दोस्तों अपने मोबाइल फ़ोन में सिम कार्ड का इस्तेमाल तो हम सभी करते है? पर और अब तो आपको कुछ smartphones में E SIM भी देखने को मिल जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि आख़िर सिम कार्ड होता क्या है? अगर नही। तो आज इस पोस्ट में डिटेल से जानिंगे की सिम कार्ड और E SIM क्या है? कब बना और किसने बनाया? उपयोग? फ़ायदे? E SIM कैसे Use करे? & All about Sim Card & E Sim In Hindi?
दोस्तों यदि में आपसे पूछुं की आपके स्मार्टफोन में कॉलिंग करने के लिए क्या होना चाहिए? तो आपका जवाब होगा एक सिम और उसमें बैलेंस होना चाहिए।
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जी हाँ। परन्तु क्या आप जानते हैं की सिम कार्ड क्या है? – What Is Sim Card In Hindi और इसके कितने प्रकार होते हैं? e-sim क्या होता है? sim और के e-sim में क्या फर्क होता है? और सिम को पहली बार कब बनाया गया था? यदि आप अपने मोबाइल की sim से जुड़े इन सभी सवालों के जवाब पाना चाहते हैं। तो आपके लिए खुशी की बात है की आज के इस लेख में आपको सरल शब्दों में sim के बारे में अनेक जानकारियां दी जा रही हैं।
आज हम अपने मोबाइल में sim कार्ड की वजह से देश तथा विदेशों में आसानी से call कर पाते हैं। और इंटरनेट से कनेक्टेड रहने के लिए भी सिम कार्ड महत्वपूर्ण होता है हालाँकि आज हम घर में या ऑफिस wifi इंटरनेट का इस्तेमाल अपने डिवाइस में करते हैं परन्तु उसके अलावा हमें बाहर अधिकतर समय sim कार्ड का इस्तेमाल करना ही पड़ता है।
इसलिए एक मोबाइल यूजर को sim कार्ड के बारे में जानकारी जरूर होनी चाहिए। जिससे वह मोबाइल में उपयोग किये जाने वाले महत्वपूर्ण उपकरणों के बारे में अधिक गहराई से जान पाएं। उम्मीद है आपको यह पोस्ट जरूर पसंद आएगी। अब तक विश्व में दो प्रकार के मोबाइल फोन आये जिनमें पहला GSM (ग्लोबल सिस्टम फ़ॉर मोबाइल) तथा दूसरा CDMA फोन। GSM मोबाइल से वे होते हैं जिनमें मोबाइल सिम का इस्तेमाल होता है। तथा cdma मोबाइल वे होते हैं जिनमें सिम का इस्तेमाल नहीं होता है। हालाँकि कॉलिंग हम दोनों मोबाइल फोन की मदद से कर सकते हैं।
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सिम कार्ड क्या है? – What Is Sim Card In Hindi
अब हम सिम कार्ड की बात करें तो सिम कार्ड एक छोटा सा कार्ड होता है जिसमें चिप लगी होती है। तथा इसका इस्तेमाल करने के लिए अर्थात ऑन करने के लिए इसे मोबाइल में insert करना पड़ता है। तथा बिना सिम कार्ड के मोबाइल नेटवर्क से कनेक्ट नहीं हो सकता अतः यह कॉलिंग के लिए अत्यंत आवश्यक होता है।
एक सिम कार्ड को सब्सक्राइबर आईडेंटिटी माड्यूल के नाम से भी जाना जाता है। यह एक स्मार्ट कार्ड होता है जो GSM सेल्यूलर टेलीफोन सब्सक्राइबर्स के लिए डाटा स्टोर करता है। यह डाटा लोकेशन, फोन नंबर, पर्सनल सिक्योरिटी, कांटेक्ट लिस्ट तथा टेक्स्ट मैसेज के रूम में store किया जा सकता है। इसमें डाटा को सुरक्षा करने के लिए नोटिफिकेशन तथा इंक्रिप्शन आदि फीचर्स दिए जाते हैं
सिम कार्ड को एक फोन से दूसरे फोन में आसानी से स्विच किया जा सकता है। तथ सिम डाटा की पोर्टेबिलिटी कई सारे फायदे यूजर्स को देती है। उदाहरण के लिए यदि आपने नया मोबाइल लिया है तो आप आसानी से दूसरे मोबाइल में सिम को insert अटैच कर सकते हैं।
