पीएफ क्या है? जब आप किसी ऐसी कंपनी में नौकरी ज्वाइन करते हैं जहां पर काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या 20 से अधिक होती है, तब आपको थोड़े समय के पश्चात पीएफ अकाउंट ओपन करवाने के लिए कहा जाता है। यह पीएफ अकाउंट कंपनी अपने आप ही आप के आवश्यक दस्तावेज के आधार पर ओपन कर देती है।
ऐसे में आप सोचते हैं कि आखिर यह पीएफ अकाउंट होता क्या है और क्यों कंपनी पीएफ अकाउंट ओपन करने के पश्चात आपकी तनख्वाह में से हर महीने निश्चित पैसे काटती है।
बता दें कि पीएफ अकाउंट में पैसे कटवाने के पश्चात जब आप नौकरी से रिटायर होते हैं तब आपको पैसे की प्राप्ति होती है। खैर अगर आप पीएफ के बारे में नहीं जानते हैं तो आज इस आर्टिकल में हम पीएफ के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करेंगे। इस आर्टिकल में हम चर्चा करेंगे “पीएफ क्या है” और “पीएफ के नियम क्या है।”
अनुक्रम
- 1 पीएफ क्या है? (What is Provident Fund in Hindi)
- 2 पीएफ का फुल फॉर्म क्या होता है?
- 3 पीएफ अकाउंट नंबर क्या है?
- 4 यूएएन नंबर क्या है?
- 5 पीएफ अकाउंट के प्रकार (Types Of PF Account In Hindi)
- 6 पीएफ अकाउंट में जमा होने वाले पैसे
- 7 पीएफ के फायदे (Pros of PF in Hindi)
- 7.1 1: नॉमिनी बनाने की सुविधा
- 7.2 2: ईपीएफ पर प्राप्त होती है पेंशन
- 7.3 3: 600000 का इंश्योरेंस प्राप्त होता है।
- 7.4 4: इन एक्टिव अकाउंट पर मिलता है ब्याज
- 7.5 5: बचत का बेहतर जरिया
- 7.6 6: पैसा निकालने में सरलता
- 7.7 7: नौकरी छोड़ने के 2 महीने बाद पूरे पैसे की निकासी
- 7.8 8: 10 साल तक नौकरी की है तो रिटायरमेंट पर पेंशन भी मिलेगी
- 7.9 9: टैक्स छूट की प्राप्ति
- 7.10 10: एक ही यूएएन नंबर से जोड़ सकते हैं, सभी पीएफ अकाउंट
- 7.11 11: यूएएन पोर्टल से कर सकते हैं ऑनलाइन पीएफ और पेंशन से संबंधित काम
- 8 ईपीएफ ब्याज दर की गणना कैसे करें?
- 9 ईपीएफ कब निकाल सकते है?
- 10 पीएफ के नियम?
- 11 पीएफ अकाउंट से आधार नंबर लिंक करवाना है आवश्यक
- 12 उमंग ऐप पर PF
- 13 पीएफ कस्टमर केयर नंबर
- 14 FAQ:
पीएफ क्या है? (What is Provident Fund in Hindi)
पीएफ अर्थात प्रोविडेंट फंड को रिटायरमेंट फंड भी कहा जाता है। इस प्रकार का फंड लोगों को तब प्राप्त होता है जब वह अपनी गवर्नमेंट या फिर प्राइवेट नौकरी से रिटायर हो जाते हैं। हालांकि यह ऑटोमेटिक ही नहीं मिलता है, बल्कि इसके लिए भी कुछ कागजी कार्यवाही को पूरा करना पड़ता है।
जब किसी व्यक्ति के द्वारा किसी ऐसी गवर्नमेंट या फिर प्राइवेट कंपनी में नौकरी करना शुरू किया जाता है, जहां पर पीएफ काटने का सिस्टम होता है तो व्यक्ति की तनख्वाह में से थोड़े थोड़े पैसे हर महीने कटते जाते हैं और वह प्रोविडेंट फंड अकाउंट में जमा होते जाते हैं और व्यक्ति के रिटायर हो जाने के पश्चात ब्याज सहित यही पैसे वापस मिलते हैं।
नौकरी से रिटायर होने के बाद व्यक्ति को अपना पीएफ का पैसा प्राप्त करने के लिए साथ ही पीएफ की पेंशन हासिल करने के लिए संबंधित कर्मचारी भविष्य निधि संगठन कार्यालय में जाना होता है और कागजी कार्यवाही को पूरा करना होता है।
प्रोविडेंट फंड को सोशल सिक्योरिटी फंड भी कहते हैं। बता दें कि हर कंपनी में पीएफ नहीं कटता है। ऐसी कंपनी जिसमें काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या 20 से ज्यादा होती है उसी कंपनी में पीएफ कटता है। फिर चाहे वह गवर्नमेंट कंपनी हो अथवा प्राइवेट कंपनी हो। किसी गवर्नमेंट अथवा प्राइवेट फॉर्म में वर्क करने वाले वर्कर की बेसिक सैलरी + डीए का 12% हिस्सा पीएफ के तौर पर काटा जाता है।
पीएफ का फुल फॉर्म क्या होता है?
