दोस्तो इस इंटरनेट जगत में वेबसाइट एक ऐसा माध्यम है जिसके जरिये सूचनाएँ प्राप्त की जाती हैं। प्रायः आप जब भी गूगल पर किसी वेबसाइट का नाम टाइप करते हैं तो www का इस्तेमाल करते हैं। जैसे की www.facebook.com लेकिन क्या आपने कभी सोच है की आख़िर हम www का इस्तेमाल क्यों करते हैं? और यह www क्या होता है?
दरअसल इंटरनेट की शुरुवात हुई थी तब से ही इसका इस्तेमाल इंटरनेट यूज़र्स द्वारा किया जाता है। लेकिन आख़िर यह WWW क्या है? और www तथा इंटनेट में क्या फर्क होता है? यह सभी सवाल अक्सर इंटरनेट यूजर के मन में आते हैं और एक जागरूक इंटरनेट यूजर को www के बारे में जानकारी होनी चाहिए।
इंटरनेट क्या है? उसकी पूरी जानकारी यहाँ है।
WWW क्या है? (What is World Wide Web in Hindi)
WWW की full फॉर्म world wide web है जिसे शार्ट में www या the web भी कहा जाता है। यह एक Information System है जिसमें वेबसाइट्स तथा web पेजेस शामिल होते हैं। www का Tim Berners Lee द्वारा स्विट्ज़रलैंड में वर्ष 1989 को अविष्कार किया था। यहाँ आपका जानना जरूरी है की आज हम custom वेब पेजेस बनाने के लिए HTML भाषा का इस्तेमाल करते हैं।
WWW HTML, Http, Web Server और Web Browser पर काम करता है, Web Server पर सभी Website के लिए एक Link होता है जो WWW और Dot के साथ जुड़ा होता है जिसे Web Address कहते हैं जैसे – www.futuretricks.org
WWW Ka Full Form
World Wide Web
World Wide Web Meaning In Hindi
विश्व व्यापी वेब
WWW कैसे काम करता है? – How WWW Works In Hindi
www को देखने अर्थात web को इस्तेमाल करने के लिए जिस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता है उसे web browser कहा जाता है। जिसके लिए आपके डिवाइस में इंटरनेट का होना आवश्यक होता है। इंटरनेट पर वेब resources किसी भी प्रकार के downloaded मीडिया हो सकते हैं। लेकिन web pages हाइपरटेक्स्ट मीडिया होते हैं जिन्हें html भाषा में तैयार किया जाता है।
इस प्रकार की फॉर्मेटिंग web pages में हाइपरलिंक की अनुमति देती है जो URL के रूप में show होता है जिससे यूज़र्स एक page से दूसरे पेज में सूचनाओं तथा जानकारी को देख पाते है। web page में केवल text ही नहीं बल्कि image, वीडियो, सॉफ्टवेयर शामिल हो सकते हैं। जो उपयोगकर्ता को मल्टीमीडिया कंटेंट के रूप में दिखाई देते हैं।
संक्षेप में www को समझें तो world wide web दुनिया भर में इंटरनेट से जुड़ी सार्वजनिक वेबसाइट के कलेक्शन (संग्रह) को refers (संदर्भित) करता है। क्लाइंट डिवाइस जैसे स्मार्टफोन तथा कंप्यूटर में web ब्राउज़र के जरिये इन कंटेंट या रिसोर्सेस को देखा जा सकता है। तथा कई सालों से www को the web के नाम से भी जाना जाता है।
इंटरनेट किसके द्वारा चलाया जाता है?
