IP Address क्या है? इसके प्रकार? और कैसे काम करता है? (What is IP Address in Hindi) आप में से लगभग सभी लोग स्मार्टफोन या लैपटॉप का इस्तेमाल कर रहे हैं और आपने कहीं ना कहीं आईपी ऐड्रेस शब्द जरूर सुना होगा, या जो भी टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में दिलचस्पी रखते हैं उन्हें इस शब्द को लेकर जानकारी भी होगी जो व्यक्ति टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में रुचि नहीं भी रखते हैं उनके लिए भी जरूरी है कि उन्हें आईपी ऐड्रेस की उपयोगिता को समझना चाहिए। क्योंकि आज के समय हम सभी स्मार्टफोन या लैपटॉप का इस्तेमाल कर रहे हैं उसमें एक आईपी एड्रेस रहता है जो कि आपके काम आ सकता है।
जब कभी भी आपका फोन या लैपटॉप इंटरनेट के जरिए किसी दूसरे व्यक्ति या डिवाइस से जुड़ता है और कम्युनिकेशन बनाता है तो वहां पर दोनों ही डिवाइसों के आईपी ऐड्रेस का प्रयोग किया जाता है। इसलिए किसी भी डिवाइस में इंटरनेट इस्तेमाल करने के लिए आईपी ऐड्रेस का होना अनिवार्य होता है।
- Computer/Mobile Ka Ip Address Change Or Hide Kaise Kare
- Internet Par Kisi Ki Ip Adress Se Location Kaise Pata kare
यदि आप भी जानना चाहते हैं की आईपी एड्रेस क्या है यह कैसे काम करता है इसके क्या फायदे हैं इसे किसने और कब बनाया इसकी जरूरत क्यों पड़ती है जैसी सभी संबंधित जानकारी यहां पर आपको विस्तार से बताई गई है इसलिए आप हमारे आज के इस पोस्ट को अंत तक अवश्य पढ़ें। तो चलिए देखते हैं की आख़िर यह IP Address क्या है?
IP Address क्या है? (What is IP Address in Hindi)
आईपी एड्रेस यानी कि इंटरनेट प्रोटोकोल ऐड्रेस जोकि सरल तौर पर आई पी के नाम से भी जाना जाता है। इसका उपयोग किसी डिवाइस को इंटरनेट से जोड़ने और पहचानने के लिए किया जाता है, जैसे कि आपका स्मार्टफोन या लैपटॉप किसी भी सरवर के साथ कम्युनिकेशन स्थापित कर पाए, बिना इसके आप इंटरनेट सेवा का उपयोग नहीं कर सकते, इसी आईपी के जरिए कई कंप्यूटर्स दूसरे कंप्यूटर की पहचान करते हैं और फिर अपने बीच वेबसाइट सेवाएं शेयर करते हैं।
सभी डिवाइस का अलग-अलग आईपी एड्रेस होता है, इसलिए इसे आप एक यूनिट एड्रेस मान सकते हैं क्योंकि आईपी किसी भी दो डिवाइस का एक नहीं हो सकता है, जब आप अपने लैपटॉप या मोबाइल को इंटरनेट से जोड़ते हैं तब आपके इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर के जरिए आपके डिवाइस को आईपी एड्रेस दिया जाता है और उसी एड्रेस के माध्यम से इंटरनेट की पहचान आपकी डिवाइस से होती है।
एक उदाहरण से समझे जैसे कि आपके पास एक स्मार्टफोन है लेकिन उस स्मार्ट फोन में सिम कार्ड नहीं है तो आप किसी के साथ भी कम्युनिकेशन स्थापित नहीं कर सकते क्योंकि सिम कार्ड के जरिए ही आप दूसरे के सिम कार्ड से कम्युनिकेशन बनाते हैं उसी तरह से आईपी ऐड्रेस संख्याओं का एक सेट होता है, और यह इंटरनेट से जुड़े डिवाइसों की पहचान करता है और फिर उनके बीच डाटा ट्रांसफर करने का कार्य करता है, इसका इस्तेमाल हम लोग डिजिटल एड्रेस के तौर पर करते हैं। IP Address क्या है? यह जानने के बाद चलिए अब ip address से जुड़ी अन्य जानकारिया देख लेते हैं।
