अगर आप भी प्रिंटर के बारे में डिटेल से जानना चाहते हो तो आज इस पोस्ट में हम जानिंगे की आख़िर प्रिंटर क्या है? और इसके प्रकार? उपयोग और फ़ायदे? कैसे काम करता है? प्रिंटर को कब और किसने बनाया? History of printer & all about printer in hindi?
चाहे आपको अपना आधार कार्ड प्रिंट करना हो या फिर कोई Document या text प्रिंट करना हो। उसके लिए हम सभी Printer का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन कई सारे यूजर्स यह नहीं जानते कि यह Printer भी अनेक प्रकार के होते हैं। और उनके अनेक फायदे भी होते हैं। इसलिए आज जानिंगे प्रिंटर क्या है?
- कंप्यूटर के इनपुट डिवाइस – What Is Input Devices In Hindi
- कंप्यूटर के आउटपुट डिवाइस – What Is Output Devices In Hindi
परंतु इस डिजिटल युग में जहां ऑनलाइन किसी भी Paper को प्रिंट करने के लिए Printer बेहद जरूरी हो गया है। इसलिए वर्तमान समय में हमारे लिए प्रिंटर के बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी हो गया है। यदि आप प्रिंटर के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी जैसे कि प्रिंटर क्या है? प्रिंटर को कब और किसने बनाया? प्रिंटर कितने प्रकार के होते हैं।
और प्रिंटर इस्तेमाल करने के क्या-क्या फायदे होते हैं। यह जानकारी लेना चाहते हैं तो यह लेख आपके लिए ही है। तो व्यर्थ में समय को नष्ट न करते हुए आइए सबसे पहले हम जान लेते हैं कि यह प्रिंटर क्या है? (What is Printer in Hindi)
प्रिंटर क्या है? (What is Printer in Hindi)
Printer एक डिवाइस है। जो कंप्यूटर के Text एवं Graphic output को Accept करता है। तथा उस information को Standard साइज के Paper में ट्रांसफर करता है। यह एक आउटपुट डिवाइस होता है। जो किसी Soft कॉपी को Hard कॉपी में परिवर्तित कर देता है। दोस्तों प्रिंटर के पास किसी भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे कि मोबाइल, कंप्यूटर, टेबलेट इत्यादि में Store Image एवं Text को किसी पेज में प्रिंट करने की क्षमता होती है।
दोस्तों प्रिंटर्स साइज के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं। जिनकी स्पीड एवं कीमत भी अलग होती है। सामान्य शब्दों में कहें तो अधिक महंगे प्रिंटर्स का इस्तेमाल High-Result Color प्रिंटिंग के लिए किया जाता है. बदलते समय के साथ टेक्नोलॉजी में आए बदलाव के परिणाम स्वरुप प्रिंटिंग का तरीका भी आज बदल चुका है आज हम घर से दूर रहकर भी प्रिंटिंग कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर Bluetooth, वाईफाई तथा Cloud प्रिंटिंग के आने के बाद इसने प्रिंटिंग कार्य को बेहद सरल एवं सुविधाजनक बना दिया है।
तो अब आप जान गये होगे की प्रिंटर क्या है? तो आइए अब हम जान लेते हैं कि प्रिंटर के क्या-क्या फायदे होते हैं।
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प्रिंटर को कब और किसने बनाया?
Chester Carlson नामक व्यक्ति ने पहली बार प्रिंटर डिवाइस का आविष्कार किया था। यह वर्ष 1938 की बात है जब Chester Carlson ने एक Dry Printing Process का आविष्कार किया जिसे electrophotography या Xerox नाम से भी जाना जाता था।
तो दोस्तों प्रिंटर क्या है? और प्रिंटर को कब और किसने बनाया यह जानने के बाद चलिए अब देखते हैं की आख़िर प्रिंटर कितने प्रकार के होते है?
