लिनक्स क्या है?
1991 में डिवेलप हुआ लिनक्स एक ओपन सोर्स (Open Source) ऑपरेटिंग सिस्टम है। जब कभी टॉप ऑपरेटिंग सिस्टम की लिस्ट जारी की जाती है, तब उसमें लिनक्स का नाम अवश्य ही शामिल होता है।
हालांकि देखा जाए तो विंडोज, यूनिक्स और मैक ऑपरेटिंग सिस्टम से लिनक्स थोड़ा सा अलग होता है। यह एक ओपन सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम होता है जिसका बड़े पैमाने पर इस्तेमाल अलग-अलग कंपनियों के द्वारा बनाए गए कंप्यूटर या फिर लैपटॉप में किया जाता है।
कोई भी व्यक्ति इसे बिलकुल आसानी से इंटरनेट से डाउनलोड कर सकता है, क्योंकि हमने आपको ऊपर ही बताया कि यह बिल्कुल फ्री और ओपन सोर्स प्लेटफॉर्म है। अगर किसी कंप्यूटर में या फिर डेस्कटॉप में लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम है तो ऐसी अवस्था में जब आप कंप्यूटर अथवा डेस्कटॉप को चालू करते हैं।
तो सबसे पहले आपके कंप्यूटर अथवा डेस्कटॉप में लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम ही चालू होता है और उसके पश्चात दूसरे सॉफ्टवेयर और कंप्यूटर के साथ जो हार्डवेयर जुड़े हुए हैं, वह काम करना चालू करते हैं। असेंबली और सी जैसी भाषा में लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम को लिखा गया है।
लिनक्स 32 बिट का ऑपरेटिंग सिस्टम होता है। पहली बार लिनक्स 1991 में 17 सितंबर के दिन रिलीज हुआ था। लिनक्स का कर्नल टाइप Monolithic है। लिनक्स को GPLv2 लाइसेंस मिला हुआ है।

लिनक्स का इतिहास | History of Linux in Hindi
लिनक्स की हिस्ट्री के बारे में चर्चा की जाए तो इसका निर्माण अर्थात इसका आविष्कार साल 1991 में हुआ था। दरअसल 1991 में Linus Torvalds नाम के व्यक्ति के द्वारा लिनक्स जैसे बेस्ट ऑपरेटिंग सिस्टम को इजाद किया गया था।
Linus Torvalds के द्वारा लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का निर्माण तो किया ही गया था। इसके अलावा यह ओपन सोर्स फाउंडेशन के डेवलपर भी थे।
Linus Torvalds के द्वारा जब लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम को डिवेलप किया गया था, तब वह एक विद्यार्थी के तौर पर यूनिवर्सिटी आफ हेलसिंकी में पढ़ाई करते थे। उसी दरमियान इनके द्वारा अपने कंप्यूटर के लिए लिनक्स का निर्माण किया गया।
बता दें कि वह यूनिक 386 इंटेल कंप्यूटर खरीदने के इच्छुक थे परंतु उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वह इस कंप्यूटर को खरीद सके। इसलिए उन्होंने एक छोटा सा प्रोग्राम बनाने का फैसला किया और इस प्रकार से लिनक्स केरनल जैसा ऑपरेटिंग सिस्टम डिवेलप हुआ।
लिनक्स डिस्ट्रीब्यूशन क्या है?
