दोस्तों अपने mobile phone और computer में network का इस्तेमाल तो हम सभी करते हैं, लेकिन क्या आपको पता है की आख़िर network होता क्या है? अगर नही। तो आज इस पोस्ट में हम network के बारे में डिटेल से जानिंगे की आख़िर नेटवर्क क्या है? कितने प्रकार का होता है? कैसे काम करता है? कब बना और किसने बनाया? फ़ायदे और उपयोग क्या हैं? & All about network in hindi?
दोस्त आप एक मोबाइल यूजर या फिर एक कंप्यूटर यूजर हैं आपने नेटवर्क का नाम तो जरूर सुना होगा। परंतु कभी आपने सोचा है कि आखिर इस नेटवर्क का मतलब क्या होता है?
आपने अक्सर सुना होगा कंप्यूटर नेटवर्क का एक जाल है परंतु असल में यह नेटवर्क होता क्या है? इसके कितने प्रकार होते हैं नेटवर्क का इतिहास क्या है? यदि आप इन सभी चीजों के बारे में विस्तारपूर्वक जानना चाहते हैं तो आज की इस लेख को शुरू से लेकर अंत तक अवश्य पढ़ें।
दोस्तों हमारे दैनिक जीवन में नेटवर्क शब्द हम कई बार सुनते हैं। और एक स्मार्ट यूजर होने के नाते आपको नेटवर्क के बारे में पता होना चाहिए ताकि आप भविष्य में किसी दूसरे व्यक्ति को भी नेटवर्क के बारे में जानकारी दे सके। उम्मीद है यह पोस्ट आपको पसंद आएगी तथा इस post को पढ़ने के बाद आपको नेटवर्क से संबंधित कहीं सारी जानकारियां पता चल जाएगी। चलिए दोस्तों सबसे पहले जानते हैं कि नेटवर्क क्या है? (What is Network in Hindi)
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नेटवर्क क्या है? (What is Network in Hindi)
कंप्यूटर नेटवर्क को सरल शब्दों में समझें तो जब कहीं सारे अर्थात दो या दो से अधिक कंप्यूटर परस्पर जुड़ जाते हैं ताकि सूचनाओं का आदान-प्रदान हो सके तो वह नेटवर्क कहलाता है. यह सभी कंप्यूटर आपस में केबल/वायरलेस जुड़े हो सकते हैं। आपस में जुड़े यह कंप्यूटर फाइल्स का आदान-प्रदान, इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन आदि अन्य रिसोर्सेज को शेयर करते हैं।
नेटवर्क कंप्यूटर, सर्वर, मेनफ्रेम, नेटवर्क डिवाइस या एक दूसरे से जुड़े हुए अन्य उपकरणों का एक संग्रह है जो आपस में डाटा शेयर करने की अनुमति प्रदान करता है। नेटवर्क का एक उत्कृष्ट उदाहरण इंटरनेट है, जो पूरे विश्व में लाखों लोगों को जोड़ता है. उम्मीद है अब आपको नेटवर्क की परिभाषा पता चल गयी होगी, और आप जान गये होगे की आख़िर नेटवर्क क्या है? तो चलिए अब देखते है की नेटवर्क कितने प्रकार का होता है?
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नेटवर्क के प्रकार – Types of Network in Hindi
1. Local Area Network
दोस्तों जैसा कि नाम से ही ज्ञात होता है वह नेटवर्क जो छोटे एरिया के लिए होते हैं अर्थात इस तरह के नेटवर्क एक भौगोलिक सीमा तक ही सीमित होते हैं जैसे कि स्कूल, बिल्डिंग, घरों में lan का इस्तेमाल किया जा सकता है। तथा नेटवर्क से जुड़े इन कंप्यूटरों को आमतौर पर server, वर्कस्टेशन के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
आमतौर पर यह server मानव द्वारा इस्तेमाल नहीं किये जाते बल्कि यह उस नेटवर्क से जुड़े कंप्यूटर को सेवाएं प्रदान करने के साथ-साथ उपयोगकर्ताओं के लिए निरंत चलते रहते हैं। Servers द्वारा प्रदान की गई सेवाओं में प्रिंटिंग एंड फैक्सिंग, सॉफ्टवेयर होस्टिंग, फाइल स्टोरेज, मैसेजिंग, डाटा स्टोरेज एंड retrieval तथा नेटवर्क के resources के लिए complete एक्सेस कंट्रोल होता है