IP Address के प्रकार (Types of IP Address in Hindi)
मुख्य रूप से ip-address के चार प्रकार हैं जो कि नीचे आपको बताए गए हैं।
- Private IP address
- Public IP address
- Static IP address
- Dynamic IP address
1. Private IP address
इस आईपी एड्रेस का इस्तेमाल हम कम्युनिकेशन बनाने के लिए करते हैं और यह लोकल एरिया नेटवर्क में ज्यादातर प्रयोग किया जाता है, प्राइवेट आईपी ऐड्रेस को Local Network provider यानी कि राउटर के जरिए असाइन किया जाता है, और इस एड्रेस से जुड़े डिवाइस किसी भी बाहर के नेटवर्क से कम्युनिकेशन नहीं कर सकते हैं, क्योंकि बाहर के नेटवर्क से कम्युनिकेशन स्थापित करने के लिए उसका एक अलग आईपी एड्रेस होता है।
प्राइवेट आईपी ऐड्रेस के फायदे
Privacy or data protection:- आईपी एड्रेस का इस्तेमाल करने का सबसे बड़ा फायदा है कि आपका डाटा प्रोटेक्ट रहता है और गोपनीयता बनी रहती है, क्योंकि इस एड्रेस से जुड़े हुए सभी डिवाइस किसी बाहर के नेटवर्क से कम्युनिकेशन नहीं कर पाते, जिसका मतलब है कि डाटा केवल आप से जुड़े नेटवर्क के अंतर्गत ही रहता है।
Security:- पब्लिक आईपी एड्रेस की तुलना में देखा जाए तो प्राइवेट काफी ज्यादा सुरक्षित होता है, Private Network Lack of access की वजह से बेहद सुरक्षित होता है, इसलिए मालवेयर और वायरस के लिए इस आईपी एड्रेस पर अपना रास्ता बनाना मुश्किल होता है।
प्राइवेट आईपी ऐड्रेस के नुकसान
Lack of outside communication:-इसका नुकसान है कि आप बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल नहीं कर सकते।
Higher maintenance requirements:- पब्लिक नेटवर्क की अपेक्षा में इसका मेंटेनेंस खर्च काफी ज्यादा आता है।
2. Public IP Address
पब्लिक आईपी ऐड्रेस आफ का मुख्य एड्रेस होता है जिसके जरिए आप बाहर के नेटवर्क से कम्युनिकेशन स्थापित कर पाते हैं, यदि आप अपने लैपटॉप स्मार्टफोन को इंटरनेट से जोड़ना चाहते हैं तो आपको पब्लिक आईपी एड्रेस की जरूरत होगी और इसमें इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर के द्वारा आपके राउटर को असाइन किया जाता है।
पब्लिक आईपी एड्रेस के फायदे
प्राइवेट नेटवर्क की अपेक्षा में इसका मेंटेनेंस चार्ज कम है। पब्लिक आईपी एड्रेस के जरिए आप बाहर के नेटवर्क से आसानी से कम्युनिकेशन स्थापित कर सकते हैं।
पब्लिक आईपी ऐड्रेस के नुकसान
इसके अंतर्गत आप बाहर के सभी नेटवर्क से आसानी से कम्युनिकेशन स्थापित कर लेते हैं जिस वजह से आपके डिवाइस में वायरस या मालवेयर आने के चांसेस बढ़ जाते हैं।
3. Static IP Address
