आपने देखा होगा जब भी आप दुकान में कोई नया कैमरा या नया स्मार्टफोन लेने की सोचते हो तो आप उसमे सबसे पहले उसके कैमरा की मेगापिक्सेल की भी जानकारी लेते हो। क्या आपको पता है की यह MegaPixel क्या होता है? अगर नहीं! तो आजके इस पोस्ट में हम जानिंगे।
हम सभी को एक अच्छे कैमरे वाला स्मार्टफोन की तलाश होती है? क्या आपको पता है यह मेगापिक्सेल क्या होता है और यह क्या काम आता है? यदि नहीं तो आज हम आपको हमारे ब्लॉग के माध्यम से मेगापिक्सेल क्या है और इसका किस जगह इस्तेमाल किया जाता है इन सब के बारे में जानकारी देंगे।
जब भी कोई फोटो खींची जाती है तो उसमें पिक्सेल का बहुत बड़ा रोल होता है। पिक्सेल के रूप में ही हमारी फोटो खींची जाती है जो बहुत छोटे छोटे रूप में होती है इन पिक्सेल को जोड़कर ही आपको मेगापिक्सेल के रूप में दिखाया जाता है।
क्या आपको पता है जब एक फोटो खींची जाती है उसमे कितने पिक्सेल का इस्तेमाल किया जाता है? और फोटो खींचने के लिए मेगापिक्सेल की ही जरूरत क्यों होती है? हम आपको आज मेगापिक्सेल के बारे में पूरी जानकारी देंगे जिससे आप आसानी से समझ जाये की कैमरे में मेगापिक्सेल का क्या रोल होता है और यह कितना जरूरी है।
लोगो के मन में बहुत से सवाल होते है कि एक अच्छे मेगापिक्सेल वाले स्मार्टफोन से ही अच्छी फोटो आती है क्या यह सही है इन सब के बारे में पूरी जानकरी देगे? साथ ही हम आपको बतायेगे की मेगापिक्सेल के क्या क्या फायदे होते है तो फिर शुरू करते है।
Pixels क्या होते हैं?
पिक्सेल शब्द का प्रयोग सबसे पहले अमेरिका में वर्ष 1965 में फेमस फोटोग्राफर जेपीएल के फ्रेडरिक सी. बिलिंग्सले के द्वारा फोटो के संबंध में किया गया था और तभी से पिक्सेल शब्द प्रचिलत हुआ।
जब आप कोई भी फोटो खीचते हो, जो उस फोटो की सबसे छोटी इकाई होती है/सबसे छोटा हिस्सा होता है, उसी को पिक्सेल कहा जाता है। इसलिए पिक्सेल किसी भी फ़ोन या कैमरे की फोटो की क्वालिटी को मापने के लिए बनाई गयी एक स्टैण्डर्ड यूनिट है।
पिक्सेल का कार्य बहुत इम्पोर्टेन्ट होता है इसी की मदद से फोटो की अच्छी व ख़राब क्वालिटी को मापा जाता है। पिक्सेल में grayscale रंग और भी बहुत रंग की जानकारी होती है। पिक्सेल शब्द दो शब्दो से मिलकर बनाया गया है पिक्चर और एलिमेंट। पिक्चर का अर्थ इमेज होते है और एलिमेंट का अर्थ डिटेल्स होता है।
MegaPixel क्या होता है? (MegaPixel in Hindi)
फोटो को measure करने और साथ में उसकी क्वालिटी को चेक करने के लिए बनाई गयी एक यूनिट Megapixel होती है। इसे शॉर्ट में MP भी कहा जाता है। अभी हमने आपको ऊपर पिक्सेल के बारे में बताया की पिक्सेल इमेज का सबसे छोटा एलिमेंट होता है। इसी तरह एक मेगापिक्सेल 1 मिलियन पिक्सेल (दस लाख पिक्सेल) के बराबर होता है।
आपने देखा होगा जब भी आप नया स्मार्ट फ़ोन या कैमरा लेते है तो सेल्समेन आपको ज्यादा मेगापिक्सेल वाला कैमरा लेने की सलाह देता है क्योकि ज्यादा मेगापिक्सेल वाले स्मार्टफोन या कैमरा से खींची गयी फोटो में ज्यादा अच्छी फोटो आती है।
और उसमें आपकी ज्यादा से ज्यादा डिटेल कैप्चर होती है और फोटो की क्वालिटी भी अच्छी होती है। और इसके साथ ही उसका resolution भी मापा जाता है। उदाहरण के लिए अगर आपके फ़ोन का कैमरा 16 मेगापिक्सेल का है तो उससे खींची गयी फोटो में टोटल 16 मिलियन ( एक करोड़ साठ लाख ) पिक्सेल होते है।
पिक्सेल का रूप square शेप में होता है जो कि एक ग्रिड का आकार बनाते है , इसमें एक मेगापिक्सेल कैमरा 1200 पिक्सेल चौड़ाई और 900 पिक्सेल के साथ इमेज को तैयार करता है। मेगापिक्सेल में फोटो की क्वालिटी और पूरी डिटेलिंग होती है जिसके कारण इसका इमेज साइज भी बढ़ जाता है और किसी को शेयर करने में भी समय लगता है और इसके साथ ही यह आपके फ़ोन का भी अधिक स्टोरेज को घेर लेता है।
पिक्सेल किस प्रकार बनते है?
