Transistor Kya Hai? (What is Transistor in hindi?) हेलो दोस्तों क्या आप सभी लोग टेक्नोलॉजी के स्टूडेंट है अगर हां तब आप ट्रांजिस्टर के बारे में जरूर जानते ही होंगे और यदि नहीं तब आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं क्योंकि आज के इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप जान जाएंगे कि ट्रांजिस्टर क्या है? ट्रांजिस्टर कैसे काम करता है? इसके प्रकार? और ट्रांजिस्टर के फायदे? All about Transistor in Hindi?
पहले के समय में ट्रांजिस्टर के बदले में वेक्यूम ट्यूब का इस्तेमाल होता था अगर हम वेक्यूम ट्यूब के बारे में बात करें तो वेक्यूम ट्यूब ट्रांजिस्टर के मुकाबले बहुत ही बड़ा है सिर्फ आकार में बड़ा ही नहीं बल्कि बहुत जल्दी गर्म भी हो जाता था जिसके कारण वेक्यूम ट्यूब ज्यादा दिन तक चल नहीं पाता है और साथ ही में यह वेक्यूम ट्यूब बहुत ज्यादा High Voltage पावर Consume करता है.
- मोबाइल क्या है और किसने बनाया – What Is Mobile In Hindi
- कंप्यूटर क्या है और किसने बनाया – What Is Computer In Hindi
Vacuum Tube के Disadvantage के कारण 1947 में John Bardeen, Walter Brattain,William Shockley ने Bell Labs में Transistor का आविष्कार क्यों था जो भी problem हमें vacuum tube मैं देखने को मिला था वह सभी प्रॉब्लम को Fix करके transistor बनाया गया था. तो चलिए जानते हैं कि ट्रांजिस्टर क्या है? (What Is Transistor In Hindi) कैसे काम करता है और Transistor के प्रकार के बड़े में?
Contents
ट्रांजिस्टर क्या है? – What Is Transistor In Hindi
यदि हम ट्रांजिस्टर के बारे में कहे तो ट्रांजिस्टर एक ऐसा semiconductor electronic device है जो कि Electric Voltage को अपने अनुसार Balance करता है और सिर्फ यही नहीं बल्कि ट्रांजिस्टर यह भी निर्धारण कर सकता है कि कब electric power चालू होगा या बंद होगा इसी कारण ट्रांजिस्टर को आप सभी switch भी कह सकते हैं.
अभी के समय में ऐसा कोई भी इलेक्ट्रॉनिक मशीन नहीं है जहां पर ट्रांजिस्टर का इस्तेमाल नहीं हो रहा हो चाहे वह मोबाइल हो या फिर आपका computer सभी मैं आप लोगों को ट्रांजिस्टर देखने को मिल जाता है.
यदि हम ट्रांजिस्टर के आकार के बारे में बात करें तो ट्रांजिस्टर पहले के समय के वेक्यूम ट्यूब के मुकाबले में बहुत ही ज्यादा छोटा है सिर्फ छोटा ही नहीं बल्कि ट्रांसिस्टर बहुत ही कम इलेक्ट्रिक वोल्टेज को Consume करता है और आज हम सिर्फ ट्रांजिस्टर के वजह से ही कंप्यूटर और मोबाइल को बोहोत अच्छे speed में use कर पाते हैं.
ट्रांजिस्टर कैसे बनता है?
आशा करूंगा कि आप समझ गए होंगे कि ट्रांजिस्टर क्या है? अब आप सभी लोगों के मन में एक प्रश्न आया ही होगा कि आखिरकार यह ट्रांजिस्टर कैसे बनता है अगर हम ट्रांजिस्टर के बारे में बात करें तो ट्रांजिस्टर के circuit में हमें three terminals देखने को मिलते हैं. 3 टर्मिनल के पदार्थ को मिलाकर ही transistor तैयार होता है. ट्रांजिस्टर डायोड की तरह काम करता है और साथ ही में ट्रांजिस्टर इलेक्ट्रिक वोल्टेज को amplify भी करता है.
यह भी पढ़े: ब्लूटूथ (Bluetooth) क्या है – What Is Bluetooth In Hindi
ट्रांजिस्टर के प्रकार – Types of Transistor in Hindi
ट्रांजिस्टर मुख्य तौर पर दो तरह का होता है एक P-N-P ट्रांजिस्टर और तथा दूसरा N-P-N ट्रांजिस्टर. ट्रांजिस्टर कितने प्रकार के होते हैं यह तो आप सभी जान ही गए होंगे परंतु क्या आप जानते हैं कि P-N-P ट्रांजिस्टर और तथा दूसरा N-P-N ट्रांजिस्टर क्या है तो आप नीचे बताया गया लेख को पढ़ सकते हैं.
