यदि आप वेब डिजाइनिंग के बारे में पूरी जानकारी हिंदी में पाना चाहते हैं तो आइए आपको इस आर्टिकल में जानकारी प्रदान करते हैं कि “वेब डिजाइनिंग क्या है” और “वेब डिजाइनर क्या है” तथा “वेब डिजाइनिंग कैसे सीखे।” क्या आपने कभी सोचा है कि इंटरनेट पर कुछ वेबसाइट जब हम ओपन करते हैं तो वह हमें ज्यादा खास नही लगती है, वही कुछ वेबसाइट जब हम ओपन करते हैं तो वह इतनी शानदार लगती है कि मन करता है कि हम उस वेबसाइट पर काफी देर तक अपना समय व्यतीत करें।
इसके पीछे क्या वजह हो सकती है? बताना चाहते हैं की वेब डेवलपर द्वारा जिस वेबसाइट की वेब डिजाइनिंग पर जितना ज्यादा ध्यान दिया जाएगा, वह वेबसाइट उतनी ही ज्यादा अट्रैक्टिव बनती है।
वेब डिजाइनिंग क्या है? (What is Web Designing in Hindi)
वेब डिजाइनिंग एक ऐसी प्रक्रिया होती है, जिसमें वेबसाइट के निर्माण से संबंधित सभी प्रक्रियाएं शामिल होती है। जैसे कि वेबसाइट का स्ट्रक्चर, वेबसाइट डेवलपमेंट की योजना, वेबसाइट डेवलपमेंट की प्रोसेस इत्यादि।
वेब डिजाइनिंग में कलर सिलेक्शन, टेक्नोलॉजी, लेआउट, ग्राफिक डिजाइन और अन्य कई महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखा जाता है और क्लाइंट के लिए एक ऐसी वेबसाइट का निर्माण किया जाता है जो उसके लिए उपयोगी साबित हो और उसकी डिमांड के हिसाब से ही बनाई गई हो।
वेब डिजाइनिंग करने का काम जिस व्यक्ति के द्वारा किया जाता है उसे वेब डेवलपर कहते हैं जिसे अच्छी तरह से यह पता होता है कि एक बेहतरीन वेब डिजाइनिंग कैसे की जाती है ताकि वह कस्टमर को पसंद आए और कस्टमर वेब डेवलपर के काम से संतुष्ट हो।
यहा बताना चाहते हैं कि किसी भी वेबसाइट/ वेबपेज की संरचना अर्थात स्ट्रक्चर को जिस लैंग्वेज में बनाया जाता है, उसे संक्षेप में एचटीएमएल और फुल फॉर्म के तौर पर हाइपरटेक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज कहा जाता है।
HTML की सहायता से वेबसाइट के स्ट्रक्चर को बना करके तैयार कर किया जाता है और फिर कैस्केडिंग स्टाइल शीट्स अर्थात सीएसएस के माध्यम से वेबसाइट को और भी अट्रैक्टिव बनाया जाता है। बताना चाहते हैं कि, कैस्केडिंग सीट स्टाइल भी एक प्रोग्रामिंग लैंग्वेज होती है।
वेब डिज़ाइनर क्या है? (What is Web Designer in Hindi)
वेब डिजाइनर एक आईटी प्रोफेशनल होते हैं, जिन्हें किसी वेबसाइट के लेआउट का निर्माण करने आता है, उसकी विजुअलिटी और वेबसाइट को एक सही स्ट्रक्चर देना आता है। मूल रूप से देखा जाए तो वेबसाइट के लेआउट को और वेबसाइट के डिजाइन को तैयार करने का काम वेबसाइट डिज़ाइनर के द्वारा किया जाता है।
इनके द्वारा वेबसाइट को अच्छा बनाने का हर संभव प्रयास किया जाता है। वेब डिजाइनर ग्राफिक डिवाइस तथा कोडिंग और प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का इस्तेमाल करते हुए एलिमेंट का निर्माण करते हैं।
सामान्य तौर पर वेब डिज़ाइनर के पास यूजर इंटरफेस में एक्सपर्टनेस होती है जिसका मतलब यह होता है कि वेब डिजाइनर स्ट्रेटजी के तहत ऐसी वेब डिजाइन करते हैं जो विजिटर के लिए नेविगेट करने में काफी आसान हो।
वेब डिजाइनर की सैलरी कितनी होती है?