एक सिंगल LAN कंप्यूटर server केबल या वायरलेस माध्यम से कनेक्ट हो सकते हैं। तथा एक wired नेटवर्क वायरलेस एक्सेस WAP (वायरलेस एक्सेस पॉइंट) द्वारा संभव होता है wap उपकरण कंप्यूटर एवं नेटवर्क के बीच पुल प्रदान करते हैं।
Ethernet तथा wifi lan कनेक्शन को इनेबल करने के दो प्राइमरी तरीके हैं। Ethernet एक विनिर्देश है जो कंप्यूटर को एक- दूसरे से संचार करने में मदद करता है। जबकि दूसरी और wifi कंप्यूटर को लोकल एरिया नेटवर्क से कनेक्ट करने के लिए रेडियो तरंगों का उपयोग करता है। इथरनेट तथा वाईफाई की स्पीड अधिक होने के कारण मुख्यतः इन उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है।
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2. Wide Area Network
वाइड एरिया नेटवर्क एक दूरसंचार नेटवर्क है। जिसका इस्तेमाल आमतौर पर विस्तृत भौगोलिक क्षेत्र जैसे कि विभिन्न शहरों और राज्यों यहां तक कि देश में कंप्यूटर्स को किसी नेटवर्क से जोड़ने के लिए किया जाता है।
wan का इस्तेमाल आमतौर पर विभिन्न संस्थाओं तथा कॉरपोरेशंस द्वारा डेटा के आदान प्रदान की सुविधा हेतु किया जाता है। वर्तमान समय में इंडस्ट्री के अलावा बड़े कॉरपोरेशन (निगम) अनेक जगहों में WAN का इस्तेमाल करते हैं। अधिकांश WAN दो या दो से अधिक लोकल नेटवर्क एरिया को लिंक करते हैं संक्षेप में कहें तो इंटरनेट एक काफी बड़ा wan (वाइड एरिया नेटवर्क) है।।
अब हम Wide area network के फायदों के बारे में जान लेते हैं।
3. Metropolitan Area Network
MAN अर्थात Metropolitan area network यह LAN के मुकाबले अधिक क्षेत्र को कवर करता है। परंतु Wan की तुलना में इसकी भौतिक सीमा कम होती है। यह दो या दो से अधिक कंप्यूटर्स को आपस में जोड़ता है जो अलग-अलग क्षेत्र या शहर में स्थित होते हैं। यह बड़े भौगोलिक क्षेत्र को कवर करता है तथा isp (इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर के रूप में) काम करता है। man नेटवर्क हाई स्पीड कनेक्टिविटी प्रदान करता तथा यह उन यूजर्स के लिए बनाया गया है जिन्हें उच्च गति कनेक्टिविटी चाहिए।
Man की स्पीड को Mbps (megabytes per second) के संदर्भ में देखा जाता है। परंतु मेट्रोपॉलिटन एरिया नेटवर्क को डिजाइन करना तथा बनाए रखना कठिन होता है। यह अधिक महंगा होता है तथ आमतौर पर किसी संस्था या एक से अधिक संस्थाओं का इस network पर स्वामित्व होता है।
man के जरिए डाटा ट्रांसमिशन के लिए उपयोग किए जाने वाले उपकरण मॉडम/wire हैं। तथा Man का सबसे अच्छा उदाहरण यह केबल कंपनी नेटवर्क का एक हिस्सा है जो किसी ग्राहक को या पूरे शहर में केबल टीवी नेटवर्क को उच्च गति की Dsl लाइन प्रदान करता है। तो दोस्तों यह थे कंप्यूटर नेटवर्क के कुछ मुख्य प्रकार। और अब हम नेटवर्क के इतिहास के बारे में जानते हैं।
नेटवर्क कैसे काम करता है?
नेटवर्क wire और wireless connection के माध्यम से सभी कंप्यूटर को आपस में जोड़ने का काम करता हैं जिसके मदद से ये कंप्यूटर एक दूसरे से जरूरी Data और information साझा कर सके। आज इंटरनेट कि मदद से यह काम और भी ज्यादा आसान हो गया है। दुनिया के किसी कोने में बैठे इंसान से जुड़ा जा सकता है।
इंटरनेट एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर या अन्य डिवाइस को जोड़ने के लिए wireless माध्यम का उपयोग करता है। इंटरनेट के आ जाने के बाद नेटवर्किंग के जरिए सिर्फ डाटा ट्रांसफर ही नहीं होता बल्कि वॉइस कॉल, वीडियो कॉल इत्यादि भी होता है।
नेटवर्क की विशेषताएं?