N-P-N Transistor
N-P-N Transistor Kya Hota Hai? P type material जब N types के material की layer के बीच में लगाया जाता है तब उसे N-P-N ट्रांजिस्टर कहा जाता है.
P-N-P Transistor
N पदार्थ जब P types के material की layer के बीच में लगाया जाता है तब उसे P-N-P ट्रांजिस्टर कहा जाता है.
FET Transistor
Fet के बड़े में बताने से पहले इस के पूरे नाम के बारे में बता देते हैं तो FET का पूरा नाम है Field Effect Transistor. यदि हम Field Effect Transistor के बारे में बात करें तो यह ट्रांजिस्टर का ही एक दूसरा भाग है सिर्फ यही नहीं बल्कि आप सभी को इसमें 3 टर्मिनल भी देखने को मिलेगा जोकि है (G), (D), (S) यानी कि Gate, Drain, Source.Gate (G), Drain (D), Source (S) को भी अलग-अलग भाग में बांटा गया है जो कि है JFET और MOSFET ट्रांजिस्टर.
Bipolar Transistor
यदि हम बाइपोलर ट्रांसिस्टर के बारे में बात करें तो यह “bipolar transistor” December 1947 में John Bardeen, Walter और William ने मिलकर इसका आविष्कार किया था. Bipolar transistor मैं हम लोगों को दो तरह के चार्ज केरियर देखने को मिलता है एक इलेक्ट्रॉन और दूसरा होल्स.
Small Signal Transistor
अगर हम स्मॉल सिगनल ट्रांजिस्टर के बारे में बात करें तो यह ट्रांजिस्टर स्विच की तरह काम करता है और साथी में यह “ट्रांजिस्टर” का सिग्नल को एंपलीफायर करने में भी बहुत मदद करता है market में यह Small Signal Transistor पीएनपी या फिर एनपीएन के नाम में देखने को मिलता है. ऐसे बहुत सारे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस मौजूद है जहां पर इस ट्रांजिस्टर का इस्तेमाल होता है अगर हम उन मैं से ही कुछ डिवाइसों के बारे में बात करें तो वह है-time सर्किट, Led डायोड, ऑडियो function, amplifier, etc.
Small Switching Transistor
किसी भी सिग्नल को स्विच करने के बाद उसको एंपलीफायर करना Small Switching Transistors का काम है. Small Switching Transistors भी Small Signal Transistors के जैसे ही दुकान में एनपीएन या फिर पीएनपी के नाम पर ही देखने को मिल जाता है.
Multiple-Emitter Transistor
Multiple emitter transistor के बारे में बात करें तो यह ट्रांजिस्टर लॉजिक और नंद लॉजिक Gates के input में use होता है और साथ ही में यह Multiple emitter transistor “Input signal emitter” पर उपयोग होता है.
Power Transistor
Power Transistors उच्च वोल्टेज बिजली को एमप्लीफाई करता है और साथी में हाई पावर को सप्लाई देने में भी मदद करता है. Power Transistors में करंट वैल्यू 1- 100A तक रहता है और साथ ही में Power Transistors का फ्रीक्वेंसी 1MHz से 1000 MHz के पास तक रहता है.
ट्रांजिस्टर के लाभ – Benefits of Transistor
1. Transistor अविष्कार होने के पहले वेक्यूम ट्यूब का इस्तेमाल होता था जो कि बहुत ही Slow काम करता था परंतु ट्रांजिस्टर बहुत ही तेजी के साथ काम करता है.
2. ट्रांजिस्टर का कीमत बहुत ही कम है इसी वजह से इसको कोई भी मशीन पर आसानी से लगाया जा सकता है.
3. ट्रांजिस्टर ज्यादा जल्दी गर्म नहीं होता है इसी वजह से इसके खराब होने का संभावना भी बहुत ही कम है.
4. ट्रांजिस्टर कम वोल्टेज मैं भी बहुत अच्छा काम करता है.
5. ट्रांजिस्टर इलेक्ट्रिक वोल्टेज को निर्धारण करने में मदद करता है.
6. transistor स्विच के तरह भी काम करता है.