वेब डिजाइनर की सैलरी कितनी हो सकती है, यह डिपेंड करता है कि, वेब डिजाइनर कितनी बड़ी या फिर छोटी कंपनी में काम कर रहा है। इंडिया की बात की जाए तो हमारे इंडिया में किसी भी कंपनी में शुरुआत में एक वेब डिजाइनर को हर महीने ₹15000 से लेकर के ₹18000 की सैलरी प्राप्त होती है।
कई ऐसी कंपनी भी है जहां पर वेब डिजाइनर को स्टार्टिंग में ही हर महीने ₹25000 से लेकर के 28000 रुपए की तनख्वाह हासिल होती है और जैसे-जैसे वह काम का एक्सपीरियंस हासिल करते जाते हैं और अच्छा काम करते जाते हैं वैसे वैसे कंपनी के द्वारा उनकी तनख्वाह में बढ़ोतरी की जाती है। विदेशों में वेब डिज़ाइनर की शुरुआती सैलरी हर महीने भारतीय करेंसी में ₹100000 से लेकर के डेढ़ लाख रुपए के आस पास में होती है।
वेब डिजाइनिंग कैसे करते हैं?
किसी वेबसाइट का निर्माण करने की प्रक्रिया को ही वेब डिजाइनिंग कहा जाता है। यदि आप वेब डिजाइनिंग करना चाहते हैं, तो आपको वेब डिजाइनिंग करना आना चाहिए। इसके लिए आप वेब डिजाइनिंग से संबंधित कोर्स कर सकते हैं या फिर वेब डिजाइनिंग में सर्टिफिकेट कोर्स भी अवेलेबल है, उन्हें भी आप करके वेब डिजाइनिंग सीख सकते हैं।
वेब डिजाइनिंग के मुख्य एलिमेंट लेआउट, ग्राफिक, कंटेंट, फॉन्ट और कलर होते हैं। वेब डिजाइनिंग की प्रक्रिया में हाइपरटेक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज, कैस्केडिंग स्टाइल शीट्स तथा जावास्क्रिप्ट जैसी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का काफी ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा इसमें फोटोशॉप और इलस्ट्रेटर जैसे टूल का भी इस्तेमाल होता है।
वेब डिजाइनिंग के प्रकार (Types of Web Designing in Hindi)
फ्रंट एंड डिजाइनिंग और बैक एंड डिजाइनिंग यही वेब डिजाइनिंग के मुख्य प्रकार है, जिनकी जानकारी आगे दी जा रही है।
1: फ्रंट एंड डिजाइनिंग
जब किसी वेबसाइट को आपके द्वारा ओपन किया जाता है तो उसके होम पेज पर आपको जो कुछ भी डिजाइन दिखाई पड़ती है, उसे ही टेक्निकल भाषा में फ्रंट एंड डिजाइनिंग कहा जाता है।
वेब डिजाइनर के द्वारा फ्रंट एंड डिजाइनिंग के अंतर्गत वेब डिजाइन कुछ इस प्रकार से डिवेलप की जाती है, ताकि आसानी से यूजर वेबसाइट को एक्सेस कर सके, उसे स्क्रोल डाउन कर सके और यह सब करने में उसे किसी भी प्रकार की रुकावट का या दिक्कत का सामना ना करना पड़े।
वेब डिजाइनिंग की प्रक्रिया के तहत जब वेब डिजाइनर फ्रंट एंड डिजाइनिंग करता है, तो वह इस बात को मुख्य तौर पर अपने ध्यान में रखता है कि वेबसाइट यूजर इंटरफेस यूजर को पसंद आए। और वेबसाइट के कंटेंट में जो font-style इस्तेमाल में लिए जा रहे हैं वह दिखाई देने में अच्छा हो तथा वेबसाइट के कलर का कॉन्बिनेशन भी बढ़िया हो और वेबसाइट में सही प्रकार से नेवीगेशन बटन शामिल हो ताकि एक पेज से दूसरे पेज पर आसानी से विजिट किया जा सके।
फ्रंट एंड वेब डिजाइनिंग करने के लिए हाइपरटेक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज और कैस्केडिंग स्टाइल सीट की जानकारी होना आवश्यक होता है। यदि आप भी फ्रंट एंड वेब डिजाइनिंग करना चाहते हैं तो आपको एचटीएमएल और सीएसएस की इनफार्मेशन लेना जरूरी है।
2: बैक एंड डिजाइनिंग