Communication Speed
किसी भी नेटवर्क से जुड़े Computers के बीच Network ही हमें fast एवम् कुशल तरीके से संचार स्थापित करने में मदद करता है। उदाहरण के तौर पर आज हम इंटरनेट के जरिए कहीं सारी चीजें fast कनेक्शन की बदौलत कर पाते हैं। उनमें से एक है वीडियो कॉलिंग जिसकी मदद से हम अपने नॉलेज, ideas तथा विचारों को एक दूसरे के साथ शेयर कर पाते हैं। यह सब नेटवर्क की अच्छे communication स्पीड की बदौलत ही संभव हुआ है।
File Sharing
कंप्यूटर नेटवर्क का दूसरा सबसे बड़ा फायदा users, संस्थाओं को यह मिल जाता है कि वे इसकी मदद से important डाटा शेयर कर पाते हैं। अतः कंप्यूटर नेटवर्क हमें एक डिवाइस से दूसरी डिवाइस में फाइल्स शेयर करने के भी काम आता है।
Backup and Roll Essay
किसी नेटवर्क में सभी फाइल एक Main सर्वर पर स्टोर होती हैं। जो कि center में स्थित होता है इसी वजह से Main server से बैकअप लेना काफी आसान हो जाता है।
Software and Hardware Sharing
दोस्तों नेटवर्किंग की एक विशेषता है कि यह सॉफ्टवेयर के साथ साथ हार्डवेयर को भी शेयर करने में सक्षम होता है। example के तौर पर यदि नेटवर्क से जुड़े सभी कंप्यूटर के main server में हम कोई एप्लीकेशन इंस्टॉल कर देते हैं तो सभी कंप्यूटर्स में वह एप्लीकेशन चलाई जा सकती है।
अतः एक ही एप्लीकेशन को सभी अलग-अलग डिवाइसस में इंस्टॉल करने की जरूरत नहीं है और इसी प्रकार हम हार्डवेयर components की भी शेयर कर पाते हैं।
Security
नेटवर्क से जुड़े सभी कंप्यूटर्स के बीच सिक्योरिटी सबसे महत्वपूर्ण पहलू में से एक है। इसलिए क्योंकि नेटवर्क में सिक्योरिटी मौजूद है।
इसलिए जिन यूजर्स के पास यह अधिकार है वे ही निश्चित files या एप्लीकेशन को Access कर सकते हैं। हम बिना Rights के किसी भी एप्लीकेशन को ओपन नहीं कर सकते।
Scalability
Scalability का अर्थ है कि हम किसी नेटवर्क में खुद भी बाहर से कोई component Add कर सकते हैं। इसलिए हमेशा यह ध्यान दें कि नेटवर्क Scaleable होना बेहद लाभदाई होता है।
ताकि जरूरत पड़ने पर बाहर से उसमें devices को जोड़ सके। लेकिन यदि हम अधिक devices को किसी नेटवर्क से कनेक्ट करते हैं तो उसकी स्पीड में हमें कमी देखने को मिलती हैं। अतः डाटा कनेक्शन और डाटा ट्रांसमिशन दोनों में स्पीड की कमी Scalability का एक मुख्य नुकसान है, हालांकि इस समस्या का समाधान राउटिंग या फिर Devices को switch करने से solve हो सकती है।
Reliability
विश्वसनीयता| किसी भी कंप्यूटर नेटवर्क की एक विशेषता है आज पूरी दुनिया में कोने कोने तक कंप्यूटर Network का जाल बिछा हुआ है। क्योंकि यह विश्वसनीय है। उदाहरण के तौर पर यदि नेटवर्क से जुड़े हार्डवेयर में यदि कोई कमी आ जाती है तो ऐसी स्थिति में डाटा को कम्युनिकेशन सुचारू रूप से चलाने के लिए वह किसी दूसरे स्त्रोत का उपयोग करता है।
आमतौर पर LAN, WAN, MAN सबसे प्रमुख नेटवर्क टाइप है, लेकिन इनके अलावा भी कुछ अन्य types of network होते हैं, आइए उनके बारे में भी जान लेते हैं।
PAN
जैसा कि नाम से ही पता चलता है इस नेटवर्क का इस्तेमाल पर्सनल उपयोग के लिए किया जाता है। इसका उपयोग घरों में या किसी बिल्डिंग में होता है। यह विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे मोबाइल कंप्यूटर लैपटॉप टेबलेट को आपस में interconnect कर डाटा ट्रांसमिशन करता है।
आमतौर पर एक पर्सनल एरिया नेटवर्क की दूरी 10M तक होती है कंप्यूटर नेटवर्क के इस प्रकार से हम वायरलेस डिवाइस को भी कनेक्ट कर सकते हैं।
Home Area Network
यह भी कंप्यूटर नेटवर्क एक प्रकार है। जो एक कंप्यूटर को दो या दो से अधिक कंप्यूटर नेटवर्क से कनेक्ट करने का कार्य करता है इस नेटवर्क का इस्तेमाल कंप्यूटर में फाइल शेयरिंग हेतु किया जा सकता है।