इसके अलावा यदि आपके फोन की बैटरी खत्म हो जाती है तो इस स्थिति में भी आप किसी दूसरे मोबाइल में अपने सिम कार्ड को insert कर अपने फोन नंबर को एक्सेस कर उसी सिम से अपनी कांटेक्ट लिस्ट को कॉलिंग अन्य व्यक्ति के मोबाइल से भी कर सकते हैं।
सिम कार्ड के फायदे – Benefits Of Sim Card In Hindi
• एक Sim card होने का एक मुख्य फायदा यह है कि हम सिम कार्ड को रिचार्ज कर किसी भी नंबर पर कॉल कर सकते हैं तथा अपनी बातें दूसरों तक पहुंचा सकते हैं।
• नेटवर्क ऑपरेटर द्वारा सिम कार्ड में कॉलिंग के अलावा इंटरनेट की भी सुविधा दी जाती है। यदि आपके सिम कार्ड में इंटरनेट प्लान मौजूद है तो आप अपने कार्ड के जरिए ही इंटरनेट भी एक्सेस कर सकते हैं। और देश दुनिया की तमाम जानकारियां अपने मोबाइल पर प्राप्त कर सकते हैं।
• कोई व्यक्ति आपके मोबाइल नंबर पर बार-बार Call कर परेशान कर रहा है तो आप उस नंबर को डायरेक्ट Block भी कर सकते हैं। जिससे वह आपके सिम में कॉल नहीं कर पाएगा।
• यदि आप फोन बदल भी देते हैं तो भी आप अपने पुराने सिम कार्ड का इस्तेमाल अपने नए मोबाइल पर कर सकते हैं। हालांकि esim में यह सुविधा नहीं होती।
• यदि आपका सिम कार्ड खो भी जाता है और आपका मोबाइल नंबर काफी पुराना है जिसे आप खोना नहीं चाहते तब भी आप उसी नंबर पर एक नया सिम कार्ड ले सकते हैं।
• दोस्तों इस तरह कहीं सारे फायदे में हमें मिल जाते हैं एक सिम कार्ड के।
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Sim Cards Parts Information In Hindi
वैसे तो सिम कार्ड का साइज समय के साथ काफी कम होता जा रहा है। लेकिन फिर भी सभी sim कार्ड्स में कुछ ऐसे पार्ट्स जरूर होते हैं। जिनकी मदद से एक सिम कार्ड कार्य करता है यहां हम आपके साथ सिम कार्ड में मौजूद मुख्य पार्ट्स की जानकारी शेयर कर रहे हैं।
VCC (
Power Supply
RST (
Reset
CLK (
Clock
D+ and D- (
Optional USB Pad
GND (
Ground
VPP (
Voltage Programming Power
SIM Data I/O Pin
सिम कार्ड से जुड़े अन्य सवाल जो अक्सर यूजर्स पूछते हैं;
एक सिम में क्या-क्या स्टोर होता है?
सभी सिम में हमें एक चिप देखने को मिल जाती है इस चिप में आपको ज्यादा मेमोरी तो देखने को नहीं मिलती। लेकिन सिम में यूनीक आईडी होती है जिसे हम IMSI कहते हैं यह यूनीक आईडी तब काम करती है जब आप अपने नंबर से किसी को कॉल करते हैं।
इसके अलावा दोस्तों जैसा कि आप जानते होंगे एक सिम में contact डिटेल एवं नंबर सेव किए जा सकते हैं। ताकि जरूरत पड़ने पर फोन की अदला-बदली की जा सके। और आपके सभी कांटेक्ट उसी sim में रहें। हालांकि आज के समय में लोग cloud में सभी contacts सेव करते हैं ताकि ऑनलाइन उन्हें एक्सेस किया जा सके। इंटरनेट के जरिए किसी भी डिवाइस में कांटेक्ट को एक्सेस किया जा सके।
लेकिन आज भी कई ऐसे यूजर हैं जो इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं करते हैं। उनके लिए क्लाउड से बैकअप करना संभव नहीं है तो वह आज भी इस तरीके को उपयोग में लाते हैं
क्या सिम कार्ड में फोटो भी स्टोर होते हैं?
