साइबर क्राइम क्या है और इसके प्रकार (Cyber Crime in Hindi)

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साइबर क्राइम क्या है? (What Is Cyber Crime In Hindi) अगर आपको नहीं पता की साइबर क्राइम क्या होता है, और आपके मन में cyber crime से related बहुत से questions है तो आज आपको इस पोस्ट में आपके सारे सवालों के answers मिल जायंगे। क्युकी आज इस पोस्ट में हम जानिंगे की What Is Cyber Crime In Hindi & Types of Cyber Crime In Hindi और साइबर क्राइम से कैसे बचे? और भारत (India) में cyber law क्या हैं?

साइबर क्राइम क्या है और इसके प्रकार (Cyber Crime in Hindi)


क्या आप जानना चाहते हैं कि cyber crime क्या होता है? इससे हम खुद को कैसे बचा सकते हैं? आज आप टेलीविजन, समाचार पत्रों, रेडियो तथा सोशल मीडिया पर पर साइबर अपराध की घटनाओं के बारे में पढ़ते होंगे। यदि आप भी Internet का उपयोग करते हैं तो एक जागरूक इंटरनेट उपयोगकर्ता होने के नाते आपको cyber crime की जानकारी जरूर होनी चाहिए जिससे आप सुरक्षित रहकर Technology का उपयोग भली-भाँति कर सके।

आज हम Technology के उस युग में जी रहे हैं जहाँ आए दिन नए-नए आविष्कार हो रहे हैं। जिनसे एक तरफ हमारी जिंदगी आसान बनती जा रही है वहीं दूसरी cyber crime भी बढ़ता जा रहा है। आज Computer, Smartphone आदि Devices की सहायता से जहाँ हम अनेक कार्यों को घर बैठे आसानी से कर सकते हैं वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग अपने फायदे के लिए दूसरों की Online Privacy के साथ खिलवाड़ करते हैं।

दोस्तों यह साइबर क्राइम क्या है? साइबर क्राइम का शिकार होने से हम स्वयं को कैसे बचा सकते हैं? यदि आप भी जानना चाहते हैं cyber crime क्या है तथा इससे संबंधित अन्य जानकारियां प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको आज का यह लेख अंत तक जरूर पढ़ना चाहिए।

क्युकी आज इस पोस्ट में हम जानिंगे की साइबर क्राइम क्या है – What Is Cyber Crime In Hindi & Types of Cyber Crime In Hindi और साइबर क्राइम से कैसे बचे? और भारत (India) में cyber law क्या हैं?


अगर आपका interest ethical hacking में है, तो Ethical Hacking क्या है? – What Is Hacking In Hindi ओर हैकर (Hacker) कैसे बने और हैकिंग कैसे सीखें? उसकी पूरी जानकारी यहाँ है।

साइबर क्राइम क्या है? (What is Cyber Crime in Hindi)

सरल शब्दों में कहें तो साइबर क्राइम कंप्यूटर की मदद से किसी अपराध अंजाम दिया जाता है। तथा इन अपराध करने वाले लोगों को हैकर्स, क्रैकर्स आदि नाम से जाना जाता है। यह एक ऐसा अपराध है जिसे करने पर कड़ा जुर्माना अथवा जेल की सजा भी दी जा सकती है।


हैकर्स कंप्यूटर से Hacking, Spamming की मदद से ऑनलाइन घोटाले, लोगों की निजी जानकारी चुराने अश्लील तत्वों को बढ़ावा देना, निजी दस्तावेजों को सार्वजनिक करना, Spam Email करना आदि अन्य अवैध तरीकों का इस्तेमाल अपने लाभ के लिए करते हैं।

यह अपराध अनेक प्रकार से हो सकते हैं जैसे कि किसी जानकारी को चुराना, Delete करना तथा उस जानकारी में परिवर्तन कर नष्ट करना हो सकते हैं। तथा इन सभी अपराधों को करने के लिए email spam, हैकिंग, तथा virus आदि तरीकों का इस्तेमाल कर लोगों की गतिविधियों मैं नजर रखा जा सकता है

मुख्यतः साइबर क्राइम करने के लिए कंप्यूटर का इस्तेमाल होता है इसलिए साइबर क्राइम को कंप्यूटर अपराध भी कहा जाता है। आज हैकर्स इंटरनेट की जटिल सुरक्षा को तोड़कर अपराध कर रहे हैं। जिस कारण यह लोगों के लिए गंभीर विषय बन चुका है।