प्रिंटर के प्रकार? Types Of Printer In Hindi
दोस्तों प्रिंटर को मुख्यतः दो भागों में वर्गीकृत किया जाता है, पहला Impact प्रिंटर तथा Non-impact प्रिंटर आइए इन दोनों के बारे में विस्तारपूर्वक जानते हैं।
1. Impact Printer
Impact प्रिंटर होते हैं। जिनका उपयोग अधिकतर businesses में किया जाता है। जहां multi-part प्रिंट होते हैं। दोस्तों यह प्रिंटर्स अपने विशेष फीचर्स के कारण काफी लोकप्रिय हैं। हालांकि यह अन्य प्रिंटर्स की तुलना में काफी ध्वनि उत्पन्न करते हैं। impact प्रिंटर्स के मुख्य प्रकार निम्नलिखित हैं।
Daisy Wheel Printer
Daisy Wheel Printing एक Impact प्रिंटिंग की एक तकनीक है। जिसे 1970 में विकसित किया गया था परन्तु वर्तमान समय में इन प्रिंटर्स का उपयोग नहीं किया जाता। इसकी वजह इनकी Low क्वालिटी, कम ध्वनि तथा लेजर प्रिंटर्स का सस्ते दाम में उपलब्ध होना है।
दोस्तों यहां आपका जाना जरूरी है कि यह प्रिंटर्स केवल Symbols को प्रिंट करने में सक्षम होते हैं। तथा यह ग्राफिक्स को प्रिंटिंग नहीं करते हैं। इन प्रिंटर का उपयोग क्योंकि पहले होता था। इनके इस्तेमाल होने का मुख्य फायदा यह था कि इसमें Maintenance cost काफी कम होती थी। साथ ही Running cost भी कम होती थी। और यह प्रिंटर्स उन परिस्थितियों में भी काम करने में सक्षम थे जहां अधिक Heat एवं धूल-मिट्टी उत्पन्न होती थी।
Dot Matrix Printer
Dot मैट्रिक्स fix संख्याओं के pins या Wires की मदद से प्रिंट करता है। दोस्तों Dot मैट्रिक्स प्रिंटर अभी भी पूरी तरह खत्म नहीं हुए हैं। अर्थात इनका इस्तेमाल बिजनेस में आज भी किया जा रहा है। क्योंकि यह सस्ते एवं टिकाऊ होते हैं। दोस्तों इस प्रिंटर में प्रिंट की क्वालिटी Pins की संख्या के अनुसार होती है। जितने अधिक Pins उतनी बेहतर क्वालिटी होती है।
दोस्ती यदि हम इन प्रिंटर्स के लाभ की बात करें। तो यहाँ Maintenance का जो Cost है। वह काफी कम आता है साथ ही सस्ते होने की वजह से इनका उपयोग करना भी सुलभ होता है। अन्य प्रिंटर्स की तुलना में इनकी प्रिंटिंग लागत में भी कमी आती है। वहीं इस प्रिंटर के नकारात्मक पहलुओं को देखें तो यह प्रिंटर प्रिंटिंग के दौरान अधिक ध्वनि उत्पन्न करते हैं तथा इनकी स्पीड भी कम होती है।
Line Printer
दोस्तों लाइन प्रिंटर भी Impact प्रिंटर्स का एक मुख्य भाग है जो एक समय में Text की एक लाइन को प्रिंट कर सकता है। परन्तु आज इनके स्थान पर अधिक स्पीड वाले Laser प्रिंटर्स का उपयोग हो रहा है। लेकिन लागत में कमी के कारण आज भी कई बिजनेस में इन प्रिंटर का उपयोग देखा जा सकता है।
दोस्तों कुछ ऐसे लाइन प्रिंटर भी हैं जो High स्पीड लाइन प्रिंटर होने की वजह से प्रति मिनट एक हजार से दो हजार Lines को प्रिंट करने की क्षमता रखते हैं। दोस्तों इनका मुख्य फायदा यही है कि यह Multipart फॉर्म को तेजी से प्रिंट करने के साथ-साथ प्रिंटिंग के दौरान अधिक ध्वनि उत्पन्न करते हैं।
Drum Printer