जब भी हम कैमरे या फ़ोन की मदद से फोटो खीचते है तो सबसे पहले उसकी लाइट रेज़ (किरणें) कैमरे के लेंस तक जाती है और इसके बाद यह लाइट रेज़ सेंसर से पास होते हुए इमेज सेंसर तक जाती है।
यह जो सेंसर की प्रक्रिया होती है इसमें हजारो लाखो की सख्या में लाइट सेंस्टिविटी क्षेत्र होते है, जब लाइट रेज सेंसर से पास होते हुए इमेज सेंसर पर आती है तो यह लाइट रेज एक array के अंदर ही जुड़कर इलेक्ट्रॉनिक सिंगल में बदल जाते है। और इसी लाइट सेंस्टिविटी क्षेत्र को पिक्सेल कहा जाता है जो की array का सबसे छोटा भाग होता है।
पिक्सेल की मदद से फोटो किस प्रकार बनाई जाती है?
जैसा हमने आपको ऊपर बताया जब एक फोटो खींची जाती है तब कैमरे की लाइट कैमरे के लेंस से टकराती है इसके बाद जिसकी फोटो खींची जाती है उसका प्रतिबिबं कैमरे के लेंस पर बनता है।
और फिर इसके बाद डिटेक्टर इमेज सेंसर से जो फोटो खींची जाती है। उसे इलेक्ट्रॉनिक सिंगल में बदलकर प्रोसेसिंग यूनिट में तैयार किया जाता है इस प्रोसेसिंग में फोटो की सारी डिटेलिंग तैयार होती है। और फिर इस पूरी प्रक्रिया के तहत प्रोसेसिंग यूनिट में पिक्सेल तैयार होते है और फिर आपको एक अच्छी फोटो तैयार मिलती है।
अगर आपको पिक्सेल को और आसानी से समझना है तो हमने आपको नीचे दो प्रकार की फोटो दिखाई है एक फोटो हमने आपको सामान्य दिखाई है,
और इसी के साथ दूसरी फोटो ज़ूम करके दिखाई है। आप देख रहे होंगे जो सामान्य फोटो है उसमे फोटो पूरी और क्लेरिटी के साथ है। लेकिन ज़ूम वाली फोटो है, जिसमे आपको पिक्सेल के टुकड़े देखने को मिल जायेंगे इन दोनों तस्वीरों को देखकर आपको पिक्सेल की समझ सही प्रकार हो गयी होगी।
Resolution क्या होता है?
