इंटरनेट क्या है? (What is Internet in Hindi) हमें जब किसी भी प्रकार की जानकारी प्राप्त करनी होती है तो हम सीधा अपने डेस्कटॉप या फिर अपने मोबाइल को चालू करते हैं और किसी भी ब्राउज़र को ओपन करके संबंधित जानकारी को सर्च करके उसे प्राप्त कर लेते हैं, परंतु क्या आप जानते हैं कि आखिर यह जानकारी हमें किसके द्वारा प्रदान की जाती है। बता दें कि यह जानकारी इंटरनेट के द्वारा हम तक पहुंचाई जाती है।
हालांकि आप शायद इसके बारे में नही जानते होंगे कि आखिर इंटरनेट क्या होता है अथवा इंटरनेट का निर्माण कैसे किया जाता है। अगर आप भी इंटरनेट से अभी तक अनजान है और इंटरनेट के बारे में कंपलीट जानकारी हिंदी भाषा में प्राप्त करना चाहते हैं।
तो आइए इस आर्टिकल में जानते हैं कि “इंटरनेट क्या है?” और “इंटरनेट काम कैसे करता है?” साथ ही “इंटरनेट का इतिहास?” की जानकारी भी आर्टिकल में प्राप्त करते हैं।
इंटरनेट क्या है? (What is Internet in Hindi)
इंटरनेट शब्द का निर्माण इंटर और नेटवर्क जैसे 2 शब्दों को मिलाकर के किया गया है। इसमें से इंटर का मतलब होता है एक दूसरे के साथ आपस में कनेक्टेड और नेटवर्क का मतलब होता है जाल। इस प्रकार से इंटरनेट को अंतरजाल भी कहा जाता है।
इसके अलावा इंटरनेट को वाइड एरिया नेटवर्क भी कहा जाता है। यही वह नेटवर्क है जिसके द्वारा दुनियाभर में जितने भी लोगों के द्वारा कंप्यूटर इस्तेमाल किया जाता है उन सभी लोगों के कंप्यूटर और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस एक दूसरे के साथ आपस में कनेक्टेड होते हैं। और एक दूसरे के साथ कनेक्ट होकर के डाटा को लेते हैं अथवा देते हैं। दुनिया भर में मौजूद कंप्यूटर आपस में इंटरनेट के जरिए कनेक्ट होने के लिए वायरलेस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हैं।
दुनिया के सबसे बड़े नेटवर्क के तौर पर इंटरनेट का नाम लिया जाता है। इंटरनेट पर डिवाइस एक दूसरे के साथ कनेक्ट होने के लिए तांबे के तार, फाइबर ऑप्टिकल केबल अथवा वायरलेस कनेक्शन का इस्तेमाल करते हैं। इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी की फील्ड में इंटरनेट एक महत्वपूर्ण लेटेस्ट प्रणाली मानी जाती है। काफी लोगों के द्वारा शॉर्ट में इंटरनेट को नेट कहा जाता है।
अगर इंटरनेट के बारे में आसान भाषा में बात की जाए तो इसे आप ग्लोबल नेटवर्क भी समझ सकते हैं, क्योंकि इंटरनेट किसी विशेष देश में ही काम नहीं करता है बल्कि इस संसार में जितने भी कंप्यूटर मौजूद हैं फिर चाहे वह किसी भी जगह पर क्यों ना हो, वह दूसरे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के साथ इंटरनेट की वजह से ही जुड़े हुए रहते हैं और इसी वजह से ही डाटा का आदान-प्रदान सरलता से हो जाता है। इंटरनेट का फुल फॉर्म Inter Connected Network (इंटर कनेक्टेड नेटवर्क) होता है।
इंटरनेट का पुराना नाम क्या है?
इंटरनेट का पुराना नाम ARPANET था, जिसका फुल फॉर्म Advanced Research Projects Agency Network होता है। हालांकि आगे चलने के बाद साल 1990 के आसपास में इसके नाम में बदलाव किया गया और इसे एक नया नाम दिया गया जिसे इंटरनेट कहा गया और तब से लेकर इसके नाम में कोई भी बदलाव नहीं किया गया है और इसे आज भी इंटरनेट ही कहा जाता है। हालांकि संक्षेप भाषा में इसे किसी किसी जगह पर लोगों के द्वारा NET कहा जाता है।
इंटरनेट का हिंदी में मतलब क्या होता है?