बैक एंड डिजाइनिंग ऐसी डिजाइनिंग होती है, जो यूजर अपनी निगाहों से नहीं देख सकता है, परंतु इसके बावजूद इसका काफी ज्यादा महत्व वेब डिजाइनिंग में होता है। वेब डिज़ाइनर के द्वारा कुछ महत्वपूर्ण चीजों पर स्टॉपेज लगाने के लिए बैक एंड डिजाइनिंग की जाती है। इसके अंतर्गत यूजर कुछ चीजों को एक्सेस नहीं कर सकता है।
परंतु इसके बावजूद वह चीजें वेबसाइट पर मौजूद होती है। बैक एंड डिजाइनिंग करने के लिए अधिकतर पीएचपी लैंग्वेज का इस्तेमाल किया जाता है। बताना चाहते हैं कि, दुनिया की टॉप वेबसाइट जैसे कि फेसबुक और वर्डप्रेस में भी पीएचपी का इस्तेमाल किया गया है। पीएचपी के अलावा बैक एंड डिजाइनिंग के लिए एसक्यूएल डाटाबेस लैंग्वेज का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
वेब डिज़ाइनर का काम
वेब डिजाइनर कुल मिलाकर एक अट्रैक्टिव वेबसाइट को डिजाइन करने के लिए जिम्मेदार होता है। इनके द्वारा कई कामों को किया जाता है। जैसे कि वेब डिज़ाइनर के द्वारा ऐसे फोंट का सिलेक्शन किया जाता है, जो पढ़ने में आसान हो।
इसके अलावा वेब डिजाइनर अट्रैक्टिव कलर स्कीम का भी चुनाव करता है। इसके अलावा ब्रांड की पहचान को कलर, फोंट और लेआउट में सेट करता है साथ ही वह वेबसाइट के लिए नेवीगेशन की बटन को क्रिएट करता है, ताकि एक पेज से दूसरे पेज पर आसानी से जाया जा सके।
इसके अलावा वह एचटीएमएल, सीएसएस जैसी कोडिंग लैंग्वेज का इस्तेमाल करके वेबसाइट में सही जगह पर फोटो, लोगो, टेक्स्ट, वीडियो, एप्लीकेशन और दूसरे एलिमेंट को स्थापित करता है।
तथा वह एचटीएमएल और सीएसएस का इस्तेमाल करके वेबसाइट के लिए लेआउट बनाता है और स्टाइल पेज का भी निर्माण करता है। डेस्कटॉप और मोबाइल विजिटर के लिए वेबसाइट और वेबसाइट के पेज दोनों को ही ऑप्टिमाइज करने का काम वेब डिजाइनर के द्वारा किया जाता है।
वेब डिजाइनिंग के एलिमेंट
वेब डिजाइनिंग के एलिमेंट का मतलब वेब डिजाइनिंग के तत्व होता है। नीचे आपको प्रमुख वेब डिजाइनिंग के एलिमेंट की जानकारी हिंदी में दी जा रही है।
1: Layout
वेबसाइट लेआउट का मतलब यह होता है कि वेबसाइट के पेज पर कंटेंट कैसा दिखाई देगा। वेब डिजाइनिंग के लिए वेबसाइट के लेआउट का चुनाव करना एक जरूरी काम होता है। वेबसाइट का लेआउट ऐसा होना चाहिए जो बिल्कुल सिंपल हो। वेबसाइट डिज़ाइनर के द्वारा वेबसाइट के एलिमेंट को सीरीज में रखने के लिए ग्रीड पर आधारित डिजाइन के साथ सेट करने के लिए ब्लैंक एरिया का इस्तेमाल किया जा सकता है। इस ब्लैंक एरिया को व्हाइट स्पेस कहा जाता है।
2: इमेज
इमेज भी वेब डिजाइनिंग का एक प्रमुख एलिमेंट होता है। यह इलस्ट्रेशन, ग्राफिक, फोटो, आइकन या फिर अन्य कोई चीज हो सकती है। इमेज का इस्तेमाल टेक्स्ट को पूरी जानकारी प्रदान करने के लिए किया जाता है। अपने मन मुताबिक इफेक्ट को तैयार करने के लिए डिज़ाइनर के द्वारा ऐसी इमेज का चुनाव किया जाना चाहिए जो एक दूसरे और वेबसाइट के द्वारा जिस ब्रांड को प्रजेंट किया जाता है उसी से संबंधित हो।
3: टेबल
वेब डिजाइनिंग में टेबल एलिमेंट का इस्तेमाल इसलिए किया जाता है ताकि डाटा को बिल्कुल सही ढंग से सेट किया जा सके। टेबल एलिमेंट का इस्तेमाल वेब डिजाइनिंग में वेबसाइट पर इंफॉर्मेशन को संग्रहित करने के लिए, डेट को दिखाने के लिए या फिर मैप को तैयार करने के लिए किया जाता है।