स्टैटिक आईपी एड्रेस नाम से ही पता चल रहा है की ऐसा एड्रेस जिसे आप मैनुअली क्रिएट करते हो और जो कभी बदलता ना हो। जब आप अपने लैपटॉप पर नेटवर्क सेटिंग को अपने से ही कंफीग्योर करते हैं तो यह स्टैटिक आईपी ऐड्रेस के नाम से जाना जाता है, एक परमानेंट एड्रेस के तौर पर काम करता है और किसी भी नेटवर्क से कम्युनिकेशन स्थापित करने के लिए सबसे सरल और विश्वसनीय माध्यम माना जाता है। इसके अलावा आप इस एड्रेस के जरिए किसी भी डिवाइस की वर्तमान लोकेशन भी पता कर सकते हैं।
स्टैटिक आईपी ऐड्रेस के फायदे
इस एड्रेस का इस्तेमाल करने वाले कंप्यूटर के लिए किसी भी नेटवर्क को ढूंढना आसान होता है।
स्टैटिक आईपी ऐड्रेस में कंप्यूटर या लैपटॉप की सेटिंग को चेंज करने की जरूरत नहीं पड़ती है और इसे मेंटेन करना बहुत ही सरल है।
इसका इस्तेमाल करने से एडमिनिस्ट्रेटर इंटरनेट ट्रैफिक को आसानी से ट्रैक कर सकते हैं।
स्टैटिक आईपी एड्रेस के नुकसान
स्टैटिक आईपी ऐड्रेस में सिक्योरिटी को लेकर नुकसान रहता है क्योंकि इसका एड्रेस हमेशा कांस्टेंट रहता है जिस वजह से वेबसाइट को हैक करना आसान हो जाता है।
स्टैटिक आईपी ऐड्रेस को बड़े पैमाने पर कंफीग्यूर करना थोड़ा सा मुश्किल होता है, हालांकि यदि आप अपने घर के लिए कर रहे हैं तो इतना मुश्किल नहीं होता है।
जो भी डिवाइस स्टैटिक आईपी ऐड्रेस का इस्तेमाल कर रहे हैं उन्हें ट्रैक करना बहुत ही आसान होता है।
4. Dynamic IP Address
डायनेमिक आईपी एड्रेस आस्थाई एड्रेस होता है जो कि लगातार अपने से बदलता रहता है, यह Lease System के आधार पर काम करता है यानी कि एक निश्चित समय के लिए ही किसी नेटवर्क को असाइन किया जाता है और जब वह समय पूरा होता है तो आपका डिवाइस नए lease के लिए request करता है। डायनेमिक आईपी ऐड्रेस को Dynamic Host Configuration Protocol (DHCP) नाम की सर्विस आपके नेटवर्क और डिवाइस को असाइन करती है।
डायनेमिक आईपी ऐड्रेस के फायदे
डायनेमिक आईपी ऐड्रेस में रिस्क की संभावना नहीं होती है क्योंकि आप इसमें जितनी बार लॉगिन करते हैं आपको उतनी बार नया आईपी एड्रेस देखने को मिलता है।
इसके अंतर्गत आपको कंफीग्योर करने की जरूरत नहीं पड़ती क्योंकि यह Dynamic Host Configuration Protocol के द्वारा कंफीग्रेशन किया जाता है।
डायनेमिक आईपी एड्रेस के नुकसान
इसके अंतर्गत सिक्योरिटी का नुकसान होता है क्योंकि सभी कंफीग्रेशन कार्य Dynamic Host Configuration Protocol के द्वारा किया जाता है तो ऐसे नहीं यदि इसमें बग्स होता है तो इसका सीधा नुकसान यूजर को उठाना पड़ता है।
क्या वाईफाई बदलने से आईपी एड्रेस बदलता है?
जी हां जब वाईफाई बदलते हैं तो आपका आईपी एड्रेस भी बदलता है यानी कि जब आप अपने घर में लगाए हुए ब्रॉडबैंड सर्विस को बदलते हैं, तब आपका आईपी एड्रेस उसी के साथ बदल जाता है।
अपना IP Address कैसे छुपाये?