PF: PROVIDENT FUND
अंग्रेजी भाषा में पीएफ का फुल फॉर्म प्रोविडेंट फंड होता है और हिंदी भाषा में प्रोविडेंट फंड को भविष्य निधि कहा जाता है। प्रोविडेंट फंड ऐसे वर्कर की सैलरी में से काटा जाता है जो किसी ऐसी गवर्नमेंट या फिर प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं जिसमें काम करने वाले कर्मचारी की संख्या 20 से ज्यादा होती है।
व्यक्ति की तनख्वाह में से प्रोविडेंट फंड जब तक वह नौकरी करता है तब तक कटता है और रिटायरमेंट के बाद उसे प्रोविडेंट फंड का सारा पैसा निकालने की सुविधा प्राप्त होती है। इसका अन्य नाम ईपीएफ भी होता है।
पीएफ अकाउंट नंबर क्या है?
ऐसी गवर्नमेंट या प्राइवेट कंपनी जो ईपीएफओ के साथ रजिस्टर्ड है, उन कंपनियों के द्वारा अपनी कंपनी में काम करने वाले लोगों का पीएफ अकाउंट ओपन किया जाता है, जिसके अंतर्गत हर वर्कर को अलग-अलग संख्या वाला पीएफ अकाउंट नंबर दिया जाता है। यह एक अल्फान्यूमैरिक कोड होता है। हालांकि इस प्रकार का नंबर नया नहीं होता है।
जब किसी कर्मचारी के द्वारा नौकरी को चेंज कर दिया जाता है तो उस कर्मचारी का पीएफ अकाउंट नंबर भी चेंज हो जाता है। इसके अलावा कर्मचारी को यूएएन नंबर भी प्राप्त होता है।
परंतु जिस प्रकार से नौकरी बदलने के पश्चात कर्मचारी का पीएफ अकाउंट नंबर चेंज हो जाता है, उस प्रकार से यूएएन नंबर चेंज नहीं होता है, चाहे व्यक्ति कितनी भी नौकरी क्यों न चेंज कर ले। उसका यूएएन नंबर जो पहले था वही रहता है।
यूएएन नंबर क्या है?