रेसोलुशन मेगापिक्सेल का ही एक रूप होता है जो फोटो की लम्बाई और चौड़ाई को बताता है। लेकिन मेगापिक्सेल का कार्य कैमरे के सेंसर्स से होता है, रेसोलुशन को फोटो से जोड़कर ही देखा जाता है।
इसमें पिक्सेल की संख्या को इंच में मापा जाता है। इसमें यह देखा जाता है की एक इंच में कितने पिक्सेल की संख्या होती है और इसको PPI यूनिट (पिक्सेल पर इंच) कहा जाता है। PPI यूनिट फोटो के डेंसिटी को बताती है। अगर कोई फोटो हाई रेसोलुशन में खींची जाती है तो वह एक अच्छी फोटो होती है क्योकि उसमे अधिक पिक्सेल की जानकारी होती है।
लेकिन अगर आप कम रेसोलुशन वाली फोटो खीचते हैं तो फिर उस इमेज के अंदर कम पिक्सेल की संख्या होती है तो फिर उस फोटो की क्वालिटी काफी बेकार होती है और जब इस फोटो को ज़ूम करके देखा जाता है तो इमेज धुंदली धुंदली दिखाई देती है जैसा की नीचे आपको फोटो में देखने को मिल रहा है।
GrayScale क्या होता है?
ग्रेस्केल का मतलब तथाकथित रंग या ग्रे स्केल है, जो कि छाया की डिग्री की चमक की बनावट करता है। जब किसी भी एक पॉइंट पर पिक्सेल की वैल्यू को उस जगह पर इमेज की इंटेंसिटी के आधार पर दिखाया जाता है इसी को ग्रेस्केल कहा जाता है और इसका दूसरा नाम ग्रे-लेवल भी होता है।
ग्रेस्केल एक तरह की रेंज होती है, जो ग्रे शेड्स का रूप लेती है। (ग्रे शेड्स में सफ़ेद और काले के बीच में अनेक रंग होते है) लेकिन इसमें रंग नहीं दिखाई देते है। ग्रेस्केल में सबसे गहरा रंग कला होता है जो की एक तरह से प्रकाश को कैप्चर नहीं करता है और इसी के साथ सबसे चमकदार सफ़ेद रंग को प्रकाश सही तरीके से दर्शाता है।
ग्रेस्केल में बदलने वाली रोशनी में काले और सफ़ेद के बीच में जो रंग होते है उसमे तीन सबसे ऊपर रंग होते है जिसमे हरा, नीला और लाल होते हैं। इन तीनो रंगो की बराबर मात्रा में ब्राइटनेस लेवल होती है और इन तीनो को प्राथमिक पिगमेंट्स सियान, पीले और मेंजटा के बराबर मात्रा के साथ दर्शाया जाता है।
जब आप अपने कंप्यूटर और मोबाइल की डिस्प्ले पर फोटो को देखते है तो यह आपको तीन रंगो में हरा, लाल और नीला रंग की ब्राइटनेस लेवल को डेसीमल नंबर 0 से 255 या बाइनरी नंबर 00000000 से 11111111 के तौर पर ही दिखाया जाता है। इसमें हर एक पिक्सेल के लिए इन तीनो रंगो की सामान ही ब्राइटनेस होती है जिसको RGB (Red, Green, Blue) कहा जाता है।
ग्रेस्केल पर ग्रे की लाइटनेस सीधे तरीके से प्राथमिक रंगो की ब्राइटनेस लेवल को दिखाने वाले नंबर के समानुपाती होती है और इसमें सफ़ेद रंग को इस तरह से दिखाया जाता है। R=G=B=1 = 11111111 और दूसरी तरफ R=G=B =0 =00000000 के रूप में दिखाया जाता है।
इन दोनों ब्राइटनेस लेवल को ऐसा इसलिए दिखाया जाता है क्योकि यह ग्रे लेवल के बाइनरी प्रतिनिधित्व में 8 बिट्स होते है , इसलिए इनको 8 बिट्स ग्रेस्केल भी कहा जाता है। लेकिन RGB मॉडल में 16 बिट्स ग्रेस्केल का भी प्रयोग किया जाता है, लेकिन ज्यादा स्टोरेज वाले सिस्टम में इस मॉडल का प्रयोग किया जाता है।
वहीं इसी के साथ प्रिंट की हुई फोटो में हर एक पिक्सेल के लिए CMY मॉडल को अपनाया जाता है इसमें सियान(C), मेजेंटा(M) और पीला(Y) रंग के जो लेवल्स होते है वो 0 परसेंट से 100 परसेंट तक दिखाए जाते है। इनमें हर एक पिक्सेल की प्राथमिक पिगमेंट्स की एक तरह ही मात्रा होती है। यहाँ जो ग्रे की लाइटनेस होती है वो हर एक पिगमेंट्स के संख्या को दिखाने वाले नंबर के व्युत्क्रमानुपाती होते है , इस प्रकिर्या में सफ़ेद रंग को C=M=Y= 0 और काले रंग को C=M=Y =100 के रूप में दिखाया जाता है।
पिक्सेल वैल्यू क्या होती है?