अभी तक लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम के कई वर्जन अर्थात संस्करण लांच हो चुके हैं, जिनमें कुछ ना कुछ स्पेशल सुविधाएं यूजर को दी गई होती है। लिनक्स के द्वारा अभी तक जो भी वर्जन लांच किए गए हैं उनमें पुराने वर्जन से एडवांस फीचर नए वाले वर्जन में दिए जाते हैं।
इस प्रकार से लिनक्स वर्जन को ही डिस्ट्रीब्यूशन कहा जाता है। किसी भी यूजर के द्वारा लिनक्स डिस्ट्रीब्यूशन को सरलता से इंटरनेट से डाउनलोड किया जा सकता है।
लिनक्स के कुछ प्रमुख डिस्ट्रीब्यूशन के नाम निम्नानुसार है।
- Ubuntu Linux (उबुन्तु लिनक्स)
- Linux Mint (लिनक्स मिंट)
- Arch Linux (अर्च लिनक्स)
- Deepin (डीपिन)
- Fedora (फेडोरा)
- OpenSUSE (ओपनसुसे)
लिनक्स के घटक
लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम के मुख्य तौर पर 3 घटक उपलब्ध है, जिनके नाम निम्नानुसार है।
- Kernel (कर्नेल)
- System Library (सिस्टम लाइब्रेरी)
- System Utility (सिस्टम यूटिलिटी)
1: Kernel
इसे लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का मुख्य भाग माना जाता है। इसके द्वारा ऑपरेटिंग सिस्टम में जो भी एक्टिविटी चल रही होती है, उसकी निगरानी रखी जाती है। इसमें अन्य कई प्रकार के मॉडयूल भी अवेलेबल होते हैं, जिनके द्वारा अंडरलाइन हार्डवेयर के साथ इंटरेक्ट किया जाता है।
कर्नल के बारे में बात की जाए तो कंप्यूटर सिस्टम के साथ अलग-अलग डिवाइस जैसे कि सीपीयू, साउंड कार्ड और ग्राफिक कार्ड इत्यादि जुड़े हुए होते हैं। इन सभी को मैनेज करने की जिम्मेदारी कर्नल को ही मिली हुई है।
इसके अलावा कर्नल के द्वारा सिस्टम की मेमोरी का मैनेजमेंट भी देखा जाता है। कर्नल ही इस बात को सुनिश्चित करता है कि सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट के द्वारा सही प्रकार से प्रक्रिया को एग्जीक्यूट किया गया है अथवा नहीं। सिस्टम फाइल को मैनेज करने का काम भी कर्नल के द्वारा ही किया जाता है।
2: System Library
एप्लीकेशन प्रोग्राम अथवा सिस्टम यूटिलिटी के द्वारा जिन फंक्शन या फिर प्रोग्राम का इस्तेमाल करके केरनल के सभी फीचर को एक्सेस किया जाता है, वह सभी फीचर सिस्टम लाइब्रेरी में ही अवेलेबल होते हैं।
3: System Utility
किसी स्पेशल और पर्सनल लेवल के कामों के लिए सिस्टम यूटिलिटी जैसे प्रोग्राम जिम्मेदार होते हैं।
लिनक्स की विशेषताएं?
लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम की कुछ शानदार विशेषताएं निम्नानुसार है।
लिनक्स पोर्टेबल होता है
लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम की अन्य कई विशेषताओं में से एक प्रमुख विशेषता है इसका पोर्टेबल होना। पोर्टेबल होने का साफ मतलब होता है कि लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम एक ही समय में अलग-अलग हार्डवेयर के साथ काम करने की कैपेसिटी अर्थात पावर रखता है।
multi-user होता है
लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम की गिनती ऐसे ऑपरेटिंग सिस्टम में होती है, जिन्हें मल्टी यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम कहा जाता है। मल्टी यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम ऐसे होते हैं जो एक ही समय पीरियड के दरमियान अलग-अलग यूजर मेमोरी, रैम और एप्लीकेशन को एक्सेस करने की कैपेसिटी रखते हैं।
मल्टीप्रोग्रामिंग होता है
मल्टीप्रोग्रामिंग का मतलब होता है कि एक ऐसा ऑपरेटिंग सिस्टम जिसमें एक ही समय में अलग-अलग प्रोग्राम को चलाया जा सकता है अर्थात अलग-अलग प्रोग्राम को रन किया जा सकता है।
ओपन सोर्स होता है
आर्टिकल की शुरुआत में ही हमने बताया था कि लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम ओपन सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम होता है। यानी कि कोई भी यूजर बिना किसी लाइसेंस के बिल्कुल मुफ्त में आसानी से इंटरनेट से लिनक्स को डाउनलोड कर सकता है और इसका इस्तेमाल कर सकता है।
अच्छी सुरक्षा देता है
सिक्योरिटी के मामले में लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम दूसरे ऑपरेटिंग सिस्टम से जरा भी कमजोर नहीं है। इसमें आपको पासवर्ड प्रोटक्शन, कंट्रोल एक्सेस जैसे सिक्योरिटी के ऑप्शन मिलते हैं।
मल्टीपल नेटवर्क प्रोटोकोल को सपोर्ट करता है
लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम के द्वारा अलग-अलग नेटवर्किंग प्रोटोकॉल को सपोर्ट किया जाता है, जैसे कि TCP/IP, IPX/SPX, Appletalk इत्यादि।
लिनक्स और विंडोज में क्या अंतर होता है?