Internetworked यही वह शब्द है, जिसमें से इंटरनेट शब्द को अलग करके इसका इस्तेमाल किया जाता है। हिंदी भाषा में इंटरनेट को अंतरजाल कहा जाता है और अगर नॉर्मल भाषा में इंटरनेट को हिंदी महाजाल कहते हैं।
हमारे और आपके डिवाइस में किसी भी प्रकार की जानकारी को ऑनलाइन निकालने के लिए हमें इंटरनेट की अत्यंत ही आवश्यकता होती है। बिना इसके हम ऑनलाइन सर्फिंग करने में सक्षम नहीं होते हैं। इंटरनेट क्या है? और इसका क्या मतलब होता है? यह सब जानने के बाद चलिए अब इंटरनेट से जुड़ी कुछ अन्य जानकारिया देखते लेते है।
इंटरनेट का इतिहास (History of Internet in Hindi)
इंटरनेट की हिस्ट्री अर्थात इंटरनेट के इतिहास के बारे में चर्चा की जाए तो साल 1969 में चार यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर को आपस में कनेक्ट करके ARPANET नाम का एक नेटवर्क बनाया गया था और इसे स्थापित किया गया था। इसका निर्माण मुख्य तौर पर अमेरिकन गवर्नमेंट के द्वारा अमेरिकन सेना के लिए करवाया गया था।
क्योंकि उसी समय शीत युद्ध चल रहा था और शीत युद्ध के दरमियान अमेरिकन आर्मी के द्वारा अमेरिकन गवर्नमेंट से बेहतरीन कम्युनिकेशन सर्विसेज की डिमांड की गई और इसी डिमांड के परिणाम स्वरूप ARPANET का निर्माण किया गया और तभी से इंटरनेट की शुरुआत हो गई।
ARPANET की शुरुआत हो जाने के पश्चात देखते ही देखते इसके साथ दूसरे कंप्यूटर को भी जोड़ा जाने लगा और इस प्रकार से साल 1972 में ही इसके साथ जोड़े जाने वाले कंप्यूटर की संख्या 37 के आसपास तक पहुंच गई। इसके पश्चात अमेरिकन आर्मी के द्वारा अगले ही साल में इंग्लैंड और नॉर्वे जैसे देश में भी इसका विस्तार तेजी से किया जाने लगा।
बता दें कि जब इंटरनेट की शुरुआत की गई थी तब सिर्फ सीक्रेट इंफॉर्मेशन की ट्रांसफरिंग के लिए ही इसका इस्तेमाल होता था। हालांकि आगे बढ़ते हुए सामान्य लोगों को भी इसका इस्तेमाल करने की पूरी छूट दे दी गई और जब सामान्य लोगों ने भी इसे बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करना शुरू कर दिया तो इसका नाम टेलनेट रख दिया गया।
1982 में इस नेटवर्क के लिए कुछ सामान्य से नियम बनाए गए, जिसे प्रोटोकॉल कहा गया। हालांकि साल 1990 में इसे हमेशा के लिए बंद कर दिया गया और उसके पश्चात इसे एक नया नाम दिया गया जिसे इंटरनेट तब के समय से लेकर के वर्तमान के समय तक कहा जा रहा है।
इस प्रकार से इंटरनेट पर Tim Berners-Lee के द्वारा साल 1991 में 6 अगस्त के दिन पहली बार एक वेबसाइट का निर्माण किया गया, जिसके ऊपर वर्ल्ड वाइड प्रोजेक्ट के बारे में काफी इंफॉर्मेशन थी। इस वेबसाइट का यूआरएल Http://Info.cern.ch/Hypertext/WWW/TheProject.html था, जो कि वर्तमान में भी काम कर रही है।
इसके पश्चात तो अलग-अलग कंपनी और लोगों के द्वारा इंटरनेट पर वेबसाइट का निर्माण करना शुरू कर दिया गया और फिर जैसे-जैसे समय गुजरता गया वैसे वैसे लोगों के द्वारा अलग-अलग कामों के लिए इसका इस्तेमाल किया जाना प्रारंभ किया गया।
कोई इंटरनेट से एप्लीकेशन डाउनलोड करता है तो कोई इंटरनेट से किसी भी प्रकार का ट्यूटोरियल वीडियो देखता है तो कोई वर्तमान के समय में इंटरनेट के द्वारा ही घर बैठे लाखों रुपए की इनकम कर रहा है। यहां तक कि अब इंसानों की कई आवश्यकता इंटरनेट के द्वारा पूरी की जा रही है और यह इंसानों की जिंदगी का एक अभिन्न अंग वर्तमान के समय में बन चुका है।
भारत में इंटरनेट की शुरुआत की कब हुई?
इंटरनेट पर पहली वेबसाइट साल 1991 में 6 अगस्त के दिन बनाई गई थी। हालांकि उसके तकरीबन 4 सालों तक हमारे देश में इंटरनेट उपलब्ध नहीं हो पाया था, क्योंकि शायद किसी को भी इस चीज के बारे में पता ही नहीं था।
परंतु साल 1995 में देश में एक अभूतपूर्व क्रांति आई क्योंकि साल 1995 के अगस्त के महीने में ही उस समय की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी विदेश संचार निगम लिमिटेड के द्वारा हमारे भारत देश में इंटरनेट की शुरुआत की गई।
बता दें कि विदेश संचार निगम लिमिटेड तब के समय में एक बेहतरीन कॉलिंग सर्विस देने वाली कंपनी थी। इस प्रकार से भारत देश में जब कभी भी इंटरनेट के इतिहास के बारे में बात की जाती है तो अक्सर यह कहा जाता है कि हमारे देश में इंटरनेट की शुरुआत साल 1995 में शुरुआत हुई।
इसके बाद आगे बढ़ते हुए साल 1996 में एक ईमेल वेबसाइट की शुरुआत की गई जिसका नाम Radifmail रखा गया था। भारतीय गवर्नमेंट के द्वारा साल 2000 में टेक्नोलॉजी एक्ट को इंडिया में लागू किया गया और इसके साथ ही Yahoo इंडिया और MSN इंडिया की शुरुआत में हुई।
इसके बाद तो हमारे देश में जैसे जैसे लोगों को इंटरनेट के बारे में पता चलता गया, वैसे वैसे लोगों ने इस पर अपनी खुद की वेबसाइट बनाना शुरू कर दिया गया और वर्तमान के समय में हमारे देश में काफी लोगों की वेबसाइट और ब्लॉग इंटरनेट पर मौजूद है। यहां तक कि दुनियाभर में इंटरनेट का सबसे अधिक इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या में पहले स्थान पर चाइना का नंबर आता है तो वहीं दूसरे स्थान पर हमारे भारत देश का नंबर आता है।
इसकी एक वजह यह भी है कि चाइना की आबादी हमारे देश से थोड़ा अधिक है तो यह जाहिर सी बात है कि वहां पर इंटरनेट यूजर भी अधिक होंगे। हमारे देश के तकरीबन 60% से अधिक लोगों के द्वारा इंटरनेट का इस्तेमाल किया जाता है। इसके लिए वह मोबाइल, टेबलेट, आईपैड, कंप्यूटर, लैपटॉप, डेस्कटॉप इत्यादि डिवाइस का इस्तेमाल करते हैं।
इंटरनेट का मालिक कौन है?