पिक्सेल की अपनी एक वैल्यू होती है इसमें किसी फोटो की लाइट इंटेंसिटी और उस फोटो में जितने कलर होते है, उनकी डिटेल्स होती है। यह जो लाइट इंटेंसिटी होती है इसमें तीन तरह के कलर होते है Red, green और yellow और इसके साथ ही फोटो के ग्रेस्केल में डिटेल्स को सही से दिखाने के लिए पिक्सेल की वैल्यू दो स्थितियों में होती है।
पहली स्थिति में ग्रे स्केल के अंदर 0 पिक्सेल वैल्यू होती है इसमें पिक्सेल बंद होता है और फोटो में किसी भी तरह की लाइट नहीं होती है वो एक ब्लैक फोटो का रूप लेती है। इस प्रकिया को हम इमेज मैट्रिक्स से भी समझ सकते है :
0 0 0
0 0 0
0 0 0
इस चित्र के माध्यम से आप देख सकते है की इसमें इमेज मैट्रिक में हर जगह 0 की संख्या से ही भरी हुई है, इसमें सभी पिक्सेल की वैल्यू एक सामान 0 ही है। और इस स्थिति में फोटो बिलकुल काला आता है उसमें किसी भी दूसरे रंग का अंश नहीं होता है।
दूसरी तरफ अगर पिक्सेल की वैल्यू 1 होती है तो इसमें रोशनी दिखाई देती है तो इस दौरान पिक्सेल में आपको कोई भी रंग देखने को मिल जाता है :
1 1 1
1 1 1
1 1 1
अब इस चित्र के माध्यम से आप देख सकते है की इसमें इमेज मैट्रिक्स में हर जगह 1 की संख्या है इसमें अभी सभी पिक्सेल की सामान वैल्यू है परन्तु वह वैल्यू 1 है और इसमें आपका फोटो कलर में आता है।
इमेज सेंसर क्या है?
इमेज सेंसर आपके कैमरे का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। यह एक प्रकार की चिप होती है (यह पतली चिप की तरह ही दिखती है) इसका कार्य फोटो खींचने में बहुत जरूरी होता है।
इमेज सेंसर का कार्य कैमरे की मदद से खींची हुई फोटो को प्रोसेस करना होता है। जब किसी भी तरीके के कैमरे में किसी फोटो को कैप्चर किया जाता है तो इस इमेज सेंसर में लगा फोटो डिटेक्टर इस फोटो को इलेक्ट्रॉनिक सिगनल में बदल देता है इसके बाद ही आगे की प्रक्रिया होती है।
और फिर इसके सेंसर में लगी प्रोसेसिंग यूनिट फोटो को छोटे छोटे पिक्सेल में बदलकर उनको हमारे सामने डिस्प्ले स्क्रीन पर दिखाती है। इसलिए जब भी आप कोई भी नया कैमरा ख़रीदे तो आपको पता होने चाहिए की उसमे किस कंपनी का इमेज सेंसर लगा हुआ है। क्योकि इसका एक अच्छी फोटो खींचने में बहुत इम्पोर्टेन्ट रोल होता है। इसलिए मैं आपको बेस्ट सेंसर कंपनी के नाम बताता हूँ जो की आपको नीचे बताये गए है :
बेस्ट इमेज सेंसर कंपनी :
❖ BYD
❖ Himax Imaging
❖ Pixel plus
❖ Novatek
❖ Aptina
❖ Hynix
❖ Seti
❖ Panasonic
❖ Primesensor
❖ Superpix
❖ Silicon Optronics
❖ Maro LSI
❖ Sharp
❖ Samsung
❖ Smartsens
❖ Rosnes
❖ Sony Semiconductor
❖ Invisage
❖ LiteOn
❖ GalaxyCore
❖ Toshiba
किसी फोटो की PPI और Pixel Density को कैसे पता करे?