इसका पूरा नाम यूनिवर्सल अकाउंट नंबर होता है। नौकरी से रिटायर होने के पश्चात जब आप अपनी पेंशन से संबंधित कार्यवाही को ऑनलाइन करते हैं, तब आपको अपने पेंशन से संबंधित कार्रवाई को करने के लिए यूनिवर्सल अकाउंट नंबर की आवश्यकता होती है।
इसके द्वारा ही आप पीएफ अकाउंट में लॉगिन कर पाते हैं और ऑनलाइन अपने पीएफ अकाउंट को एक्सेस कर पाते हैं, साथ ही ई पीएफ का बैलेंस चेक करना और पैसे निकालने जैसी कार्यवाही की प्रक्रिया को अंजाम दे पाते हैं।
यूनिवर्सल अकाउंट नंबर 12 अंकों का नंबर होता है। इसे जारी करने का काम ईपीएफओ के द्वारा हर सदस्य कर्मचारी को किया जाता है। अगर किसी कंपनी में काम करने के दरमियान आपको यूनिवर्सल अकाउंट नंबर मिला हुआ है और आप उस कंपनी में नौकरी छोड़ कर किसी दूसरी कंपनी में नौकरी करते हैं तो भी आपका जो यूनिवर्सल अकाउंट नंबर पहले था वही रहेगा। इसमें कोई भी बदलाव नहीं होगा।
नौकरी बदलने की अवस्था में कर्मचारी की मेंबर आईडी को चेंज किया जाता है और जो नई मेंबर आईडी उसे प्राप्त हुई है उसे यूनिवर्सल अकाउंट नंबर के साथ लिंक कर दिया जाता है। हालांकि एक बात यह भी है कि ऑनलाइन सर्विस का फायदा उठाने के लिए वर्कर को अपने यूनिवर्सल अकाउंट नंबर को एक्टिवेट रखने की आवश्यकता होती है।
आपको अपने नियोक्ता के द्वारा यूएएन नंबर प्राप्त हो सकता है। अगर ऐसा नहीं है तो आप अपनी मेंबर आईडी का इस्तेमाल करके यूनिवर्सल अकाउंट नंबर पोर्टल (https://unifiedportal-mem.epfindia.gov.in/memberinterface/) पर लॉगिन करके भी अपने यूएएन नंबर को सर्च कर सकते हैं।
पीएफ अकाउंट के प्रकार (Types Of PF Account In Hindi)
प्रोविडेंट फंड अकाउंट के बारे में बात करें तो यह तीन प्रकार के होते हैं, जिसमें पब्लिक प्रोविडेंट फंड, एम्पलाई प्रोविडेंट फंड और जनरल प्रोविडेंट फंड जैसे प्रकार शामिल है। आइए नीचे आपको इन तीनों ही प्रकारों के बारे में जानकारी दी जाए।
1: EPF
इसका फुल फॉर्म एम्पलाई प्रोविडेंट फंड होता है और इसे हिंदी में कर्मचारी भविष्य निधि कहा जाता है, जो कि एक गवर्नमेंट संस्था होती है। यह योजना ऐसे लोगों को उपलब्ध करवाई जाती है जो गवर्नमेंट नौकरी करते हैं या फिर हर महीने तनख्वाह प्राप्त करते हैं।
एम्पलाई प्रोविडेंट फंड योजना के अंतर्गत जिस किसी भी संगठन या फिर कॉरपोरेशन में कम से कम 20 कर्मचारी काम कर रहे हैं उन्हें इस योजना के तहत अपने आप को पंजीकृत करवाना चाहिए।
एम्पलाई प्रोविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन के नियम के अनुसार देखा जाए तो किसी कर्मचारी को अपनी हर महीने की बेसिक तनख्वाह का 12% योगदान देने की आवश्यकता होती है, वही नियोक्ता वर्कर को ₹15000 की कम से कम सैलरी और 12% का वर्कर के पीएफ अकाउंट में योगदान देने की जरूरत होती है।
कर्मचारी भविष्य निधि योजना के अंतर्गत 8.33% वर्कर पेंशन योजना में पैसा जाता है और बाकी बचे हुए 3.67% ईपीएफ में इन्वेस्ट किया जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि वित्तीय वर्ष साल 2022 से लेकर के साल 2023 में कर्मचारी भविष्य निधि की ब्याज दर 8.10% है।
2: PPF