दोस्तों इंटरनेट को किसी एक व्यक्ति द्वारा कंट्रोल नहीं किया जाता है। और ना ही इंटरनेट चलाने की कोई कंपनी है। जिसके पास इंटरनेट का सारा कंट्रोल हो बल्कि खुद जिन्होंने इंटरनेट का आविष्कार किया है वह भी internet को नियंत्रित नहीं कर सकते।
तो यदि हम स्पष्ट रूप से इसका उत्तर समझें तो इंटरनेट ना ही किसी व्यक्ति या कंपनी द्वारा यह संस्था या फिर कोई सरकार द्वारा नहीं चलाया जाता बल्कि इंटरनेट पूरे विश्व में फैला एक कंप्यूटर नेटवर्क है। जिसमें कई सारे स्वायत्त नेटवर्क स्वेच्छा से जुड़े हुए हैं। लेकिन दोस्तों खुद ही सोचिए यदि इंटरनेट किसी एक देश या कंपनी द्वारा कंट्रोल किया जाता तो फिर आज वह कितना धन इकट्ठा कर लेता।
WWW के फीचर्स – Features Of WWW In Hindi
• इंटरनेट पर जितनी information अवेलेबल है। उसमें से हम जिस इंफॉर्मेशन को प्राप्त करना चाहते हैं उसे www सरलतापू्वक पाने में मदद करता है।
• WWW एक सर्च टूल है। जहां पर हम कोई भी जानकारी को सर्च कर फाइंड कर सकते हैं। यह इंफॉर्मेशन किसी वेबसाइट में होती है जिसमें links के माध्यम से एक information दूसरी इंफॉर्मेशन से जुड़ी होती है या कहें तो document से जुड़ा होता है।
• जिस तरह इंटरनेट एक प्रोटोकॉल है ठीक उसी प्रकार www का भी एक प्रोटोकॉल है जो कि Https है।
• इसके अलावा www का न सिर्फ https प्रोटोकोल है। बल्कि इंटरनेट पर एक लोकप्रिय प्रोटोकॉल्स में से एक TCP-IP की सेवा भी www सपोर्ट करता है। दोस्तों इंटरनेट पर tcp-ip का कार्य विभिन्न नेटवर्क पर Devices को interconnect करना होता है।
• www hypertext टेक्नोलॉजी पर आधारित है। यह तकनीक इंटरनेट पर यूजर्स को एक वेब page से दूसरे पेज पर navigate करने तथा इंफॉर्मेशन को access करने में मददगार साबित होती है।
• यह विभिन्न जानकारियों को अलग-अलग लिंक के जरिए एक्सेस करने की अनुमति देता है। और यह सब काम हम एक वेब ब्राउज़र के माध्यम से कर पाते हैं।
• संक्षेप में www का मुख्य फीचर देखें तो यही है कि www पूरी दुनिया में किसी इंफॉर्मेशन को साझा करने और लोगों की अधिक से अधिक मदद करने के लिए कार्यरत है। यही वजह है कि प्रत्येक डिवाइस चाहे विंडोज, Mac, यूनिक्स हर किसी में www से इंटरनेट पर सर्च किया जाता है।
इंटरनेट और WWW में क्या अंतर है?
दोस्तों कई लोगों को लगता है कि इंटरनेट तथा वर्ल्ड वाइड वेब एक ही है। परंतु यहां हम आपको इनके बीच छोटे से फर्क को समझने जा रहे हैं। चलिए जानते हैं। सरल शब्दों में समझें तो इंटरनेट नेटवर्क का एक वैश्विक नेटवर्क है। जबकि www जानकारियों को संग्रह करने का कार्य करता है जिसमें इंटरनेट के इस्तेमाल से ही जानकारियों को प्राप्त किया जा सकता है।
इसे एक अन्य उदाहरण की सहायता से समझें तो इंटरनेट एक book स्टोर से समझा जा सकता है परंतु उस book स्टोर में रखी किताबों को www के नाम से पहचाना जा सकता है। तथा बड़े स्तर पर समझें तो इंटरनेट को हम हार्डवेयर तथा www सॉफ्टवेयर के रूप में पहचान सकते हैं।
WWW का इतिहास – History Of WWW In Hindi
www के संस्थापक (टीम बर्नर्स ली) का वैश्विक हाइपरलिंक इनफॉरमेशन सिस्टम का जो सपना था वह वर्ष 1980 में वास्तव में साकार हो गया। टीम बर्नर्स ली ने एक कर्मचारी के रूप में cern (स्वीटजरलैंड) 1990 में अपना पहला ब्राउज़र लिखा। www के इतिहास को जानें तो वर्ष 1985 तक यूरोप में इंटरनेट फैलने लगा था। तथा domain name सिस्टम का इस्तेमाल किया जाने लगा था।