दोस्तों यह प्रिंटर दो प्रकार के हो सकते हैं। एक पुराना Drum प्रिंटर जोकि वर्तमान समय में ट्रेंड पर नहीं है। क्योंकि इस प्रिंटर पर फिजिकल Drum पर नकल किए हुए अक्षर प्रिंट होते थे जो कि विशिष्ट तरीके से घूमते थे तथा पेपर को प्रभावित करते थे।
नए Drum प्रिंटर्स की बात करें तो यह ड्रम प्रिंटर लेजर प्रिंटर होते हैं। जो पेपर को सही स्थान पर रखने के लिए Drum का उपयोग करते हैं। इस स्थिति में Drum लेजर से इमेज को Receive करते हैं तथा उसे पेपर में ट्रांसफर कर देते हैं।
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2. Non Impact Printer
non-Imapct प्रिंटर ऐसे प्रिंटर होते हैं जो फिजिकली Strike किए बगैर Text एवं Photos को पेपर पर प्रिंट करता है। क्योंकि यह स्ट्राइक नहीं करते तो यह कम ध्वनि उत्पन्न करते हैं।
दोस्तों वर्तमान समय में कई सारे Non-impact टेक्नोलॉजी के प्रिंटर्स का उपयोग घरों में एवं ऑफिस में किया जा रहा है तो आइए जानते हैं Non-impact प्रिंटर्स के कुछ मुख्य प्रकार को।
Inkjet Printers
दोस्तों inkjet प्रिंटर का इस्तेमाल सबसे अधिक घरों तथा ऑफिस में किया जाता है। सामान्यतः Jet प्रिंटर 300 से अधिक Dpi के एक रेजोल्यूशन के साथ प्रिंट करने में सक्षम होते हैं। इनकी लोकप्रिय का मुख्य कारण इनकी अच्छी क्वालिटी के साथ उचित लागत है।
इन प्रिंटर्स का इस्तेमाल करने का मुख्य फायदा यह है कि यह Environment Friendly होते हैं, साथ ही कार्य करने के दौरान यह कम शोर उत्पन्न करते हैं। Injet प्रिंटर्स का Compact डिजाइन इसे अधिक Cool एवं अट्रैक्टिव बनाता है।
Laser Printer
दोस्तों अन्य प्रिंटर्स की तुलना में Laser प्रिंटर की स्पीड काफी अधिक होती है। साथ ही यह कम ध्वनि उत्पन्न करते हैं। जिस प्रकार से Photocopy मशीन कार्य करती है। उसी प्रकार लेजर प्रिंटर भी कार्य करते हैं।
दोस्तों सभी लेजर प्रिंटर्स Buffer का इस्तेमाल करते हैं। जो कि एक समय में पूरे पेज को Store करने का कार्य करते हैं। तथा एक बार पेज पूरा लोड होने के बाद इसे प्रिंट किया जाता है। दोस्तों इन प्रिंटर्स का इस्तेमाल करने का मुख्य फायदा है। की इसमें Paper की अधिक कैपेसिटी होने के साथ-साथ प्रिंटिंग स्पीड भी अधिक होती है। साथ ही लेजर प्रिंटर inkJet प्रिंटर की तुलना में लागत प्रभावी (Cost Effective) भी होते हैं।
Plotters Printers
दोस्तों सामान्य प्रिंटर्स कि मुकाबले इन प्रिंटर्स का उपयोग थोड़ा अलग होता है। क्योंकि इन प्रिंटर्स का इस्तेमाल इंजीनियरिंग Drawing तथा Architecture ब्लूप्रिंट्स को Ready करने के लिए किया जाता है।
इसलिए अक्सर जब भी प्रिंटर्स की बात आती है। तो इन प्रिंटर का नाम काफी कम सुनाई देता है। क्योंकि इन प्रिंटर को अधिकतर Drawing के उद्देश्य से ही इस्तेमाल में लाया जाता है।
Multi-Functional Printer
दोस्तों जैसा कि नाम से ही जाहिर होता है। वह प्रिंटर जिसमें अनेक फंक्शन हो तथा वह अनेक कार्य करने में सक्षम हो। वह मल्टीफंक्शन प्रिंटर होता है। अतः यहाँ पर आपका जानना जरूरी है कि लेजर प्रिंटर या फिर Inkjet प्रिंटर भी मल्टीफंक्शन प्रिंटर हो सकते हैं।
