वेब होस्टिंग क्या है? इसके प्रकार और कैसे काम करता है? (Hosting in Hindi) हम सभी अपने खाली समय को इस्तेमाल करने के लिए कुछ ऑनलाइन काम करने के बारे में सोचते रहते हैं ऐसे में कई बार हमारे दिमाग में ख्याल आता है कि क्यों ना हम अपना खुद का ब्लॉग या वेबसाइट शुरू करें, जिससे कि हमें हमारे खाली समय से भी कुछ इनकम होने लगे लेकिन यदि हम अपने ब्लॉग या वेबसाइट शुरू करना चाहते हैं तो उसके लिए जरूरी है कि हमारे पास वेबसाइट को शुरू करने की जानकारी होनी चाहिए।
हालांकि अगर आप किसी टेक्निकल क्षेत्र से जुड़े हुए हैं तो आपने वेब होस्टिंग और डोमेन सरवर जैसे वर्ड सुने होंगे या इसके बारे में अच्छी जानकारी भी होगी लेकिन जो लोग इस फील्ड में नए हैं उनके लिए ये टर्म नया सा है, और उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं होती इसलिए आज आपको इस आर्टिकल में हम बताने वाले हैं कि वेब होस्टिंग क्या है, इसके क्या काम है, इसके क्या फायदे हैं, इसकी क्या विशेषताएं हैं, इसे कैसे खरीदें या वेब होस्टिंग क्यों जरूरी है।
यहां पर वेब होस्टिंग से संबंधित सभी जानकारी हम आपको विस्तार पूर्वक देंगे क्योंकि किसी भी वेबसाइट को शुरू करने के लिए दो चीज की जानकारी विस्तार से होनी चाहिए पहली वेब होस्टिंग और दूसरी डोमेन नेम, यदि आप भी चाहते हैं कि आपकी वेबसाइट अच्छे से रैंक करें आपको एक पैसिव इनकम दे तो हमारे इस पोस्ट में दी गई जानकारियां आपके लिए मददगार साबित होंगी। तो चलिए देखते हैं की आख़िर वेब होस्टिंग क्या है?
वेब होस्टिंग क्या है? (What is Web Hosting in Hindi)
वेब होस्टिंग और होस्टिंग दोनों एक ही है, होस्टिंग इंटरनेट पर एक ऐसी जगह होती है जहां पर किसी भी वेबसाइट का पब्लिश किया हुआ कंटेंट एक जगह पर सुरक्षित रखा जाता है, और वे वेबसाइट भी उसी जगह पर 24 घंटे ऑनलाइन होती है।
इंटरनेट पर मौजूद सभी वेबसाइट किसी सरवर पर स्टोर होती, जिसके कारण हमें उस वेबसाइट का ऐक्सेस आसानी से मिल जाता है और इसी सर्वर को हम होस्टिंग कहते हैं।
यह भी पढ़े: Domain Name क्या है? – What Is Domain Name System In Hindi
वेब होस्टिंग के प्रकार (Types of Web Hosting in Hindi)
वेब होस्टिंग मुख्य द्वार पर 6 प्रकार की होती है सभी के अपने-अपने एडवांटेज है तो उसके अपने नुकसान भी हैं, यहां पर आपको वेब होस्टिंग के सभी प्रकार की जानकारी विस्तार से दी गई है।
- Shared Hosting
- Dedicated Hosting
- VPS Hosting
- Cloud Hosting
- WordPress Hosting
- Reseller hosting
1. Shared Hosting
आपको नाम से ही पता चल रहा होगा कि कुछ शेयरिंग तरह से है, दरअसल शेयर्ड होस्टिंग में अलग-अलग वेबसाइट को एक ही सरवर पर होस्ट किया जाता है। इस सरवर पर करीब 1000 वेबसाइट को एक साथ होस्ट किया जाता है, यह होस्टिंग नए ब्लॉगर्स के लिए बहुत ही मददगार साबित होती है क्योंकि नई नई वेबसाइट पर बहुत ज्यादा ट्राफिक नहीं आता है। इसके अलावा इसका खर्च भी कम पड़ता है, क्योंकि इसका कंट्रोल पैनल सामान्य रहता है।
शेयर्ड होस्टिंग के फायदे
- इस होस्टिंग कंट्रोल पैनल यूजर फ्रेंडली होता है।
- इसे खरीदने का खर्च कम होता है जो कि नए ब्लॉगर्स के लिए मददगार होता है।
- इस होस्टिंग को सेटअप और इस्तेमाल करना भी आसान होता है।
- सभी बेसिक्स वेबसाइट के लिए यह एक अच्छा विकल्प है।
शेयर्ड वेबसाइट के नुकसान