अक्सर काफी लोगों के द्वारा बड़े पैमाने पर यह कीवर्ड सर्च किया जाता है कि आखिर इंटरनेट का मालिक कौन है अथवा इंटरनेट का फाउंडर कौन है। किसी भी चीज का कोई ना कोई मालिक अवश्य होता है परंतु जब बात इंटरनेट के मालिक के बारे में आती है तो इसका जवाब यही होता है कि इंटरनेट का मालिक कोई भी नहीं है।
इसकी वजह यह है कि इंटरनेट पर ना तो किसी देश का कंट्रोल है ना ही किसी कंपनी का या फिर गवर्नमेंट का पूरी तरह से अधिकार है। बता दें कि दुनिया भर में तकरीबन 5 डेटाबेस इंटरनेट के मुख्य तौर पर अवेलेबल है। इसी डेटाबेस में इंटरनेट के सभी प्रकार के डाटा को सुरक्षित रखा जाता है।
इंटरनेट की खोज किसने की?
इंटरनेट की खोज किसी भी एक व्यक्ति के द्वारा नहीं की गई है। इसलिए ऊपर ही हमने आपको बताया कि इंटरनेट का मालिक कोई भी नहीं है। इंटरनेट की खोज करने के लिए अमेरिकन आर्मी की रिक्वेस्ट पर अमेरिकन गवर्नमेंट का आदेश पाने के पश्चात कई वैज्ञानिक और इंजीनियर ने मिलकर के इस पर काम करना शुरू किया।
यह काम साल 1967 में उस समय चालू हुआ था जब शीत युद्ध में अमेरिकन आर्मी भाग ले रही थी। साइंटिस्ट और इंजीनियर ने काफी मेहनत करके एडवांस रिसर्च प्रोजेक्ट एजेंसी नेटवर्क नाम के एक नेटवर्क की शुरुआत की जिसे आगे चलकर के इंटरनेट का नाम दिया गया। इसका निर्माण करने के लिए अमेरिका देश में मौजूद तब की 4 यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर को आपस में जोड़ने का काम किया गया था।
कुछ जगह पर और इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार इंटरनेट के असली अविष्कारक के तौर पर वह Bob Kahn और Vint Cerf का नाम लिया जाता है। इनके द्वारा ही फ्रेमवर्क का आविष्कार किया गया था जिसका इस्तेमाल वर्तमान समय में लोग करते हैं।
इनके द्वारा ही जो इंटरनेट के लिए नियम बनाए गए उसे ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकोल कहा गया और इनके द्वारा ही बाद में एक अन्य प्रोटोकॉल को जोड़ा गया जिसे इंटरनेट प्रोटोकोल कहा जाता है। वर्तमान के समय में भी हमारे द्वारा जिस इंटरनेट का इस्तेमाल किया जा रहा है, उसमें ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकोल और इंटरनेट प्रोटोकोल का इस्तेमाल हो रहा है।
इंटरनेट का निर्माण कैसे होता है?
इंटरनेट तैयार करने के लिए अर्थात इंटरनेट का निर्माण करने के लिए जो प्रक्रिया होती है वह काफी लंबी होती है जिसे शब्दों में बता पाना मुश्किल है। इसलिए हम आपको संक्षेप में यह बता रहे हैं कि आखिर इंटरनेट कैसे बनाया जाता है।
इंटरनेट क्रिएट करने के लिए सबसे पहले डेटाबेस को सरवर में स्थापित करने पर काम किया जाता है और जब सही प्रकार से डाटाबेस सर्वर में स्थापित हो जाता है तो उसके पश्चात ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकोल और इंटरनेट प्रोटोकोल टेक्नोलॉजी की सहायता से फाइबर केबल के द्वारा इन सर्वर को आपस में जोड़ दिया जाता है।
फाइबर केबल के द्वारा सर्वर को आपस में कनेक्ट कर देने के पश्चात दुनिया के दूरदराज के इलाके में जो बड़े सरवर मौजूद है, उन्हें भी फाइबर केबल के द्वारा कनेक्ट करने पर काम किया जाता है और इस प्रकार से इंटरनेट का फंदा अर्थात इंटरनेट का जाल बन करके रेडी हो जाता है।
बता दें कि इंटरनेट प्रोवाइड करने वाली बड़ी-बड़ी कंपनियों के द्वारा ऑप्टिकल फाइबर केबल को दुनिया भर के अंदर मौजूद गहरे समुद्र में बिछाने का काम किया जाता है और इनकी निगरानी के लिए हमेशा इंजीनियर को तैयार करके रखा जाता है ताकि वह किसी भी प्रकार की खराबी आने पर उसे ठीक कर सके।
हमारे देश में इस प्रकार का काम फिलहाल वर्तमान के समय में टाटा कम्युनिकेशन के द्वारा किया जा रहा है। टाटा कम्युनिकेशन के द्वारा ऑप्टिकल केबल समुद्र में बिछाया जाना शुरू कर दिया गया है। इन्हीं ऑप्टिकल केबल के द्वारा डाटाबेस राउटर के माध्यम से हमारे कंप्यूटर से वायरलेस तरीके से जुड़ जाता है जिसके पश्चात हम इंटरनेट ऑपरेट कर सकते हैं।
इंटरनेट के प्रकार (Types of Internet in Hindi)
इंटरनेट एक पब्लिक नेटवर्क होता है। इसीलिए इसका इस्तेमाल किसी भी व्यक्ति के द्वारा किया जा सकता है परंतु इसके लिए उसे कुछ आवश्यक चार्ज इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर कंपनी को देना होता है। यहां पर बता दे की इंटरनेट के टोटल 2 प्रकार उपलब्ध है जिसके बारे में आइए जानकारी प्राप्त करते हैं।
Intranet
यह एक प्रकार का प्राइवेट इंटरनेट नेटवर्क होता है जिसका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर कंपनियों के द्वारा किया जाता है। कंपनियां इसका इस्तेमाल इसलिए करती है ताकि वह सुरक्षित तौर पर अपने कंप्यूटर को इंटरनेट से कनेक्ट कर सके। हालांकि इस प्रकार के इंटरनेट का इस्तेमाल बिना यूजर नेम और पासवर्ड के द्वारा आप नहीं कर सकते हैं। इस नेटवर्क का इस्तेमाल कोई भी बाहरी व्यक्ति नहीं कर सकता है। जो लोग सुरक्षित तौर पर डाटा ट्रांसफर करना चाहते हैं वहीं अधिकतर इंटरानेट नेटवर्क का इस्तेमाल करते हैं।
Extranet
पब्लिक इंटरनेट की सहायता से एक ब्रांच से दूसरे ब्रांच में कनेक्ट होने वाला यह एक प्रकार का प्राइवेट नेटवर्क होता है। किसी भी यूजर के द्वारा अगर इस प्राइवेट नेटवर्क का इस्तेमाल किया जाता है तो इसके लिए उसके पास यूजर नेम और पासवर्ड होना चाहिए क्योंकि यहां पर इसका इस्तेमाल करने के लिए यूजर नेम और पासवर्ड के द्वारा ही लॉगइन हुआ जाता है।
इंटरनेट के उपयोग?