7. यदि आप इलेक्ट्रिक विभाग के छात्र हैं तब आप जानते ही होंगे कि ट्रांजिस्टर का इस्तेमाल एंपलीफायर में भी होता है.
8. अभी के समय में ऐसा कोई भी डिवाइस नहीं है जहां पर की ट्रांजिस्टर का इस्तेमाल ना किया गया हो और यहां तक की आपके मोबाइल या फिर कंप्यूटर के माइक्रो चिप में भी ट्रांजिस्टर का उपयोग किया जाता है.
- इंटरनेट क्या है – What Is Internet In Hindi
- WWW क्या है – What Is World Wide Web In Hindi
- सर्वर क्या है और इसके प्रकार – What Is Server In Hindi
Transistor F.A.Q
1. Transistor क्या होता है?
ट्रांसिस्टर एक तरह का सेमीकंडक्टर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जोकि इलेक्ट्रिक के वोल्टेज या पावर को अपने अनुसार नियंत्रित करता है.
2. Transistor कब और कहा अविष्कार हुआ था?
Transistor न्यू जर्सी के bell labs में साल 1947 में अविष्कार हुआ था.
3. ट्रांजिस्टर को किसने invent क्या था?
ट्रांजिस्टर को John Bardeen,Walter Brattain और William Shockley ने invent क्या था Bell Labs पर.
4. ट्रांजिस्टर कितने प्रकार के होते हैं?
Transistor दो तरह के होते हैं तथा P-N-P ट्रांजिस्टर और दूसरा N-P-N ट्रांजिस्टर.
5. क्या वैक्यूम ट्यूब से अच्छा ट्रांजिस्टर है?
Transistor आविष्कार होने के पहले वेक्यूम ट्यूब का इस्तेमाल होता था वेक्यूम ट्यूब ट्रांजिस्टर की तुलना में आकार में बहुत ही बड़ा और बहुत जल्दी गर्म हो जाता था इसके कारण वेक्यूम ट्यूब ज्यादा दिन तक चल नहीं पाता था परंतु अगर हम ट्रांजिस्टर के बारे में बात करें तो ट्रांजिस्टर आकार में बहुत ही छोटा है और साथी में यह बहुत ही कम गर्म होता है जिसके कारण ट्रांजिस्टर का Long Life है.
6. ट्रांजिस्टर किस किस Device में इस्तेमाल होता है?
ऐसा कोई भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस नहीं है जहां पर की ट्रांजिस्टर का इस्तेमाल ना हो अगर हम ऐसे कुछ डिवाइस के बारे में बात करें जिसमें कि ट्रांजिस्टर का उपयोग किया गया है वह है Mobile, computer, tv, Toster, etc.
Frinds आशा करता हूं कि आप सभी लोगों को हमारा आज का यह informative Article पसंद आया होगा आज के इस आर्टिकल पर हम लोगों ने आप लोगों को ट्रांजिस्टर क्या है? ट्रांजिस्टर कैसे काम करता है? इसके प्रकार? और ट्रांजिस्टर के फायदे? All about Transistor in Hindi? के बारे में बताया है.
यह भी पढ़े:
Hope की आपको ट्रांजिस्टर क्या है? – What Is Transistor In Hindi का यह पोस्ट पसंद आया होगा, और हेल्पफ़ुल लगा होगा।
अगर आपके पास इस पोस्ट से रिलेटेड कोई सवाल है तो नीचे कमेंट करे. और अगर पोस्ट पसंद आया हो तो सोशल मीडिया पर शेयर भी कर दे.
Hello Sir ,
Sir mujhe ek chij puchna hai ki mene apne office me net lagwaya hai or sab wifi se conntect hoke net use karte hai but mujhe ye check karna hai ki kon net par kya search kar raha hai ya uski kya activity hai wo kaam kar rha hai ya time pass kar raha hai …… To iske liye me kya karu jisse me unki web history ko apne laptop system me check kar saku ………….
You can use Employee Monitoring Software.
आपके द्वारा लिखे हुए सभी पोस्ट बहुत ही काम के और हेल्पफुल होते है और आपके लेख को पढ़कर समझना भी बहुत आसान होता है. में अक्सर आपके ब्लॉग को पढ़ती हूँ और आपके द्वारा लिखा हुआ पोस्ट मेरी समझ में आसानी से आता है जिसे में अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करती हु.
Why Transistor is important for every device can you explain……
we will explain in the next article.