साइबर क्राइम के प्रकार? (Types of Cyber Crime in Hindi)

साइबर क्राइम के मुख्य प्रकार निम्नलिखित हैं।

Fraud

साइबर क्राइम की दुनिया में फ्रॉड एक सामान्य शब्द है, जिससे हर कोई परिचित होगा। क्योंकि Fraud के अंतर्गत ऐसे कई मामले आते हैं, जहां पर किसी व्यक्ति या कंपनी आदि की Personal information, Data को चुराया जाता है। गैरकानूनी रूप से या अपने निजी फायदे के लिए जब किसी इंफॉर्मेशन को चोरी करने उसे मिटाने या इनफार्मेशन को दबाने से धोखाधड़ी हो तो साइबर क्राइम के अंतर्गत इसे Fraud कहा जाता है।

Hacking

साइबर क्राइम के अधिकतर मामलों में नुकसान पहुंचाने हेतु हैकिंग का मुख्य रूप से इस्तेमाल होता है। हैकर्स द्वारा हैकिंग की इस गतिविधि को अंजाम दिया जाता है, जिसमें उनका उद्देश्य किसी के महत्वपूर्ण डाटा को Access करना , Privacy (गोपनीयता) का हनन करना इत्यादि होता है।


Hackers गवर्नमेंट के खातों, बड़े-बड़े कंपनियों या फिर कॉरपोरेट अकाउंट को अटैक करते हैं! इसके अलावा हैकिंग के कई मामले में आज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग किया जाता है, जिसमें फेसबुक, टि्वटर अकाउंट्स प्रमुख हैं। हैकर्स हैकिंग के लिए विभिन्न तरीकों का इस्तेमाल करते हैं जिनसे वह आसानी से अपने नापाक इरादों में कामयाब हो सकें

Identity Theft

वर्तमान समय में इंटरनेट पर हम किसी भी मनुष्य की आइडेंटिटी का पता लगा पाते हैं! लेकिन जब किसी की आइडेंटिटी को चुराया जाए तो फिर यह अपराध साइबर क्राइम की श्रेणी में गिना जाता है!

इसमें साइबर अपराधी व्यक्तिगत डेटा की चोरी के रूप में पासवर्ड पता लगाने, बैंक के खाते के बारे में data प्राप्त करने, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड तथा अन्य संवेदनशील जानकारियां चुराते हैं। आईडेंटिटी Theft के इस अपराध में अपराधी किसी व्यक्ति का धन भी चुरा सकते हैं। इसलिए पूरे विश्व में साइबर क्राइम के इस मुख्य प्रकार से प्रति साल लाखों लोग शिकार होते हैं

Scamming

Scam विभिन्न तरीकों से होता है cyberspace में स्कैमिंग कंप्यूटर रिपेयरिंग, नेटवर्क Troubleshooting इत्यादि के जरिए की जा सकती है। साइबर अपराध का यह टाइप बड़ा ही अनोखे अंदाज में किया जाता है क्योंकि इसमें कई बार यूजर्स से कंप्यूटर ठीक करने के नाम पर हजारों रुपए की ठगी की जाती है। जबकि कंप्यूटर में किसी प्रकार की कोई समस्या होती ही नहीं है अतः Scamming इस समय साइबर क्राइम की दुनिया में तेजी से बढ़ता हुआ एक अपराध है।

scamming को संक्षेप में समझे तो पैसे कमाने के लिए कोई भी गैरकानूनी योजना बनाना Scamming कई जाती है।

Virus

अपराधी वायरस के नाम पर कंप्यूटर उपयोगकर्ताओं से Unauthorized एक्सेस लेकर कंप्यूटर में मौजूद महत्वपूर्ण जानकारी को चुरा लेते हैं।

साइबर क्राइम के इस अपराध में अधिकतर प्रोग्रामिंग एक्सपर्ट यूजर्स के कंप्यूटर में Virus, Trojan, Malware इत्यादि सेंड करते हैं। ताकि कंप्यूटर को infect किया जा सके और कंप्यूटर को अधिक नुकसान पहुंचाने में वह कामयाब हो सके। वायरस किसी भी Removal डिवाइस या फिर इंटरनेट के जरिए फैल सकता है।

Spamming

स्पैमिंग के लिए सबसे अधिक ईमेल्स का उपयोग किया जाता है क्योंकि दिन भर में आपके भी ईमेल अकाउंट पर Spam मैसेजेस आते होंगे! जिनके झांसे में यदि आप एक बार फस जाते हैं तो आप साइबर क्राइम का शिकार भी हो सकते हैं।

क्योंकि हैकर्स द्वारा अधिकतर Emails में किसी Fake वेबसाइट का लिंक या फिर कोई Malcious प्रोग्राम भेजा जाता है इसके अलावा सस्ते Offer, प्रोमोकोड या फिर कोई अन्य Attractive Deal के नाम पर ठगी करने के लिए अपरिचित संस्थाओं, कंपनी या ग्रुप के द्वारा फालतू के Emails यूजर्स को भेजे जाते हैं!