यहाँ आपका यह जानना जरूरी है कि जिस किसी वेबसाइट का जो नाम होता है उसे डोमेन नेम कहते हैं उदाहरण के लिए www.futuretricks.org एक डोमेन है अतः इस वेबसाइट को इंटरनेट की भाषा मे डोमेन नेम कहा जाता है। 1988 में पहली पहली बार उत्तरी अमेरिका तथा यूरोप के बीच ip कनेक्शन को स्थापित किया गया तथा टिम बर्नर्स ली ने इसके विषय में विस्तार से जानने के लिए Cern में वार्तालाप करना शुरू किया।
जब टीम बर्नर्स ली इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे तब वह काफी हताश भी हुए थे क्योंकि वे अलग-अलग कंप्यूटर में store जानकारी को प्राप्त करने में अक्षम या थे. मार्च 1989 को उन्होंने एक memorandum अर्थात ज्ञापन जिसका टाइटल इनफॉरमेशन मैनेजमेंट तथा यह एक प्रस्ताव था जो Cern Management को भेजा गया था जिसमें उन्होंने सिस्टम अर्थात Mash की बात कही थी यह एक डाटाबेस तथा सॉफ्टवेयर प्रोजेक्ट तथा जिसे उन्होंने 1980 में विकसित किया था।
चूँकि यह एक प्रस्ताव था जिसमें Mash सॉफ्टवेयर में web शब्द का इस्तेमाल किया गया था उन्होंने text में हाइपरलिंक के आधार पर अधिक विस्तारपूर्व सूचना देने वाली प्रणाली के बारे में describe किया था. उसके बाद उन्होंने इस प्रस्ताव में cern Management को कहा कि कल्पना कीजिए यदि इस डॉक्यूमेंट में किया गया रेफरेंस यदि किसी एड्रेस से जुड़े हों जिसके लिए उन्होंने रेफर किया है तो इससे एक यूजर किसी सूचना को बिना पूरा पढ़े ही स्किप कर सकता है तथा दूसरे डॉक्यूमेंट या वेबपेजेस को ओपन कर पायेगा।
इस तरह की प्रणाली को उन्होंने अपने इस प्रोजेक्ट में समझाया परंतु दुर्भाग्यपूर्ण उनका यह प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया गया क्योंकि हाइपरटेक्स्ट में मल्टीमीडिया डाक्यूमेंट्स को शामिल नहीं कर सकते दे जिस वजह से टीम बर्नर्स ली को उसके बाद है हाइपरमीडिया शब्द को इस्तेमाल में लाना पड़ा।
उसके बाद टिम बर्नर्स ली ने अपने साथी Robert Cailliau के साथ मिलकर नवंबर 1990 में एक बार फिर से औपचारिक प्रस्ताव पेश किया जिसमें उन्होंने हाइपरटेक्स्ट प्रोजेक्ट बनाने के बारे में बात करें जो हाइपरटेक्स्ट डाक्यूमेंट्स के लिए वर्ल्ड वाइड वेब अर्थात एक Web था जो कि ब्राउज़र द्वारा क्लाइंट सर्वर आर्किटेक्चर के द्वारा देखा जा सकता था।
तथा उस समय http विकसित हो चुका तथा इस तरह अनेक प्रयासों के बाद 1991 में www को लांच किया गया जिसने इंटरनेट की दुनिया को एक नई दिशा दी। वर्ल्ड वाइड वेब प्रोजेक्ट पर कार्य करते हुए टिम बर्नर्स ली ने दुनिया को तीन मुख्य टेक्नोलॉजी प्रदान की जिनके बारे में नीचे बताया गया है। वेब तथा अन्य resources का लिए एक सिस्टम जो वैश्विक रूप से विशिष्ट पहचानकर्ताओं के लिए बनाया गया जिसका नाम बदलकर बाद में url (uniform resource identifier) में परिवर्तित कर दिया।
टिम बर्नर्स ली ने हाइपरटेक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज (html) को पब्लिश किया जिसे आज इंटरनेट पर सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाता है। HTTP को विकसित करने में भी उनका विशेष योगदान था।
WWW के फ़ायदे – Benefits Of WWW In Hindi
दोस्तों इस तरह हमने www के इतिहास के बारे में जाना अब हम जानते हैं www का क्या महत्व है। अर्थात www के क्या फायदे हैं?