पीपीएफ का फुल फॉर्म पब्लिक प्रोविडेंट फंड होता है। पब्लिक प्रोविडेंट फंड अकाउंट को किसी भी ऐसे व्यक्ति के द्वारा ओपन किया जा सकता है जो भारत का नागरिक है। हालांकि इसे ओपन करवाना आवश्यक नहीं है। यह आपकी इच्छा के ऊपर डिपेंड करता है कि आप पब्लिक प्रोविडेंट फंड अकाउंट को ओपन करवाना चाहते हैं अथवा नहीं।
हालांकि हम आपको बता दें कि इसमें लंबे समय तक अपने पैसे इन्वेस्ट करके आप काफी अच्छे पैसे कमा सकते हैं। पब्लिक प्रोविडेंट फंड योजना के अंतर्गत कम से कम ₹500 और अधिक से अधिक ₹150000 तक सालाना तौर पर आप पैसे जमा कर सकते हैं। इसकी मैच्योरिटी का पीरियड 15 साल का होता है।
जब आप पब्लिक प्रोविडेंट फंड अकाउंट ओपन कर लेते हैं तो उसके 7 साल के पश्चात आप अपनी इच्छा के अनुसार जब चाहे तब पैसा निकालने के लिए आवेदन कर सकते हैं। वर्तमान के समय में पब्लिक प्रोविडेंट फंड योजना पर 7.1 ब्याज मिल रहा है। ब्याज में समय-समय पर बदलाव होता रहता है।
3: GPF
इसका पूरा नाम जनरल प्रोविडेंट फंड होता है। हालांकि दूसरी प्रोविडेंट फंड योजनाओं की तरह यह सभी वर्कर के लिए नहीं होती है, बल्कि सिर्फ जो गवर्नमेंट वर्कर है उन्ही के लिए यह योजना होती है।
ऐसे कर्मचारी जो टेंपरेरी गवर्नमेंट वर्कर है या फिर जिन्होंने 1 साल तक नौकरी की हुई है, सभी परमानेंट वर्कर और रीइंप्लॉयमेंट पेंशन लेने वाले व्यक्ति इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।
जनरल प्रोविडेंट फंड योजना में कर्मचारी की हर महीने की तनख्वाह का कम से कम 6 परसेंट योगदान जाता है। वर्तमान के समय में इस पर 7.1 पर्सेंट की ब्याज दर चल रही है।
पीएफ अकाउंट में जमा होने वाले पैसे
प्रोविडेंट फंड एक्ट के अनुसार देखा जाए तो किसी कंपनी में काम करने वाले कर्मचारी की बेसिक तनख्वाह और डीए का 12% हिस्सा उस कंपनी के द्वारा पीएफ अकाउंट में सेंड किया जाता है। इसके साथ ही साथ कंपनी के द्वारा भी कर्मचारी की बेसिक सैलरी और डीए का 12% कंट्रीबूट किया जाता है।
इस प्रकार से कंपनी के 12% में से 3.67% वर्कर के पीएफ अकाउंट में और बाकी बचे हुए 8.33% वर्कर के पेंशन अकाउंट में सेंड कर दिए जाते हैं। हालांकि यहां पर कंडीशन यह है कि अगर किसी वर्कर की तनख्वाह 15000 से कम है तभी उसे एम्पलाई पेंशन योजना का फायदा हासिल होगा। अगर ऐसा नहीं है तो 12% इपीएफ फंड में ही डाल दिया जाता है।
पीएफ के फायदे (Pros of PF in Hindi)
पीएफ के फायदे क्या है अथवा पीएफ के एडवांटेज क्या है अथवा पीएफ के लाभ क्या है, आइए जानते हैं।
1: नॉमिनी बनाने की सुविधा
किसी ऐसी कंपनी में अगर आप काम करते हैं जिसके द्वारा आपकी सैलरी में से पीएफ काटा जाता है तो आप अपने परिवार के किसी भी व्यक्ति को अपने पीएफ का नॉमिनी बना सकते हैं। इससे होता यह है कि अगर पीएफ अकाउंट होल्डर की मौत हो जाती है तो ऐसी अवस्था में जिसे नॉमिनी बनाया गया होता है उसे पीएफ के सारे पैसे प्राप्त होते हैं।
2: ईपीएफ पर प्राप्त होती है पेंशन
काफी लोग यह सोचते हैं कि प्रोविडेंट फंड अकाउंट में जमा होने वाले पैसे में से कुछ पैसा क्या वह पेंशन अकाउंट में भी ट्रांसफर कर सकते हैं तो बता दें कि ऐसा करना पॉसिबल है। अगर आपके द्वारा ऐसा किया जाता है तो कुछ टर्म एंड कंडीशन के अंतर्गत एक समय अवधि के पश्चात आप पेंशन प्राप्त करने के भी हकदार बन जाते हैं।