4: फ़ॉर्म
वेबसाइट पर फॉर्म एलिमेंट इसलिए शामिल किया जाता है, ताकि वेबसाइट का मालिक अगर यह चाहता है कि कोई विजिटर उससे संपर्क कर सके तो वह फॉर्म एलिमेंट के अंतर्गत वेबसाइट पर दिखाई दे रहे फॉर्म को भर सके और उसकी इंक्वायरी वेबसाइट के मालिक को हासिल हो सके।
इसके अलावा फॉर्म एलिमेंट का इस्तेमाल इसलिए किया जाता है, ताकि विजिटर वेबसाइट पर अपने इंफॉर्मेशन को दर्ज कर सके या फिर डेटा को सबमिट कर सकें। फॉर्म एलिमेंट के माध्यम से विजिटर वेबसाइट के मालिक को अपना नाम, ईमेल आईडी, पासवर्ड, बटन, चेकबॉक्स, रेडियो बटन इत्यादि चीजें सेंड कर सकता है या फिर फोटो भी सेंड कर सकता है।
5: बटन
बटन एलिमेंट को वेबसाइट पर अलग-अलग प्रोसेस पर आगे बढ़ने के लिए निश्चित जगह में शामिल किया जाता है। जैसे कि किसी बटन पर क्लिक करने पर अगला पेज आ जाता है या फिर किसी बटन पर क्लिक करने पर फॉर्म सबमिट हो जाता है या फिर किसी बटन पर क्लिक करने पर कोई प्रोडक्ट कार्ट में शामिल हो जाता है। इसी प्रकार से बटन एलिमेंट अलग-अलग प्रोसेस पर आगे बढ़ने में सहायक साबित होता है।
6: लोगो
किसी भी वेबसाइट की मुख्य पहचान उस वेबसाइट का लोगो होता है। यह वेबसाइट को ऑनलाइन एक अलग पहचान दिलाने में सहायक साबित होता है। यानी कि लोगों वेबसाइट की ब्रांडिंग करता है और वेबसाइट को पहचान दिलाता है तथा यह वेबसाइट की प्रमुखता का भी सिंबल माना जाता है।
7: नेवीगेशन
नेविगेशन एलिमेंट वेबसाइट यूजर को वेबसाइट अथवा ब्लॉग के अलग-अलग सेक्शन पर जाने में या फिर अलग-अलग पेज पर जाने में सहायता करता है। नेविगेशन एलिमेंट वेबसाइट का इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति को वेबसाइट के स्ट्रक्चर को समझने में सहायता देता है और वेबसाइट के साथ आसानी से इंटरेक्ट करने में भी हेल्पफुल साबित होता है।
8: फ़ूटर
वेबसाइट के सबसे नीचे का जो हिस्सा होता है उसे फूटर एलिमेंट में गिना जाता है। यहां पर एक्स्ट्रा नेविगेशन लिंक मौजूद होते हैं, अबाउट की जानकारी होती है, कॉपीराइट होते हैं, सोशल मीडिया लिंक होते हैं साथ ही यहां पर सर्च बॉक्स भी होता है जिस पर क्लिक करके यूजर वेबसाइट पर मौजूद कंटेंट को जल्दी से सर्च कर सकता है और कंटेंट तक पहुंच सकता है।
ऊपर हमने आपको वेब डिजाइनिंग के अंतर्गत आने वाले कुछ प्रमुख एलिमेंट की जानकारी प्रदान की, जो की वेबसाइट के यूजर एक्सपीरियंस को सुधारने का काम करते हैं और हाई क्वालिटी डिजाइन प्रदान करने में भी सहायक साबित होते हैं।
वेब डिजाइनिंग का उपयोग
वेब डिजाइनिंग का इस्तेमाल अलग-अलग काम और लक्ष्य को हासिल करने के लिए किया जाता है। इसके कुछ प्रमुख उपयोग की जानकारी आपको नीचे दी जा रही है।
1: सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन
किसी भी वेबसाइट को किसी भी सर्च इंजन पर लाइव दिखाने के लिए वेबसाइट को सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन के हिसाब से ऑप्टिमाइज करना होता है, ताकि सर्च इंजन वेबसाइट को पहचान सके।
एक वेब डिजाइनर इस प्रकार से इंफॉर्मेशन को वेबसाइट डिजाइनिंग में कोड करता है जिसे सर्च इंजन आसानी से पढ़ लेता है जिसकी वजह से बिजनेस को बढ़ावा मिल सकता है क्योंकि वेबसाइट टाइटल सर्च रिजल्ट पेज पर दिखाई पड़ता है जिससे लोगों को उसे ढूंढने में बहुत ही आसानी होती है।