यदि आप अपना आईपी एड्रेस छुपाना चाहते है तो इसके लिए भी दो तरीके हैं पहला प्रोक्सी सरवर और दूसरा वीपीएन।
Proxy server
प्रॉक्सी एक प्रकार का मध्य सरवर होता है जैसे कि आप अपना ट्रैफिक रूट कर सकते हैं और आपके ट्रैफिक रूट होने के कारण जो भी आपका इंटरनेट सरवर देखना चाहता है उसे सिर्फ आपका प्रोक्सी सरवर का आईपी देखने को मिलेगा। इसके अलावा वह जो भी मैसेज आपको भेजेगा वह आपके प्रॉक्सी सरवर पर मिलेगा।
Virtual private network (VPN)
वीपीएन से अपना आईपी एड्रेस छुपाना काफी अच्छा तरीका माना जाता है, इसके अंतर्गत जब आपका लैपटॉप किसी मोबाइल लैपटॉप से कनेक्ट होता है तो वीपीएन के जरिए लैपटॉप भी उसी नेटवर्क से जुड़ जाता है और तब आपका नेटवर्क ट्रेफिक वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क पर चल जाता है।
IP Address के क्लास
अभी ऊपर हमने समझा कि ip-address के कितने प्रकार हैं यहां पर आईपी एड्रेस को नेटवर्क साइज के आधार पर 5 क्लास में डिवाइड किया गया है, इन सभी क्लासेस का क्या मतलब है इसकी जानकारी आपको नीचे दी गई है।
Class A:- क्लास ए आईपी ऐड्रेस का इस्तेमाल बड़े नेटवर्क के लिए किया जाता है, जहां पर होस्ट की संख्या अधिक होती है। इसके अंतर्गत 8 बिट्स पहले नेटवर्क की पहचान करते हैं और बाकी के 24 बिट्स नेटवर्क के होस्ट के लिए होते हैं। इसके अंतर्गत 127.0.0.0 से 127.255.255.255 तक के आईपी ऐड्रेस लूपबैक के लिए रिजर्व्ड होते हैं, इसकी रेंज 1 से 227 तक होती है।
Class B:- इसका इस्तेमाल मध्यम आकार के नेटवर्क के लिए किया जाता है। इसके अंतर्गत 16 बिट्स पहले नेटवर्क की पहचान करते हैं और बाकी के 16 बिट्स नेटवर्क के होस्ट के लिए होते हैं। इसकी रेंज 128 से 191 के बीच होती है।
Class C:- इसका इस्तेमाल छोटे आकार के नेटवर्क के लिए किया जाता है, इस क्लास के आईपी एड्रेस की रेंज 192 से 223 होती है। इसमें पहले 24 बिट्स का इस्तेमाल network ID के लिए किया जाता हैं और आखरी के 8 बिट्स का इस्तेमाल host के लिए किया जाता है।
Class D:- क्लास डी का इस्तेमाल रेगुलर नेटवर्किंग कार्यों के लिए नहीं किया जाता बल्कि इसका इस्तेमाल multicasting applications (बहु-प्रसारण अनुप्रयोग) के लिए किया जाता है और इसकी रेंज 224 से 239 के बीच होती है।
Class E:- इस क्लास को आने वाले समय के लिए सुरक्षित करके रखा गया है हालांकि इसका इस्तेमाल अभी तक नहीं किया गया है, इसकी रेंज 240 से 245 के बीच है।
आईपी एड्रेस के वर्जन (IP Address Version in Hindi)
आपकी जानकारी के लिए बता दें आईपी एड्रेस के दो वर्जन है जिनके बारे में नीचे आपको विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई है।
- IP version 4
- IP version 6
IP version 4:- वर्ष 1981 में आईपी वर्जन 4 की शुरुआत हुई थी और तब से लेकर आज तक इसमें कुछ खास बदलाव नहीं किया गया है, यह एक सामान्य वर्जन है जो इंटरनेट की शुरुआत से लेकर अब तक चला आया है लेकिन अब इसकी समय सीमा पूरी हो चुकी है क्योंकि ये इतने एड्रेस की पूर्ति नहीं कर पाया है जितने आईपी एड्रेस की मांग थी और इसमें असीमित एड्रेस नहीं बन सकते। आईपी वर्जन 4, 32 बिट का होता है और इसे दशमलव के द्वारा चार हिस्सों में बांटा गया है, इसका हर हिस्सा 8 बिट का होता है, इसके अलावा आईपी वर्जन 4 की रेंज 0-225 के बीच होती है।
IP version 6:- इंटरनेट के तेजी से विकसित होने पर, दुनिया भर में आईपी वर्जन 4 में कमी आ गई जिसकी वजह से एक नए वर्जन की जरूरत महसूस हुई और तब आईपी वर्जन 6 को IETF के द्वारा डेवलप किया गया, जिसके अंतर्गत असीमत ip-address बनाए जा सकते हैं, इसे डिवेलप करने का उद्देश्य आईपी वर्जन 4 को रिप्लेस करना है। ये एक एडवांस आईपी वर्जन है जो कि 128-bit का है, इसे कोलन के जरिए 8 भागों में बांटा गया है।
IP version 6 की विशेषताएं
- IP version 6, ipv4 के मुकाबले एडमिनिस्ट्रेशन में सरलता प्रदान करता है
- Ipv6 बेहतर कनेक्टिविटी देता है।
- मोबाइल और एप्लीकेशंस के लिए काफी ज्यादा सिक्योर है और साथ ही ipv6 में मोबाइल के लिए कई फीचर्स उपलब्ध है।
- Ipv6 की गति ipv4 के अपेक्षा में काफी तेज है।
- Ipv6 में इतिहास पिक्चर होने के बावजूद भी ipv4 की अपेक्षा में यह कम लोकप्रिय है।
अपना IP Address कैसे पता करें?