हालांकि इसके लिए आपकी कम से कम उम्र 58 साल होनी चाहिए और आपने कम से कम 10 साल तक किसी भी गवर्नमेंट या फिर प्राइवेट कंपनी में नौकरी किया हुआ होना चाहिए। अगर आपके द्वारा 10 साल पहले से ही पीएफ निकाला जा चुका है तो ऐसी अवस्था में आपको पेंशन की प्राप्ति नहीं होगी।
3: 600000 का इंश्योरेंस प्राप्त होता है।
अगर आपके द्वारा किसी बड़ी कंपनी में काम किया जाता है और आपकी सैलरी में से प्रोविडेंट फंड आपकी कंपनी के द्वारा काटा जाता है, तो बाय डिफॉल्ट आपको अपने अकाउंट पर बीमा अर्थात इंश्योरेंस की प्राप्ति भी होती है। इसके अंतर्गत आपको एम्पलाई डिपॉजिट लिंक इंश्योरेंस योजना का फायदा मिलता है।
इस योजना के अंतर्गत कर्मचारी को प्रोविडेंट फंड अकाउंट पर ₹600000 का इंश्योरेंस कंपनी के द्वारा प्रदान किया जाता है। आप इस इंश्योरेंस के अंतर्गत मिलने वाले पैसे का इस्तेमाल किसी बीमारी की अवस्था में अपना इलाज करवाने के लिए या फिर एक्सीडेंट की अवस्था में अथवा मृत्यु की अवस्था में प्राप्त कर सकते हैं ।
मृत्यु की अवस्था में इस इंश्योरेंस का पैसा आपके नॉमिनी को या फिर आपके परिवार वालों को प्राप्त होगा और बीमारी की अवस्था में या फिर एक्सीडेंट की अवस्था में यह पैसे आपके अकाउंट में आएंगे।
4: इन एक्टिव अकाउंट पर मिलता है ब्याज
अगर आपका प्रोविडेंट फंड अकाउंट 3 साल से भी अधिक समय से इन एक्टिव हो गया है तो ऐसी अवस्था में भी आपको उस अकाउंट पर ब्याज की प्राप्ति हो सकती है।
हालांकि इसके लिए जब आप नौकरी चेंज करें तो उसी दरमियान आपको अपने पीएफ अकाउंट को भी ट्रांसफर अवश्य ही करवा लेना चाहिए, ताकि आप दैनिक पैसे पर ब्याज की प्राप्ति कर सकें, परंतु अगर आपके द्वारा ऐसा नहीं किया जाता है तो 5 साल से ज्यादा समय अकाउंट इन एक्टिव रहने पर आपको पैसा निकालने के दरमियान टैक्स चुकाना पड़ सकता है।
5: बचत का बेहतर जरिया
पीएफ योजना में पैसा इन्वेस्ट करना भी बचत करने का एक बहुत ही अच्छा तरीका माना जाता है, क्योंकि जब आप पीएफ योजना में पैसा जमा करते हैं तब आपका पैसा बिल्कुल सुरक्षित रहता है। दूसरी बचत योजना में जिस प्रकार से आपका पैसा डूबने की संभावना होती है वैसा इसमें नहीं होता है।
क्योंकि इसका सारा कार्यभार सरकार के द्वारा देखा जाता है। सरकार के द्वारा इस पर ब्याज भी दिया जाता है, जोकि समय समय पर चेंज होता रहता है। इसलिए आप लॉन्ग टर्म इन्वेस्ट करने के लिए पीएफ योजना में इन्वेस्टिंग के बारे में विचार कर सकते हैं।
6: पैसा निकालने में सरलता
नए नियमों के अनुसार सरकार ने पीएफ अकाउंट से पैसा निकालने के नियमों में काफी छूट दे दी है। अब आप कुछ स्पेशल परिस्थितियों में या फिर अपनी आर्थिक आवश्यकता के हिसाब से प्रोविडेंट फंड अकाउंट से तकरीबन 90% का पैसा निकाल सकते हैं।
7: नौकरी छोड़ने के 2 महीने बाद पूरे पैसे की निकासी
आप जहां पर काम करते हैं वहां से आपकी नौकरी छूट गई है और उसके पश्चात 2 महीने गुजर जाने के बाद भी अभी तक आपको नई नौकरी प्राप्त नहीं हुई है, तो ऐसी अवस्था में आप चाहे तो अपने पीएफ अकाउंट से पूरा पैसा निकालने की रिक्वेस्ट कर सकते हैं।
अगर आप पूरा पैसा नहीं निकालना चाहते हैं तो आप चाहे तो 75 परसेंटेज तक पीएफ का पैसा एडवांस में निकाल सकते हैं।
आपको 75 पर्सेंट पैसा नौकरी छूटने के 1 महीने के बाद निकालने की सुविधा मिलती है। कुछ ऐसी भी कंडीशन है जिसमें आप नौकरी छोड़ने के बाद अपने पीएफ अकाउंट से सारे पैसे को निकाल सकते हैं। जैसे आप विदेश में रहने जा रहे हो या फिर आपकी शादी हो रही हो।
