मॉडेम क्या है? कैसे काम करता है? इसके प्रकार एवं फायदे?

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Modem Kya Hai In Hindi? दोस्तों अगर आप अपने Computer में Internet Use करते हो तो अपने कभी ना कभी Modem, Router, Broadband का नाम तो ज़रूर सुना, और इनको इस्तेमाल भी किया होगा। लेकिन अगर आप modem के बारे में डिटेल जानना चाहते हो तो आज इस पोस्ट में हम जानिंगे की मॉडेम क्या है? कैसे काम करता है? इसके प्रकार? फ़ायदे और उपयोग? & All about Modem In Hindi?

मॉडेम क्या है? कैसे काम करता है? इसके प्रकार एवं फायदे?

दोस्तों यदि आपने Broadband, राऊटर का नाम सुना है तो आपने Modem का नाम भी अवश्य सुना होगा। क्योंकि यदि आपको घर पर इंटरनेट सेवा लगवानी है तो इसके लिए Modem का होना अत्यंत आवश्यक होता है। 


यदि आपने अक्सर Modem शब्द का नाम सुना है परंतु नहीं जानते कि यह इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस क्या चीज है। तथा इसका क्या काम होता है तो आज का यह लेख आपके लिए ही है। जिसमें हम आपको विस्तारपूर्वक बताएंगे कि मॉडेम क्या है? यह क्यों जरूरी है तथा modem का क्या उपयोग है, यह कितने प्रकार के होते हैं। आदि इन सभी चीजों के बारे में विस्तारपूर्वक इस लेख में जानेंगे।

अतः दोस्तों सरल एवं स्पष्ट भाषा में Modem के विषय पर पूरी जानकारी पाने के लिए आज के इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें। आइए दोस्तों बिना देरी किये चलिए शुरू करते हैं और सबसे पहले जान लेते हैं कि मॉडेम क्या है? – What Is Modem In Hindi

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मॉडेम क्या है? (What Is Modem In Hindi)

Modem शब्द Mod अर्थात Modulator और Dem मतलब Demodulator से मिलकर बना है। Modem का कार्य telephone lines के माध्यम से एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में डाटा को ट्रांसफर करने हेतु किया जाता है। दोस्तों यहां आपका जानना जरूरी है कि कंप्यूटर Digital Mode पर कार्य करता है जबकि Analog तकनीक का उपयोग phone lines में संदेशों के आदान-प्रदान के लिए किया जाता है।

दोस्तों एक Modem डिजिटल Mode से Analog mode में सूचना को परिवर्तित करता है। तथा ट्रांसमिटिंग प्रक्रिया के अंत में Demodulator Analog को डिजिटल सिगनल में परिवर्तित करता है।


किसी कंप्यूटर Network के Analog सिगनल को दूसरे कंप्यूटर में डिजिटल signal में convert करने की प्रक्रिया जिससे कंप्यूटर द्वारा उन्हें संसाधित किया जा सके। इस प्रक्रिया को “डिजिटाइज़िंग” कहा जाता है।

दोस्तों जब Analog सुविधा का उपयोग दो डिजिटल Devices के बीच डाटा कम्युनिकेशन के लिए किया जाता है तो इसे Data Terminal Equipment (DTE) कहा जाता है। तथा Modem का उपयोग प्रत्येक छोर में किया जाता है और Dte एक टर्मिनल या कंप्यूटर हो सकता है।

तो अब आप जान गये होगे की मॉडेम क्या है? What Is Modem In Hindi? दोस्तों अब हम जानते हैं कि एक Modem क्यों जरूरी है?


मॉडेम के प्रकार? (Types Of Modem In Hindi)

दोस्तों अब यहाँ सवाल आता है कि Modem कितने प्रकार के होते है?

Broadband Modem

Broadband मॉडेम कंप्यूटर मॉडम का एक प्रकार है जो high-speed इंटरनेट सेवा प्रदान करता है। दोस्तों सामान्यतः broadband Modem तीन प्रकार के होते हैं। जिनमें cable, DSL ( डिजिटल सब्सक्राइबर लाइन ) तथा wireless यह तीन प्रकार के ब्रॉडबैंड Modem आपको अधिकतर देखने को मिल सकते हैं।

दोस्तों यहां आपका जानना जरूरी है कि Dsl या cable broadband traditional Dial up की तुलना में Advance तकनीक का उपयोग करते हैं, जो कि इंटरनेट स्पीड को बढ़ाने में सहायक होते हैं।


Dial-Up Modem

दोस्तों Dial-up मॉडेम इंटरनेट कनेक्शन को refer करता है, जिसे Modem द्वारा स्थापित किया जाता है। दोस्तो dial-up कनेक्शन बनाने के लिए Modem का किसी Active फोन लाइन से कनेक्टेड होना जरूरी है। तथा यह phone लाइन पहले से उपयोग ना की गई हो।