इंटरनेट की उपयोगिता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि वर्तमान के समय में लोगों के द्वारा इंटरनेट पर बड़े पैमाने पर अलग-अलग कामों को किया जा रहा है। हमारे रोजमर्रा के ऐसे कई काम है जिन्हें करने के लिए हम इंटरनेट पर ही डिपेंड होते हैं।
इसलिए तो जब कभी भी गवर्नमेंट के द्वारा किसी भी सिचुएशन में इंटरनेट बंद कर दिया जाता है, तब काफी हल्ला होने लगता है और लोग जल्द से जल्द इंटरनेट को फिर से शुरू करने पर सरकार को जोर देने लगते हैं।
दुनिया की जानकारी पाने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल
दुनिया के कौन से देश में कौन सी घटना हो रही है, इन सभी चीजों की जानकारी आपको इंटरनेट से आसानी से प्राप्त हो जाती है। अपने देश या फिर अपने आस-पड़ोस अथवा विदेशों की भी खबर पाने के लिए आप इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकते हैं।
क्योंकि इंटरनेट पर विभिन्न मीडिया संस्थानों की वेबसाइट उपलब्ध होती है, जिन पर आप विजिट कर सकते हैं और वहां से अलग-अलग फील्ड से संबंधित जानकारी घर बैठे बैठे विस्तार से प्राप्त कर सकते हैं।
ऑनलाइन कमाई करने में इंटरनेट का इस्तेमाल
इंटरनेट की वजह से ही कई लोग अपने घर बैठे बैठे ही ऑनलाइन कमाई कर रहे हैं। इसी के द्वारा लोग ब्लॉगिंग करके कमाई कर रहे हैं, एफिलिएट मार्केटिंग के द्वारा कमाई कर रहे हैं, यूट्यूब पर वीडियो बनाकर कमाई कर रहे हैं, छोटे वीडियो बनाकर के कमाई कर रहे हैं और फ्रीलांस से संबंधित कई कामों को अंजाम देकर के आसानी से घर बैठे कमाई कर रहे हैं।
यहां तक कि लोग अपने पास मौजूद आइटम को भी फ्लिपकार्ट, अमेजॉन जैसी वेबसाइट के द्वारा बेचकर के इनकम कर रहे हैं। महिलाओं के लिए भी इंटरनेट घर बैठे पैसे कमाने का एक बेहतरीन जरिया साबित हुआ है।
ऑनलाइन बुकिंग में इंटरनेट का इस्तेमाल
पहले जहा किसी भी जगह पर जाने के लिए अगर आपको ट्रेन या फिर हवाई जहाज से जाने की आवश्यकता होती थी, तो आपको इनके टिकट की बुकिंग करवाने के लिए या तो रेलवे स्टेशन या फिर एयरपोर्ट जाना पड़ता था, परंतु इंटरनेट के आ जाने की वजह से यह सभी झंझट आपको पाने की अब बिल्कुल भी आवश्यकता नहीं होती है।
इसके लिए बस आपको किसी भी मल्टी सर्विस प्रोवाइड करवाने वाली वेबसाइट अथवा एप्लीकेशन का इस्तेमाल करना होता है। आप उनके द्वारा सरलता से ट्रेन, बस या फिर एरोप्लेन की टिकट की बुकिंग कर सकते हैं। Paytm, phonpe, freecharge, mobikwik, ixigo, myredbus, irctc app जैसी कई ऐसी एप्लीकेशन है जो आपको यह सुविधा बिल्कुल मुफ्त में ऑफर करती है।
इसके अलावा आप अपने रोजमर्रा के कामों में आने वाली चीज जैसे कि गैस की बुकिंग भी कर सकते हैं। इस प्रकार से इंटरनेट ने टिकट लेने के लिए लगने वाली लंबी लाइनों से भी लोगों को छुटकारा दिलाया है।
इंटरनेट का इस्तेमाल बैंकिंग में
जहां पहले आपको किसी भी प्रकार के बैंकिंग से संबंधित कामों के लिए ऑफलाइन बैंक की ब्रांच को विजिट करना पड़ता था, वहीं अब आपको इंटरनेट की वजह से ही इस समस्या से भी छुटकारा मिल गया है। बैंकों से संबंधित कई काम अब आप घर बैठे ही कर सकते हैं।
इसके लिए बस आपके मोबाइल में अथवा डिवाइस में अपने बैंक की बैंकिंग एप्लीकेशन होनी चाहिए या फिर आपके पास अपने बैंक की नेट बैंकिंग होनी चाहिए।
इसके पश्चात आप इंटरनेट के द्वारा आसानी से बैंकिंग एप्लीकेशन या फिर नेट बैंकिंग के द्वारा अपने बैंक से संबंधित कई कामों को ऑनलाइन ही निपटा सकते हैं। इससे आपको ना तो बैंक में लंबी लगाई लगाने की आवश्यकता होगी, ना ही बैंक में जाने आने के लिए भाड़ा खराब करने की जरूरत होगी।
कम्युनिकेशन में इंटरनेट का इस्तेमाल
इंटरनेट की उपलब्धता अधिक से अधिक हो जाने की वजह से अब कम्युनिकेशन करना काफी आसान हो गया है। इसलिए तो लोगों के द्वारा बड़े पैमाने पर विभिन्न सोशल मीडिया एप्लीकेशन का इस्तेमाल अपने घर पर ही रह करके दूसरे लोगों तक अपनी बात ऑडियो, वीडियो, फोटो या फिर शब्द के फॉर्मेट में पहुंचाने के लिए किया जा रहा है।