जैसे कि आप जानते होंगे की जब हम सिम कार्ड खरीदते हैं। तो पहले से ही इसमें स्टोरेज होता है। जिस वजह से कई सारे नंबर्स को हम सिम कार्ड में सेव कर पाते हैं।
बात आती है क्या सिम कार्ड में फोटो भी स्टोर किए जा सकते हैं? तो दोस्तों बता दें सामान्यतः एक सिम कार्ड में 8kb से लेकर 256kb तक स्टोरेज होता है। लेकिन आज के स्मार्टफोंस के कैमरे से खींची गई फोटोस भी MB में होती है तो इससे आप समझ सकते हैं कि कम स्टोरेज की वजह से हम किसी सिम कार्ड में फोटोस को स्टोर नहीं कर सकते।
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दोस्तों अब यहां सवाल आता है कि सिम कार्ड कितने प्रकार के होते हैं? Types of SIM Card in Hindi?
सिम के प्रकार – Types Of SIM Card In Hindi
सिम कार्ड मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं।
- Standard
- Micro
- Nano
1. Standard
स्टैंडर्ड सिम कार्ड वे सिम कार्ड होते हैं जिनका इस्तेमाल पुराने मोबाइल में किया जाता था और इनका साइज सबसे बड़ा होता है।
2. Micro
माइक्रो सिम कार्ड वे होते हैं जिनमें सिम कार्ड की चिप के बाहर एक्स्ट्रा प्लास्टिक लगा होता है। तथा इनका साइज स्टैंडर्ड सिम के साइज की तुलना में आधा होता है। कई स्मार्टफोन में आज भी इनका इस्तेमाल होता।
3. Nano
नैनो सिम अर्थात जिसका आकार काफी छोटा हो नैनो सिम माइक्रो सिम कार्ड का trimmed वर्जन है। नैनो सिम का इस्तेमाल iphone तथा अन्य स्मार्टफोन डिवाइस में होता है। हालाँकि सिम के यह तीनों प्रकार same साइज का डेटा स्टोर करते हैं.
अब आपको सिम कार्ड के बारे में तो पता चल ही गया होगा, चलिए अब देखते है कि आख़िर E Sim क्या है? और इसके फ़ायदे क्या है?
दोस्तों क्या आपने esim के बारे में सुना है? शायद नहीं क्योंकि e sim तकनीक को आये ज्यादा समय नहीं हुआ है। दोस्तों यहाँ हम आपको esim के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं क्योंकि apple द्वारा कुछ समय पूर्व लॉन्च किए गए iphone xs तथा iphone XS Max डिवाइस e-sim तकनीक सपोर्ट करते हैं।
अतः आने वाले समय मे आप अनेक स्मार्टफोन को लॉन्च होते देखें सकते हैं जिनमें esim सपोर्ट होता है। दोस्तों इसलिये सवाल आता है की आख़िर यह esim क्या है?
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सिम का इतिहास – History Of Sim Card In Hindi
1991 में सिम कार्ड को लांच किया गया तथा उस समय सिम कार्ड का आकार क्रेडिट कार्ड की तरह था। हालांकि उसके बाद कई सारे अपडेट्स तथा पुनरावृत्ति हुई जिनसे सिम के साइज को कम किया जा सके। सिम का विकास GSM (ग्लोबल सिस्टम ऑफ मोबाइल कम्युनिकेशन) के इतिहास के साथ बेहद करीबी से जुड़ा हुआ है।
सिम कार्ड GSM मोबाइल नेटवर्क का बेहद जरूरी भाग है। जिनमें प्रमाणीकरण हेतु ऑथेंटिकेशन के लिए यूजर इनफॉरमेशन सेव होती है। अतः इस प्रकार आपके मोबाइल को GSM नेटवर्क से कनेक्ट करता है ताकि आपके फोन में text, मैसेज, कॉल मिनट, डाटा यूसेज को ट्रैक किया जा सके। तथा आपको एक सही मोबाइल बिल भेजा जा सके।
वर्तमान समय में GSM स्टैंडर्ड यूरोप ,एशिया, अफ्रीका एशिया जैसे महाद्वीपों के लिए एक स्टैंडर्ड नेटवर्क बन चुका है। तथा संक्षेप में कहें तो जब आपके मोबाइल में नेटवर्क की बात आती है तो सिम कार्ड को आपके डिवाइस का दिमाग कहा जा सकता है।।
E Sim क्या है? – What Is E Sim In Hindi
एक esim एक इलेक्ट्रॉनिक सिम कार्ड होता है। तथा जैसा कि नाम से पता चलता है कि यह अन्य प्लास्टिक कार्ड की तुलना में भिन्न होती है। esim मोबाइल डिवाइस में embeed अर्थात जुड़ी होती है। यह किसी डिवाइस में sim चिप के रूप में लगी होती है जिसे किसी नार्मल प्लास्टिक सिम कार्ड की तरह मोबाइल डिवाइस से हटाया नही जा सकता।
Esim को eUICC (embedded universal सर्किट बोर्ड) के नाम से भी जाना जाता है। यह सिम उन सभी सूचनाओं को संग्रहित करता है जो मोबाइल subscriber को पहचानने तथा प्रमाणित करने के लिए जरूररी होता है।
यदि हम esim के इतिहास को देखें तो Apple पहली मैन्युफैक्चरिंग कंपनी थी जिसने यूनाइटेड स्टेट्स में पहली बार ipad में e sim तकनीक का प्रयोग किया।। तथा उसके बाद ई-सिम को apple watch तथा google pixel2 में भी देखा गया। दोस्तो भविष्य में e-sim का इस्तेमाल अनेक डिवाइस में आप देख सकते हैं। इसलिए हमें इस नई जनरेसन के सिम कार्ड के फायदे तथा नुकसान के बारे में जानना बेहद जरूरी है.