2: ग्राहक की संतुष्टि
वेब डिजाइनिंग के एलिमेंट का इस्तेमाल करके वेब डिजाइनर ऐसी वेब डिजाइनिंग करता है, ताकि ग्राहक पूर्ण रूप से संतुष्ट हो सके, क्योंकि वेब डिजाइनर को यह पता होता है कि ग्राहक की संतुष्टि ही उसके काम को बढ़ावा दे सकती है और खुद उसे भी आत्म संतुष्टि दे सकती है।
वेब डिजाइनिंग की वजह से कंपनी को अपनी वेबसाइट की सहायता से विजिटर के साथ एक पॉजिटिव रिलेशन कायम करने में सहायता मिलती है। वेब डिजाइनर वेब डिजाइनिंग के तहत इस बात को सुनिश्चित करता है कि साइड का जो नेवीगेशन हो उसे समझना काफी आसान हो।
3: मोबाइल रेस्पॉन्सिव
जो मोबाइल रेस्पॉन्सिव वेबसाइट होती है, उनकी एक बढ़िया बात यह होती है कि ऐसी वेबसाइट को जब आप अपने मोबाइल में ओपन करते हैं तो वह मोबाइल की स्क्रीन के हिसाब से ऑटोमेटिक फिट हो जाती है और वेबसाइट पर मौजूद चीजों को देखने में आपको कोई भी समस्या नहीं होती है।
मोबाइल रेस्पॉन्सिव वेबसाइट के लिए वेब डिजाइनिंग को उपयोग में लिया जाता है जो इस बात को ध्यान में रखता है कि वेबसाइट मोबाइल डिवाइस से आसानी से देखी जा सके और उन्हें सरलता से नेविगेट किया जा सके। जब कोई वेबसाइट अच्छे से डिजाइन की जाती है तो वह एक प्रोफेशनल वेबसाइट के तौर पर नजर आती है।
4: वेबसाइट एक्सेस करने में आसानी
वेब डिजाइनिंग का इस्तेमाल वेबसाइट को कुछ इस प्रकार से डिजाइन करने के लिए किया जाता है ताकि यूजर सरलता से वेबसाइट पर नेविगेट कर सके और वेबसाइट के महत्वपूर्ण पेज या फिर सेक्शन तक पहुंच सके और उसे कोई भी जानकारी जल्दी से प्राप्त हो सके।
5: वेबसाइट अट्रैक्टिव बनाने के लिए
वेब डिजाइनिंग में यूजर को अट्रैक्ट करने के लिए अच्छे कलर सिलेक्शन को महत्व दिया जाता है। कलर का सही इस्तेमाल यूजर को आकर्षित कर सकता है जिसकी वजह से वह वेबसाइट पर लंबे समय तक बना रहता है और इसकी वजह से अगर वेबसाइट के माध्यम से कोई व्यक्ति किसी भी तरीके से पैसे कमाने का प्रयास कर रहा है तो उसके पैसे कमाने के चांस ज्यादा हो जाते हैं।
वेब डिजाइनिंग के अंतर्गत वेबसाइट को अट्रैक्टिव बनाने के लिए वेबसाइट के फोटो, फोंट, ग्राफिक और लोगों पर अधिक ध्यान दिया जाता है।
वेब डिजाइनिंग के टूल्स
नीचे आपको वेब डिजाइनिंग में इस्तेमाल होने वाले प्रमुख टूल्स की जानकारी दी जा रही है।
1: Coda 2
यह एक बहुत ही स्ट्रांग वेब डेवलपमेंट और डिजाइनिंग टूल है जो कि अच्छे यूजरएक्सपीरियंस के साथ आता है। इसके माध्यम से शब्दों की एडिटिंग करना काफी आसान होती है, साथ ही इसमें फाइल मैनेजमेंट सही ढंग से किया जा सकता है।
2: Photoshop CC
एडोब कंपनी के द्वारा फोटोशॉप सीसी जैसा बेहतरीन वेब डिजाइनिंग टूल बनाया गया है। सबसे लेटेस्ट फोटोशॉप सीसी 2014 नई विशेषताओं जैसे की स्मार्ट ऑब्जेक्ट, लेयर, स्मार्ट गाइड, टाइप कीट, इंटीग्रेशन, फोंट सर्च और workflow enhancements इत्यादि को सपोर्ट करता है।
3: Illustrator CC
इलस्ट्रेटर सीसी भी एक बहुत ही बढ़िया वेब डिजाइनिंग करने वाला टूल है, जो कि कुछ पावरफुल विशेषताएं जैसे कि ऑटोकैड लाइब्रेरी, वाइट ओवरप्रिंट, फिल एंड स्ट्रोक प्रोक्सी सैप फॉर टेक्स्ट, ऑटोमेटिक कॉर्नर जनरेशन, टच टाइप विशेषताओं के साथ आता है।