यह इंटरनेट का कमाल ही है कि आज हम संचार के तरीके का इस्तेमाल करके सिर्फ अपने देश या फिर अपने आसपास के लोगों से ही नहीं बल्कि दुनिया के किसी भी देश के किसी भी कोने में बैठे हुए व्यक्ति से लाइव वीडियो कॉल के द्वारा उसकी शक्ल देख कर के बात कर सकते हैं।
और एक दूसरे की पल-पल की खबरों से अपडेट भी रह सकते हैं। इंटरनेट ने हीं रिश्तो की दूरियों को कम करने में काफी महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
एजुकेशन की फील्ड में इंटरनेट का इस्तेमाल
इंटरनेट ने एजुकेशन की फील्ड में काफी बड़ी क्रांति लाई है। यह इंटरनेट के कारण ही पॉसिबल हो पाया है कि जहां लॉकडाउन में दुनिया के कई देशों के विद्यार्थियों की पढ़ाई खराब हो गई थी, वहीं इंटरनेट की वजह से हमारे देश के कई स्कूलों के विद्यार्थियों ने घर बैठे ही अपने मोबाइल अथवा कंप्यूटर से अपनी पढ़ाई करना जारी रखा। इसकी वजह से उनका साल बर्बाद नहीं हुआ।
इसके अलावा विद्यार्थियों को इंटरनेट के द्वारा ही विभिन्न प्रकार के वीडियो क्लास, ट्यूटोरियल इत्यादि चीजें ऑनलाइन मिल जा रही है जिसके द्वारा वह घर बैठे ही शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। डिस्टेंस एजुकेशन की फील्ड में भी इंटरनेट काफी बेहतरीन काम कर रहा है।
एजुकेशन की फील्ड में इंटरनेट सिर्फ विद्यार्थियों के लिए ही उपयोगी साबित नहीं हो रहा है बल्कि यह शिक्षकों के लिए भी अत्यंत काम का साबित हो रहा है क्योंकि शिक्षक भी इसके द्वारा घर बैठे विद्यार्थियों को ट्यूशन पढ़ा रहे हैं और ऑनलाइन कमाई भी कर रहे हैं।
इंटरनेट पर ऐसे कई एजुकेशन प्लेटफार्म जैसे कि Unacademy, WhiteHat JR, Vedantu, byju’s, Toperr इत्यादि है, जिनके द्वारा विद्यार्थी घर बैठे ही नए कौशल सीख सकते हैं और अपना उज्जवल भविष्य बना सकते हैं।
रिसर्चिंग की फील्ड में इंटरनेट का इस्तेमाल
अगर आपको स्कूल/ कॉलेज से कोई ऐसा काम दिया गया है, जिसके ऊपर आपको और अधिक जानकारी प्राप्त करने की आवश्यकता है या फिर आप किसी चीज पर गहराई से रिसर्च करना चाहते हैं और आपको उस चीज के बारे में गहराई से इनफार्मेशन प्राप्त करनी है तो इसके लिए भी इंटरनेट आपके लिए सहायक साबित हो सकता है।
अगर यही सब चीजें आप ऑफलाइन करते हैं तो आपको उसमें काफी समय लग जाता है, साथ ही आपकी पैसे की भी बर्बादी होती है परंतु यही सब चीजें अगर आप इंटरनेट के द्वारा करते हैं तो बिल्कुल मुफ्त में और काफी कम समय में ही आपको अपने सब्जेक्ट पर आधारित कई इंफॉर्मेशन अलग-अलग जरिए से प्राप्त हो जाती है।
इसके लिए बस व्यक्ति को जिस चीज के ऊपर जानकारी चाहिए उस चीज के कीवर्ड को इंटरनेट पर डालकर सर्च करना होता है। अगर वह चीज हिंदी भाषा में उपलब्ध होती है तो हिंदी भाषा में और अगर अंग्रेजी भाषा में होती है तो अंग्रेजी भाषा में आपको प्राप्त होती है।
बिल पेमेंट में इंटरनेट का उपयोग
यह इंटरनेट के कारण ही संभव हो पाया है कि अब आपको अपने गैस का बिल, बिजली का बिल अथवा पानी का बिल भरने के लिए इनसे संबंधित ऑफिस में जाने की बिल्कुल भी आवश्यकता नहीं है, ना ही आपको लाइन लगाने की आवश्यकता है।
क्योंकि अब इंटरनेट का इस्तेमाल करके आप विभिन्न एप्लीकेशन के द्वारा घर बैठे ही बिजली, पानी और गैस बिल की पेमेंट कर सकते हैं। कुछ ऐसे प्लेटफार्म भी उपलब्ध है जो आपको बिजली, पानी और गैस बिल की पेमेंट करने के बदले में कैशबैक भी ऑफर करते हैं। इस प्रकार से आपको एक्स्ट्रा फायदा भी प्राप्त हो जाता है।
जॉब सर्च करने में इंटरनेट का इस्तेमाल
देश में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है, उस पर भी बड़ी समस्या यह है कि जो लोग वास्तव में पढ़े लिखे हैं और जिनके अंदर योग्यता है उन्हें इसके बावजूद भी नौकरी नहीं मिल पाती है। ऐसे में वह लोग इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकते हैं।