SIM Ka Full Form Kya Hai?
Subscriber Identification Module
E SIM Ka Full Form Kya Hota Hai?
electronic SIM
What Is The Full Form Of GSM In Hindi?
Global System for Mobile
CDMA Ka Full Form?
Code Division Multiple Access
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E Sim के फ़ायदे – Benefits Of E-Sim In Hindi
E- सिम का मुख्य फायदा यह होगा कि यूज़र्स आसानी से बिना फिजिकल सिम कार्ड को बदले preferred network को सेलेक्ट कर सकते हैं। इसके अलावा यह एक राज्य से दूसरे राज्य तथा अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए भी मददगार साबित होगा जिसमें उन्हें सिम कार्ड को बदलने की या अन्य विदेशी सिम कार्ड का इस्तेमाल करने के लिए अलग से दूसरे दूसरा फोन को ले जाने की आवश्यकता नहीं होगी।
मान लीजिए यदि कोई यात्री विदेश में तो वहां वहाँ के सिम store को ढूंढने की जगह मात्र कुछ सेटिंग में ई-सिम के जरिये नेटवर्क में बदलाव किया जा सकता है। ई-सिम को बेहतर तरीके से डिजाइन तथा अधिक क्षमता तथा इसमें water resistance आदि सुविधाओं दी जाएंगी । तथा हार्डवेयर निर्माताओं के लिए एक बेहतरीन गैजेट डिवाइस बनाने का विकल्प होगा।
इसके अलावा ई-सिम में 2 से अधिक मोबाइल नंबर का इस्तेमाल किया जा सकेगा । जिससे यूजर्स अपने पर्सनल तथा बिजनेस फोन नंबर को अलग कर सकते हैं। तथा आवश्यकतानुसार किसी एक नंबर को स्विच ऑफ कर सकते हैं। इसके साथ ही सिम में रिस्क की मात्रा कम हो जाएगी क्योंकि यदि मान लीजिए आपका सिम कार्ड खो जाता है या आपका मोबाइल फोन खो जाता है तो उस सिम को आपकी डिवाइस से निकाला नहीं जा सकता। अतः फ़ोन को ई-सिम के जरिये track किया जा सकता है तथा इससे आपका डाटा वापस आ सकता है।
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अब हम बात करते ही सिम के नुकसान के बारे में। भले ही ई- सिम सुरक्षित है तथा इसे re-प्रोग्राम किया जा सकता है। लेकिन ई-सिम को host करने वाले cloud को हैक किया जा सकता है। तथा दूसरी बात इसे डिवाइस से निकाला नहीं जा सकता है और आवश्यकता पड़ने पर यह सिक्योरिटी के लिए सही नही है।
ई सिम तकनीक का इस्तेमाल करना वर्तमान समय में सभी मोबाइल कंपनियों के लिए आसान नहीं होगा इसके अलावा कई सारे विभिन्न देशों में कहीं सारे स्मार्टफोन यूजर्स के लिए ई- सिम तकनीक को अपनाना आसान नहीं रहेगा। इसलिए अभी हम बात करें तो इस तकनीक को अपनाने की तो यूजर्स के लिए प्लास्टिक अर्थात sim कार्ड के मुकाबले थोड़ा कठिन होगा।।
ESim का भविष्य – Future Of E-Sim In Hindi
दोस्तों हमें यह तो बिल्कुल मानना होगा कि जिस तरीके से स्टैंडर्ड सिम कार्ड के बाद हमें माइक्रो सिम कार्ड और फिर Mini सिम कार्ड देखने को मिली। इसी प्रकार आने वाले समय में esim देखने को मिल सकती है जी हां Apple ने Esim के इस्तेमाल की शुरुआत भी कर दी है। और गूगल ने अपने pixel डिवाइस में भी सिम का इस्तेमाल कर दिया है। लेकिन इस सिम को सपोर्ट करने वाले यह डिवाइस इस समय उच्च दाम में उपलब्ध हैं।