किसी के लिए भी अपना आईपी एड्रेस पता करना बहुत ही आसान है, आईपी पता करने के लिए बहुत से तरीके हैं लेकिन यहां पर हम आपको 2 तरीके बताएंगे जिसके जरिए आप आसानी से अपना आईपी पता कर सकते हैं। इसके लिए यहां पर हम आपको आपके मोबाइल पर किसी भी ऐप को डाउनलोड करने के लिए नहीं बताएंगे।
आप अपना आईपी जानने के लिए सीधा ब्राउज़र में जाएं और वहां पर सर्च बॉक्स पर जाकर what is my ip टाइप करके सर्च करें, इतना करने पर आपके फोन स्क्रीन पर आपका आईपी लिखकर आ जाएगा इस तरह से आप इंटरनेट के जरिए एक क्लिक पर अपना आईपी एड्रेस जान सकते हैं, और यह हो गया हमारा पहला तरीका जिसके जरिए आप अपना आईपी जान सकते हैं।
इसके बाद हमारा दूसरा तरीका है कि आप कमांड प्रमोट के जरिए अपना आईपी जाने, इसके लिए सबसे पहले आपको विंडोज के सर्च बॉक्स पर जाकर cmd लिखकर सर्च करना है, इसके बाद आपको Command Prompt को Run As Administrator मोड में खोल लेना है, अब आप Ipconfig को टाइप करके एंटर करें जिसके बाद आपके स्क्रीन पर आपका आईपी लिखकर आ जाएगा।
IP Address कब और किसने बनाया?
आईपी एड्रेस को बनाने में कई लोगों ने अपना सहयोग दिया है, vintcerf को इंटरनेट का फादर माना जाता है और इन्होंने आईपी का निर्माण करने में अहम किरदार निभाया है, जिस दौरान ip-address का निर्माण किया गया उस समय वह यूएस में DARPA (Development of defence advance research project agency) के लिए कार्य कर रहे थे।
अपना IP Address कैसे बदले?
वैसे तो बहुत से तरीके हैं जिसके जरिए आप अपना ip-address बदल सकते हैं, उन्हीं में से एक तरीका है कि आप किसी थर्ड पार्टी के जरिए अपना आईपी एड्रेस बदलें। लेकिन आपकी सुविधा के लिए हम आपको एक सरल सा तरीका या टिप बता रहे हैं जिसके जरिए आप आसानी से अपना आईपी बदल सकते हैं इसके लिए सबसे पहले आपको ब्राउज़र पर what is my ip सर्च करना है जिसके बाद आपका आईपी एड्रेस स्क्रीन पर आ जाएगा।
अब अपना आईपी एड्रेस बदलने के लिए आप अपने मोबाइल को 30 सेकंड के लिए एयरप्लेन मोड में डाल दे 30 सेकंड पूरे होने के बाद अपना एयरप्लेन मोड बंद करें। अब दोबारा से ब्राउज़र पर जाकर what is my ip address सर्च करें जिसके बाद आप देखेंगे कि अब जो आईपी एड्रेस आपकी स्क्रीन पर आ रहा है वह पहले से अलग आया होगा।
कंप्यूटर का आईपी ऐड्रेस कैसे छुपाए और कैसे बदले?
कंप्यूटर पर आईपी ऐड्रेस कैसे बदले की जानकारी के लिए यहां पर हम आपको कुछ स्टेप्स बता रहे हैं जिसके जरिए आप आईपी एड्रेस बदल भी सकते हैं और छुपा भी सकते हैं।
- आईपी एड्रेस बदलने के लिए सर्वप्रथम लैपटॉप या कंप्यूटर के ब्राउज़र पर जाएं और फिर hola vpn extension को ऐड कर ले।
- इतना करने के बाद आप जिस साइट को surf करना चाहते हैं उसे खोलना है।
- इसके बाद hola vpn extension को खोलें और टर्न ऑन बटन पर क्लिक करें।
- अब जिस भी देश के आईपी ऐड्रेस को internet surf करना है उसका सिलेक्ट करें।
- इस तरह से आप कंप्यूटर पर आईपी ऐड्रेस को बदल सकते हैं।
IP Address कैसे काम करता है?