इंटरनेट पर कई जॉब सर्च पोर्टल और जॉब सर्च एप्लीकेशन मौजूद है, जहां पर अपना अकाउंट बनाकर के साथ ही अपना बायोडाटा अपलोड करके आप घर बैठे ही नौकरी के ऑफर प्राप्त कर सकते हैं।
इस प्रकार से इंटरनेट कहीं ना कहीं देश में बेरोजगारी की दर में भी कमी लाने का काम कर रहा है, क्योंकि इंटरनेट के द्वारा लोग अपना पसंदीदा जॉब ढूंढने में कामयाबी हासिल कर रहे हैं। indeed, naukri.com, ZipRecruiter, Glassdoor, Monster, Hired, Naukri Recruiter, cord जैसे कई प्लेटफार्म है, जो लोगों को ऑनलाइन जॉब ढूंढने में सहायक हो रहे हैं।
ऑनलाइन फ्रेंड बनाने में इंटरनेट का इस्तेमाल
देश और दुनिया के नए लोगों के साथ दोस्ती करने के लिए इंटरनेट कई लोगों के लिए काम का साबित हो रहा है। इसके लिए सोशल मीडिया एप्लीकेशन अथवा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया जाता है जो कि इंटरनेट पर ही चलते हैं। इस प्रकार से इंटरनेट लोगों के अकेलेपन को दूर करने का काम भी कर रहा है, क्योंकि इसके द्वारा वह नए लोगों से दोस्ती कर रहे हैं, उनके साथ बातचीत कर रहे हैं।
इंटरटेनमेंट के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल
इंटरनेट की वजह से ही लोग अपनी बोरियत को दूर करने के लिए और एंटरटेनमेंट की प्राप्ति के लिए विभिन्न इंटरटेनमेंट प्राप्त कर पा रहे हैं। आपको चाहे किसी भी प्रकार का कॉमेडी वाला वीडियो देखना हो या फिर कोई ऑडियो सुनना हो, इन सभी कामों के लिए आप इंटरनेट पर सर्च कर सकते हैं।
ऐसे लोग जो गेम खेलना पसंद करते हैं, वह इंटरनेट के जरिए विभिन्न प्रकार की गेम ऑनलाइन खेल सकते हैं अथवा इंटरनेट की सहायता से ही अपने मोबाइल अथवा कंप्यूटर या फिर डेस्कटॉप में गेम्स को डाउनलोड भी कर सकते हैं। इस प्रकार से इंटरटेनमेंट के द्वारा लोगों का मूड फ्रेश हो जाता है और यह काम इंटरनेट की वजह से ही संभव हो पा रहा है।
बिजनेस मीटिंग में इंटरनेट का यूज
अपने बिजनेस को किस प्रकार से आगे ले जाना है, कंपनी के कौन से कर्मचारी को क्या समस्या है, कंपनी की तरक्की के लिए कौन से कर्मचारी के पास क्या आईडिया है। इन सभी बातों के बारे में पता करने के लिए अब बिजनेस कंपनी के द्वारा इंटरनेट का इस्तेमाल करके ऑनलाइन मीटिंग का आयोजन विभिन्न प्लेटफार्म और एप्लीकेशन की सहायता से किया जा रहा है।
शॉपिंग के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल
घर बैठे किसी भी प्रकार के सामान को ऑनलाइन शॉपिंग के द्वारा बुक करके अपने घर पर मंगाने के लिए भी इंटरनेट होना आवश्यक है। यह सुविधा ऐसे लोगों के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित हो रही है, जिनके पास बाहर जाकर का शॉपिंग करने का समय नहीं है।
इंटरनेट के प्रचलित होने की वजह से अब ऑनलाइन शॉपिंग करना काफी आसान हो गया है। जहां एक तरफ ऑफलाइन मार्केट में आपको दुकानदार के द्वारा कुछ ही चीजें दिखाई जाती है, वही इंटरनेट के द्वारा आप ऑनलाइन शॉपिंग के अंतर्गत जितनी चाहे उतनी बार अपनी पसंदीदा चीज को सर्च कर सकते हैं और उसे बार-बार देखने के बाद संतुष्ट होने के बाद खरीदारी कर सकते हैं।
फाइल डाउनलोडिंग/अपलोडिंग के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल
अगर आप किसी भी प्रकार की फाइल को डाउनलोड करना चाहते हैं तो इसके लिए भी इंटरनेट का इस्तेमाल किया जा सकता है, क्योंकि इंटरनेट के ऊपर ऐसी तमाम वेबसाइट उपलब्ध है, जहां से आप अपनी पसंदीदा फाइल को डाउनलोड कर सकते हैं।
वहीं अगर आप अपने पास मौजूद किसी भी फाइल को इंटरनेट पर अपलोड करना चाहते हैं तो यह सुविधा भी आपको प्राप्त हो जाती है। बेहतरीन इंटरनेट स्पीड होने पर आप की फाइल तेजी से डाउनलोड अथवा अपलोड हो जाती है।
इंटरनेट के फायदे?