- इसका सबसे बड़ा नुकसान है कि बहुत सी कंपनियां आपको कस्टमर सपोर्ट अच्छे से प्रदान नहीं करती हैं।
- इस होस्टिंग में आपको बहुत ही लिमिटेड रिसोर्स को ऐक्सेस करने की परमिशन मिलती है।
- इस होस्टिंग की सिक्योरिटी बहुत अच्छी नहीं होती है।
- यह शेयर्ड होस्टिंग प्लेटफॉर्म है जिस वजह से परफॉर्मेंस में अप डाउन देखने को मिलता है और स्पीड भी लो हो जाती है।
2. Dedicated Web Hosting
डेडीकेटेड वेब होस्टिंग के अंतर्गत किसी एक वेबसाइट को पूरा सरवर प्रदान किया जाता है, यह वेबसाइट पर आने वाले लाखो ट्रैफिक को आसानी से मैनेज कर पाती है, यदि आप की वेबसाइट पर लाखों में ट्रैफिक आ रहा है तो आपको इस होस्टिंग के साथ जाना चाहिए, लेकिन इस होस्टिंग को इस्तेमाल करने के लिए आपके पास टेक्निकल नॉलेज का होना जरूरी है और साथ ही यह होस्टिंग दूसरी होस्टिंग की तुलना में महंगी भी आती है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें सभी e-commerce website जैसे कि Flipkart Amazon Myntra इसी होस्टिंग का इस्तेमाल कर रही है।
डेडीकेटेड वेब होस्टिंग के फायदे
- इसमें पोस्टिंग के अंतर्गत यूजर को सरवर पर पूरा कंट्रोल और फ्लैक्सिबिलिटी मिलती है।
- इसके अंतर्गत यूजर को भी फुल रूट एडमिनिस्ट्रेटिव ऐक्सेस दिया जाता है।
- अन्य होस्टिंग के मुकाबले में इसकी सिक्योरिटी काफी अच्छी होती है।
- डेडीकेटेड वेब होस्टिंग ज्यादा स्टेबल है।
डेडीकेटेड वेब होस्टिंग के नुकसान
- इसे कंट्रोल करने के लिए आपके पास टेक्निकल फील्ड की अच्छी नॉलेज होने की जरूरत होती है।
- यदि कोई समस्या आ जाती है तो उसे सॉल्व करवाने के लिए आपको टेक्नीशियन को हायर करना पड़ता है।
- अन्य होस्टिंग के मुकाबले यह महंगी आती है।
3. VPS Hosting
वर्चुअल प्राइवेट सर्वर होस्टिंग के अंतर्गत सरवर को कई भाग में डिवाइड किया जाता है, और फिर वेबसाइट के मालिक को एक निश्चित भाग दिया जाता है। यदि आपको आपकी वेबसाइट से इनकम हो रही है तो आप इस होस्टिंग के साथ जा सकते हैं, इसका खर्च आपको डेडीकेटेड होस्टिंग से कम पड़ता है लेकिन इसकी परफॉर्मेंस सिक्योरिटी और स्पीड तीनों ही अच्छी है।
इसके साथ ही इसमें यह भी सुविधा है कि आप अपनी इच्छा के अनुसार अपने भाग को बढ़ा भी सकते हैं, हालांकि इसे कंट्रोल करने के लिए भी आपके पास टेक्निकल नॉलेज होनी चाहिए।
वीपीएस होस्टिंग के फायदे
- वीपीएस होस्टिंग का परफॉर्मेंस सबसे शानदार है।
- इसकी प्राइवेसी और सिक्योरिटी भी काफी बेहतर है।
- इसके अंतर्गत आपको कस्टमर सपोर्ट की सुविधा अच्छी मिलती है।
- डेडीकेटेड वेब होस्टिंग के मुकाबले इसकी कीमत कम है तो जिसकी वेबसाइट पर ट्रैफिक आ रहा है वह इसे आसानी से खरीद सकता है।
- इसके अंतर्गत आपको अच्छी फ्लैक्सिबिलिटी मिलती है आप अपने अनुसार अपनी वेबसाइट को कस्टमाइज कर सकते हैं।
- इसके अंदर भी आपको डेडीकेटेड वेब होस्टिंग की तरह ही पूरा कंट्रोल दिया जाता है।
वीपीएस होस्टिंग के नुकसान
- इसका इस्तेमाल करने के लिए भी आपके पास टेक्निकल नॉलेज होना चाहिए और नहीं है तो फिर समस्या आने पर आपको टेक्नीशियन हायर करने की जरूरत पड़ेगी।
- डेडीकेटेड वेब होस्टिंग की तुलना पर इसमें आपको लिमिटेड फीचर्स मिलते हैं।
4. Cloud Hosting