आइए अब जानते हैं कि लिनक्स और विंडोज में क्या अंतर है अथवा लिनक्स और विंडोज में क्या डिफरेंस है।
- लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम को बिना किसी भी खर्चे के आप आसानी से अपने डिवाइस में इंस्टॉल कर सकते हैं क्योंकि लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम में अधिकतर सॉफ्टवेयर आपको बिल्कुल फ्री में प्राप्त होते हैं। वहीं दूसरी तरफ विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम मुफ्त नहीं होता है।
- आपको विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम के कुछ सॉफ्टवेयर जैसे कि फोटोशॉप इत्यादि का इस्तेमाल करने के लिए इसके लाइसेंस की को खरीदने की आवश्यकता होती है।
- सिक्योरिटी के मामले में लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम काफी शानदार है, वही विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम को थोड़ा सा कम सुरक्षित माना जाता है।
- आप लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम में प्रोग्राम फाइल को दूसरी डायरेक्टरी में सर्च कर सकते हैं, वही विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम में सिस्टम और प्रोग्राम फाइल सी ड्राइव में जाकर के सुरक्षित होती है।
- जो पुराने हार्डवेयर है उनके साथ भी लिनक्स काफी तेजी से काम करने में सक्षम होता है परंतु विंडोज की स्पीड धीमी होती है।
- लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम केस सेंसेटिव होता है यानी कि इसके द्वारा एक ही शब्द को कैपिटल और लोवर कास्ट लेटर में फाइल अथवा फोल्डर क्रिएट कर सकते है परंतु विंडोज केस सेंसेटिव नहीं होता है जिसका मतलब यह होता है कि आप इसमें एक ही शब्द का फोल्डर या फाइल नहीं बना सकते।
लिनक्स का उपयोग?
लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल कई जगह पर हो रहा है, जिनमें से कुछ जगहों की जानकारी निम्नानुसार है।
1: जीआईएमपी में लिनक्स का इस्तेमाल
जीआईएमपी एक फोटो एडिट करने वाला सॉफ्टवेयर होता है। आप इस सॉफ्टवेयर के द्वारा किसी भी फोटो की एडिटिंग कर सकते हैं और उसका ब्यूटीफिकेशन कर सकते हैं। यह सॉफ्टवेयर भी मुफ्त सॉफ्टवेयर की कैटेगरी में आता है।
इसलिए फ्री में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। इसी सॉफ्टवेयर के द्वारा हम चाहे तो एनिमेशन वाले वीडियो भी तैयार कर सकते हैं।
2: वर्चुअल बॉक्स में लिनक्स का इस्तेमाल
यह क्रॉस प्लेटफॉर्म सॉफ्टवेयर है। एक ही कंप्यूटर पर अलग-अलग सॉफ्टवेयर को चलाने के लिए वर्चुअल बॉक्स का इस्तेमाल होता है।
3: Audacity में लिनक्स का उपयोग
Audacity एक डिजिटल ऑडियो एडिटर है। इसका इस्तेमाल करके आप अपने पास मौजूद किसी भी ऑडियो फाइल को एडिट कर सकते हैं। इस एप्लीकेशन में ऑडियो फाइल को रिकॉर्ड करने की विशेषता भी आपको मिलती है।
4: मोज़िला फायरफॉक्स में लिनक्स का इस्तेमाल
मोज़िला फायरफॉक्स जैसे ब्राउज़र को ग्राफिकल इंटरफेस देने के लिए लिनक्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। मोज़िला फायरफॉक्स को लिनक्स के लिए सबसे तेज गति से काम करने वाला ब्राउज़र माना जाता है।
5: लाइबरऑफिस में लिनक्स का इस्तेमाल
लाइबरऑफिस की गिनती ओपन सोर्स ऑफिस सूट में होती है। इसका इस्तेमाल दुनिया भर की अलग-अलग गवर्नमेंट के द्वारा दस्तावेज की पब्लिशिंग करने के लिए किया जाता है।
6: वीएलसी मीडिया प्लेयर में लिनक्स का इस्तेमाल
वीएलसी मीडिया प्लेयर का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर लोगों के द्वारा अपने डिवाइस में किया जा रहा है। यहां तक कि इसकी एप्लीकेशन को भी आप अपने एंड्रॉयड डिवाइस में डाउनलोड करके इस्तेमाल कर सकते हैं।
वीएलसी मीडिया प्लेयर किसी भी प्रकार के वीडियो और ऑडियो फाइल को बिना एडिशनल कोडेक के समर्थन करता है अर्थात आपको इसमें ऑडियो और वीडियो फाईल को चलाने के लिए एडिशनल कोडेक की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