अगर आपको PPI का उदहारण के साथ समझना है तो इसके लिए हम आपको PPI स्मार्टफोन के उदहारण के साथ समझाते है। क्योकि हर किसी के पास स्मार्टफोन होता है और आप इसको सही से समझ सकेंगे। आपको अगर अपने स्मार्टफोन की पिक्सेल डेंसिटी को जानना है तो आपको इसके लिए सबसे पहले रेसोलुशन का पता होने चाहिए।
आप रेसोलुशन का पता इंटरनेट की मदद से भी कर सकते है आपको इसमें हॉरिजॉन्टल रेसोलुशन या वर्टीकल रेसोलुशन में से किसी एक को सेलेक्ट करके रेसोलुशन की जानकारी को समझ लेना है। वो आपके फ़ोन के अनुसार रेसोलुशन बता देगा और रेसोलुशन को जानने के बाद आपको अपने फ़ोन की डिस्प्ले की लेंथ और विध को भी जानना होगा। और इसको इंच में मापा जाता है।
और जब आप रेसोलुशन और फ़ोन की लेंथ और विध का पता कर लेते है तो आपको रेसोलुशन को लेंथ और विड्थ के साथ डिवाइड कर देना है इन दोनों का डिवाइड करके जो रिजल्ट्स आएगा तो फिर आपको PPI का पता लग जाएगा।
DSLR कैमरे और स्मार्टफोन के मोबाइल कितने मेगापिक्सेल के होते है?
हम आपको दुनियाभर के कुछ प्रसिद्ध DSLR कैमरा और मोबाइल फ़ोन के मेगापिक्सेल और पिक्सेल के बारे में जानकारी देते हैं। यह जानकारी आपको नीचे कॉलम के माध्यम से मिल जाएगी :
मॉडल नाम पिक्सेल साइज सेंसर/मेगापिक्सेल
मॉडल नाम | पिक्सेल साइज | सेंसर/मेगापिक्सेल |
Nikon D 3400 (crop sensor) | 3.89 | 24 |
Nikon D850 (फूल फ्रेम) | 4.34 | 24 |
Canon 80D ( crop sensor) | 23.73 | 24 |
Sony A7S ( full frame ) | 8.4 | 12 |
Samsung S22 ultra | 1.8 | 40 |
Realme 6 pro | 0.8 | 64 |
Samsung S20 plus | 1.8 | 12 |
One plus 8pro | 1.12 | 48 |
Apple IPhone 14 pro max | 1.2 | 48 |
Samsung M33 | 0.8 | 50 |
Redmi note 8 | 0.8 | 48 |
Redmi note 12 pro | 1 | 50 |
Xiomi note 10 | 0.8 | 108 |
आपको यह कॉलम देखकर एक जानकारी तो जरूर मिल गयी होगी की DSLR कैमरा के मुकाबले मोबाइल के कैमरे में मेगापिक्सेल ज्यादा है लेकिन उनके पिक्सेल का साइज छोटा है। इसलिए कैमरे का फोटो, फ़ोन के मुकाबले ज्यादा अच्छी और क्लैरिटी वाली आती है।
क्या ज्यादा Megapixel से फोटो ज्यादा अच्छी आती है?