दोस्तों इन printers में अधिक फीचर्स होने की वजह से मल्टीफंक्शनल प्रिंटर्स का उपयोग अधिकतर office में Scan, Fax को एक ही डिवाइसेज से करने के लिए किया जाता है। शुरुआती दौर में इनका दाम काफी महंगा था परंतु वर्तमान समय में यह प्रिंटर Affordable दाम में उपलब्ध हैं।
Led Printers
3D प्रिंटर्स लेजर प्रिंटर की तरह ही कार्य करते हैं। परंतु इनके प्रिंटहेड में Led लगी होती है। जबकि लेजर प्रिंटर में लेजर का उपयोग होता है। दोस्तो लेज़र प्रिंटर की तुलना में led प्रिंटर्स अधिक कुशल एवं विश्वसनीय होते हैं।
चूंकि Led प्रिंटर्स के Printhead में कोई Moving पार्ट्स नहीं लगे होते हैं। और यही कारण है की यह प्रिंटर को लंबे समय के लिए टिकाऊ बनाता है।
प्रिंटर के फ़ायदे – Benefits Of Printer In Hindi
Convenience
दोस्तों प्रिंटर का उपयोग करने का एक मुख्य फायदा सुविधाजनक है। क्योंकि अक्सर हमें कोई डाक्यूमेंट्स या फिर Text को किसी Page पर प्रिंट करना होता है। तो यदि हमारे घर में प्रिंटर है तो यह हमारे समय तथा पैसे दोनों की बचत करता है।
क्योंकि हमें किसी कमर्शियल Printer या ऑफिस प्रिंटर का इस्तेमाल करने की आवश्यकता नहीं पड़ती। दोस्तों इसके अलावा आवश्यकतानुसार प्रिंटर के जरीये हम कभी-भी आसानी से page को text या image को प्रिंट कर पाते हैं।
Size
दोस्तों समय के साथ जैसे टेक्नोलॉजी मैं परिवर्तन से अन्य डिवाइस के आकार बदलाव आया। ठीक उसी प्रकार आज प्रिंटर के साइज में भी काफी हद तक बदलाव आ चुका है। आज हम देखते हैं प्रिंटर का साइज Small से लेकर long साइज में देखने को मिलता है।
अतः हम अपनी आवश्यकतानुसार छोटे या बड़े साइज के प्रिंटर को ले सकते हैं। साथ ही इन्हें आवश्यकता पड़ने पर एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में अधिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है।
Easy to Read
दोस्तों इस ऑनलाइन दुनिया में अक्सर हमें जरूरी चीजें जैसे- Notes, आर्टिकल, ई- बुक फिर या कोई Story को अपने मोबाइल पर ही पढ़ना पड़ता है। परंतु कई लोग printed डॉक्यूमेंट Read करना पसंद करते हैं। क्योंकि इन्हें पढ़ना आसान होता है।
अतः हम कभी-भी प्रिंटर की मदद से किसी भी पसंदीदा इंफॉर्मेशन को Easily प्रिंट कर सकते हैं। तथा कहीं भी उन Papers को Read कर सकते हैं। दूसरी तरफ इसका एक मुख्य फायदा यह है की यह Easy to Read होने के साथ- साथ हमारी आंखों के लिए भी फायदेमंद है।
क्योंकि जब हम मोबाइल, टेबलेट या फिर कंप्यूटर में अधिक समय तक किसी इंफॉर्मेशन को पढ़ते हैं। तो वह हमारी आंखों के लिए सही नहीं है। इसके विपरीत यदि हम उसे किसी पेपर में Book के रूप में रखें तो वह हमारी आंखों के लिए भी सही रहता है।
तो दोस्तों आइए हम जान लेते हैं कि Printer को पहली बार कब और किसने बनाया था।
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- सॉफ्टवेयर (Software) क्या है? – What Is Software In Hindi
प्रिंटर का उपयोग?