क्लाउड होस्टिंग को आप वीपीएस होस्टिंग का एडवांस रूप की तरह समझ सकते हैं, इसके अंतर्गत आपको सरवर के जरिए होस्टिंग दी जाती है, इसके अलावा इसमें अगर आपको वेबसाइट पर कुछ समस्या आ रही है तो आप क्लाउड होस्टिंग का इस्तेमाल करके उसे दूर कर सकते हैं। इसमें आपकी वेबसाइट की स्पीड भी काफी तेज हो जाती है, जिससे फायदा यह होगा कि यूजर आपकी वेबसाइट पर देर तक रुकेगा लेकिन इन सब चीजों के लिए आपको अधिक पैसे खर्च करने पड़ेंगे।
क्लाउड होस्टिंग के फायदे
- क्लाउड होस्टिंग के अंतर्गत सरवर डाउन होने का कोई चांस नहीं होता, क्योंकि इसके अंतर्गत सभी चीजें क्लाउड में सेव होती है।
- यह होस्टिंग हाई ट्रैफिक को बहुत ही आसानी से हैंडल कर लेती है।
क्लाउड होस्टिंग के नुकसान
- क्लाउड होस्टिंग काफी ज्यादा महंगी है।
- इसके अंतर्गत आपको रूट ऐक्सेस की सुविधा प्रदान नहीं की जाती है।
5. WordPress Hosting
वर्डप्रेस होस्टिंग को खासतौर से वर्डप्रेस के लिए तैयार किया गया है इसके अंतर्गत वेबसाइट मैनेजमेंट का सारा काम होस्टिंग कंपनी के द्वारा किया जाता है, आपकी वेबसाइट को होस्ट करने वाली कंपनी ही आपकी वेबसाइट की स्पीड को मेंटेन करती है, आपकी वेबसाइट का बैकअप तैयार करती है आपकी टेक्निकल प्रॉब्लम को सॉल्व करती है लेकिन इसके लिए कंपनी आपसे अलग से चार्ज लेती है।
वर्डप्रेस होस्टिंग के फायदे
- यह होस्टिंग आपकी वेबसाइट के परफॉर्मेंस को बढ़ाती है।
- अगर आपके पास टेक्निकल फील्ड की नॉलेज नहीं है तो भी आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
- इस इस्तेमाल करने के लिए आपको कई तरह के टूल और सर्विस प्रदान की जाती है।
- आपको अपनी वेबसाइट की स्पीड बैकअप और सर्विस के लिए ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं पड़ती है।
- इसके अंतर्गत आपको कस्टमर सपोर्ट बहुत ही अच्छा दिया जाता है।
- इसके अंतर्गत आने वाली फाइल ऑटोमेटिक अपडेट होती है।
वर्डप्रेस होस्टिंग के नुकसान
- इसके अंतर्गत आप किसी अनट्रस्टेड प्लगइन को डाउनलोड नहीं कर सकते।
- इसके अंतर्गत आपको पास सरवर का पूरा कंट्रोल नहीं दिया जाता है
- शेयर्ड होस्टिंग की तुलना में महंगी होती है।
6. Reseller Hosting
रीसेलर होस्टिंग हो आप किसी भी होस्टिंग बेचने वाली कंपनी से खरीद कर आगे वेबसाइट के मालिक को होस्टिंग प्रदान करके अपने लिए पैसा कमा सकते हैं, अगर आपको टेक्निकल फील्ड की नॉलेज है तो ही आप किस का फायदा उठा सकते हैं। आप चाहे तो इसे एक बिजनेस मॉडल के रूप में भी देख सकते हैं।
रीसेलर होस्टिंग के फायदे
- यदि आप रीसेलर होस्टिंग में अपना बिजनेस शुरू करते हैं तो बहुत सी होस्टिंग कंपनियां आपको फ्री में कंट्रोल पैनल देती है।
- इसके लिए आपको हार्डवेयर सॉफ्टवेयर खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती है।
- इसके अंतर्गत आपको होस्टिंग प्रदान करने वाली कंपनियों का सपोर्ट मिलता है।
- बहुत सी कंपनियां आपको मुफ्त में एसएसएल सर्टिफिकेट प्रदान करती हैं।
- इसके अंतर्गत सिक्योरिटी बैकअप और स्पीड की देखरेख कंपनी द्वारा होती है।
- इसके अंतर्गत भी पूरा कस्टमर सपोर्ट दिया जाता है।
रीसेलर होस्टिंग के नुकसान
- इसके अंतर्गत क्लाइंट की हर समस्या को आपको सॉल्व करना होता है।
- इसके अंतर्गत दी जाने वाली होस्टिंग सर्विस की क्वालिटी अच्छी होनी चाहिए, अन्यथा क्लाइंट दोबारा आपसे होस्टिंग नहीं लेंगे।
- आपको टेक्निकल फील्ड की नॉलेज होनी चाहिए तभी आप अपने क्लाइंट की समस्या को सॉल्व कर सकेंगे।
वेब होस्टिंग कैसे काम करता है?