नहीं यह तर्क बिलकुल गलत है क्योकि एक अच्छी फोटो खींचने के लिए मैगपिक्सेल की ही नहीं बल्कि इसके साथ आपको एक अच्छी कंपनी के लेन्सेस और सेंसर का होना बहुत जरूरी है क्योकि जब हम कैमरे से फोटो खीचते है।
तो उस समय लाइट रेज़ होती है वह सबसे पहले लेन्सेस और सेंसर तक आती है जहा पर यह लाइट की किरणें को सेंसर के अंदर जो पिक्सेल होते है उसमे इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल में बदला जाता है और फिर इसके बाद यह मेमोरी कार्ड में सेव हो जाती है।
जब भी आप कैमरा खरीदते है या एक नया स्मार्टफोन भी लेते है तो आपको मेगापिक्सेल की जानकारी तो लेनी ही चाहिए।
साथ ही आपको सबसे पहले कैमरे के लेन्सेस और सेंसर की जानकारी लेनी चाहिए क्योकि एक अच्छी फोटो खींचने के लिए मेगापिक्सेल से ज्यादा मह्तवपूर्ण लेन्सेस और सेंसर होते है। अगर आपका मेगापिक्सेल ज्यादा होता है तो आपको उसी के हिसाब से सेंसर और लेन्सेस का भी प्रयोग करना चाहिए, मेगापिक्सेल उतना जरूरी भी नहीं होता है।
अगर आपके लेन्सेस और सेंसर अच्छी कम्पनी के होते है तो आपकी फोटो ज्यादा मेगापिक्सेल वाले कैमरे या फ़ोन की तुलना में बेहतर होती है।
ज्यादा मेगापिक्सेल होने के फायदे :
अगर आप एक ज्यादा मेगापिक्सेल वाला फ़ोन का चयन करते है तो मैंने अभी आपको ऊपर बताया कि आपको लेन्सेस और सेंसर पर अधिक फोकस करना चाहिए आपको उस बात का भी ध्यान रखना चाहिए। इसके साथ ही अधिक मेगापिक्सेल के कुछ फायदे भी होते है जैसे :
➔ ज्यादा से ज्यादा ज़ूमिंग की सुविधा : आपके फ़ोन में ज्यादा मेगापिक्सेल की सुविधा है तो आप इसमें ज़ूमिंग का लुफ्त भी उठा सकते है आप इसमें डिजिटल ज़ूम करके इमेज की क्वालिटी को देख सकते है। इसका एक अच्छा उदहारण सैमसंग गैलेक्सी S20 अल्ट्रा है इस फ़ोन की मदद से आप चाँद की भी बिलकुल साफ़ फोटो खींच सकते है। सैमसंग गैलेक्सी S20 अल्ट्रा फ़ोन में कैमरा 108 मेगापिक्सेल का है। लेकिन आप कम मेगापिक्सेल वाले फ़ोन से किसी भी दूर जगह की फोटो खींचते है तो वह धुंधली आती है तो उसके पिक्सेल फट जाते है।
➔ बेस्ट फोटो एडिटिंग सुबिधा : आजकल आपको अपने फ़ोन के कैमरे के साथ ही एडिटिंग का ऑप्शन मिल जाता है लेकिन फिर भी अगर आपको एक अच्छे App में अपनी फोटो को एडिट करना है तो इसके लिए भी ज्यादा मेगापिक्सेल वाले फ़ोन की जरूरत होती है क्योकि आप ज्यादा मेगापिक्सेल वाले फ़ोन में एडिटिंग करते है तो कोई दिक्कत नहीं आती है लेकिन इसी के साथ अगर आप काम मेगापिक्सेल वाले फ़ोन में किसी दूसरे अप्प में एडिटिंग करने जाते है तो आपकी फोटो के पिक्सेल फैट जाते है और आपको फोटो अच्छी नहीं लगती है और आप इससे बहुत निराश हो जाते है।
➔ अच्छा प्रिंट निकाल सकते है : अगर आपके पास एक ज्यादा मेगापिक्सेल वाला कैमरा और स्मार्टफोन होता है तो आप उसकी मदद से फोटो खींच के एक अच्छा प्रिंट भी निकाल सकते है, यह आपके बहुत जगह काम भी आएगा।
अगर आपके घर में कोई फंक्शन होता है और आप अपने फ़ोन में कोई फोटो खींचते है, यदि आपके फ़ोन का मेगापिक्सेल अधिक होगा तो आप उसका प्रिंट भी निकला सकते है। इससे आपका एक अच्छा फोटो प्रिंट निकल के आ जाता है। एक अच्छा प्रिंट निकालने के लिए आपको नीचे बॉक्स में बताया गया है कि आप कितने मेगापिक्सल में आप कितने size का प्रिंट निकाल सकते हैं:
मेगापिक्सल | फोटो प्रिन्ट आकार | |
2 | 4×6 | |
3 | 5×7 | |
7 | 8×10 | |
12 | 9×14 | |
16 | 11×16 | |
24 | 13×20 | |
48 | 18×28 | |
64 | 22×34 | |
108 | 28×38 |
एक सामान्य मानव की आँख कितने मेगापिक्सेल की होती है?
