मैलवेयर क्या है? प्रकार, और इससे कैसे बचें? (Malware Meaning in Hindi)

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दोस्तों आज के समय में इंटरनेट और टेक्नोलॉजी इतनी तेजी से grow कर रही है की इसके बारे में क्या ही कहना! जहां एक तरफ इंटरनेट लोगों की जिंदगी को बेहतर कर रहा है तो वही इसी का इस्तेमाल करके कुछ लोग दूसरों के साथ बुरा करते हैं और उन्हें नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते हैं। हम आपको बताएंगे कि मैलवेयर क्या है? प्रकार, और इससे कैसे बचें? (Malware Meaning in Hindi) जैसा की आपको पता है की आजकल सारी चीजें ऑनलाइन होती है इसीलिए लोगों को लूटने के लिए ऑनलाइन माध्यम से अब फ्रॉड किया जाने लगा है।

मैलवेयर क्या है? प्रकार, और इससे कैसे बचें? (Malware Meaning in Hindi)

जिसके लिए जो चोर होता है या फिर यूं कहें कि जो Hackers होते हैं वो दूसरों को नुकसान पहुंचाने के लिए अलग-अलग तरह के Malware और virus का इस्तेमाल करते हैं। जिसकी वजह से लोगों को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचता है अगर आप कंप्यूटर का इस्तेमाल करते हैं तो आपने कभी ना कभी माल का नाम जरूर सुना होगा।


अगर आपने किसी से माल के बारे में सुना है और आप इसके बारे में जानना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं क्योंकि इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि मैलवेयर क्या है? इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको माल के बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी इसीलिए इसे पूरा जरूर पढ़ें। चाहे आप कंप्यूटर का इस्तेमाल करते हो या फिर मोबाइल का अगर आप एक इंटरनेट यूजर है तो आपके डिवाइस को भी मैलवेयर से खतरा हो सकता है इसीलिए आपको इस बारे में जरूर पढ़ना चाहिए। ऐसा करने से आपको Malware के बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी और आप इसे ठीक करने का तरीका भी जान पाएंगे।

मैलवेयर क्या है? (What is Malware in Hindi)

Malware जिसे malicious software कहते हैं वो एक ऐसा प्रोग्राम या फिर फाइल होता है जो जानबूझकर दूसरे के computer, network या server को Harm करता है।


Malware सॉफ्टवेयर को बनाया ही इसीलिए जाता है ताकि ये एक कंप्यूटर के normal functioning को खराब कर सके। Malware के अंदर viruses, trojans, जैसे कई तरह के destructive computer programs होते हैं।

इस तरह के प्रोग्राम फाइल को इसीलिए बनाए जाते है ताकि इसका इस्तेमाल करके दूसरे के कंप्यूटर से जरूरी जानकारी निकाली जा सके। 

Malware Meaning in Hindi

Malicious software के शॉर्ट फॉर्म को malware कहते हैं ये एक तरह का file या फिर code होता है जो Hackers या फिर Attackers के orders पर किसी भी व्यक्ति के कंप्यूटर में घुसकर उनके कंप्यूटर को अटैक करता है, उनके कंप्यूटर में मौजूद files को प्रोग्राम करता है या फिर उन फाइल्स को चुराने की कोशिश करता है।


और क्योंकि Malware काफी अलग अलग तरह से बनाए जाते हैं इसीलिए ये काफी अलग-अलग तरीके से कंप्यूटर को नुकसान पहुंचाते है। पर जो भी हो, ज्यादातर सभी Malware को इन्हीं उद्देश्यों के वजह से बनाया जाता है –

  • Malware को किसी दूसरे व्यक्ति के कंप्यूटर को अपने कंट्रोल में लाने के लिए बनाया जाता है और बन जाने के बाद इसे उनके कंप्यूटर में डाल दिया जाता है ताकि उनका कंप्यूटर infected हो जाए और इनफेक्टेड होने की वजह से infected कंप्यूटर को फिर अपने कंट्रोल में लेना आसान हो जाए।
  • Malware को किसी दूसरे के कंप्यूटर में कभी-कभी इसलिए भी डाला जाता है ताकि उस व्यक्ति के कंप्यूटर को पूरी तरह से खराब किया जा सके।
  • इसके अलावा Malware को दूसरे के कंप्यूटर से डाटा चुराने के लिए भी उनके कंप्यूटर में डाला जाता है ताकि ये मैलवेयर उन्हें कमजोर करके उनके पास मौजूद अरे इंफॉर्मेशन और डाटा को चुरा सके।

Sources: (Techtarget, McAfee, Malwarebytes)


मैलवेयर क्या करता है?