8: 10 साल तक नौकरी की है तो रिटायरमेंट पर पेंशन भी मिलेगी
किसी कर्मचारी के द्वारा 10 साल की नौकरी पूरी कर ली गई है और उसकी पेंशन बन गई है तो ऐसी अवस्था में व्यक्ति को 58 साल की उम्र को पूरा करने के बाद पेंशन मिलना शुरू हो जाती है।
यह पेंशन व्यक्ति को हर महीने प्राप्त होती है। अगर नौकरी करने के दौरान ही किसी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है तो ऐसी अवस्था में उसके परिवार वालों को पेंशन की प्राप्ति होती है।
अगर किसी कर्मचारी ने 50 साल की उम्र को पूरा कर लिया है तो ऐसी अवस्था में भी वह घटी हुई मात्रा में पहले पेंशन प्राप्त करने का हकदार होता है। 58 साल की उम्र पूरा होने के जितने साल पहले आप पेंशन की शुरुआत करवाएंगे, हर साल के लिए 4% के हिसाब से पेंशन कम करके चालू होगी।
9: टैक्स छूट की प्राप्ति
पीएफ अकाउंट में आपके जो भी पैसे जमा होते हैं उस पर आपको किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं देना होता है, क्योंकि सरकार के द्वारा ईपीएफ को टैक्स छूट की कैटेगरी में रखा गया है।
हालांकि याद रखे कि अगर आपने 5 साल से कम की नौकरी की हुई है और प्रोविडेंट फंड अकाउंट से आप जो पैसे निकाल रहे हैं, वह 50,000 से ज्यादा है तो आपके पैसे में से 10% का टीडीएस काटा जाता है।हालांकि अगर आपको यह पता है कि आपकी साल की इनकम इतनी ज्यादा नहीं है कि उस पर टैक्स अदा किया जाए तो ऐसी अवस्था में आप टीडीएस कटौती को स्टॉप करवा सकते हैं।
इसके लिए आपको जब आप पीएफ निकालने के लिए आवेदन करे तो उसके साथ form-15g को भी भर कर जमा करने की आवश्यकता होती है। अगर आप यही प्रक्रिया ऑनलाइन कर रहे हैं तो आपको ऑनलाइन फॉर्म 15g को अपलोड करना जरूरी होता है।
10: एक ही यूएएन नंबर से जोड़ सकते हैं, सभी पीएफ अकाउंट
जिस किसी भी व्यक्ति का पीएफ अकाउंट होता है उसे यूनिवर्सल अकाउंट नंबर भी प्रदान किया जाता है। पहली बार आपको जो यूनिवर्सल अकाउंट नंबर मिलता है, वही हमेशा के लिए आपका यूनिवर्सल अकाउंट नंबर हो जाता है। आप चाहे कितनी भी नौकरी चेंज क्यों न कर दें, आपका यूनिवर्सल अकाउंट नंबर नहीं बदलता है।
यूनिवर्सल अकाउंट नंबर से ही आप के जितने भी पीएफ अकाउंट नंबर होते हैं उन्हें लिंक कर दिया जाता है। इसके द्वारा आप अपने पिछले सभी पीएफ अकाउंट के पैसे को एक ही पीएफ अकाउंट में ट्रांसफर कर सकते हैं।
11: यूएएन पोर्टल से कर सकते हैं ऑनलाइन पीएफ और पेंशन से संबंधित काम
यूएएन पोर्टल को घर बैठे ही इंटरनेट के द्वारा विजिट किया जा सकता है और अपने प्रोविडेंट फंड अकाउंट तथा पेंशन से संबंधित सभी कार्यवाही को ऑनलाइन खत्म किया जा सकता है। यूएएन पोर्टल में लॉगिन करने के लिए आपके पास यूएएन नंबर होना चाहिए साथ ही पासवर्ड होना चाहिए।
ऐसा करने से आप पोर्टल में लॉगिन हो सकेंगे। इसके बाद आप अपने पीएफ अकाउंट का बैलेंस चेक कर सकते हैं। पुराने पीएफ अकाउंट से नए पीएफ अकाउंट में पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं, साथ ही पीएफ का पैसा निकाल भी सकते हैं। इसके अलावा आप पेंशन और केवाईसी से संबंधित सभी सर्विस का इस्तेमाल यूएएन पोर्टल के द्वारा कर सकते हैं।
ईपीएफ ब्याज दर की गणना कैसे करें?