4: Sublime Text
सब्लाइम टेक्स्ट एक सोर्स कोड को एडिट करने वाला एडिटर है जोकि पाइथन एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस के साथ आता है। आप इसकी फंक्शनैलिटी को प्लगइन का इस्तेमाल करते हुए बढ़ा सकते हैं।
5: Imageoptim
इसका इस्तेमाल वेबसाइट पर फोटो को ऑप्टिमाइज करने के लिए किया जाता है, ताकि फोटो जल्दी से वेबसाइट पर लोड हो सके। इसकी वजह से वेबसाइट की लोडिंग स्पीड काफी ज्यादा तेज होती है जो कि बेहतरीन यूजर एक्सपीरियंस प्रदान करता है साथ ही वेबसाइट के बाउंस रेट को भी कम करता है।
6: Sketch 3
मुख्य तौर पर इंटरफ़ेस, वेबसाइट और आइकन को डिजाइन करने के लिए स्केच 3 जैसे वेब डिजाइनिंग टूल का निर्माण किया गया है, तो अगर आपको आइकन या फिर वेबसाइट अथवा इंटरफ़ेस को डिजाइन करना है तो आप Sketch 3 जैसे डिजाइनिंग टूल का इस्तेमाल कर सकते हैं।
7: Heroku
यह भी एक और बहुत ही शानदार वेब डेवलपमेंट टूल है जोकि रूबी, पाइथन, जावा और पीएचपी को सपोर्ट करता है।
8: Axure
यह प्रोटोटाइपिंग, डॉक्यूमेंटेशन और वायरफ्रेमिंग टूल को सपोर्ट करता है ताकि इंटरएक्टिव वेबसाइट डिजाइन बनाई जा सके।
ऊपर हमने आपको प्रमुख वेबसाइट डिजाइनिंग टूल्स की जानकारी दी। इन सभी टूल्स के अलावा आप Hype 2, Image Alpha, Hammer, bit PNG files, JPEGmini Lite, BugHerd जैसे टूल्स का इस्तेमाल भी वेबसाइट डिजाइन करने के लिए कर सकते हैं।
वेब डिजाइनिंग कैसे सीखे?
वेब डिजाइनिंग सीखने के मुख्य तौर पर दो तरीके हैं ऑनलाइन या ऑफलाइन। हम आपको नीचे ऑनलाइन और ऑफलाइन वेब डिजाइनिंग सीखने का तरीका बता रहे हैं।
1: यूट्यूब से वेब डिजाइनिंग सीखें
यदि आपके पास लैपटॉप, कंप्यूटर या फिर डेस्कटॉप है और आप मुफ्त में वेब डिजाइनिंग सीखना चाहते हैं, तो आपको यूट्यूब प्लेटफार्म का इस्तेमाल करना चाहिए। यूट्यूब प्लेटफार्म पर ऐसे बहुत सारे चैनल है जिनके द्वारा वेब डिजाइनिंग से संबंधित वीडियो हाई क्वालिटी में अपलोड किए जाते हैं और किए जा चुके हैं।
आप अपने लिए किसी बेस्ट यूट्यूब वेब डिजाइनिंग सिखाने वाले चैनल का सिलेक्शन कर सकते हैं और उनके वीडियो को देख देख कर घर बैठे वेब डिजाइनिंग करने का प्रैक्टिकल अपने कंप्यूटर या लैपटॉप अथवा डेस्कटॉप पर कर सकते हैं और धीरे-धीरे इस प्रकार से वेब डिजाइनिंग ऑनलाइन सीख सकते हैं।
2: किताबों से वेब डिजाइनिंग सीखें
वेब डिजाइनिंग सीखने के लिए आप ऑनलाइन वेब डिजाइनिंग कोर्स की किताबें कुछ पैसे देकर के या फिर मुफ्त में पीडीएफ फॉर्मेट में अपने डिवाइस में डाउनलोड कर सकते हैं या फिर आप बुक डिपो से भी वेब डिजाइनिंग से संबंधित किताबों की खरीदारी कर सकते हैं और किताबों में लिखी हुई जानकारियों को पढ़ते हुए आप कंप्यूटर पर प्रैक्टिकल कर सकते हैं। इससे भी आपको वेब डिजाइनिंग की समझ आने लगेगी।
3: कोचिंग इंस्टिट्यूट से वेब डिजाइनिंग सीखें
यदि आप ऑफलाइन वेब डिजाइनिंग सीखना चाहते हैं, तो सर्वप्रथम अपने आसपास किसी ऐसे इंस्टिट्यूट की खोजबीन कर ले, जहां पर वेब डिजाइनिंग सिखाई जाती है और फिर उस इंस्टिट्यूट में एडमिशन ले ले।