दोस्तों हालांकि प्रिंटर का उपयोग लोगों द्वारा अपनी अलग-अलग आवश्यकता ओं के लिए किया जा सकता है। उनमें से ही प्रिंटर के कुछ मुख्य उपयोग यहाँ बताए गए हैं। दोस्तों कई लोग प्रिंटर का इस्तेमाल सिर्फ इसलिए करते हैं। ताकि वह अपने मोबाइल या कंप्यूटर में दिख रहे इलेक्ट्रॉनिक Content को किसी Paper में Read कर सके।
उदाहरण के तौर पर यदि आपको अपने डिवाइस में किसी पसंदीदा व्यक्ति की फोटो या फिर उनके द्वारा कहा गया कोई विचार पसंद आता है, तो आप उस Print कर अपने Wall पर या फिर Books के बीच में सहेज कर रख सकते हैं।
कहीं बार जब आप अपनी शानदार फोटो क्लिक करते हैं। तो आप उस फोटो को मोबाइल में तो Save करते ही हैं। परंतु यदि आप चाहते हैं कि आप उस फोटो को Print कर अपनी Wall पर या फिर Photo Frame में सजा कर रखें। तो आप इस तरह भी प्रिंटर का उपयोग कर सकते हैं।
आजकल हमें सभी ऑफिस में Printers देखने को मिल जाते है। क्योंकि प्रिंटर का उपयोग ऑफिस में अनेक कार्यों के लिए किया जाता है। जैसे कि Ms-Word पर Create किए गए डॉक्यूमेंट को Print करने के लिए। दोस्तों इस प्रकार प्रिंटर का उपयोग आज कई छोटे-छोटे उद्योगों से लेकर बड़े-बड़े व्यवसायों में आप देख सकते हैं। इसके साथ ही आजकल प्रिंटर्स का उपयोग घरों में भी किया जा रहा है।
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प्रिंटर का इतिहास? – History Of Printer In Hindi
दोस्तों असल में कंप्यूटर प्रिंटर की शुरुआत उस समय ही हो गई थी। जब कंप्यूटर के पितामह “चार्ल्स बेबेज” ने पहले मैकेनिकल Printer को 18वीं सदी में लांच किया।
परंतु पहले High Speed प्रिंटर जिसे Univec कंप्यूटर के लिए विकसित किया गया था उस प्रिंटर को वर्ष 1953 में Remington-Rand द्वारा विकसित किया था।
परंतु उसके बाद वर्ष 1957 में IBM नामक प्रसिद्ध कंपनी ने Dot मैट्रिक्स प्रिंटर को Develope एवं मार्केट किया। तथा समय बीतने के साथ ही अगले एक दशक में अर्थात वर्ष 1968 में कंप्यूटर प्रिंटर की विश्वविख्यात कंपनी Epson ने पहले इलेक्ट्रॉनिक Mini-Printer को विकसित किया। और इस तरह समय बीतने के बाद अनेक प्रिंटर्स को मार्केट में लॉन्च किया गया। तथा वर्ष 1979 में Canon ने LBP-10, पहले semiconductor लेजर बीम प्रिंटर को बाजार में लांच किया।
तथा वर्ष 1988 में HP DeskJet inkjet printer प्रिंटर को लॉन्च किया तथा Hp (Hewlett-Packard) ने डॉलर 1000 में इसे बेच दिया। दोस्तों इस inkjet प्रिंटर ने तेजी से लोकप्रियता हासिल की। और कम ही समय में बाजार में सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाले प्रिंटर्स की सीरीज बन गया।
तो दोस्तों इस प्रकार इसी वर्ष 3D प्रिंटर का भी आविष्कार हुआ। और इस तरह समय के साथ प्रिंटर की तकनीक में बदलाव से आज printer का उपयोग घर-घर मे किया जाता है।
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तो दोस्तों उम्मीद है की अब आपको प्रिंटर क्या है? (What is Printer in Hindi) और इसके प्रकार से जुड़ी पूरी जानकारी मिल चुकी होगी तो चलिए अब प्रिंटर से जुड़े कुछ FAQs भी देख लेते हैं।