इंटरनेट से हम इंसानों को कितने फायदे होते हैं, इसके बारे में किसी भी व्यक्ति को बताने की बिल्कुल भी आवश्यकता नहीं है। हालांकि इसके बावजूद भी हमें इंटरनेट के एडवांटेज अथवा इंटरनेट के लाभ के बारे में अवश्य ही जानकारी रखनी चाहिए क्योंकि यह जानकारी कहीं न कहीं हमारे लिए अवश्य ही काम की साबित होती है।
अपने विचार प्रकट कर सकते हैं।
अपनी राय को प्रस्तुत करने के लिए अथवा अपनी बात लोगों तक पहुंचाने के लिए या फिर अपने टैलेंट को दुनिया के सामने प्रस्तुत करने के लिए और उसे देश विदेश में फैलाने के लिए भी इंटरनेट का इस्तेमाल किया जा सकता है।
दवाई की बुकिंग कर सकते हैं।
कोई दवाई अगर आपके आसपास के इलाके में नहीं मिल पा रही है तो आप ऑनलाइन विभिन्न मेडिसिन बुकिंग एप्लीकेशन के द्वारा आसानी से उस दवाई की बुकिंग कर सकते हैं और उसे कुछ ही दिनों में अपने घर बैठे ही प्राप्त कर सकते हैं।
नौकरी सर्च कर सकते हैं।
अगर आप बेरोजगार हैं और अपने लिए कोई नौकरी ढूंढ रहे हैं तो आप इंटरनेट के द्वारा अलग-अलग जॉब सर्च पोर्टल की सहायता से अपनी पढ़ाई के हिसाब से नौकरी ढूंढ सकते हैं। इसके अलावा अगर आप गवर्नमेंट नौकरी की तैयारी कर रहे हैं तो इंटरनेट ही आपको यह बताता है कि कौन से राज्य में कौन सी गवर्नमेंट नौकरी निकली हुई है।
टिकट बुकिंग और अन्य ऑनलाइन कामों के लिए
इंटरनेट का फायदा आपको यह भी मिलता है कि पहले जहां टिकट बुक करने के लिए, रिचार्ज करने के लिए या फिर बिल पेमेंट करने के लिए अथवा शॉपिंग करने के लिए आपको ऑफलाइन प्रक्रिया पर अमल करना पड़ता था, वहीं अब यही सब काम आप आसानी से ऑनलाइन कर पाते हैं और सरलता से रिचार्ज कर पाते हैं, बिल की पेमेंट कर पाते हैं, शॉपिंग कर सकते हैं, टिकट की बुकिंग कर सकते हैं।
प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए
अगर आप किसी प्रतियोगी एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं परंतु आपके पास कोचिंग के लिए पैसे नहीं है तो आप इंटरनेट के द्वारा घर बैठे ही ऑनलाइन कोचिंग बिल्कुल मुफ्त में प्राप्त कर सकते हैं और प्रतियोगी एग्जाम को क्लियर करके अपने सपनों की मंजिल को हासिल कर सकते हैं।
कोई भी जानकारी हासिल करें।
आपको किसी भी प्रकार की जानकारी ऑडियो, वीडियो, फोटो या फिर शब्द के फॉर्मेट में प्राप्त करनी है तो बस आपको अपने डिवाइस में डाटा कनेक्शन ऑन करने के बाद संबंधित जानकारी को गूगल पर सर्च करना है। ऐसा करने से तुरंत ही जानकारी आपकी स्क्रीन पर प्रकट हो जाएगी।
कम समय में अधिक चीजें सीखें।
कम समय में अधिक से अधिक चीजों को बिल्कुल मुफ्त में सीखने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह इंटरनेट का बहुत ही बड़ा फायदा माना जाता है।
फ्रेंड से कनेक्टेड रहने के लिए
अपने दोस्तों के साथ वीडियो कॉल करने के लिए, दोस्तों को फाइल भेजने के लिए, ऑडियो के द्वारा बातचीत करने के लिए या फिर फोटो भेजने अथवा प्राप्त करने के लिए इंटरनेट के जरिए आप मैसेजिंग एप्लीकेशन का इस्तेमाल कर सकते हैं और अपने दोस्तों के साथ ऑनलाइन कनेक्टेड रह सकते हैं। इस प्रकार से इंटरनेट ने रिश्तो के बीच दूरियों को भी कम करने का काम किया है।
वीडियो कॉलिंग कर सकते हैं
इंटरनेट के द्वारा वीडियो कॉलिंग करना संभव हो पाया है। ऐसे में अगर आप किसी व्यक्ति से फेस टू फेस बात करना चाहते हैं, तो आप वीडियो कॉलिंग कर सकते हैं। इसके लिए विभिन्न वीडियो कॉलिंग एप्लीकेशन गूगल प्ले स्टोर पर और इंटरनेट पर मौजूद है।
गवर्नमेंट योजना का पता लगता है
सरकार के द्वारा कौन सी कल्याणकारी योजना चलाई जा रही है और कौन सी कल्याणकारी योजना लॉन्च की जाने वाली है, इन सभी योजनाओं की जानकारी आपको इंटरनेट से प्राप्त हो जाती है। खास बात यह है कि योजना की जानकारी आपको अपनी मातृभाषा में ही मिल जाती है ताकि आप योजना का लाभ लेने के लिए पात्रताओं की जानकारी प्राप्त कर सकें।
समाचारों से अपडेटेड रहने के लिए
अपने राज्य में, अपने जिले में, अपने आस-पड़ोस में देश और दुनिया में कौन सी घटना घटित हो रही है इन सभी की जानकारी से अप टू डेट रहने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल किया जा सकता है।
फिल्म/गाना/वीडियो डाउनलोड करने के लिए
किसी भी प्रकार की फिल्म को डाउनलोड करने के लिए, गाने को डाउनलोड करने के लिए अथवा किसी भी प्रकार के वीडियो को डाउनलोड करने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल किया जा सकता है। इंटरनेट के पास अरबों की संख्या में वीडियो, गाने और फिल्में मौजूद हैं।
इंटरटेनमेंट प्राप्त कर सकते हैं
अगर आप बोरियत महसूस कर रहे हैं तो इंटरनेट आपका मनोरंजन भी करवा सकता है। इसके लिए बस आपको इंटरनेट ओपन करना है और जिस प्रकार का मनोरंजन आप करना चाहते हैं उस मनोरंजन को सर्च करना है। अगले ही पल आपकी स्क्रीन पर रिजल्ट आ जाता है।
घर बैठे पिक्चर देख सकते हैं
अगर आपके पास बड़े सिनेमा हॉल में जाकर फिल्म देखने के पैसे नहीं है या फिर आप घर से बाहर जाकर फिल्में देखने के शौकीन नहीं है, तो आप घर बैठे ही इंटरनेट की सहायता से आसानी से फिल्म देख सकते हैं। इसके लिए आप चाहे तो यूट्यूब का इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर इंटरनेट पर मौजूद विभिन्न वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म अथवा मूवी अपलोडिंग वेबसाइट का इस्तेमाल किया जा सकता है।
इंटरनेट से पैसा कमा सकते हैं
पैसे कमाने के लिए अब आपको घर से बाहर जाने की आवश्यकता नहीं है। इंटरनेट पर ही ऐसे कई काम उपलब्ध हो गए हैं जिसके द्वारा आप सरलता से पैसे कमा सकते हैं। यह जो आर्टिकल लिखा गया है इसे एक कंटेंट राइटर ने लिखा है जिसके बदले में उसे पेमेंट दी गई है। इसी प्रकार के अन्य काम इंटरनेट पर मौजूद है।
इंटरनेट के नुकसान?