इसके बाद आपको रोजाना इंस्टिट्यूट में जाकर के वेब डिजाइनिंग सीखना शुरू कर देना है। कोचिंग इंस्टिट्यूट के माध्यम से आप 4 से 5 महीने में ही वेब डिजाइनिंग की अच्छी जानकारी रखने लगेंगे और आपको काफी कुछ डिजाइनिंग वेब डिजाइनिंग के अंतर्गत आने लगेगी।
4: कोर्स करके वेब डिजाइनिंग सीखें
देश में ऐसे कई प्राइवेट और गवर्नमेंट संस्थान है जहां पर वेब डिजाइनिंग का कोर्स करवाया जाता है। ऐसे में अगर आप वेब डिजाइनिंग में ही अपना कैरियर बनाना चाहते हैं तो आपको वेब डिजाइनिंग का कोर्स करना चाहिए, जोकि 1 साल से लेकर के 2 साल तक का हो सकता है।
प्रयास करना चाहिए कि आपको वेब डिजाइनिंग के कोर्स में गवर्नमेंट कॉलेज में ही एडमिशन मिले क्योंकि यहां पर फीस प्राइवेट कॉलेज के मुकाबले में कम होती है। वेब डिजाइनिंग में आप डिग्री या फिर डिप्लोमा अथवा सर्टिफिकेट कोर्स कर सकते हैं। इन सभी कोर्स को करने की अवधि अलग-अलग होती है। कोई कोर्स 1 साल का हो सकता है तो कोई कोर्स 2 साल का या 3 साल का हो सकता है।
वेब डिजाइनिंग कोर्स फीस
वेब डिजाइनिंग कोर्स फीस के बारे में बात की जाए तो कोर्स की फीस संस्थानों के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है। जैसे कि अगर आप गवर्नमेंट संस्थान से वेब डिजाइनिंग का कोर्स करते हैं तो गवर्नमेंट संस्थान में फीस कम होती है वही आप प्राइवेट संस्थान से वेब डिजाइनिंग का कोर्स करते हैं तो इसकी फीस ज्यादा होती है।
इसके अलावा कोर्स की फीस कितनी होगी यह इस बात पर भी डिपेंड करता है कि आप वेब डिजाइनिंग में सर्टिफिकेट कोर्स कर रहे हैं अथवा डिप्लोमा या फिर डिग्री कोर्स कर रहे हैं। आप चाहे तो इंटरनेट से वेब डिजाइनिंग के डिग्री, सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स की फीस के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
वेब डिजाइनिंग कोर्स कितने दिन का होता है?
अगर आपके द्वारा वेब डिजाइनिंग में डिप्लोमा का कोर्स किया जा रहा है तो डिप्लोमा का कोर्स 3 महीने से लेकर के 6 महीने या फिर 1 साल का हो सकता है, वहीं अगर आप वेब डिजाइनिंग में डिग्री कोर्स कर रहे हैं तो डिग्री कोर्स को पूरा करने में 2 साल से लेकर के 3 साल का समय लग सकता है। अगर कोई व्यक्ति वेब डिजाइनिंग में सर्टिफिकेट कोर्स कर रहा है, तो सर्टिफिकेट कोर्स 3 महीने से लेकर के 6 महीने का हो सकता है।
बेस्ट वेब डिजाइनिंग कोर्स
नीचे हमने आपको वेब डिजाइनिंग सीखने के लिए कुछ प्रमुख कोर्स के नाम बताए हुए हैं। अगर आप वेब डिजाइनिंग सीखने के प्रति सीरियस हैं तो आप नीचे दिए हुए किसी भी कोर्स में अपनी इच्छा के मुताबिक एडमिशन ले सकते हैं और वेब डिजाइनिंग सीख सकते हैं।
- बीएससी इन मल्टीमीडिया एंड वेब डिजाइन •डिप्लोमा इन वेब डिजाइन
- डिप्लोमा इन वेब डिजाइनिंग एंड सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट
- सर्टिफिकेट कोर्स इन वेब डिजाइनिंग सर्टिफिकेट कोर्स इन इंटरनेट एंड वेब डिजाइनिंग
- डिप्लोमा कोर्स इन मल्टीमीडिया एंड वेब डिजाइनिंग
- एडवांस डिप्लोमा इन वेब डिजाइनिंग
- सर्टिफिकेट कोर्स इन मल्टीमीडिया वेब डिजाइनिंग
- एडवांस डिप्लोमा इन ऑफिस ऑटोमेशन एंड वेब डिजाइनिंग
- सर्टिफिकेट कोर्स इन ऑफिस ऑटोमेशन एंड वेब डिजाइनिंग
बेस्ट वेब डिजाइनिंग कोर्स कॉलेज