इसलिए आज Spamming साइबर अपराध के लिए काफी लोकप्रिय हो चुकी है।

Phishing

फिशिंग के माध्यम से साइबर क्राइम करने के लिए जरूरी नहीं व्यक्ति एक हैकर ही हो! क्योंकि phishing की थोड़ी बहुत जानकारी होने के बावजूद एक user किसी दूसरे User को धोखा दे सकता है।

दोस्तों फिशिंग कुछ इस तरह से काम करता है जिसमें यूजर को लगता है कि उसके लिए यह कार्य करना Legal है परंतु असल में वह होता नहीं है! वर्तमान समय में Phishing के लिए ईमेल से भेजे जाते हैं या सोशल मीडिया Accounts का इस्तेमाल किया जाता है तथा लोगों को धोखा देकर उनके क्रेडिट कार्ड डिटेल्स, लोगों के पासवर्ड चुराने इत्यादि कार्य संपन्न किए जाते हैं.

अगर आपको नहीं पता की फ़िशिंग क्या होता है? तो Phishing Attack क्या है? और इससे कैसे बचे? उस बारे में मैंने पहले से ही डिटेल से बताया हुआ है.

यह भी पढ़े: किसी भी वेबसाइट का फिशिंग पेज कैसे बनाये?

Social Engineering

सोशल इंजीनियरिंग साइबर क्राइम का एक ऐसा प्रकार है जिसमें अपराधी डायरेक्ट यूजर से संपर्क करते हैं तथा उसे अपने जाल में फंसाने की कोशिश करते हैं।

सोशल इंजीनियरिंग के अंतर्गत अपराधी किसी यूज़र से फोन Calls, ई-मेल या फिर आमने सामने बात करके भी संपर्क करते हैं! तथा बात करने के दौरान अपराधी इस तरीके से बात करते हैं जैसे वह कोई Trusted कंपनी या कोई पर्सन हो! अर्थात वह जब तक यूजर के important या पर्सनल डाटा को प्राप्त न कर लें तब तक वह यूजर के साथ अच्छी तरीके से पेश आते हैं, इसलिए सावधान रहें सोशल इंजीनियरिंग से बचे हैं।

Malvertising

अब इस साइबर क्राइम के शिकार लगभग सभी इंटरनेट यूजर्स हो सकते हैं! यदि हम सावधान रहें तब क्योंकि Malvertising एक मेथड है जिसका उपयोग किसी वेबसाइट में किया जाता है, जिसमें कई सारे Advertisement हो तथा उनमें मालवेयर code शामिल हो।

जब एक user जब किसी ऐसी साइट पर विजिट करता है तो यूजर को लगता है वह site illegal है, तथा वह किसी एडवर्टाइजमेंट पर जब क्लिक करता है तो फिर वह किसी Fake वेबसाइट पर जा सकता है या फिर कोई फाइल जिसमें वायरस सम्मिलित हो वह आपके कंप्यूटर पर ऑटोमेटिक डाउनलोड हो सकता है! इसलिए इन हानिकारक वेबसाइट से दूर रहना ही किसी यूज़र के लिए फायदेमंद है।

Software Piracy

इंटरनेट Torrent फाइल्स और अन्य प्रोग्राम से भरा पड़ा है, ओरिजिनल कॉन्टेंट जैसे Songs, books, movie, एल्बम या फिर कोई सॉफ्टवेयर का इंटरनेट पर जब illegal तरीके से Duplicate version Available हो तो उसे सॉफ्टवेयर पायरेसी कहा जाता है।

और कई सारे users आज सॉफ्टवेयर पायरेसी करते हैं, उदाहरण के तौर पर कई ऐसी मूवी Sites है, जहां पर पायरेटेड मूवी अपलोड की जाती है जहां से बड़ी संख्या में लोग इस मूवी को डाउनलोड करते हैं, परंतु यह एक क्राइम है जो यूजर्स द्वारा copyright infringement के तहत किया जाता है। क्योंकि इससे ओरिजिनल कंटेंट बनाने वाली कंपनियां, डेवलपर को Content का बड़ा नुकसान झेलना पड़ता है! क्योंकि यहां उनके Content को गैरकानूनी रूप से Reproduce किया जाता है.