7: शॉर्टकट में लिनक्स का इस्तेमाल
बता दें कि शॉर्टकट एक एडिटिंग सॉफ्टवेयर होता है। यह मैक ओएस में भी उपलब्ध होता है साथ ही विंडोज और लिनक्स में भी अवेलेबल होता है। यह भी एक प्रकार का ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर होता है जिसका बिल्कुल फ्री में इस्तेमाल किया जा सकता है।
8: थंडरबर्ड में लिनिक्स का इस्तेमाल
बता दे कि थंडरबर्ड एक प्रकार का ईमेल क्लाइंट होता है। इसका इस्तेमाल यूजर के जो ईमेल है उनके मैनेजमेंट के लिए किया जाता है। इसमें बैकअप मैसेज की सुविधा अवेलेबल होती है। यानी कि आपने जो मैसेज डिलीट कर दिए हैं, उसे वापस से आप प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए आपको रिस्टोर की प्रक्रिया करनी होती है।
लिनक्स के कमांड | Linux Commands in Hindi
अगर आपके द्वारा पहली बार लिनक्स का इस्तेमाल किया जा रहा है तो आपको लिनक्स के कमांड के बारे में अभी तक जानकारी नहीं होगी। हालांकि आपको लिनक्स कमांड के बारे में अवश्य ही जानकारी प्राप्त करनी चाहिए। नीचे हम आपको लिनक्स कमांड इन हिंदी की लिस्ट दे रहे हैं, जो आगे आपके काफी काम आने वाली है।
- ls
इसके द्वारा करंट डायरेक्टरी कंटेंट को लिस्ट किया जाता है।
- cd
करंट डायरेक्टरी में बदलाव करने के लिए इसका इस्तेमाल होता है।
- cat
फाइल कंटेंट को स्क्रीन पर दिखाने के लिए इसका इस्तेमाल तो होता ही है। इसके अलावा टेक्स्ट फाइल को कॉपी और कंबाइन करने के लिए भी इसका इस्तेमाल होता है।
- history
इसके द्वारा आप सभी executed commands list को अपने स्क्रीन पर देख सकते हैं।
- chmod
फाइल परमिशन में बदलाव इसके द्वारा कर सकते हैं।
- chown
फाइल के मालिक को इसके द्वारा चेंज कर सकते हैं।
- clear
स्क्रीन क्लियर करने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
- DF
इसके द्वारा आप इस्तेमाल किए गए और उपलब्ध डिस्क स्पेस को देख सकते हैं।
- Date
वर्तमान सिस्टम तारीख और टाइम को डिस्प्ले करने के लिए इसका इस्तेमाल होता है।
- DU
कौन सी फाइल ने कितनी जगह ली हुई है, इसके द्वारा आप देख सकते हैं।
- file
फाइल में अवेलेबल टाइप ऑफ़ डाटा को रिकॉग्नाइज करने के लिए इसका इस्तेमाल होता है।
- find
फाइल में किसी भी टर्म को सर्च करने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
- man
किसी पर्टिकुलर कमांड के लिए हेल्प डिस्प्ले इसके द्वारा आप कर सकते हैं।
- cp
फाइल और फोल्डर को कॉपी करने के लिए इसका इस्तेमाल होता है।
- mv
डायरेक्टरी और फाइल को रिनेम और मूव करने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
- mkdir
नया डायरेक्टरी बनाने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
- lpr
किसी भी फाइल कंटेंट को प्रिंट करने के लिए इसका यूज किया जा सकता है।
- less
पेज बाय पेज फाइल कंटेंट को देखने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
- tar
किसी भी फाइल को कंप्रेस, क्रिएट और एक्सट्रैक्ट करने के लिए इसका इस्तेमाल होता है।
- grep
आप एक फाइल में स्ट्रिंग को सर्च करने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते है।
- ssh
इसके द्वारा रिमोट मशीन के साथ कनेक्ट हो सकते हैं।
- su
अलग यूजर में स्विच करने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं।
- rmdir
खाली डायरेक्टरी को हटाने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
- rm
इसके द्वारा आप खाली अथवा भरी हुई फाइल डायरेक्टरी को हटा सकते हैं।
- pwd
वर्तमान यूजर वर्क डायरेक्टरी को दिखाने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
- ps
रनिंग प्रोसेस आईडी के साथ दूसरे इंफॉर्मेशन को डिस्प्ले करने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
- passwd
पासवर्ड चेंज करने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
- more