Malware डिवाइस को और नेटवर्क को नुकसान पहुंचाता है । Malware के संपर्क में जो भी डिवाइस, सर्वर या नेटवर्क आता है वो उसे नुकसान तो पहुंच आता ही है पर साथ ही वो उसे खराब भी कर देता है।

अलग-अलग Malware के types के वजह से अंत में ये Malware डिवाइस को अलग तरीके से नुकसान पहुंचाता है। जितने भी मैलवेयर होते हैं उन सभी मैलवेयर को hackers की इच्छा को पूरी करने के लिए या फिर यूं कहें कि उन्हें फायदा पहुंचाने के लिए और victim व्यक्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए ही मनाया जाता है।

मैलवेयर का इतिहास (History of Malware in Hindi)

Malware शब्द को सबसे पहले 1990 में computer scientist और security researcher Yisrael Radai के द्वारा इस्तेमाल किया गया था। जबकि हकीकत तो ये है कि मैलवेयर इससे भी पहले से ही इंटरनेट पर मौजूद था।


Malware के सबसे अच्छे उदाहरण की बात करें तो 1971 में बनाया गया Creeper virus इसका अच्छा उदाहरण बन सकता है क्योंकि इस वायरस को एक एक्सपेरिमेंट के दौरान BBN Technologies engineer Robert Thomas के द्वारा बनाया गया था। ‌इस वायरस को ARPANET के Mainframe को इन फैक्ट करने के लिए डिजाइन किया गया था। ‌

हालांकि ये बात अलग है की इस वायरस ने ARPANET को ना तो infect किया था , ना उसका डाटा चुराया था और ना ही किसी भी तरह के डाटा को डिलीट किया था बल्कि ये वायरस ARPANET mainframe में सिर्फ एक जगह से दूसरे जगह पर बिना परमिशन के जा रहा था।

और इसमें यही मैसेज लिखा हुआ आ रहा था कि “I’m the creeper: Catch me if you can.” मतलब मैं creeper हूं और अगर आप मुझे पकड़ सकते हैं तो पकड़ लीजिए। इस वायरस को आगे चल कर कंप्यूटर साइंटिस्ट Ray Tomlinson ने और alter कर दिया जिसकी वजह से ये वायरस खुद में और वायरस बनाने लगी। और इस तरह से पहला computer worm यानी कि कंप्यूटर कीड़ा बना।

1980 में ये जो वायरस था वो टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री में आ चुका था। 1980 में Apple और IBM PCs में देखने को मिला था ये तब की बात है  जब World Wide Web बिल्कुल भी पॉपुलर नहीं था। लेकिन फिर जैसे-जैसे डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू पॉपुलर होता गया वैसे-वैसे Malware के अंदर भी काफी सारे बदलाव होते गए और एक के बाद एक अलग अलग तरह के Malware बनने लगे व कंप्यूटर को नुकसान पहुंचाने लगे।

मैलवेयर के प्रकार (Types of Malware in Hindi)

जैसा की मैंने आपको बताया Malware काफी अलग-अलग तरह के होते हैं। जो ना सिर्फ दूसरों को अलग तरीके से नुकसान पहुंचाते हैं बल्कि इनकी बनावट और विशेषताएं भी एक दूसरे से अलग होती हैं।

1. Ransomware

Ransomware एक तरह का malicious software होता है जिसे डालकर एक कंप्यूटर के यूजर को उसके डाटा को access करने से रोका जाता है जब तक कि Ransom को पैसा नहीं दिया जाता है।

इस तरह के जो वायरस होते हैं वो victim के computer में जाकर उनके कंप्यूटर में मौजूद डाटा को पूरी तरह से या फिर उनके सबसे जरूरी डाटा को lock कर देते हैं और जब victim hacker को पैसा देता है उसके बाद ही victim को वापस अपने कंप्यूटर में मौजूद डाटा का access मिलता है।

इस तरह का मैलवेयर काफी खतरनाक होता है इस तरह का Malware काफी हानिकारक होता है इसीलिए इसका इस्तेमाल करना crime के अंदर आता है। जो cyber criminals होते हैं वो इस तरह के Malware का इस्तेमाल करके पैसे कमाते हैं।