अगर बात करें वह पोस्टिंग काम कैसे करते हैं तो आपको बता दें वेब होस्टिंग प्रदान करने वाली कंपनियां आपको किराए पर अपनी सेवाएं देती हैं, ताकि आपकी वेबसाइट इंटरनेट पर 24 घंटे लाइव रह सके, जितने भी होस्टिंग कंपनियां है वह सभी वेबसाइट को होस्ट करती है और आपके द्वारा पब्लिश किए गए कंटेंट को स्टोर करने का कार्य करती हैं।
इस तरह से वेब होस्टिंग लेने के बाद जब आप की वेबसाइट इंटरनेट पर लाइव हो जाती है तो जो भी यूजर आपकी वेबसाइट का एड्रेस सर्च करता है तो उस यूजर का डिवाइस आपके सरवर से कनेक्ट होता है, जिसके बाद आपकी वेबसाइट का सभी कंटेंट उस यूजर के डिवाइस पर शो होने लगता है।
वेब होस्टिंग के फीचर्स
वेब होस्टिंग के क्या फीचर्स है इस बात की जानकारी का होना भी जरूरी है, इसलिए जब भी आप वेब होस्टिंग खरीदे तो एक बार कंपनी के फीचर्स को जरूर देखें क्योंकि अलग-अलग कंपनियां अलग-अलग फीचर्स देती हैं इसलिए यहां पर हमने आपको बताया है कि वेब होस्टिंग के क्या-क्या फीचर्स है।
Uptime:- वेबसाइट पर uptime का मतलब होता है कि आपकी वेबसाइट इंटरनेट पर पूरे टाइम के लिए लाइव रहती है, और डाउन नहीं होती है जो कि एक बहुत ही अच्छा फीचर माना जाता है। यदि आप की वेबसाइट का अब टाइम अच्छा है तो आपकी वेबसाइट आपके विजिटर्स के लिए 99.9% उपलब्ध रहती है और वेब होस्टिंग प्रदान करने वाली सभी कंपनियां गारंटी uptime देने का दावा करती हैं।
Bandwidth:- Bandwidth के जरिए आपको पता चलता है कि आप की वेबसाइट पर आए विजिटर्स के बीच ट्रांसफर डाटा की समय सीमा क्या थी, अगर आप अपनी वेबसाइट के लिए high bandwidth का चुनाव करते हैं तो यह आपकी वेबसाइट पर आए हुए विजिटर्स को हैंडल कर लेता है और स्पीड पर कोई असर नहीं पड़ता है,
लेकिन अगर आपने अपनी वेबसाइट के लिए low bandwidth का चुनाव किया है तो यह आप की वेबसाइट पर आए हुए विजिटर्स को ज्यादा हैंडल नहीं कर पाती है, और आपकी वेबसाइट की स्पीड डाउन हो जाती है। सभी होस्टिंग कंपनियां अपने अलग-अलग प्लान के बेसिस पर आपको bandwidth प्रदान करती हैं।
Control Panel Features:- आपकी वेबसाइट में सबसे ज्यादा काम आपको कंट्रोल पैनल का पड़ता है इसलिए कंट्रोल पैनल फीचर का फ्रेंडली होना बहुत जरूरी होता है, कंट्रोल पैनल की मदद से आप Domain और Subdomain को मैनेज कर पाते हैं, Web Page Upload कर पाते हैं और साथ ही अपनी वेबसाइट को spam से सुरक्षित कर पाते हैं।
Backups:- कभी-कभी वेबसाइट पर कई तरह की दिक्कतें आ जाती हैं जिस वजह से आपको पूरी वेबसाइट का कंटेंट डिलीट करना पड़ता है ऐसे में एक ब्लॉगर के लिए जरूरी है कि उसके पास बैकअप की सुविधा हो तो जब भी आप वेब होस्टिंग ले तो यह सुनिश्चित करें कि कंपनी आपको बैकअप का विकल्प दे रही है या नहीं क्योंकि अगर आपके पास ब्रेकअप होगा तो वेबसाइट का कंटेंट डिलीट करने के बाद भी आप उसे रिस्टोर कर सकेंगे।