लेकिन असल में यह सफल तभी होगा जब लोगों को Affordable दाम में Esim सपोर्टेड मोबाइल मिलेंगे। अतः क्योंकि अभी मार्केट पूरी तरह रेडी नहीं हुआ है आज भी कई सारी मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां है जो फिजिकल सिम कार्ड की सुविधा अपने ग्राहकों को दे रही है इसलिए यह कहना अभी मुश्किल होगा कि कितने समय बाद हमें मार्केट में esim युक्त मोबाइल देखने को मिलेंगे।
लेकिन इंडस्ट्री एक्सपर्ट भी मानते हैं कि आने वाले कुछ सालों में अमेरिका, कनाडा समेत भारत में भी सभी लोग इसका इस्तेमाल कर पाएंगे। तो शुरुआत में वाकई यूजर्स के लिए Esim का इस्तेमाल करना मजेदार होगा। क्योंकि अब तक हम सभी ऐसे फिजिकल सिम कार्ड का इस्तेमाल करते आए हैं जिन्हें हमें बार बार एक फोन से दूसरे फोन में रिप्लेस करना पड़ता है। लेकिन यह वर्चुअल sim होगी जिसे न तो यूजर छू पायेगा और ना ही अपनी मर्जी के मुताबिक एक फोन से किसी दूसरे फोन में insert पाएगा।
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Sim Card और E-Sim में अंतर?
दोस्तों सामान्य सिम कार्ड या प्लास्टिक सिम कार्ड अलग अलग साइज में उपलब्ध होते हैं। स्टैंडर्ड सिम कार्ड जिनका पुराने मोबाइल फ़ोन अर्थात कीपैड मोबाइल्स में इस्तेमाल होता था तथा आज भी होता है। और उसके बाद माइक्रो सिम कार्ड जिनका साइज स्टैंडर्ड सिम से छोटा (15mm x 12mm) होता है।
इसके अलावा नैनो सिम जिसका माइक्रो सिम तुलना में कम (12.3mm x 8.8mm) होता है। दोस्तों सामान्यतः आपने इन तीनों प्रकार के सिमों का इस्तेमाल किया या देखा होगा।
अब हम बात करें यदि ई-सिम की तो सामान्यतः सिम कार्ड की तरह नहीं होता अर्थात हम इसको अपने डिवाइस से रिमूव नहीं कर सकते। अर्थात इसे ना तो insert और न ही remove करने की आवश्यकता होती है। तथा चूँकि यह वर्चुअल सिम होती है इसलिए सिम कार्ड को खरीदने के लिए किसी स्टोर पर जाने की आवश्यकता नहीं है।
इसके साथ ही ई-सिम में आपको माइक्रो तथा नैनो सिम के साइज को अपने डिवाइस के अनुसार कट करने की आवश्यकता नहीं होती। इसके साथ ही E-sim का आकार भी काफी छोटा होता है जिस वजह से नॉर्मल सिम कार्ड की तुलना में यह डिवाइस को काफी पतला बना देता है।
अतः ई-sim तकनीक आने के बाद जब आप एक नया मोबाइल खरीदने जाएंगे तो अब आपको उसी मोबाइल में सिम लगी दिखाई देगी। इसलिए आपको अलग से सिम कार्ड खरीदने की आवश्यकता नहीं होगी।
FAQs
सिम कार्ड को सामान्यतः सब्सक्राइबर आईडेंटिटी माड्यूल या फिर subscriber identification module के नाम से जाना जाता है लेकिन अमूमन बोलचाल की भाषा में इसे शॉर्ट में सिम कार्ड कहा कहा जाता है।
सिम कार्ड एक इलेक्ट्रॉनिक चिप होती है, जिसे बनाने के लिए सामान्यतः सिलीकान का इस्तेमाल किया जाता है। सिलिकॉन के अलावा इस प्लास्टिक कार्ड को बनाने हेतु धातु के बने अन्य उपकरणों जैसे phosphorus और gold का भी इस्तेमाल किया जाता है।