प्रिंटर से जुड़े कुछ FAQs
कंप्यूटर के किसी भी इंफॉर्मेशन या डाटा को आसानी से कागज में प्राप्त कर सकते हैं। यह केवल प्रिंटर के कारण ही मुमकिन हो पाया है। पेंटर का आविष्कार सर्वप्रथम 1938 में चेस्टर कार्लसन के द्वारा किया गया था।
कंप्यूटर या मोबाइल में मौजूद किसी भी सॉफ्टकॉपी को हार्ड कॉपी में बदलने के लिए प्रिंटर का इस्तेमाल किया जाता है। प्रिंटर सॉफ्ट कॉपी में मौजूद किसी भी character या अक्षर को कागज में उतार सकता है। इतना ही नहीं प्रिंटर के मदद से कंप्यूटर में मौजूद किसी भी फोटो को कागज में प्रिंट किया जा सकता है। जब आप किसी विशेष चीज को कागज में निकालने के लिए प्रिंटर को print पर click करके कमांड देते हैं, तब प्रिंटर उस विशेष चीज को कागज में प्रिंट करके आपको दे देता हैं।
वैसे तो सभी प्रिंटर अपने अपने काम में अच्छे होते हैं। लेकिन कुछ प्रिंटर ऐसे होते हैं जो दूसरे प्रिंटर की तुलना में ज्यादा फास्ट और मल्टीफंशन काम करते हैं। ऐसे ही कुछ सबसे अच्छे प्रिंटर का नाम, उसे बिक्री करने वाली कंपनी के नाम के साथ उसकी कीमत नीचे बताइ गई हैं –
1. ब्रदर DCP- 7065DN (BROTHER DCP-7065DN) सबसे अच्छा प्रिंटर है। यह आपको Amazon पर मिल जायेगा। इसकी कीमत ₹15100 हैं।
2. मल्टीफंक्शन वर्क करने में ब्रदर DCP-7060D (BROTHER DCP-7060D) एक बहुत अच्छा प्रिंटर है। यह आपको आसानी से फ्लिपकार्ट पर मिल जाएगा। इसकी कीमत ₹10100 है।
3. ब्रदर DCP-1511 (BROTHER DCP-1511) भी फास्ट काम करने वाला प्रिंटर है। यह प्रिंटर आपको आसानी से नहीं मिलता इससे आपको थोड़ा ढूंढना होगा। इस प्रिंटर की कीमत ₹9490 है।
प्रिंटर का कोई एक दाम नहीं है, क्योंकि प्रिंटर का दाम उसके कंपनी पर निर्भर करता है। आप प्रिंटर को 1000 रुपए में भी खरीद सकते हैं और आप चाहे तो ₹30000 के भी प्रिंटर खरीद सकते है। जैसे HP कंपनी की प्रिंटर 4 – 5 हजार रुपए में मिल जाती हैं। वही Epson कंपनी के प्रिंटर की कीमत ₹10000 से शुरू होती है।
लेजर प्रिंटर नॉन इंपैक्ट प्रिंटर का ही एक प्रकार है। यह प्रिंटर आसानी से किसी भी सॉफ्ट कॉपी को कागज में तीव्र गति से हाई क्वालिटी के साथ प्रिंट कर सकता है। लेजर प्रिंटर प्रिंट करने के लिए focused beam या light का प्रयोग करता है। साथ ही लेजर प्रिंटर एक नॉन इंपैक्ट प्रिंटर होने के कारण प्रिंट पर किसी तरह का अपना कोई छाप नहीं छोड़ता है।
डेजी व्हील प्रिंटर इंपैक्ट प्रिंटर का प्रकार है। इस प्रिंटर का प्रिंट हैड Daisy फूल के जैसा होता है। इसीलिए इस प्रिंटर को Daisy wheel printer कहा जाता है। यह solid fonts character को छापने वाला एक इंपैक्ट प्रिंटर है। इस प्रिंटर का उपयोग letter प्रिंट करने के लिए अधिक किया जाता है, इसीलिए इस प्रिंटर को letter quality printer भी कहा जाता है।
वह उपकरण जिसकी मदद से कंप्यूटर द्वारा तैयार किए गए आउटपुट (परिणाम) जो कि सॉफ्टकॉपी में होते हैं उन्हें कागज या हार्ड कॉपी में बदला जाता है, उसे प्रिंटर कहते हैं। प्रिंटर का उपयोग स्थाई दस्तावेज तैयार करने के लिए किया जाता है। प्रिंटर के मदद से किसी भी कैरेक्टर को प्रिंट किया जा सकता है। साथ ही प्रिंटर के मदद से फोटो या पिक्चर को भी आसानी से प्रिंट किया जा सकता है।