Online Shopping
world वाइड वेब की मदद से आज हम इंटरनेट का इस्तेमाल कर घर बैठे ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं। जिससे हमारे समय तथा ऊर्जा दोनों का बचाव हुआ है। भारत में अमेजॉन, फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स कंपनियां बेहतर क्वालिटी के प्रोडक्ट पेश करती हैं। जिस वजह से आज अधिकतर लोग ऑनलाइन शॉपिंग का इस्तेमाल करते हैं।
Worldwide Chat
हम हजारों मील दूर रहकर भी लोगों से social media के माध्यम से कनेक्ट हो रहे हैं। जिस वजह से आज देश- विदेश में बैठे लोगों से बात करना काफी सरल बन चुका है।
Online Learning
इंटरनेट सूचनाओं का भंडार बन चुका है आज हम घर बैठे ई-लर्निंग के जरिए कई सारी चीजें इंटरनेट से वीडियो ट्यूटोरियल के माध्यम से सीख सकते हैं।
Digital Wallet
इंटरनेट की मदद से डिजिटल पेमेंट की ओर विभिन्न देश अग्रसर हुए हैं तथा cash की मात्रा में कमी आई है। जिससे न सिर्फ पर्यावरण को लाभ हुआ है बल्कि यह लोगों के लिए अधिक सुविधाजनक भी रहा है। आज भारत में phone Pe paytm तथा bhim upi जैसे डिजिटल वॉलेट इस्तेमाल होते हैं, जिनकी वजह से हम एक बैंक से दूसरे बैंक में पैसे ट्रांसफर आसानी से कर पाते हैं।
Calling
इंटरनेट के विस्तार ने वर्तमान समय में कॉलिंग के तरीके को बदल दिया है विशेषकर जब से भारत में इंटरनेट सस्ता हुआ है। आज हम ऑडियो- वीडियो कॉलिंग हम विभिन्न तरीकों से मुफ्त में कर पाते हैं साथ ही इसका एक विशेष लाभ यह है कि हम न सिर्फ अपने देश में बल्कि विदेशों में भी कॉलिंग कर सकते हैं।
Online Earning
इंटरनेट सूचनाओं का भंडार है तथा इसमें सूचनाएं प्रकाशित वाले लोगों को आज रोजगार भी इंटरनेट के जरिए मिल रहा है। अतः इंटरनेट पैसा कमाने का भी अच्छा माध्यम है इससे आप आप कहीं तरीकों से पैसे कमा सकते हैं।
दोस्तों इस तरह यह लिस्ट लंबी होती चली जाएगी। क्योंकि आज इंटरनेट की वजह से ही हम और आप आपस में जुड़े हैं। तो इसके फायदे अनेक हैं वहीं दूसरी और हालांकि इसके नुकसान भी हैं परंतु सकारात्मक नजरिये से देखें तो इंटरनेट ने संचार के तरीके को ही बदल दिया है।
WWW के नुकसान?
Time Waste
एक बार पैसा चला गया तो उसे दोबारा कमाया जा सकता है लेकिन वापस गया हुआ समय हम नहीं लौटा सकते। आज के समय में यह कहावत अधिकतर इंटरनेट चलाने वाले यूजर्स को समझ नहीं आ रही है। क्योंकि अनलिमिटेड गेम्स, मूवीस, वेब सीरीज से भरा पड़ा है इंटरनेट| इसमें इंटरटेनमेंट की कोई कमी नहीं है इसलिए घंटों यूजर्स इसमें समय बिताते हैं जो उनके लिए समय की बर्बादी का कारण बन रहा है।
Distraction
काम में फोकस न कर पाना यह इंटरनेट ने सबसे बड़ा नुकसान एक व्यक्ति को उपहार के रूप में दिया है। क्योंकि इंटरनेट इंटरटेनमेंट का भंडार है। लेकिन अधिकतर लोग इसका इस्तेमाल मनोरंजन के लिए करते हैं। और वर्तमान समय में कई लोग तो इंटरनेट के आदी हो चुके हैं।
उनके लिए इंटरनेट डिस्ट्रक्शन का मुख्य कारण बन चुका है। वे इंटरनेट की वजह से अपना मोबाइल चेक किए रह नहीं पाते। और काम में फोकस ना करने की वजह से कई बार काम में असफलता से व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार भी हो जाता है। इस प्रकार देखा जाए तो इंटरनेट के अनेक दुष्प्रभाव भी हैं। जिनसे एक इंटरनेट यूजर को बचना चाहिए।
उम्मीद है की अब आपको WWW (World Wide Web) के बारे में पूरी जानकारी मिल चुकी होगी और आपको आजका यह पोस्ट पसंद आया होगा।
यह भी पढ़े:
अगर आपके पास इस पोस्ट से रिलेटेड कोई सवाल है तो नीचे कमेंट करे. और अगर पोस्ट पसंद आया हो तो सोशल मीडिया पर शेयर भी कर दे.
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद सर
इतनी आसान भाषा में हमें समझाने के लिए
thanks and keep visit.
What information is there really enjoyed, that’s why Sir, will you help me to spread information about education to others?
भाई tips & tricks में आपका ब्लॉग सबसे अच्छा लगा
धन्यवाद इतनी अच्छी जानकारी देने के लिए
आपका ब्लॉग एक मात्र ऐसा ब्लॉग है, जिस पर सभी जानकारी विस्तार से मिलती है। और आप लिखते भी बहुत अच्छा हो भाई जी।
आपने बहुत बढ़िया जानकारी दी है