साथ ही इस नेटवर्क का इस्तेमाल एक राउटर के तौर पर किया जा सकता है जिससे मल्टीपल कंप्यूटर यूजर्स के बीच इंटरनेट कनेक्शन को शेयर किया जा सके।
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नेटवर्क का इतिहास – History of Network in Hindi
सबसे पहले कंप्यूटर नेटवर्क में से एक Arpanet है जिसे Leonard Kleinrock द्वारा 1961 में प्रस्तावित किया गया। तथा उसके बाद कंप्यूटर नेटवर्क के महत्वपूर्ण term पैकेट शब्द का उपयोग Donald Davies द्वारा किया गया था।
किसी नेटवर्क पर जुड़े कंप्यूटर्स के बीच भेजे गए डाटा का वर्णन करने के लिए पैकेट का इस्तेमाल होता था. तथा arpanet पहला ऐसा कंप्यूटर नेटवर्क था जिसने पैकेट स्विचिंग का इस्तेमाल किया था। Arpanet का विकास वर्ष 1966 में शुरू हो गया था तथा इसमें पहले दो nodes UCLA तथा SRI आपस में कनेक्ट हो चुके थे।
परंतु आधिकारिक रूप से arpanet को वर्ष 1969 में शुरू किया गया। तथा यहां आपका यह जानना जरूरी है कि इंटरनेट जो आज विश्व भर में फैला हुआ है उसकी शुरुआत 29 october वर्ष 1969 में ucla तथा sri के बीच पहली डाटा ट्रांसमिशन के साथ हुई।
उसके बाद कंप्यूटरों के परस्पर जुड़ने की वजह से दुनिया का पहला ई-मेल Ray Tomlinson द्वारा वर्ष 1971 में भेजा गया तथा इस प्रकार कंप्यूटर के विकास काल के दौरान अनेक उपकरणों तथा तकनीकों की खोज हुई तथा आज हम नेटवर्क के इस्तेमाल से ही विश्व से जुड़े हुए हैं।
तो दोस्तों आशा करते हैं की अब आपको नेटवर्क से जुड़ी सभी जानकारी मिल चुकी होगी, और आप जान गये होगे की नेटवर्क क्या है? नेटवर्क के प्रकार? (What is Network in Hindi)
F.A.Qs
नेटवर्क और इंटरनेट के बीच में अगर अंतर देखा जाए तो इनके बीच सबसे बड़ा अंतर यह है कि –
इंटरनेट दुनिया भर में व्याप्त होता है वही नेटवर्क तारों की मदद से कुछ दूरी तक फैला होता है। ज्यादातर नेटवर्क wire वाले होते हैं वही इंटरनेट wireless होता है। नेटवर्क को एक निश्चित सीमा तक ही बढ़ाया जा सकता है। वही इंटरनेट की कोई सीमा नहीं होती है। Internet के अंदर नेटवर्क शामिल होता है और वही इंटरनेट की पहुंच बहुत दूर तक है।
कंप्यूटर नेटवर्क का मुख्य उद्देश्य दो या दो से अधिक कंप्यूटर के बीच कनेक्शन स्थापित करना है। जिससे कंप्यूटर आपस में जुड़ सके और एक दूसरे से file व Data ट्रांसफर कर सकें। कनेक्शन बनाने की इस प्रोसेस को कंप्यूटर नेटवर्किंग कहा जाता है।
इंटरनेट एक ऐसा माध्यम है जिसके मदद से दुनिया के किसी भी कंप्यूटर से जुड़ा जा सकता है। इंटरनेट नेटवर्क का एक जाल है। जिसके मदद से दुनियाभर के कंप्यूटर, मोबाइल डिवाइस आदि को एक दूसरे से जोड़ता है।
इंटरनेट की मदद से आज दुनिया के एक कोने में बैठ कर दुनिया के दूसरे कोने मैं बैठे व्यक्ति से कंप्यूटर में बात और डाटा ट्रांसफर किया जा सकता है। इसलिए इंटरनेट को नेटवर्कों का नेटवर्क कहा जाता है।
नेटवर्क ऐसा मीडियम है, जिसकी मदद से कंप्यूटर को आपस में जोड़ा जाता है। नेटवर्क के द्वार कंप्यूटर एक दूसरे से कनेक्ट होते हैं और एक दूसरे से कम्युनिकेट करते हैं।
नेटवर्क के मदद से ही एक कंप्यूटर दूसरे कंप्यूटर को जरूरी डाटा ट्रांसफर कर पाता है। नेटवर्क के मदद से कंप्यूटर की इस तरह आपस में जुड़ने की क्रिया computer networking कहलाता है।
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तो दोस्तों उम्मीद है की अब आपको कंप्यूटर नेटवर्क से जुड़ी पूरी जानकारी मिल चुकी होगी, और अब आप जान गये होगे की नेटवर्क क्या है? कितने प्रकार का होता है? कैसे काम करता है? कब बना और किसने बनाया? फ़ायदे और उपयोग क्या हैं? & All about network in hindi?
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