Customer service:- जब भी आप नहीं वेब होस्टिंग लेते हैं तो कई तरह की समस्या बनी रहती है, जोकि कंपनी एग्जीक्यूटिव के द्वारा ठीक की जा सकती है क्योंकि उनके पास हमसे ज्यादा राइट्स होते हैं, और भी हमारी समस्या को कम समय में ही समझ कर आसानी से सॉल्व कर सकते हैं। ऐसे में तो होस्टिंग लेते समय ध्यान रखें की आप जिस कंपनी से होस्टिंग ले रहे हैं उसका कस्टमर सपोर्ट कैसा है। कुछ कंपनियां आपको फोन कॉल की सुविधा भी देती हैं जिससे कि आपकी समस्या तुरंत ही सॉल्व हो जाती है लेकिन अगर कंपनी सपोर्ट अच्छा नहीं है तो आपकी प्रॉब्लम को सॉल्व होने में लंबा वक्त लगेगा।
Money back policy:- मनी बैक पॉलिसी एक ऐसी पॉलिसी होती है जहां अगर आपको किसी कंपनी की होस्टिंग पसंद नहीं आ रही है तो आप उस कंपनी की होस्टिंग को डिस्कनेक्ट करके अपने पैसों की मांग कर सकते हैं, इसलिए आप कंपनी की मनी बैक पॉलिसी को एक बार देख ले कि किन नियमों पर आपको पैसे वापस होंगे और अगर आपको कंपनी मनी बैक पॉलिसी नहीं दे रही है तो आप किसी दूसरी कंपनी से होस्टिंग खरीदें।
Web Hosting और Domain Name में क्या अंतर है?
Web hosting और domain name दोनों ही अलग-अलग चीजें हैं और दोनों एक दूसरे से बिल्कुल अलग है, वेब होस्टिंग वह होती है जहां पर हमारी वेबसाइट का पब्लिश किया हुआ सारा कंटेंट एक जगह पर स्टोर होता है जबकि डोमेन नेम हमारी अपनी वेबसाइट का एड्रेस होता है, और इसी के जरिए हमारी वेबसाइट का नाम डिसाइड करते हैं।
वेब होस्टिंग लेने से पहले ध्यान देने वाली बात
किसी भी ब्लॉगर के लिए जरूरी है कि वे जब भी वे वेब होस्टिंग खरीदे तो कुछ बातों को ध्यान में रखकर ही आगे बढ़े यहां पर हमने आपको कुछ विशेष बातें बताई हैं जो आपके लिए मददगार साबित होंगी।
Storage/Disk space
ब्लॉगर के लिए जरूरी है कि जब भी वे वेब होस्टिंग खरीदे तो अपना विशेष ध्यान स्टोरेज पर रखें, क्योंकि आपकी वेबसाइट पर अपलोड किया गया सभी डाटा, होस्टिंग के स्टोरेज में जाकर से होता है और जब भी कोई विजिटर्स आपकी वेबसाइट पर आता है और कुछ सर्च करता है, तो उसके द्वारा सर्च किया हुआ कंटेंट उसके स्क्रीन पर खुलकर आ जाता है, इसलिए होस्टिंग खरीदते वक्त स्टोरेज का ध्यान दें और हो सके तो अधिक स्टोरेज की होस्टिंग खरीदने की कोशिश करें।
Subdomain
सब डोमेन का मतलब होता है कि आप अपने लिए हुए होस्टिंग सर्वर पर अपने मुख्य डोमेन के कितने Subdomains बना सकते हैं और आप अपने डोमेन पर कितने सब डोमेन बना सकते हैं यह आपके लिए हुए प्लान पर निर्भर करता है।
Host website
अगर कोई ब्लॉगर एक वेबसाइट सरवर के जरिए अपनी कई वेबसाइट को होस्ट करना चाहता है तो उसे होस्टिंग खरीदते दौरान होस्ट वेबसाइट पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि इसी में आपको जानकारी मिलेगी कि आप एक सरवर पर अपनी कितनी वेबसाइट को होस्ट कर सकते हैं।
Free SSL Certificate
अगर आप चाहते हैं कि आपकी वेबसाइट सुरक्षित रहे तो इसके लिए जरूरी है कि आपके पास आपकी वेबसाइट का एसएसएल सर्टिफिकेट हो, इसलिए जब भी आप होस्टिंग खरीदें तो ध्यान रखें कि कंपनी आपको होस्टिंग के साथ एसएसएल सर्टिफिकेट दे रही है या नहीं, हालांकि बहुत सी कंपनियां आपको मुफ्त में होस्टिंग के साथ यह सर्टिफिकेट भी देती है।