साइबर क्राइम के अधिकतर मामलों में लोगों की निजी जानकारी को चुराकर गलत इस्तेमाल किया जाता है। हैकर्स सोशल मीडिया तथा वेबसाइट के माध्यम से username तथा passwords को चुराने का प्रयास करते हैं।

हैकर्स phishing का इस्तेमाल कर किसी यूज़र को आकर्षक संदेश लिंक के माध्यम ई भेजते हैं जिससे यदि यूज़र उस लिंक पर क्लिक करने के बाद उस पेज पर माँगी गयी जानकारी fill करता है। तो हैकर अपने इरादों में कामयाब हो जाते हैं तथा यह सारी डिटेल्स अपने पास जमा कर लेते हैं और इस तरह आपकी निजी जानकारी हैकर्स चुरा सकते हैं.

hackers फोन कॉल की मदद से आपकी निजी जानकारी को चुरा सकते हैं। कई मामलों में देखा गया है कि साइबर अपराधी फर्जी कॉल के माध्यम से आपके बैंक अकाउंट तथा बैंक से संबंधित अन्य जानकारी पूछते हैं तथा आपके द्वारा माँगी गयी जानकारी देने पर आपके बैंक अकाउंट से सारे पैसे चुरा लिए जाते हैं। औऱ आप ठगी का शिकार हो जाते हैं।

इसके अलावा वर्तमान समय पर facebook, whatsapp जैसे सोशल नेटवर्किंग साइट पर साइबर अपराधी गलत अफवाहों को फैलाते हैं। इसके लिए वे अनेक प्रकार के मुद्दों को उठाते हैं अधिकतर जिससे लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं। आमतौर पर हैकर्स का मुख्य उद्देश्य उनके द्वारा बनाए गए लिंक पर यूज़र्स क्लिक करना होता है तथा वहां अपना नाम तथा अन्य जानकारी भरने पर डाटा साइबर अपराधी के पास चला जाता है।

साइबर क्राइम से कैसे बचे?

यदि आप एक इंटरनेट यूजर हैं! तो संभव है कि आप भी छोटी-सी चूक के कारण साइबर क्राइम का शिकार हो सकते हैं, इसलिए यहां कुछ टिप्स बताई जा रहे हैं जिनका ध्यान पूर्वक इस्तेमाल कर आप स्वयं को साइबर क्राइम के शिकार होने से बचा सकते हैं।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आज social media facebook, whatsapp पर कई सारे अनचाहे लिंक आते हैं आपको किसी भी अनचाहे लिंक पर क्लिक कर अपनी किसी प्रकार की कोई जानकारी enter नहीं करना चाहिए।

यह भी पढ़े: फेसबुक अकाउंट को हैक होने से कैसे बचाये? और  जीमेल अकाउंट को हैक होने से कैसे बचाये?

इसके अलावा आपको सोशल मीडिया के सभी अकाउंट के पासवर्ड को बदलने के साथ ही क्रेडिट कार्ड डेबिट कार्ड आदि का भी पासवर्ड हमें समय-समय पर बदलना चाहिए। तथा ऐसा पासवर्ड सेट करने की कोशिश करें जिसमें आपका नाम तथा जन्मतिथि आदि सम्मिलित ना हो जिससे हैकर को आपके जानकारी प्राप्त करने में आसानी न हो।

हैकिंग की मदद से हैकर्स द्वारा कंप्यूटर में वायरस अटैक करना उद्देश्य हो सकता है। तथा वायरस आने से आपका सभी files तथा अन्य data गुम हो सकता है। इसलिए हमेशा updated antivirus कंप्यूटर में इंटस्टाल करें इसके साथ ही संभव हो तो एक बेहतर antivirus खरीदना आपके लिए उपयोगी हो सकता है।

बैंकिंग लेनदेन संबंधी कार्य करने के लिए हमेशा अपने पर्सनल कंप्यूटर यबस्मार्टफोन का ही उपयोग करें। अधिक भीड़-भाड़ वाले स्थान जैसे साइबर कैफे तथा किसी अन्य व्यक्ति के डिवाइस में बैंकिंग लेनदेन संबंधी अकाउंट का उपयोग ना करें।