किसी भी पेज को पेज बाय पेज डिस्प्ले करने के लिए इसका इस्तेमाल होता है।
- kill
इसके द्वारा आप प्रोसेस आईडी की सहायता से किसी भी प्रोसेस को खत्म कर सकते हैं।
- gzip
इसके द्वारा आप कंप्रेस्ड फाइल का एक्सटेंशन बना सकते हैं।
- unzip
किसी भी फाइल को अनकंप्रेस या फिर अनजिप करने के लिए इसका इस्तेमाल होता है।
- shutdown
मशीन को शटडाउन करने के लिए अर्थात स्विच ऑफ करने के लिए इसका इस्तेमाल होता है।
- free
Dhow के लिए इसका यूज होता है।
- top
सीपीयू यूसेज के अनुसार इसके द्वारा आप टॉप प्रक्रिया को दिखा सकते हैं।
- who
करंट यूजर के इंफॉर्मेशन को दिखाने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि इसके लिए आपका लॉगिन होना आवश्यक है।
- whereis
कमांड की लोकेशन को पाने के लिए इसका इस्तेमाल होता है।
- whatis
किसी भी कमांड इंफॉर्मेशन को सिंगल लाइन में दिखाने के लिए इसका इस्तेमाल होता है।
- tail
किसी भी फाइल की आखिरी 10 लाइन को प्रिंट करने के लिए इसका इस्तेमाल होता है।
- wget
किसी भी फाइल को इंटरनेट से इसके द्वारा डाउनलोड कर सकते हैं और उसके नाम में बदलाव कर सकते हैं।
लिनक्स के सारे कमांड की जानकारी आपको All Linux Commands in Hindi के इस पोस्ट में मिल जाएगी।
क्या लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम वायरस फ्री है?
साफ तौर पर कहा जाए तो लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम वायरस से फ्री बिल्कुल भी नहीं है। दुनिया भर में लिनक्स तो क्या अन्य जितने भी ऑपरेटिंग सिस्टम है, वह सभी भी वायरस से बिल्कुल भी फ्री नहीं है, क्योंकि वायरस कब किस ऑपरेटिंग सिस्टम में आ जाए इसके बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है।
किसी भी ऑपरेटिंग सिस्टम में वायरस तभी आता है जब यूज़र के द्वारा कोई गलती की जाती है या फिर साइबर क्रिमिनल के द्वारा जानबूझकर किसी न किसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके यूजर के ऑपरेटिंग सिस्टम अर्थात यूजर के कंप्यूटर में वायरस भेजने का काम किया जाता है।
यह बात भी बिल्कुल सही है कि लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल करने वाले यूजर की संख्या काफी कम ही है। इसलिए किसी भी साइबर अपराधी के द्वारा लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम पर काफी कम ही अटैक किया जाता है। इसलिए जल्दी से लिनक्स में वायरस एंट्री नहीं कर पाते हैं।
Linux Operating System की अधिक जानकारी के लिए आप यह वीडियो देख सकते हैं:
लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का भविष्य क्या है?
साइबर एक्सपर्ट के अनुसार लिनक्स को भविष्य का ऑपरेटिंग सिस्टम कहा गया है। इसके पीछे जो वजह है उसके अनुसार सभी आधुनिक टेक्नोलॉजी के फाउंडेशन में लिनक्स उपलब्ध है। आप भविष्य में आने वाले किसी भी टेक्नोलॉजी को बिना लिनक्स के इमेजिन ही नहीं कर सकते हैं।
एंबेडेड सिस्टम इसका प्रमुख उदाहरण है, जहां पर लिनक्स का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा रहा है। इसमें लिनक्स का इस्तेमाल एप्लीकेशन को बनाने के लिए और एप्लीकेशन को मेंटेन करने के लिए होता है।
ऑपरेटिंग सिस्टम के हिसाब से सभी बड़े इंस्टिट्यूट के द्वारा लिनक्स का इस्तेमाल ज्यादा किया जा रहा है, क्योंकि इसमें कुछ ऐसी विशेषताएं मिलती है, जिसकी डिमांड लगातार मार्केट में बढ़ती ही जा रही है। यहां तक कि कई सिस्टम एडमिन के द्वारा अपने जॉब प्रोफाइल को विंडोज से हटा करके लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम पर लेकर जाया जा रहा है।
किसी भी टेक्नोलॉजी जैसे कि क्लाउड कंप्यूटिंग, डेटाबेस एडमिनिस्ट्रेशन इत्यादि को सीखने के लिए आपको लिनक्स के बारे में अच्छी जानकारी होनी चाहिए। इसलिए हमें लगता है कि आने वाले समय में लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का भविष्य उज्जवल हो सकता है।
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