MySQL Databases
यह आपकी वेबसाइट के अंतर्गत सभी डाटा को मैनेज करने में मदद करता है, अगर आप एक से अधिक डोमेन या सब डोमेन को किसी एक होस्टिंग पर होस्ट करना चाह रहे हैं तो इसके लिए भी आपको अलग-अलग डेटाबेस क्रिएट करने की जरूरत होती है, इसलिए होस्टिंग खरीदते दौरान MySQL Databases की संख्या पर नजर जरूर डालें।
जब भी आप अपनी वेबसाइट के लिए होस्टिंग खरीदे तो साथ ही ईमेल होस्टिंग भी खरीदें क्योंकि वेबसाइट के साथ एक प्रोफेशनल ईमेल का होना भी जरूरी होता है और साथ ही इसमें आपको कई अच्छे फीचर्स भी मिलते हैं।
किस तरह की वेब होस्टिंग अपनी वेबसाइट के लिए लेना चाहिए?
अगर बात करें कि हमें अपनी वेबसाइट के लिए किस तरह की वेब होस्टिंग लेने की ज्यादा जरूरत है, तो यह बात निर्भर करती है कि आप वेबसाइट में नए ब्लॉगर हैं या पुराने यानी कि यहां समझने वाली बात है कि यदि आप नए ब्लॉगर हैं तो आपके लिए सही होगा कि पहले आप कम बजट से चले, और क्लाउडवेज़, ब्ल्यूहोस्ट या होस्टिंगर का शेयर्ड प्लान को खरीदें।
दरअसल शेयर होस्टिंग में एक ही सरवर पर कई सारी वेबसाइट को होस्ट किया जाता है, नए ब्लॉगर के लिए उसके शुरुआती दौर पर उसकी जरूरतों को पूरा करने के लिए शेयर्ड होस्टिंग ठीक रहती है और इसका खर्च भी कम आता है, लेकिन जैसे जैसे आपकी वेबसाइट पर विजिटर्स की संख्या बढ़े और कंटेंट बढ़ता जाए तो आपको अपनी होस्टिंग को भी अपग्रेड कर लेना चाहिए।
अगर बात करें हम शेयर्ड होस्टिंग के प्लान की तो शेयर्ड होस्टिंग का 1 साल का प्लान आपको 1500 रुपए तक का मिल जाएगा, जो कि ज्यादा महंगा भी नहीं है और नए ब्लॉगर के लिए ठीक भी है।
Paid v/s Free Hosting कौन सी अच्छी है?
वैसे तो आप जानते ही होंगे की गूगल एक तरह का फ्री ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म है, जहां आप मुफ्त में अपना ब्लॉक क्रिएट करके अपने कंटेंट को पब्लिश कर सकते हैं और इसके लिए आपको होस्टिंग लेने की भी जरूरत नहीं पड़ती है, वहीं दूसरी तरफ देखा जाए तो वर्डप्रेस प्लेटफार्म पर भी कुछ ऐसी कंपनियां हैं जो कि आपको मुफ्त में वेब होस्टिंग प्रदान करती हैं, ऐसी स्थिति में अक्सर ही अधिकतर ब्लॉकर्स के मन में सवाल आता है कि वह फ्री वेब होस्टिंग ले या पैड वेब होस्टिंग खरीदें। यहां पर हम आपको दोनों के बीच में अंतर बताने जा रहे हैं आप अपनी सुविधा के अनुसार यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपको कैसी होस्टिंग खरीदनी है।
Speed:- free vs paid होस्टिंग में आप को सबसे बड़ा अंतर देखने को मिलेगा स्पीड का यानी कि जब आप फ्री में होस्टिंग खरीदते हैं तो आपको कंपनी की तरफ से लिमिटेड स्पीड ही प्रदान की जाती है लेकिन दूसरी तरफ जब आप पैसा देकर हॉस्टल खरीदते हैं तो आप स्पीड को अपनी सुविधा के अनुसार ऑप्टिमाइज कर सकते हैं इसके साथ ही अपनी साइट को फास्ट लोड करके सर्च इंजन और विजिटर्स के लिए सुविधाजनक बना सकते हैं।