ये बिल्कुल किडनैपिंग के जैसा होता है लेकिन इसमें कोई इंसान नहीं बल्कि आपके कंप्यूटर में मौजूद डाटा को किडनैप किया जाता है या फिर यूं कहें कि आप से चुरा कर अपने पास रखा जाता है और जब आप पैसे दे देते हैं तो आपको किडनैप की हुई चीज यानी कि आपका डाटा आपको वापस कर दिया जाता है।

2. Spyware

Spyware ऐसा मैलवेयर होता है जो यूजर से पूछे बिना या फिर यूं कहें कि उनके मर्जी के बिना उनके डिवाइस के एक्टिविटी पर अपनी नजर रखता और उनकी जानकारी को कलेक्ट करता है। इस तरह के जो मैलवेयर होते हैं वो ज्यादातर passwords, pins, payment information इन सब की जानकारी ही इकट्ठा करते हैं।

 ऐसा नहीं है की इस तरह के जो मैलवेयर होते हैं वो सिर्फ कंप्यूटर तक ही सीमित रहते हैं बल्कि इस तरह के वायरस बहुत से एप्लीकेशन में भी मौजूद रहते हैं जो मोबाइल को अफेक्ट करते हैं और यूजर की जानकारी के बिना उनकी संवेदनशील जानकारियों को चुरा लेते हैं। ‌

3. Adware

Adware एक खास तरह का Malware होता है जो यूजर्स की surfing activity यानी की उनके browser और download history पर अपनी नजर रखता है ताकि वो ये समझ सके की उन्हें किस तरह के Ads देने हैं!

ये मैलवेयर ना तो यूजर्स के कंप्यूटर में कोई सॉफ्टवेयर डाउनलोड करता है और ना ही ये विक्टिम के एक्टिविटी को रिकॉर्ड करता है। इस तरह के Malware से यूजर्स के प्राइवेसी का सबसे बड़ा खतरा ये होता है। क्योंकि ये Malware यूजर के डिवाइस में आकर उनके एक्टिविटी को spy करके इंटरनेट पर दूसरी जगह पर छोड़ देता हैं।

ये Malware अधिकतर victim के बारे में सारी जानकारी निकाल कर उनके जानकारी का इस्तेमाल करके उनके ही नाम से internet पर दूसरा कोई दूसरा फेक अकाउंट बनाता है और उसमें विक्टिम के कोंटेक्ट के लोगों को ही Add करता है।

इतना ही नहीं Adware मैलवेयर यूजर की online shopping, online surfing पर नजर रखकर प्राप्त डाटा को यूजर के मर्जी के बिना advertisers को बेच देते हैं।

4. Trojan

Trojan भी एक खतरनाक Malware होता है, इसे Trojan horse के नाम से भी जाना जाता है। इस Malware को एक सॉफ्टवेयर या फिर एक code के रूप में बनाया जाता हैं। इस तरह के सॉफ्टवेयर को यूजर्स के कंप्यूटर को अपने एक्सेस में करने के लिए बनाया जाता है।

और जब इस malicious software को यूजर अपने कंप्यूटर में इंस्टॉल कर देता है तब इसका इस्तेमाल गलत कामों को करने के लिए किया जाता है। इस तरह के जो Malware या फिर यूं कहें की वायरस होते हैं वो games, Apps यहां तक कि software patches में छुपे हुए होते हैं और कुछ वायरस ऐसे होते हैं जो phishing email के जरिए victim के कंप्यूटर में आते हैं।

5. Worms

जैसा की आप नाम से ही समझ सकते हैं ये एक खास तरह का malware virus होता है जिसे replicate होने में यानी कि एक से दो होने के लिए किसी भी तरह के host program की जरूरत नहीं होती है इसीलिए इस तरह के जो मैलवेयर होते हैं वो बहुत ही तेजी से नेटवर्क में फैलते हैं।

 अगर कोई कंप्यूटर इस malware virus से infected हैं और वो कंप्यूटर किसी नेटवर्क से जुड़ा हुआ है तो नेटवर्क के संपर्क में आते ही ये malware वायरस नेटवर्क में अपनी कॉपी बना लेते हैं इससे जो नेटवर्क होता है वो भी infected हो जाता है।

6. Virus

वायरस एक बहुत common malware होता है जो की software में या फिर किसी भी तरह के प्रोग्रामिंग फाइल में पहले से ही attach होता है और जब आप इस फाइल को ओपन करते हैं तब ये वायरस एक्टिवेट हो जाता है।