यही कारण है कि सिम कार्ड में मौजूद पीली परत को अक्सर हमें सिम कार्ड का इस्तेमाल करते समय अपने सिम स्लॉट में लगानी होती है. जिसके बाद वह सिम मोबाइल के संपर्क में आता है और सिमकार्ड अच्छी तरह से काम करता है।
अब आप पूछेंगे गोल्ड का उपयोग क्यों तो बता दें सोने को बिजली का सबसे अच्छा संवाहक माना जाता है। इसके अलावा इसकी ड्युरेबिलिटी भी अच्छी होती है।
सिम कार्ड के साइज़ के अनुसार सिम कार्ड के मुख्यतः तीन प्रकार है।
1. Standard SIM
2. Micro SIM
3. Nano SIM
ई- सिम से तात्पर्य एक ऐसे सिम कार्ड से है, जो पहले से ही फोन में मौजूद यानी embed होता है। भौतिक सिम कार्ड की तुलना में ई-सिम कार्ड बिल्कुल अलग होता है। ना तो इसे बाहर निकाला जा सकता है, न insert किया जा सकता है। E-sim मोबाइल में लगी एक छोटी सी चिप होती है, अगर आप ई सिम का इस्तेमाल करते हुए एक नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क में पोर्ट करना है तो आप एक मोबाइल फोन कॉल के जरिए यह काम कर सकते है।
Esim इस्तेमाल करने के लिए आपके नेटवर्क में esim सपोर्ट करना चाहिए। क्योंकि वर्तमान में अभी भी कई सारे नेटवर्क भारत में E- सिम को सपोर्ट नही करते. हालांकि वर्तमान में कई सारी मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां E-सिम सपोर्ट कर रही है।
अगर आप खुद का सिम कार्ड किसके नाम पर है यह पता करना चाहते हैं तो आपके पास एक स्मार्टफोन होना चाहिए और आपको अपने स्मार्टफोन में उस सिम की ऑफिशियल ऐप को इंस्टॉल करना होगा।
मान लीजिए आपके पास Idea का सिम कार्ड है, अब आप यदि आप जानना चाहते हैं यह सिम कार्ड घर के किस सदस्य के नाम पर है तो आप माय आईडिया ऐप डाउनलोड करें, उसमें रजिस्टर करें फिर जैसे ही आप लॉगिन होते हैं तो ऊपर कोने पर प्रोफाइल पर उस व्यक्ति का नाम दिख जाएगा जिसके नाम पर यह सिम कार्ड है। इसी तरह आप जिओ नंबर का पता करने के लिए My Jio ऐप इंस्टॉल कर सकते हैं।
Sim card को प्रायः हिंदी में सिम कार्ड ही कहा जाता है। चूंकि सिम कार्ड भी एक टेक्निकल शब्द है अतः जो इसका नाम है उसी नाम से इसे विभिन्न देशों में सामान्यता पुकारा जाता है। लेकिन अगर इसकी इंग्लिश फुल फॉर्म को हिंदी में अनुवाद करें तो सिम कार्ड को हिंदी में “ग्राहक पहचान मॉड्यूल” कहा जाएगा।
Sim card की अंगेजी full form subscriber identity module होती है यह एक छोटा सा प्लास्टिक कार्ड होता है जिसे फोन के सिम स्लॉट में insert करते हैं, इसकी मदद से हम calling और इंटरनेट का प्रयोग कर पाते है।
उम्मीद है की अब आपको सिम कार्ड और ई – सिम से जुड़ी पूरी जानकारी मिल चुकी होगी, और अब आप जान गये होगे की सिम कार्ड और E SIM क्या है? (What is SIM Card in Hindi) कब बना और किसने बनाया? उपयोग? फ़ायदे? E SIM कैसे Use करे? & All about Sim Card & E Sim In Hindi?
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Hope की आपको सिम कार्ड क्या है? कैसे काम करता है? प्रकार एवं फायदे? का यह पोस्ट पसंद आया होगा, और हेल्पफ़ुल लगा होगा।
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