नकली वेबसाइट से सावधान रहें! इन वेबसाइट का यूजर इंटरफ़ेस बैंकिंग वेबसाइट शॉपिंग वेबसाइट जैसा ही होता है। परंतु हैकर्स द्वारा इस्तेमाल कि जाने वाली इन वेबसाइट में अपने बैंक अकाउंट की id login करने या अपनी निजी जानकारी fill करने पर cyber crime का शिकार हो सकते हैं। और हमेशा किसी साइट पर बैंकिंग लेनदेन या अन्य जरूरी जानकारियां टाइप करने से पहले उस वेबसाइट के सही URL को जानना अति आवश्यक है।

यह भी पढ़े: हैकिंग कमांड की जानकारी (Hacking Commands In Hindi)

What Is Cyber Law in India in Hindi

दोस्तों भारत में ‘Information Technology Act, 2000’ के सेक्‍शन 65, 66, 66B, 66C, 66D, 66E, 66F, 67, 67A, 67B, 67C, 68, 69, 70 और सेक्‍शन 71 तक अलग अलग क्राइम के लिए ₹20,000 से ₹1,000,000 तक का जुर्माना और तीन से पांच साल तक कैद का प्रावधान हैं।

Cyber Crime Criminal कौन होते हैं?

अगर आसान या साधारण शब्दों में कहा जाए तो साइबर क्राइम क्रिमिनल कोई पर्टिकुलर व्यक्ति के बारे में नहीं कहा जा सकता है। क्योंकि साइबरक्राइम एक ऑनलाइन किया जाने वाला क्राइम है और इसे किसी भी उस व्यक्ति द्वारा परफॉर्म किया जा सकता है जो कि ऑनलाइन एक्टिविटी से संबंधित कुछ भी जानकारी रखता हो। इसलिए साइबर क्राइम को किसी स्पेसिफिक के व्यक्ति को टारगेट करना सही नहीं है।

Online Cyber Crime में कंप्लेंट कैसे करें?

1. सबसे पहले आपको cybercrime.gov.in की ऑफिशियल वेबसाइट पर विजिट करना है।
2. अब आपको Report Cyber Crime पर क्लिक करना है।tap on report cyber crime

3. अब आपको Other Cyber Crime पर क्लिक करना है लेकिन अगर आपसे Finanicial संबंधित साइबर क्राइम की रिपोर्ट लिखवानी है तो आप Financial Crime चुन लेना है।tap on financial fraud

4. अब आपको File a Complaint पर क्लिक करना होगा।now file a complaint

5. अब आपको I Accept पर क्लिक करना है।i accepted

6. अब आपको Click Here For New User पर क्लिक करके आपको पहले रजिस्टर्ड करना होगा। (यहां पर आपको अपना state, Email तथा Phone नंबर डालकर सिर्फ Sign Up करना है।)now tap on new user

7. अब आपको वापिस कंप्लेंट वाले पेज पर आना है तथा यहां पर आपको अपना State, Login ID (फोन नंबर या फिर Email), मोबाइल नंबर (OTP से वेरीफाई), तथा उसके बाद सबमिट पर क्लिक करना है।enter detail and next

8. अब आप जैसे ही डैशबोर्ड में आओगे यहां पर आपको Report Cyber Crime पर क्लिक करना है।report cyber crime

9. अब आपको यहां पर कंप्लेंट से संबंधित सभी डिटेल भरके Save & Draft पर क्लिक करना है जिसके बाद आपको कंप्लेंट साइबर सेल के पास जायेगी।save and draft

10. अब आप कंप्लेंट का स्टेटस आसानी से डैशबोर्ड पर जाकर Check Status पर क्लिक करके चेक कर सकते हैं।check status

साइबर क्राइम कैसे होता है तथा उसकी सजा क्या है?

जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया है कि साइबर क्राइम में ऑनलाइन किया जाने वाला क्राइम है और इसे ऑनलाइन ही किया जाता है। साइबर क्राइम में आपको अलग-अलग क्राइम की अलग-अलग सजाएं दी जाती है। लेकिन साइबर क्राइम में आपको मिनिमम 5 साल की जेल तथा 10 लाख तक का जुर्माना हो सकता है।

तो दोस्तों उम्मीद है की अब आपको साइबर क्राइम से जुड़ी पूरी जानकारी मिल चुकी होगी, और आप जान गये होगा की आख़िर साइबर क्राइम क्या है? इसके प्रकार? और इससे कैसे बचे?

साइबर क्राइम से जुड़े कुछ FAQs

420 की सजा क्या है?