Modem को कनेक्ट करने के दौरान यह फोन को pickup कर दूसरे कंप्यूटर में dial करेगा। तथा कनेक्शन बनने के बाद आप कंप्यूटर में इंटरनेट एक्सेस कर सकते हैं. दोस्तों dial-up modem local टेलीफोन लाइन का उपयोग करता है। तथा इसमें आप या तो एक बार में इंटरनेट एक्सेस कर सकते हैं या फिर voice कॉलिंग कर सकते हैं।

Internal Modem

दोस्तों Modem के विषय में जानने के दौरान आपका यह जानना जरूरी है कि Internal मॉडम क्या होता है? सरल शब्दों में कहें तो यह modem desktop/ लैपटॉप के भीतर अटैच होता है। यह Modem कंप्यूटर में expansion slot में plug होता है। 

external Modem की तरह internal Model में Display लाइट नहीं होती। जिससे आप Modem के changing states का पता नहीं लगा सकते। अतः एक इंटरनल मॉडम का उपयोग करते हुए किसी उपयोगकर्ता को केवल Modem के साथ आने वाले software पर निर्भर रहना पड़ता है।

Internal Modem दो प्रकार के होते हैं। वह पहला Dial-up तथा वायरलेस।

External Modem

external मॉडम वे मॉडम होते हैं जिन्हें कंप्यूटर से बाहर रखा जाता है। और इनमें अलग से power सप्लाई की आवश्यकता होती है। तथा यह Modem कंप्यूटर से किसी केबल की सहायता से जुड़े रहते हैं। External Modem में lights होती है जो Modem में मौजूद विभिन्न प्रकार के Function को indicate करते हैं।

इन Modem को एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में आसानी से Move किया जा सकता है। तो दोस्तों इसके अलावा आपका यह जानना जरूरी हो जाता है कि Modem कैसे कार्य करता है?

मॉडेम कैसे काम करता है?

जब आप ऑनलाइन होते हैं, उस दौरान आपका Pc या मोबाइल Modem को डिजिटल signal भेजता है। तथा उसके बाद Modem इंटरनेट कनेक्शन create करता है। और जब भी आप इंटरनेट पर किसी वेबसाइट को view करते हैं तो कंप्यूटर उस वेबसाइट को view करने की request भेजता है।

उसके बाद Modem अपना कार्य करता है और उस डिजिटल request को Analog signal में परिवर्तित करता है। जिससे कि वह डाटा फोन या केबल लाइन के माध्यम से Transmit (संचारित) हो सके। तो दोस्तों इस प्रकार Signal उस कंप्यूटर में travel करते हैं जो उस वेबसाइट को Host करता है। और वहां जाकर यह signal उस host कंप्यूटर के Modem से intercept (रोकना) हो जाता है।

अब यह Modem उस Analog सिगनल को Digital सिगनल में परिवर्तित करता है। तथा उसके बाद इन डिजिटल सिगनल को Modem host कंप्यूटर पर भेजता है। तो दोस्तों इस प्रकार Digital to Analog तथा Analog to digital प्रक्रिया को Modem पूरा करता है। जो कि इंटरनेट चलाने के लिए बेहद जरूरी होता है।

आइए अब हम जानते हैं Modem की functionality अर्थात यह क्या-क्या कार्य करता है।

मॉडेम का उपयोग?

Modulated Signals

Modem का एक महत्वपूर्ण कार्य आसानी से Transmitted एवं Decoded Signals को create करना होता है। जो बिना डाटा lost किए बगैर information को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजने की अनुमति देता है। Modem का सबसे अधिक इस्तेमाल टेलीफोन channel पर जानकारी भेजने के लिए किया जाता है।

न सिर्फ टेलीफोन बल्कि इसका उपयोग किसी भी सिस्टम पर data प्रसारित करने के लिए किया जा सकता है “वे सभी सिस्टम जो रेडियो, optical नेटवर्क सहित Analog सिगनल को प्रसारित करने का साधन उपलब्ध करते हैं।

Data Compression

Data को भेजने और signal में कमियों की मात्रा को कम करने में लगने वाले समय को कम करने के लिए Modem को data Compression को नियोजित करने की आवश्यकता पड़ती है। दोस्तो ऐसा विशेषकर तब उस समय होता था जब Modem टेक्नोलॉजी नई थी क्योंकि उस समय डाटा को पारंपरिक phone lines के माध्यम से भेजा जाता था।

Modem को डिजिटल जानकारी के लिए डिजाइन नहीं किया गया था तथा phone lines पर भेजे गए सिगनल्स के आकार एवं स्पीड सीमित कर दी गई। अतः जरूरी डेटा को भेजने के लिए डाटा कंप्रेशन तकनीक का इस्तेमाल कर सिग्नल के आकार को कम किया गया।

Error Correction

दोस्तों यहां आपका जानना जरूरी है कि जब सूचनाओं को Modem के बीच Transmitted किया जाता है तो सूचनाओं के डैमेज होने का संभावना बनी रहती हैं। अर्थात डाटा के कोई भी भाग खो सकता है इस समस्या से निपटने के लिए Modem Error कनेक्शन का उपयोग करते हैं।