जब कभी भी हम ऑनलाइन किसी वेबसाइट से कोई फाइल डाउनलोड करते हैं या कोई मेल भेजते हैं, उस दौरान हम किसी नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहे होते हैं जो कि अपने आप को इंटरनेट से जुड़े हुआ होता है। इस वक्त आपका डिवाइस इंटरनेट सेवा प्रदाता से कनेक्ट करता है और यदि आप कंपनी से जुड़े हैं तो कंपनी के नेटवर्क का इस्तेमाल करता है और इन सभी को करने के लिए आपके कंप्यूटर या लैपटॉप को इंटरनेट प्रोटोकोल ऐड्रेस का इस्तेमाल करना होता हैं, इस तरह से ip-address काम करता है।
एंड्राइड मोबाइल पर आईपी ऐड्रेस कैसे बदलें?
यदि आप अपने एंड्राइड मोबाइल पर अपना आईपी एड्रेस बदलना या छुपाना चाहते हैं तो आप किसी vpn app का इस्तेमाल कर सकते हैं। यहां पर हम आपको स्टेप्स बता रहे हैं जैसे फॉलो करके आप अपना आईपी एड्रेस बदल सकते हैं।
सबसे पहले अपने मोबाइल पर प्ले स्टोर एप्लीकेशन पर जाकर किसी फ्री वीपीएन एप को इंस्टॉल करें।
इसके बाद ऐप को ओपन करें और T&C पेज को एक्सेप्ट करें।
इसके बाद आपके सामने कई देशों के नाम खुलकर आ जाएंगे आपको किसी एक देश का नाम सिलेक्ट करना है जिसके बाद आपका आईपी एड्रेस बदल जाएगा और हाइड भी हो जाएगा।
IP Address Full Form in Hindi
आईपी का फुल फॉर्म इंटरनेट प्रोटोकोल ऐड्रेस होता है।
IP Address का इस्तेमाल क्यों किया जाता है?
इंटरनेट प्रोटोकोल ऐड्रेस की सहायता से इंटरनेट से जुड़े डिवाइस को पहचान प्राप्त होती है जिसके जरिए वह किसी भी डाटा को आसानी से सही जगह पर ट्रांसफर कर पाता है। इसे उदाहरण उधर से समझे जैसे कि हम ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं तो अपने घर का एड्रेस डालते हैं जिससे कि हमारा मंगाया हुआ सामान हमारे घर के एड्रेस पर आसानी से पहुंचे।
ठीक उसी तरह से जब हमारा कंप्यूटर इंटरनेट से कनेक्ट होता है तो उसे एक आईपी एड्रेस प्राप्त होता है जिससे कि सही जगह पर डाटा ट्रांसफर किया जा सके। जैसे मान लीजिए आप इंटरनेट से किसी डॉक्यूमेंट को डाउनलोड करते हैं तो वे डॉक्यूमेंट आपके कंप्यूटर तक इसी आईपी एड्रेस के जरिए पहुंचती है।
IP Address के इस्तेमाल?
आईपी एड्रेस के कुछ मुख्य इस्तेमाल है जो कि हमने आपको निम्न प्रकार से बताए हैं। इंटरनेट को एक्सेस करने के लिए हमें आईपी एड्रेस की जरूरत होती है। किसी नेटवर्क से जुड़े डिवाइस को आपस में कम्युनिकेशन स्थापित करने के लिए आईपी एड्रेस की आवश्यकता पड़ती है।
किसी नेटवर्क को डिवाइस की पहचान करने के लिए आईपी ऐड्रेस का पता होना जरूरी होता है।
यदि आप इंटरनेट से किसी भी तरह के वीडियो ऑडियो या फाइल डाउनलोड करना चाहते हैं तो भी आपको आईपी एड्रेस की जरूरत पड़ती है।
किसी नेटवर्क से जुड़े डिवाइस के बीच डाटा ट्रांसफर के लिए आईपी ऐड्रेस महत्वपूर्ण है।
IP Address कौन प्रदान करता है?
