता इनपुट डिवाइस जल्दी से खराब हो जाता है।
FAQ:
यह ऐसे हार्डवेयर डिवाइस होते हैं जिनके द्वारा कंप्यूटर में किसी जानकारी को दर्ज किया जाता है या फिर किसी इंस्ट्रक्शन को कंप्यूटर को दिया जाता है।
हमने आपको इनपुट डिवाइस की विस्तृत जानकारी और इनपुट डिवाइस के प्रकार इसी आर्टिकल में बताए हुए हैं। इसलिए आर्टिकल को ध्यान से पढ़ें।
इनपुट डिवाइस के प्रमुख उदाहरण वेब कैमरा, माउस, कीबोर्ड, ऑप्टिकल मार्क रीडर, एमआईसीआर इत्यादि है।
टेक्निकल लैंग्वेज में कंप्यूटर को कोई जानकारी देना ही इनपुट कहलाता है।
इनपुट डिवाइस का इस्तेमाल करके जो डायरेक्शन कंप्यूटर को दिए जाते हैं, उस पर प्रोसेसिंग करने के बाद कंप्यूटर हार्ड कॉपी अथवा सॉफ्ट कॉपी के तौर पर जो रिजल्ट देता है उसे दिखाने का काम आउटपुट डिवाइस करते हैं।
यह भी पढ़े:-
- कंप्यूटर क्या है? किसने बनाया? (What is Computer in Hindi)
- सॉफ्टवेर क्या है? (What is Software in Hindi)
- माउस क्या है? (What is Mouse in Hindi)
Hope की आपको इनपुट डिवाइस क्या है? इनपुट डिवाइस के उदाहरण, का यह पोस्ट पसंद आया होगा और आपके लिए हेल्पफुल भी रहा होगा।
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