यह इंफॉर्मेशन ग्रुप से समाहित होती है जिसे frames कहा जाता है। प्रत्येक Frame को एक checksum के साथ tag किया जाता है। यह frame में से प्राप्त जानकारी का एक छोटा सा भाग होता है एक checksum को एक प्रकार का फिंगरप्रिंट भी माना जाता है। क्योंकि यह प्रत्येक frame के डाटा के लिए यूनिक होता है।

Modem जो इंफॉर्मेशन प्राप्त करता है यह भेजे गए फ्रेम से अपना स्वयं का चेकसम प्राप्त करता है। फिर वह Modem अपने Checksum की तुलना भेजे गए checksum से करता है। दोस्तों इस स्थिति में यदि वह checksum match होते हैं तो इसका मतलब है कि जानकारी डैमेज नहीं हुई है। परंतु यदि checksum match नहीं होते हैं तो वह डाटा ट्रांसमिशन के दौरान corrupt हो चुका है। 

तथा जिस मॉडर्न को यह सूचना प्राप्त हुई थी वह उस डेटा को वापस भेजकर दोबारा से ट्रांसमिटिंग Modem से उस frame को send करने की सूचना देता है।

Modem Speed Classification

मॉडर्न Modem की स्पीड को आमतौर पर डाटा के अमाउंट के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। जिसे वह किसी विशिष्ट समय के मुताबिक भेजता है मॉडर्न की स्पीड को आमतौर पर Bps (bytes per second) में मापा जाता है।

मॉडेम क्यों ज़रूरी है?

दोस्तों Modem की उपयोगिता को समझने के लिए हम इसे एक उदाहरण के रूप में देखते हैं। मान लीजिए आपके पास मोबाइल है और आपने अपने मित्र के मोबाइल फोन में Call किया है तो जब आप दूसरी व्यक्ति को कुछ शब्द बोलते हैं तो उससे पहले वह डाटा आपके मोबाइल में analog सिग्नल के रूप में प्रवेश करता है। उसके बाद Phone का Modem उस Analog सिग्नल को डिजिटल फॉर्म में बदलता है।

ऐसा Modem इसलिए करता है। ताकि वह मोबाइल दूसरे डिवाइस में उस डाटा को send कर सके क्योंकि ट्रांसमिशन मीडिया डेटा travelling के लिए केवल Analog फॉर्म को support करता है। और इस प्रकार आपके दोस्त के मोबाइल तक आपके द्वारा कही गई बात पहुंचती है । 

अब जैसे ही हुए वह डाटा Analog के माध्यम से आपके दोस्त के मोबाइल पर पहुंचता है तो एक बार फिर से Analog फॉर्म को डिजिटल फॉर्म में बदला जाता है। ताकि आपका मोबाइल उस डाटा को Receive कर सके। तो जैसे ही दूसरा फोन डाटा को प्राप्त करता है तो एक बार दोबारा से उस डिजिटल को Analog फॉर्म में बदला जाता है। ताकि रिसीवर को आपके दोस्त की कही हुई बात मिल सके।

तो दोस्तों इसे समझना थोड़ा सा मुश्किल है परंतु Modem कुछ इस तरह से आपकी phone कॉलिंग के दौरान एवं इन्टरनेट पर chatting के दौरान कार्य करता है। दोस्तो एक बार फिर से आपके मन में यह ख्याल आ रहा होगा कि इन signals के आदान-प्रदान के बीच में मॉडम का क्या काम होता है?

दोस्तों जैसा कि अभी अपने जाना मॉडम के 2 भाग होते हैं Mod भाग digital सिग्नल को analog  सिग्नल में बदलता है। मतलब modulator तब काम करता है जब मशीन अर्थात मोबाइल से कोई डाटा ट्रांसमिशन मीडिया में जाता है। जबकि Demodulator भाग Analog सिनल को डिजिटल सिगनल में बदल बदलता है।

क्योंकि आपका डिवाइस Digital माध्यम को सपोर्ट करता है। अतः यह आपके फोन तक पहुंचने वाले Analog signal को डिजिटल सिग्नल में बदलने का कार्य करता है। तो दोस्तों इस प्रकार Modem कंप्यूटर में तथा मोबाइल में डाटा ट्रांसफर के लिए उपयोगी साबित होता है। 

दोस्तों आज के लेख में बस इतना ही उम्मीद है Modem से संबंधित सभी ज़रूरी जानकारियां आपको इस लेख में मिल चुकी होंगी। और आप जान गये होगे की मॉडेम क्या है? (What is Modem in Hindi) कैसे काम करता है? इसके प्रकार? फ़ायदे और उपयोग? & All about Modem In Hindi?

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Hope की आपके लिए मॉडेम क्या है? कैसे काम करता है? इसके प्रकार एवं फायदे? का यह पोस्ट मददगार साबित हुआ होगा।

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5 COMMENTS

  1. Sir ye bataye jaise hume apne pc me net chalana h to modem ko pc se connect krna padega tabhi hum pc me net chala payenge….

  2. Or sir ek cheez or agar koi hacker apne pc se humare phone ko remotely access krta h to aise me hacker ke pc me net hona zaroori h ya victim ke phone me net hona zaroori h ya kisi me net hona zaroori nhi h plz tell me.

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