वैश्विक स्तर पर इंटरनेट प्रोटोकोल ऐड्रेस Internet Assigned Number Authority (IANA) के द्वारा प्रदान किया जाता है, जो कि अमेरिका की एक non-profit कॉरपोरेशन है। IANA आईपी एड्रेस के ब्लॉक्स को Regional Internet Registries को देता है जिसके बाद Regional Internet Registries अपने एरिया के internet provider service को आई पी आवंटित करता है। इसके बाद ही इंटरनेट सेवा प्रदाता आपको आईपी एड्रेस देता है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें पूरी दुनिया में 5 रीजनल इंटरनेट रजिस्ट्रीज है जिन्हें इंटरनेट असाइन नंबर अथॉरिटी के द्वारा आईपी आवंटित किया जाता है। इसके साथ ही इन्ही Regional Internet Registries के द्वारा आईपी को मैनेज भी किया जाता है, और यह सभी अपने-अपने क्षेत्रों में local registries और specific users को उनके आवश्यकता के अनुसार आईपी एड्रेस असाइन करती है। इसके अलावा इसके कुछ T&C भी है जिसे मानना अनिवार्य है।
Reseaux IP Européens Networks Coordination Centre(RIPE NCC)
American Registry for Internet Numbers(ARIN)
Latin American and Caribbean Internet Address Registry(LACNIC)
African Network Information Centre(AFRINIC)
Asia – Pacific Network Information Centre(APNIC)
IP version 4 और IP version 6 में अंतर
Ipv4 और ivp6 के बीच कुछ अंतर है जो कि आपके लिए जानना जरूरी है यहां पर हमने आपको इन दोनों के बीच के अंतर को विस्तार से बताया है।
- Ipv4 में Length 32 bits होती है जबकि ivp6 में Length 128 bits होती है।
- Ipv4 में total octet 4 होते है जबकि ivp6 में total octet 8 होते है।
- Ipv4 के नेटवर्क की रेंज 0-255 होती है वही ivp6 के नेटवर्क की रेंज 0-65535 होती है।
- Ivp4 में 4 billion IP address होता है वही ivp6 में 340 trillion ip address होता है।
IP Address के फायदे?
आईपी ऐड्रेस इस्तेमाल करने के कई मुख्य फायदे हैं जो कि आपको नीचे बताए गए हैं।
इंटरनेट प्रोटोकोल हमारी डिवाइस की पहचान करता है, ऐसे में अगर कोई व्यक्ति डिजिटल डिवाइस के माध्यम से किसी तरह का क्राइम कर रहा है तो पुलिस इंटरनेट प्रोटोकॉल के जरिए उस तक पहुंच सकती है और इंटरनेट प्रोटोकॉल के माध्यम से कई क्राइम का हल भी किया गया है।
आईपी के माध्यम से किसी नेटवर्क के बीच कम्युनिकेशन स्थापित करना आसान हो गया है। इंटरनेट प्रोटोकॉल की मदद से किसी एक सरवर से दूसरे सरवर तक तेजी से डाटा ट्रांसफर कर सकते हैं।
Android मोबाइल में अपना IP Address कैसे देखे?
अगर आपके पास एंड्राइड मोबाइल है और आप अपना आईपी एड्रेस देखना चाहते हैं तो यहां पर हम आपको कुछ स्टेप्स बता रहे हैं जिसके जरिए आप अपना आईपी देख सकते हैं।
- सबसे पहले आप सेटिंग्स पर जाएं और फिर वेरीफाई पर क्लिक कर दें।
- यदि आपका अपना नेटवर्क नहीं है तो वेरीफाई नेटवर्क से कनेक्ट करें।
- इतना करने के बाद नेटवर्क नेम पर क्लिक करें और फिर एडवांस सेक्शन को ओपन करें।
- अब आपके सामने आपका ip-address खुलकर आ जाएगा।
iPhone में अपना IP Address कैसे देखे?