हमने खास तौर पर आपके लिए इंडिया में मौजूद कुछ ऐसे बेस्ट कॉलेज की लिस्ट नीचे दी हुई है जहां पर आप वेब डिजाइनिंग का कोर्स कर सकते हैं। इन कॉलेज के द्वारा आपको छात्रवृत्ति भी ऑफर की जाती है साथ ही हॉस्टल की सुविधा भी दी जाती है और केंपस प्लेसमेंट का आयोजन भी कॉलेज में होता है।
- थियागराजर कॉलेज, मदुरई, तमिल नाडु
- सीएमजे यूनिवर्सिटी, मेघालय
- जेसी बोस यूनिवर्सिटी आफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, फरीदाबाद, हरियाणा
- पारूल यूनिवर्सिटी, वडोदरा, गुजरात
- एमएस यूनिवर्सिटी, वडोदरा, गुजरात
- सिग्मा यूनिवर्सिटी, वडोदरा, गुजरात
- अरुणोदय यूनिवर्सिटी, ईटानगर, अरुणाचल प्रदेश
- संत बाबा भाग सिंह यूनिवर्सिटी, जालंधर, पंजाब
- भगवंत यूनिवर्सिटी, अजमेर, राजस्थान
- सेंट मैरी टेक्निकल केंपस, कोलकाता, बंगाल
- बी काली कॉलेज, गोलपारा, आसाम
- अरीना एनीमेशन, सयाजीगंज, वडोदरा
वेब डिजाइनर कैसे बने?
वेब डिजाइनर बनने के लिए सबसे पहले तो आपको दसवीं क्लास को पास कर लेना होता है। दसवीं क्लास पास करने के बाद आप वेब डिजाइनर बनने के लिए सर्टिफिकेट कोर्स कर सकते हैं या फिर डिप्लोमा कोर्स में भी एडमिशन ले सकते हैं, वही 12वीं क्लास को पास करने के बाद आप वेब डिजाइनर बनने के लिए डिग्री कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं।
जब आप वेब डिजाइनर बनने वाले कोर्स को पूरा कर लेते हैं तो उसके बाद आपको डिग्री मिल जाती है, जिसका मतलब यह होता है कि आपको वेब डिजाइनिंग करना आ गया है।
इसके बाद आपको किसी कंपनी में वेब डिजाइनर के पद पर नौकरी करनी होती है, जिसका मतलब यह होता है कि अब आप एक अधिकारिक वेब डिजाइनर बन गए हैं। हालांकि अगर आप नौकरी नहीं करना चाहते हैं तो आप खुद का वेब डिजाइनिंग का ऑफिस भी खोल सकते हैं और खुद की सर्विस ऑफर करके पैसा कमा सकते हैं।
FAQ:
ऐसा कोर्स, जिसमें वेब डिजाइनिंग की गहराई से जानकारी दी जाती है साथ ही प्रैक्टिकल के माध्यम से वेब डिजाइनिंग सिखाया जाता है उसे वेब डिजाइनिंग कोर्स कहते हैं।
वेब डिजाइनिंग में बहुत सारे एलिमेंट आते हैं। जैसे कि वेब पेज लेआउट, कंटेंट प्रोडक्शन, ग्राफिक डिजाइन इत्यादि।
वेब डिजाइनिंग जावास्क्रिप्ट, हाइपर टेक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज तथा कैस्केडिंग स्टाइल शीट्स जैसी प्रोग्राम में लैंग्वेज में की जाती है।
वेबसाइट को डिजाइन करने की जो प्रक्रिया होती है उसे ही वेब डिजाइन कहा जाता है।
वेब डिज़ाइनर का मुख्य काम अलग-अलग एलिमेंट का इस्तेमाल करते हुए कुल मिलाकर वेबसाइट को बेहतरीन ढंग से डिजाइन करना होता है ताकि वह आकर्षक दिखाई दे सके।
Hope की आपको “वेब डिजाइनिंग क्या है” और “वेब डिजाइनर क्या है” तथा “वेब डिजाइनिंग कैसे सीखे।”, का यह पोस्ट पसंद आया होगा तथा आपके लिए हेल्पफुल भी रहा होगा।
- फोटोशॉप क्या है और कैसे सीखे – What Is Photoshop In Hindi
- MS Word क्या है? – What Is MS Word In Hindi
- MS Excel क्या है? – What Is MS Excel In Hindi
- What Is MS PowerPoint In Hindi: पावरपॉइंट क्या है?
- What Is MS Access In Hindi: माइक्रोसॉफ्ट एक्सेस क्या है?
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