नीचे हम आपको उदाहरण के साथ समझा रहे हैं कि ईपीएफ की ब्याज दर की कैलकुलेशन कैसे होती है। इसके लिए हमने एक ऐसे कर्मचारी का उदाहरण दिया है जिसने साल 2021 में नवंबर के महीने में ईपीएफ में अपना योगदान देना चालू किया है।
योगदान शुरू करने का महीना: | नवंबर 2020 |
ब्याज दर (प्रति वर्ष): | 8.5% |
मासिक ब्याज दर: | 8.50/12 = 0.7083% |
कर्मचारी का योगदान: | ₹ 15,000 का 12% = ₹ 1,800 |
कम्पनी का योगदान: | ₹ 1,800 (पेंशन में 8.33%, EPF में 3.67%) |
EPF खाते में कम्पनी का वास्तविक योगदान: | ₹ 15,000 का 3.67% = ₹ 550 |
EPF खाते में कुल मासिक योगदान: | ₹ 1800 + ₹ 550 = ₹ 2350 |
अब अगले महीने अर्थात दिसंबर के महीने से एम्पलाई प्रोविडेंट फंड अकाउंट पर जो कैलकुलेशन होगी, वह निम्नानुसार होगी।
नवंबर 2021 से बैलेंस | ₹ 2350 |
दिसम्बर 2021 में अर्जित ब्याज | ₹ 16.75 |
दिसम्बर 2021 के अंत में बैलेंस | ₹ 2,350 + ₹ 2,350 = ₹. 4,700 |
ईपीएफ कब निकाल सकते है?
कभी कबार हमारे सामने कुछ ऐसी कंडीशन उत्पन्न हो जाती है कि हमें अपने प्रोविडेंट फंड अकाउंट से बीच में ही पैसा निकालने की आवश्यकता आन पड़ती है। नीचे उन कारणों के बारे में हमने आपको बताया हुआ है जब आप अपने प्रोविडेंट फंड अकाउंट से पैसा निकालने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
- खुद की शादी
- संतानों की शादी
- बच्चों की एजुकेशन
- बीमारी के इलाज के लिए
- परिवार के किसी सदस्य की बीमारी के इलाज के लिए
- होम लोन को अदा करना
- घर बनवाना अथवा घर की मरम्मत करवाना
पीएफ के नियम?
प्रोविडेंट फंड के नियम के अनुसार देखा जाए तो जब किसी व्यक्ति के द्वारा किसी कंपनी में काम किया जाता है तो आप और आपकी कंपनी दोनों को ही आपकी हर महीने की तनख्वाह का 12% इपीएफ अकाउंट में सेंड करना होता है, जिसके पश्चात आपके हिस्से का 12% इपीएफ डायरेक्ट आपके अकाउंट में जाकर के डिपॉजिट होता है।
परंतु कंपनी के 12% में से 3.67% ईपीएफ और बाकी 8.33% एम्पलाई पेंशन योजना में सेंड कर दिया जाता है, जिसका साफ तौर पर यह मतलब होता है कि अगर आपकी हर महीने की तनख्वाह ₹50000 के आसपास में है।
तो उसके 12% के हिसाब के अंतर्गत आपकी तनख्वाह के ₹6000 डायरेक्ट आपके ईपीएफ खाते में आपकी कंपनी के द्वारा सेंड किए जाएंगे और साथ ही साथ कंपनी भी अपनी तरफ से 1835 इपीएफ अकाउंट में और बाकी बचे हुए ₹4145 पेंशन योजना में भेजेगी।
पीएफ अकाउंट से आधार नंबर लिंक करवाना है आवश्यक
सरकार के द्वारा यह आदेश दिया गया है कि सभी पीएफ अकाउंट रखने वाले लोगों को अपने पीएफ अकाउंट के साथ आधार नंबर लिंक करवाना आवश्यक है। ऐसा करने पर आपको ईपीएफओ के साथ ही साथ अन्य कई प्रकार की सुविधाएं भी प्राप्त होगी।
अगर आपके पीएफ अकाउंट के साथ आपका आधार नंबर लिंक है तो आपको पैसा निकालने में या फिर पैसा ट्रांसफर करने में किसी भी प्रकार की प्रॉब्लम का सामना नहीं करना पड़ेगा।