More features:- free vs paid होस्टिंग में दूसरा अंतर आपको फीचर्स में देखने को मिलता है यानी कि जब आप paid होस्टिंग ले रहे होते हैं तो आपको कई तरह के फीचर्स मिलते हैं जैसे कि ssl certificate, data backup etc, वही फ्री होस्टिंग में यह सारे फीचर्स आपको लिमिटेड पीरियड के लिए ही दिए जाते हैं।
Advertisement:- फ्री होस्टिंग खरीदने पर सबसे बड़ी समस्या होती है कि आपको एक ही वेबसाइट पर कई सारे एडवर्टाइजमेंट मिल जाते हैं जिससे कि फायदा सिर्फ कंपनी को होता है और यह आपके लिए काफी ज्यादा फ्रेंडली नहीं होते हैं वहीं यदि आप paid होस्टिंग लेते हैं तो ऐसी परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता।
Customer support:- paid होस्टिंग लेने का सबसे अच्छा फायदा होता है कि आपको किसी भी तरह की टेक्निकल प्रॉब्लम आने पर कस्टमर सपोर्ट मिलता है, क्योंकि जब भी आप एक नई वेबसाइट से सेटअप करते हैं तो कई तरह की टेक्निकल प्रॉब्लम आती हैं, ऐसे में अगर हमें कस्टमर सपोर्ट मिल रहा है तो यह हमारे लिए फायदेमंद होता है लेकिन जब हम फ्री होस्टिंग लेते हैं तो हमें सिर्फ एक सपोर्ट पेज ही मिलता है जहां पर कुछ सवालों के जवाब लिखे होते हैं।
वेब होस्टिंग क्यों जरूरी है?
हमारी वेबसाइट या ब्लॉग के लिए वेब होस्टिंग क्यों जरूरी है इस बात को हम एक उदाहरण के तौर पर समझते हैं जैसे कि मान लीजिए आपके पास 2gb रैम का एक स्मार्टफोन है, ऐसे में आप अपने स्मार्टफोन पर ज्यादा एप्लीकेशन इंस्टॉल नहीं कर सकते क्योंकि फिर आपका फोन हैंग होने लगेगा उसी तरह से जब हम अपनी वेबसाइट की बात करते हैं तो जब आप शेयर्ड होस्टिंग लेते हैं और फिर आपके वेबसाइट पर विजिटर्स की संख्या बढ़ने लगती है,
तब शेयर्ड होस्टिंग अधिक ट्रैफिक को संभाल नहीं पाती जिस वजह से आपकी वेबसाइट पर error 404 आने लगता है जोकि वेबसाइट के ओनर के लिए सही नहीं होता। इसलिए यदि आप चाहते हैं कि आप की वेबसाइट 24 घंटे लाइव बनी रहे तो आपको वेब होस्टिंग लेना चाहिए और इसीलिए वेब होस्टिंग जरूरी होने के साथ फायदेमंद भी होती है।
Windows और Linux होस्टिंग में अंतर?
जब एक न्यू ब्लॉगर अपनी वेबसाइट के लिए होस्टिंग खरीदने के लिए जाता है तो उस ब्लॉगर के पास दो ही विकल्प होते हैं पहला वे Windows के साथ जाए और दूसरा वे Linux के साथ जाए, लेकिन उस ब्लॉगर के लिए जरूरी है कि उसे यह पता हो कि इन दोनों के बीच क्या अंतर है।
दरअसल इन दोनों के बीच अंतर ये है, windows hosting एक लाइसेंस कंपनी है जिसका इस्तेमाल करने के लिए आपको लाइसेंस लेने की जरूरत पड़ती है, इसके साथ ही इसके लिए आप को कंपनी को कुछ फीस भी देनी पड़ती है, जबकि Linux एक Open Source Web Hosting और इसका इस्तेमाल करने के लिए आपको कंपनी को किसी भी तरह की फीस देने की जरूरत नहीं पड़ती है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें वर्तमान समय पर इंटरनेट में लगभग सभी वेबसाइट Linux Web Hosting का इस्तेमाल कर रही है क्योंकि Linux web hosting की कीमत windows web hosting से कम है।
वेब होस्टिंग कहां से खरीदें?