और सारे फाइल्स को infect करना शुरू कर देता है जब वायरस किसी नेटवर्क में चला जाता है तब इसका इस्तेमाल sensitive data को चुराने के लिए और DDoS attacks व ransomware attacks करने के लिए किया जाता है।

7. Rootkits

ये बहुत ही खास तरीके का मैलवेयर होता है क्योंकि ये victim के कंप्यूटर के administrator-level को access कर लेता हैं। ये Malware victim के कंप्यूटर का पूरा कंट्रोल malicious actors यानी कि हैकर्स को देते हैं।

इस तरह के मैलवेयर्स applications, kernels, hypervisors या firmware में आसानी से inject हो जाते हैं। और फिर ये Malware phishing, malicious attachments और malicious downloads के जरिए फैलते रहते हैं।

8. Keyloggers

ये Malware भी एक तरह का spyware होता है क्योंकि ये भी यूजर की एक्टिविटी में अपनी नजर रखता है। इस तरह के Malware का इस्तेमाल कई सारे जगहों पर किया जाता है जो बिजनेस होते हैं वो इसका इस्तेमाल अपने कर्मचारियों की एक्टिविटी को देखने के लिए करते हैं!

पैरेंट्स अपने बच्चों के कंप्यूटर में की जाने वाली एक्टिविटी इसको देखने के लिए इस तरह के मैलवेयर का इस्तेमाल करते हैं।

लेकिन कोई अगर इस Malware को गलत इरादों के लिए डाउनलोड करता है तो इसका इस्तेमाल करके वो यूजर के बैंक की जानकारी प्राप्त कर सकता है, पासवर्ड चुरा सकता है और इस तरह की कई गोपनीय चीजों को भी चुरा सकता है। Keyloggers को यूजर के कंप्यूटर में phishing, social engineering या फिर malicious downloads के द्वारा डाला जा सकता है।

9. Bots/Botnets

ये एक खास तरह का मैलवेयर होता है जो software application के रूप में दिए हुए कमांड पर काम करता है। इस तरह के Malware का इस्तेमाल search engine indexing के लिए किया जाता है।

लेकिन अगर इसका इस्तेमाल गलत इरादे से किया जाए तो इस मैलवेयर का इस्तेमाल करके DDoS attacks आसानी से किया जा सकता है। ज्यादातर जो Bots होते हैं उसका इस्तेमाल Bonet create करने के लिए किया जाता है। इस तरह का जो malware होता है वो काफी महंगा होता है!

10. Mobile Malware

पिछले कुछ सालों में मोबाइल में भी बहुत ज्यादा वायरस अटैक्स की खबरें सुनने को मिल रही है। खबरों की मानें तो पिछले साल से मोबाइल में वायरस अटैक 50% से बढ़ गया है।

Mobile Malware जैसा की आप नाम से ही समझ सकते हैं ये वो वायरस होता है जो आपके मोबाइल डिवाइस को टारगेट करता है! मोबाइल Malware के अंदर Trojans, ransomware, advertising click fraud जैसे कई तरह के malware आते हैं।

मोबाइल में इस तरह के जो वायरस होते हैं वो phishing और malicious downloads की वजह से ज्यादा आते हैं जब आप अपने ब्राउज़र से कोई फाइल या फिर एप्लीकेशन को डाउनलोड करते हैं तब इस तरह के वायरस आपके मोबाइल में उस डाउनलोड Files के साथ चले आते हैं। इस तरह के Malware काफी हानिकारक होता है इसीलिए आपको अपने मोबाइल को इस तरह के वायरस से बचा कर रखना चाहिए।

11. Wiper Malware

ये बहुत ही अजीब तरह का Malware होता है इस Malware को सिर्फ एक ही उद्देश्य से बनाया जाता है कि ये victim के कंप्यूटर में जाकर उनके सभी data को erase कर दें और इस तरह से erase करें कि उस data को कभी रिकवर ना किया जा सके। इस तरह के Malware का इस्तेमाल बड़ी-बड़ी कंपनियों में उनके competitors के द्वारा किया जाता है।

Malware को Detect कैसे किया जाता है?