ये प्रिंटर इंपैक्ट प्रिंटर से बिल्कुल अलग होते हैं क्योंकि यह प्रिंटर इंपैक्ट प्रिंटर के तरह प्रिंट पर अपना कोई छाप नहीं छोड़ते। वैसे तो नॉन इंपैक्ट प्रिंटर भी डॉट्स के जरिए ही प्रिंट करते हैं। लेकिन नॉन इंपैक्ट प्रिंटर की डॉट्स इंपैक्ट प्रिंटर की तुलना में छोटी होती है। जिसके कारण इस प्रिंटर की प्रिंट साफ साफ दिखाई देती हैं। Ink powder को भरने के लिए इस प्रिंटर में cartridge का प्रयोग किया जाता है।
इंपैक्ट प्रिंटर वो प्रिंटर होते हैं, जिससे प्रिंट करने पर कागज पर प्रिंटर का प्रभाव देखने को मिलता है। इंपैक्ट प्रिंटर में आपको धातु से बना एक हैमर या प्रिंट हैड देखने को मिलता है। यह धातु कागज व रिबन से टकराता है,उसके बाद प्रिंट होना शुरू होता है। इंपैक्ट प्रिंटर कई अलग-अलग तरह के होते हैं –
Dot Matrix printer – इस तरह के इंपैक्ट प्रिंटर में डॉट के मदद से हर अक्षर प्रिंट होता हैं। डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर प्रिंट करते समय बहुत शोर करता है। इस प्रिंटर में लगा प्रिंट हैड जब कागज या रिबन से टकराता है, तो केवल एक डॉट बनाता है। जब कई सारे डॉट आपस में मिलते हैं, तब एक अक्षर बनता हैं। Dot Matrix printer से प्रति सेकंड 30 से 600 अक्षर छापे जाते हैं। इस प्रिंटर से अच्छी क्वालिटी की प्रिंट नहीं की जा सकती हैं।
Drum printer – इस तरह के प्रिंटर में ड्रम होता है, जो बहुत तेजी से घूमता है। यह प्रिंटर ड्रम की मदद से चीजों को प्रिंट करता हैं। ड्रम जब एक बार पूरा चक्कर लगा लेता है, तब वो केवल एक लाइन कागज पर छपता है।
Chain printer – घूमने वाले चैन के मदद से प्रिंट करने के कारण इस तरह के प्रिंटर को chain printer कहा जाता है। इस प्रिंटर में लगा चैन तेजी से घूमता है। इस प्रिंटर के चैन में character का Font छपा होता है। इस प्रिंटर के सभी प्रिंट पोजीशन में हैमर लगे होते हैं। जब यह character वाला हैमर कागज पर टकराता है, तब प्रिंट होना शुरू होता है।
Line printer – लाइन प्रिंटर भी एक तरह का इंपैक्ट प्रिंटर हैं। इस तरह के प्रिंटर का उपयोग हाई स्पीड कंप्यूटर के डाटा को प्रिंट करने के लिए किया जाता है। यह प्रिंटर दूसरे प्रिंटर से बहुत फास्ट होते हैं। इस तरह के प्रिंटर से 1 मिनट में 300 से 3000 लाइन प्रिंट की जा सकती है।
तो दोस्तों इस प्रकार आमने प्रिंटर्स के मुख्य प्रकारों के बारे में जाना। उम्मीद है Printer से जुड़ी यह जानकारी आपके लिए फायदेमंद सिद्ध होगी। और आप जान गये होगे की की आख़िर प्रिंटर क्या है? और इसके प्रकार? उपयोग और फ़ायदे? कैसे काम करता है? प्रिंटर को कब और किसने बनाया? History of printer & all about printer in hindi?
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Hope की आपके लिए प्रिंटर क्या है? इसके प्रकार एवं उपयोग? (Printer in Hindi) का यह पोस्ट मददगार साबित हुआ होगा।
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