नए नियम के अंतर्गत अभी तक अगर आपने अपने पीएफ अकाउंट या फिर यूनिवर्सल अकाउंट नंबर के साथ आधार नंबर को लिंक नहीं किया हुआ है तो आपके द्वारा ईपीएफ अकाउंट से संबंधित सर्विस का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा।
इसके अलावा सरकार के द्वारा भी कंपनी को ऐसे पीएफ अकाउंट में पैसा जमा करने से रोक दिया गया है जिस पीएफ अकाउंट के साथ अकाउंट होल्डर ने अपने आधार कार्ड को लिंक नहीं किया हुआ है।
उमंग ऐप पर PF
उमंग एप्लिकेशन के द्वारा भी आप प्रोविडेंट फंड से संबंधित कई सुविधाओं का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। उमंग एप्लीकेशन पर आपको अलग-अलग प्रकार की प्रोविडेंट फंड की सर्विस का फायदा उठाने का मौका मिलता है।
आप आसानी से इंटरनेट से या फिर गूगल प्ले स्टोर से उमंग एप्लीकेशन को अपने मोबाइल में डाउनलोड कर सकते हैं और मोबाइल से पीएफ पोर्टल को विजिट कर सकते हैं। निम्नलिखित 5 अलग-अलग खंड उमंग एप्लीकेशन पर पीएफ से संबंधित है।
1: कर्मचारी केंद्रित सेवाएं
- पासबुक देखने की सर्विस
- क्लेम करने की सुविधा
- क्लेम ट्रैक करने की सुविधा
- एस्टेब्लिशमेंट आईडी के द्वारा जानकारी प्राप्त करने की सुविधा
- TRRN स्टेटस प्राप्त करें
2: EPF सामान्य सेवाएं
- एस्टैबलिशमेंट सर्च
- EPFO ऑफिस सर्च
- क्लेम स्टेटस की चेकिंग
- SMS पर अकाउंट स्टेटमेंट
- मिस्ड कॉल पर अकाउंट स्टेटमेंट
3: पेंसिल होल्डर सर्विस
- पासबुक देखें
- जीवन प्रमाण अपडेट करें
4: eKYC सेवाएं
- आधार लिंकिंग
पीएफ कस्टमर केयर नंबर
इस आर्टिकल के द्वारा हमने आपको पीएफ से संबंधित अधिक से अधिक जानकारी उपलब्ध करवाने का प्रयास किया परंतु अभी भी अगर आपको पीएफ अकाउंट से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी प्राप्त करनी है तो आप पीएफ कस्टमर केयर नंबर अर्थात पीएफ टोल फ्री नंबर पर संपर्क स्थापित कर सकते हैं। नीचे आपके सामने हमने पीएफ टोल फ्री नंबर और पीएफ का हेड क्वार्टर की जानकारी दी हुई है।
1800118005 (टोल फ्री)
प्रधान कार्यालय:
भविष्य निधि भवन,
14, भीकाजी कामा प्लेस,
नई दिल्ली- 110066
तो दोस्तों आशा करते हैं की अब आपको पीएफ और पीएफ अकाउंट से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी मिल चुकी होगी, और आप जान गये होगे की पीएफ क्या है? इसके प्रकार, ब्याज दर और नियम? (Provident Fund in Hindi)
FAQ:
ANS: 4 मार्च 1952
ANS: नहीं
ANS: एंप्लॉयमेंट प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन
ANS: प्रोविडेंट फंड
ANS: यूनिवर्सल अकाउंट नंबर
आज के इस आर्टिकल में आपने जाना है कि पीएफ क्या है? पीएफ अकाउंट नंबर क्या है? यूएएन नंबर क्या है? पीएफ अकाउंट के प्रकार आशा है कि आप को जानकारी पसंद आई होगी
अगर आर्टिकल पसंद आया हो तो अपने दोस्तों में शेयर जरूर करें ताकि वह भी जानकारी का फायदा लेकर पैसे कमा सकें उम्मीद है कि आपको आपके सारे सवालों के जवाब मिल गए होंगे।
यदि आपको कोई सवालिया सुझाव है तो आप नीचे कमेंट कर सकते हैं।