वैसे आप ने ये तो जान लिया कि Malware क्या होता है और ये कितने तरह का होता है ? लेकिन अब ये जानना बहुत जरूरी है कि इसे detect कैसे जाए क्योंकि अगर अपने डिवाइस में Malware नहीं ढूंढ लेंगे तो हो सकता है कि ये आपके डिवाइस को बुरी तरह से नुकसान पहुंचा दे इसीलिए इसे समय रहते detect कर लेना बहुत जरूरी होता है।

अगर आप सोच रहे हैं की अपने डिवाइस में Malware को detect करना मुश्किल होता है तो मैं आपको बता दूं कि ऐसा नहीं है! सिर्फ कुछ चीजों को observe करके आप अपने डिवाइस में से वायरस ढूंढ सकते हैं।

आप को थोड़े से अजीब activities में ध्यान देना चाहिए जैसे आपके local disk से space अगर अचानक से कम हो जाए तो, अगर आपके डिवाइस की स्पीड अचानक से कम हो जाए, कोई फाइल अगर बहुत ज्यादा crash कर रही है या फिर freeze हो गई है तो समझ जाइए की उस फाइल में malware मौजूद है।

इतना ही नहीं अगर आपके डिवाइस में कोई एप्लीकेशन या फिर फाइल प्रोग्राम ऑन नहीं हो रहा है तो आप समझ जाइए की आपके कंप्यूटर में Malware आ चुका है। अगर आपका कंप्यूटर काम करते-करते ही बंद हो जाता है तो ये भी एक sign है कि आप का कंप्यूटर वायरस से अफेक्ट हो चुका है।

इसके अलावा आप अपने डिवाइस में Antivirus और anti-malware software को इंस्टॉल करके अपने डिवाइस में से Malware को ढूंढ सकते हैं और अपने कंप्यूटर से साफ भी कर सकते हैं। क्योंकि इस तरह के जो tools होते हैं वो बहुत ही आसानी से डिवाइस के routine system को scan करके डिवाइस को real-time protection देते हैं।

Windows Defender एक तरह का Microsoft anti-malware software हैं जो आपको बताता है की आपके कंप्यूटर में कोई मैलवेयर है या नहीं और अगर है तो इसका इस्तेमाल करके आप उस वायरस को अपने कंप्यूटर से बाहर कर सकते हैं।

Malware को Device से बाहर कैसे निकाले?

किसी भी डिवाइस में मैलवेयर का आ जाना बहुत बड़ा खतरा होता है। जैसा कि मैंने आपको ऊपर बताया कई सारे ऐसे सॉफ्टवेयर होते हैं जो आपको अपने डिवाइस से मैलवेयर बाहर निकालने में मदद करते हैं और सिस्टम को बिल्कुल malware free कर देते हैं।

तो अगर आपको ऐसा लग रहा है की आपके कंप्यूटर में या फिर मोबाइल में किसी तरह का कोई मैलवेयर आ गया है तो आप Anti Malware software या फिर Anti Malware Apps का इस्तेमाल कर सकते हैं।

अगर मैं कंप्यूटर की बात करूं तो कंप्यूटर में से मैलवेयर हटाने के लिए आप Malwarebytes नाम के सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर सकते हैं। ये एक antimalware tool है जो आपके कंप्यूटर में मौजूद malware को detect और remove कर सकता है।

ये सॉफ्टवेयर Windows, macOS, Android, iOS किसी भी platform से वायरस को हटा सकता है। इतना ही नहीं ये tools आपके registry files, running programs, hard drives और individual files को scan करके आपको security देता है।

और अगर स्कैन करने पर कभी कोई Malware मिलता भी है तो वो उसे खुद ही आपके डिवाइस से remove कर देता है। तो अपने डिवाइस को सुरक्षित रखने के लिए आप इस Anti Malware tool का इस्तेमाल कर सकते हैं।

Malware अटैक से कैसे बचे?

कई सारे ऐसे तरीके हैं जिसका इस्तेमाल करके आप आसानी से Malware attack से अपने डिवाइस को बचा सकते हैं और इन तरीकों के बारे में हमने आपको नीचे बताया है तो उसे ध्यान से पढ़ें –