वर्तमान समय में बहुत सारी कंपनियां हैं जो कि आपको वेब होस्टिंग बेचने का कार्य कर रही हैं, लेकिन हम आपको कुछ ऐसी कंपनियों के नाम सजेस्ट करेंगे जो कि विश्वसनीय है और वर्तमान समय में बहुत से ब्लॉगर उन कंपनियों की वेब होस्टिंग खरीदे हैं, इसके अलावा आप कंपनियों की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर सभी होस्टिंग के प्लांस को देख सकते हैं उनके फीचर्स को कंपेयर कर सकते हैं इतना करने के बाद ही आप अपने लिए बेस्ट होस्टिंग का विकल्प चुने।
आप अपनी सुविधा के मुताबिक किसी भी कंपनी की वेबसाइट पर जाकर अपने लिए होस्टिंग खरीदें, ध्यान रखें होस्टिंग खरीदने के बाद आपको इसकी पेमेंट करने के लिए नेटबैंकिंग क्रेडिट कार्ड डेबिट कार्ड जैसे कई विकल्प मिलेंगे आप उन्हीं में से किसी एक को चुने, आपके होस्टिंग खरीदने के बाद आपके दिए हुए ईमेल आईडी पर होस्टिंग की सभी जानकारी आ जाती है, जिसका उपयोग करके आप अपनी वेबसाइट को डोमेन के साथ आसानी से जोड़ सकते हैं।
Top 10 Best Web Hosting Provider
वैसे तो बहुत सी ऐसी कंपनी है जो आपको वेब होस्टिंग प्रदान करती हैं, लेकिन आपकी सुविधा के लिए यहां पर हम आपको भारत की टॉप 10 वेब होस्टिंग कंपनियों के नाम बताने जा रहे हैं, जिससे कि आप अपनी वेबसाइट के लिए अच्छे से होस्टिंग खरीद सकें।
क्योंकि गूगल की पॉलिसी के मुताबिक सबसे फास्टेस्ट वेबसाइट को ही ज्यादा रैंक दिया जाएगा इसलिए आप एक ऐसे सर्वर का चुनाव करें जो कि आपको टर्बो स्पीड प्रदान करें, साथ ही उसकी परफॉर्मेंस ही नहीं बल्कि best speed, top privacy support, excellent up time etc भी दे।
- Godaddy
- Hostinger
- Siteground
- Greengeek
- HostArmada
- Bluehost
- A2 hosting
- Chemicloud
- Hostgator
- Fastcomet
तो दोस्तों आशा करते हैं की अब आपको वेब होस्टिंग और होस्टिंग से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी मिल चुकी होगी, और आप जान गये होगे की वेब होस्टिंग क्या है? इसके प्रकार और कैसे काम करता है? (Hosting in Hindi)
FAQ
वेब होस्टिंग मुख्य तौर पर 6 प्रकार की होती है जो कि आपको ऊपर बताई गई है।
सभी ब्लॉगर अपनी वेबसाइट को इंटरनेट पर प्रोफेशनल वेबसाइट की सूची में शामिल करने की इच्छा रखते हैं जिसके लिए होस्टिंग की जरूरत होती है, और साथ ही यदि वेबसाइट का कंटेंट अधिक है और विजिटर्स की संख्या अधिक है तो वेब होस्टिंग लेना जरूरी होता है।
किसी भी नए ब्लॉगर को सबसे पहले शेयर्ड होस्टिंग नहीं चाहिए क्योंकि वह उसके लिए बेस्ट है हालांकि बाद में वे चाहे तो अपग्रेड भी कर सकता है।
अगर बात करे वेब होस्टिंग के कीमत की तो अलग-अलग कंपनियों की वेब होस्टिंग की कीमत अलग-अलग होती है, जिस होस्टिंग के फीचर्स जितने अच्छे होते हैं उस होस्टिंग का खर्च भी उतना अधिक होता है।
आपको किस कंपनी से होस्टिंग खरीदना है यह बात आप पर निर्भर करती है आपके पास होस्टिंग खरीदने के लिए बहुत सारे ऑप्शन आएंगे लेकिन आपको डिसाइड करना है कि कहां पर कैसे फीचर्स मिल रहे हैं।
उम्मीद करते है इस लेख को पढ़ कर आप वेबसाईट के होस्टिंग के बारे मे अच्छे से समझ पाए होंगे और यह भी जान गए होंगे की कौन सी होस्टिंग का इस्तेमाल करना चाहिए।
यह भी पढ़े:
Hope अब आपको वेब होस्टिंग क्या है? समझ आ गया होगा, और आप जान गये होगे की वेब होस्टिंग कैसे चुना जाता है और कैसे इसका इस्तेमाल किया जाता है।
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kaafi acche se smjhaya hai apne hosting ke bare me.
thanks & keep visit.