आज के समय में बहुत से यूजर्स आईफोन का इस्तेमाल कर रहे हैं ऐसे में वह भी जानना चाहते हैं कि वह अपने आईफोन पर आईपी ऐड्रेस कैसे देखें इसलिए यहां पर हमने आपको स्टेप्स बताए हुए हैं जिन्हें आप फॉलो कर सकते हैं।
- सबसे पहले सेटिंग्स पर जाएं और वेरीफाई पर क्लिक करें।
- अगर आपका आईफोन नेटवर्क से कनेक्ट है तो अच्छी बात है अगर नहीं है तो उसे नेटवर्क से कनेक्ट करें।
- नेटवर्क से क्लिक करते ही आपको आईपी एड्रेस देखने को मिल जाएगा।
IP Address और MAC Address में अंतर
मैक और आईपी ऐड्रेस के बीच कई अंतर है क्योंकि नीचे आपको बताए गए हैं।
मैक ऐड्रेस देखता है कि कंप्यूटर का फिजिकल ऐड्रेस यूनिक हो, जबकि आईपी ऐड्रेस डिवाइस का लॉजिकल ऐड्रेस होता है जो कि नेटवर्क से जुड़े किसी डिवाइस की पहचान के लिए जाना जाता है।
आईपी ऐड्रेस हमेशा नेटवर्क लेयर पर कार्य करता है वही मैक एड्रेस लिंक लेयर पर कार्य करता है।
इंटरनेट प्रोटोकोल ऐड्रेस किसी नेटवर्क पर डिवाइस के कनेक्शन की पहचान करता है, जबकि मैक सिर्फ किसी डिवाइस की पहचान करने का ही काम करता है।
आईपी हमारा सॉफ्टवेयर ओरिएंटेड होता है वही मैक हार्डवेयर ओरिएंटेड होता है।
तो दोस्तों आशा करते हैं की अब आपको IP address और उससे जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी मिल चुकी होगी, और आप जान गए होगे की IP Address क्या है? इसके प्रकार? और कैसे काम करता है? (All about ip address in hindi)
FAQs
अपना सार्वजनिक आईपी एड्रेस पता करने के लिए आपको सिंपली गूगल पर लिखना है What’s my up रिजल्ट में आपको अपना आईपी ऐड्रेस दिखाई देगा। इस IP address में आपको नंबर और Text का मिश्रण दिखाई देता है। इस प्रक्रिया को आप अपने मोबाइल या पीसी दोनों में दोहरा सकते हैं। और सेकंड्स में अपना IP address जान सकते है।
इस सवाल का जवाब है कि हां आपको अपना आईपी एड्रेस छुपाना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से आपको प्राइवेसी मिलेगी और आपका पर्सनल जानकारी कोई चुरा नहीं सकेगा और ना ही उसका दुरूपयोग कर पाएगा।
एक आईपी एड्रेस 32 बिट का नंबर होता है जो किसी मशीन में नेटवर्क इंटरफेस के बारे में जानकारी देता है। आमतौर पर एक IP address को डेसिमल डिजिट्स में लिखा जाता है जो आमतौर पर hexadecimal or decimal number के combination में लिखा होता है।
इंटरनेट प्रोटोकोल ऐड्रेस के ivp4 में 4 भाग होते हैं वही ivp6 में 8 भाग होते हैं।
जब भी आप अपना सिम कार्ड बदलते हैं या फिर उसे दोबारा से re-insert करते हैं तो आपका आईपी एड्रेस हर बार चेंज हो जाता है। यही नहीं जब आप एयरप्लेन मोड को ऑन करके टर्न ऑफ करते हैं तब भी IP address में बदलाव आता है।
इंटरनेट प्रोटोकॉल एड्रेस को Internet Assigned Number Authority (IANA) के द्वारा मैनेज किया जाता है।
इंटरनेट प्रोटोकॉल एड्रेस के दो वर्जन है पहला ivp4 और दूसरा ivp6।
उम्मीद है की अब आपको IP Address के बारे में पूरी जानकारी मिल चुकी होगी, और अब आप जान गये होगे की IP Address क्या है? कब और किसने बनाया? कैसे काम करता है? ज़रूरत और फ़ायदे क्या हैं? Versions of IP Address & All About IP Address In Hindi?
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Hope की आपको IP Address क्या है? इसके प्रकार? और कैसे काम करता है? का यह पोस्ट पसंद आया होगा, और हेल्पफ़ुल लगा होगा।
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