  • यूजर्स अपने कंप्यूटर को safe तरीके से यूज करके अपने डिवाइस को Malware attacks से बचा सकते हैं। ध्यान रहे कंप्यूटर को safe तरीके से इस्तेमाल करने का मतलब ये होता है कि आप को अपने कंप्यूटर में आए किसी भी email में attach file को चेक किए बिना ओपन नहीं करना चाहिए। क्योंकि कंप्यूटर में जितने भी मैलवेयर आते हैं उनमें से ज्यादातर Malware इस तरीके से ही डिवाइस को infect करते हैं।
  • यूजर्स को समय-समय पर अपने डिवाइस में मौजूद Anti Malware Tool को update करते रहना चाहिए। ऐसा करने से आपका जो टूल है वो सही से काम करेगा और आपके डिवाइस में Malware नहीं आएंगे। क्योंकि अगर आप ऐसा नहीं करते हैं और आपका जो Anti Malware Tool हैं वो सही से काम नहीं करता है तो आपके डिवाइस में फिर malware आ जाएंगे जो आपके डिवाइस को काफी बुरी तरह से affect करेंगे।
  • आपने देखा होगा की जब आप ब्राउज़र पर कुछ सर्च करते हैं तो आपको कई तरह के ads दिखाई देते हैं आपको उन पर भी क्लिक नहीं करना चाहिए क्योंकि इस तरह के ads में भी ऐसे वायरस मौजूद होते हैं।
  • किसी unknown resource से कुछ भी डाउनलोड ना करें और ना ही किसी unknown resource file को ओपन करें।
  • अपने कंप्यूटर डिवाइस में किसी भी तरह का external device जैसे USB mobile connection, pen drive, card reader को ओपन करने से पहले आपको एक बार इन्हें scan कर लेना चाहिए।

Anti Malware क्या होता है?

जैसा कि आप नाम पढ़ कर ही समझ सकते हैं Anti Malware एक तरह का सॉफ्टवेयर होता है जो आपके कंप्यूटर को ना सिर्फ malware attack से बचाता है बल्कि आपके कंप्यूटर में malware को detect करके उसे Remove भी कर देता है इस तरह के सॉफ्टवेयर के वजह से आपका डिवाइस malware से पूरी तरह से सुरक्षित रहता है।

Malware और Virus में क्या अंतर होता है?

बहुत से लोगों को लगता है कि Malware और Virus दोनों एक ही होता है क्योंकि दोनों ही कंप्यूटर को अटैक करते हैं और उसे नुकसान पहुंचाते है। पर ऐसा नहीं है हालांकि दोनों कंप्यूटर को अटैक करते हैं लेकिन इन दोनों में काफी अंतर होता है –

1. Malware के अंदर वायरस के साथ-साथ और भी कई सारे खतरनाक malwares होते हैं जबकि वायरस एक तरह का malware code होता है जिसका इस्तेमाल कंप्यूटर को नुकसान पहुंचाने के लिए किया जाता है।

2. Malware से कंप्यूटर को बचाने के लिए Anti Malware tool की जरूरत होती है जबकि वायरस से बचाने के लिए Anti virus की जरूरत पड़ती है।

FAQ

Malware का फुल फॉर्म क्या है ?

Malware का फुल फॉर्म Malicious Software होता है, ये एक बेकार सॉफ्टवेयर होता हैं जो आपके डिवाइस को काफी बुरी तरह से नुकसान पहुंचाता है। इसीलिए आपको इस तरह के Malicious Software से बचना चाहिए।

दुनिया का पहला वायरस कौन सा था?

Creeper दुनिया का पहला वायरस था।

मैलवेयर के उदाहरण क्या हैं?

Virus, worm, Trojan horse, spyware, roolkit, adware, keyloggers Malware के उदाहरण हैं।

दोस्तों इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप समझ चुके होंगे कि मैलवेयर क्या है? इस आर्टिकल में हमने आपको Malware के बारे में पूरी जानकारी देने की कोशिश की है साथ ही अपने आप को ये भी बताया है कि Malware के कितने तरह के मैलवेयर आते हैं और इसे कैसे detect व remove किया जाता है।

तो इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद मुझे नहीं लगता कि आपको अब Malware से डरने की जरूरत होगी। क्योंकि अब आप अपने डिवाइस में से मैलवेयर को आसानी से ढूंढ कर हटा सकते हैं और अपने डिवाइस को वायरस से बचाकर रख सकते हैं।

अगर आपको ये जानकारी अच्छी लगी हो तो आप इसे उन लोगों के साथ में जरूर शेयर कीजिए जो कंप्यूटर पर काम करते हैं। वैसे तो हमने आपको Malware के बारे में सब कुछ बता दिया है लेकिन अगर आपके मन में इससे संबंधित कोई सवाल है तो आप कमेंट में पूछ सकते हैं।

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