आपको पिक्सेल और मेगापिक्सेल की जानकारी तो हो गयी है और आपको पता भी लग गया है की कैमरे में कौन कौन से फंक्शन होते है जिनकी मदद से आप एक अच्छी फोटो खींचते है।
और आपको पता भी लग चुका है की कितने मेगापिक्सेल की फोटो अच्छी आती है? लेकिन आपके मन में यह सवाल जरूर आता होगा जब हम अपनी आँखों की मदद से इस दुनिया को क्लियरिटी के साथ देखते है और अलग अलग कलर को भी देख पाते हैं, तो हमारी आंखें कितने मेगापिक्सेल की होती होगी।
डॉ Roger क्लार्क द्वारा की गई रिसर्च के तहत एक सामान्य मानव की आँख में 576 मेगापिक्सेल होते है। जी हां यह मेगापिक्सेल की बहुत बड़ी संख्या है इसको हम किसी से भी तुलना नहीं कर सकते है।
तो दोस्तों आशा करते हैं की अब आपको मेगापिक्सल और उससे जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी मिल चुकी होगी, और आप जान गये होगे की आख़िर यह MegaPixel क्या होता है?
Pixel और मेगापिक्सल से जुड़े कुछ सवाल और उसके ज़वाब: (FAQ)
1 मेगापिक्सल में 1 मिलियन पिक्सल होते है.
Pixel शब्द लैटिन भाषा के दो वाक्यों को जोड़कर बनाया गया है जिसमें pix का अर्थ picture होता है और El का अर्थ एलिमेंट से होता है। सामान्य शब्दों में कहें तो इसकी मदद से किसी भी फोटो की छोटी-छोटी चीजों पर ध्यान दिया जाता है इसमें फोटो के रंग, brightness और contrast की detailing को देखा जाता है.
मेगापिक्सल का मतलब यह होता है कि 1 Pixel में 10 लाख मेगापिक्सल होते है मेगापिक्सल की मदद से आप अपने कैमरा से एक अच्छी फोटो खींच सकते है।
कैमरा में MP ka मतलब मेगापिक्सल होता है, यह MP की फुल फॉर्म होती है।
DSLR कैमरा अलग अलग रेंज का होता है यह आप पर निर्भर करता है कि आप कौनसा DSLR कैमरा लेते है वेसे DSLR कैमरा 100 मेगापिक्सल तक आता है इसके साथ ही 16, 20, 24, 42, 50 आदि के भी DSLR कैमरा आ जाते है.
PPI का फुल फॉर्म Pixel per inch होता है। इसमें किसी मोबाइल, कंप्युटर या किसी फोटो के resolutions का माप होता है।
उजाले में मुख्यतया तीन तरह के रंग होते है लाल (Red), पीला (yellow), और हरा (green)।
जी हाँ, DSLR कैमरा की फोटो मोबाइल फोटो से अच्छी आती है, क्योंकि DSLR का सेंसर मोबाइल के कैमरा की तुलना मे काफी बड़ा होता है, और इसी के साथ DSLR के सेंसर में बड़े Pixel होते है जो कि ज्यादा फोटो की क्वालिटी को कैप्चर करने में सहायक होते है।
मैं आशा करता हूं इस आर्टिकल को पढ़कर MegaPixel क्या होता है? और Pixel क्या होते है? आपको मेगापिक्सल से जुड़े हुए सारे ज़वाब मिल गए होगे। इस आर्टिकल को आप सही से रीड करे और हर एक पॉइन्ट को समझे। अगर आपका कोई भी सवाल हो तो आप हमसे कमेन्ट सेक्शन में पूछ सकते हैं हम आपके सभी सवालों के ज़वाब देंगे।
Hope अब आपको MegaPixel क्या होता है? समझ आ गया होगा, और आप जान गये होगे की मेगापिक्सेलस की मदद से फोटो पर क्या असर पड़ता है।
अगर आपके पास कोई सवाल है, तो आप नीचे कमेंट में पूछ सकते हो. और अगर आपको यह पोस्ट हेल्पफुल लगा हो तो इसको सोशल मीडिया पर अपने अपने दोस्तों के साथ शेयर भी कर सकते हो.