किसी भी व्यक्ति के साथ छल या बेईमानी करके उस व्यक्ति के संपत्ति या वस्तु को अपने नाम कर लेना या उसे नष्ट कर देना 420 के अंदर आता है। इस तरह का क्राइम करने वाले व्यक्ति को 7 साल की कैद और भारी जुर्माना देने की सजा सुनाई जाती हैं। इस तरह के अपराध में अपराधी को जमानत मिलना बहुत मुश्किल है।

धोखाधड़ी में कौन सी धारा लगती है? 

Indian penal code के अनुसार अगर कोई व्यक्ति धोखाधड़ी करते हुए पकड़ा जाता है तो उसके ऊपर धारा 415 लगाया जाता है। Indian penal code की धारा 415 में धोखाधड़ी की असल परिभाषा दी गई है।

राष्ट्रीय साइबर क्राइम का हेल्पलाइन नंबर क्या है? 

155-260
100
0177-2621764(191)
1090
112
102

कौन सा सॉफ्टवेयर साइबर थ्रेट से बचा सकता है? 

साइबर क्राइम को रोकने और कम करने के लिए ऐसे सॉफ्टवेयर बनाए जा रहे हैं। जिनके मदद से साइबर क्राइम को बहुत हद तक रोका जा सकता है। साइबर क्राइम से बचने के लिए आप firewall नाम के सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर सकते हैं। एक ऐसा सॉफ्टवेयर है, जो‌ हैकर के अटैक से कंप्यूटर और कंप्यूटर नेटवर्क दोनों को बचाता है। यह सॉफ्टवेयर हैकर को किसी भी तरह के घुसपैठ करने से रोकता हैं।

धारा 66d क्या है? 

अगर कोई व्यक्ति अपनी असली आईडेंटिटी को छुपा कर किसी दूसरे के प्राइवेट डाटा को छेड़छाड़ या हैक करने की कोशिश करता है। तो उस व्यक्ति को धारा 66d के तहत सजा सुनाई जाती हैं। सरल शब्दों में कहें अपनी पहचान छुपा कर दूसरे के प्राइवेसी में ताक झांक करना धारा 66d में आता है।

साइबर स्पेस इंटरनेट से क्या तात्पर्य? 

साइबर स्पेस से इंटरनेट के द्वारा इंटरनेट की दुनिया को दर्शाया जाता है। विश्व स्तर पर कंप्यूटर और कंप्यूटर नेटवर्क में कम्युनिकेशन नेटवर्क और सूचना फैलाने वाले भंडार के रूप में साइबर स्पेस इंटरनेट जाना जाता है।

साइबर और कंप्यूटर से संबंधित मामलों पर कानून कौन बनाता है? 

साइबर क्राइम बढ़ती जा रही है। क्रिमिनल के द्वारा इंटरनेट का उपयोग करके अलग-अलग तरह के क्राइम को अंजाम देने की प्रक्रिया इंटरनेट में बहुत सी चुनौतियों को पैदा कर रही हैं। इस तरह की चुनौतियों से निपटने के लिए भारत में Information Technology Act 2000 को लागू किया गया है। इस कानून को दोबारा 2008 में संशोधित किया गया था। इस कानून के तहत करने वाले लोगों को सख्त से सख्त सजा दी जाती है।

उम्मीद है आपको साइबर क्राइम (Cyber Crime) से related पूरी जानकारी मिल चुकी होगी। और अब आपको पता चल गया होगा की साइबर क्राइम क्या है – What Is Cyber Crime In Hindi & Types of Cyber Crime In Hindi और साइबर क्राइम से कैसे बचे? और भारत (India) में cyber law क्या हैं?

Hope की आपको साइबर क्राइम क्या है? इसके प्रकार? और इससे कैसे बचे? का यह पोस्ट पसंद आया होगा, और हेल्पफ़ुल लगा होगा।

अगर आपके पास इस पोस्ट से रिलेटेड कोई सवाल है तो नीचे कमेंट करे. और अगर पोस्ट पसंद आया हो तो सोशल मीडिया पर शेयर भी कर दे.

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नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम तनिष्क है और मैंने B.Sc (Computer Science) से Graduation किया है और में एक Certified Ethical Hacker हूँ। मुझे टेक्नोलॉजी और हैकिंग में काफ़ी रुचि है और में इस ब्लॉग पर Ethical Hacking, Cyber Security और Kali Linux से जुड़े आर्टिकल लिखता हूँ।

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