हर चीज के दो पहलू होते हैं और दोनों ही पहलू के बारे में जानना अति आवश्यक होता है। इसलिए हमारा भी यह फर्ज है कि जिस प्रकार से हमने आपको इंटरनेट के फायदे के बारे में बताया, उसी प्रकार से हम आपको इसके दूसरे पहलू के बारे में जानकारी दें, जो है इंटरनेट के नुकसान क्या है अथवा इंटरनेट की हानि क्या है।
समय बर्बाद होता है।
बिना किसी काम के नेट का इस्तेमाल करने से आपका कीमती समय बर्बाद होता है, क्योंकि जब आप एक बार इंटरनेट ओपन कर लेते हैं तब आपको वहां पर ऐसी ऐसी चीजें दिखाई देती है जिसकी वजह से आपको इंटरनेट से बाहर आने का मन ही नहीं करता है और इसकी वजह से आपके कई अन्य आवश्यक काम आप समय पर पूरे नहीं कर पाते हैं।
पैसे खर्च होते हैं।
इंटरनेट का इस्तेमाल हम फ्री में नहीं कर सकते हैं और इस बात से आप भली-भांति परिचित भी होंगे। इंटरनेट चलाने के लिए हमें इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर कंपनी के विभिन्न प्लान की खरीदारी करनी होती है जिनमें से कुछ प्लान महीने के होते हैं तो कुछ प्लान सालाना होते हैं। अलग-अलग कंपनी के प्लान की कीमत भी अलग-अलग होती है। इसलिए इंटरनेट चलाने से हमारी जेब पर भी असर पड़ता है।
सिक्योरिटी को खतरा होता है
इंटरनेट का इस्तेमाल करने से हमारी सिक्योरिटी को काफी बड़े पैमाने पर खतरा होता है, क्योंकि जिस प्रकार से इंटरनेट पर अच्छे लोग हैं उसी प्रकार से इंटरनेट पर बुरे लोग भी हैं, जिन्हें साइबर क्रिमिनल कहा जाता है। इनके द्वारा यूजर के डाटा को चुराने का प्रयास किया जाता है और उसका गलत इस्तेमाल किया जाता है।
बैंक अकाउंट हैक हो सकता है
अक्सर इस प्रकार की खबरें आती रहती है कि किसी व्यक्ति के साथ इंटरनेट पर धोखाधड़ी हो गई। ऐसे में यह भी इंटरनेट का एक बड़ा नुकसान होता है। भोले भाले मासूम लोग किसी व्यक्ति के बहकावे में आकर उसे ऑनलाइन अपने बैंक अकाउंट से संबंधित जानकारियों को दे देते है, जिसके पश्चात उनके बैंक अकाउंट से साइबर अपराधियों के द्वारा अमाउंट निकाल लिया जाता है।
सही और गलत जानकारी उपलब्ध होती है
इंटरनेट पर जहां सही इंफॉर्मेशन प्राप्त होती है वही इंटरनेट पर ऐसी भी कई वेबसाइट और ब्लॉग हैं जहां पर गलत और बेबुनियाद इंफॉर्मेशन भी दी जाती है और अक्सर इस प्रकार की इंफॉर्मेशन पर भरोसा करना व्यक्ति के लिए नुकसानदायक साबित हो जाता है और व्यक्ति के मन में कंफ्यूजन में पैदा हो जाती है।
डिवाइस में वायरस इंटर करने का खतरा होता है
ऐसे कई खतरनाक वायरस है, जो अगर आपके मोबाइल में या फिर आपके लैपटॉप, डेस्कटॉप में इंटरनेट के द्वारा आ जाते हैं तो इससे आपके कंप्यूटर या फिर आपके मोबाइल में हैंगिंग की समस्या उत्पन्न हो जाती है और ऐसे वायरस कंप्यूटर अथवा डिवाइस के सिस्टम को बिगाड़ने का भी प्रयास करते हैं।
भारत में इंटरनेट सर्विस प्रदाता कंपनी
हमारे देश में अलग-अलग कंपनियों के द्वारा अपने यूजर को इंटरनेट इस्तेमाल करने की सुविधा दी जाती है। हालांकि इसके लिए कंपनी के द्वारा जो प्लान बनाए गए हैं, उसे खरीदने की आवश्यकता यूजर को होती है। प्लान की कीमत इंटरनेट की स्पीड और इंटरनेट की साइज के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है। नीचे आपको भारत की प्रमुख इंटरनेट सर्विस प्रोवाइड करने वाली कंपनी की लिस्ट दी जा रही है।
- Jio (29.45%)
- BSNL (26.45%)
- Airtel (24.27%)
- Tata Teleservices (5.86%)
- Vi (2.65%)
- RCom (0.58%)
विदेशों में इंटरनेट सर्विस प्रदाता कंपनी
विदेशों में भी इंटरनेट की सुविधा देने वाली अलग-अलग कंपनियां मौजूद है, जिनमें से प्रमुख कंपनियों के नाम निम्नानुसार है।
- AT&T Internet Services
- Spark light
- Lumen Technologies
- Charter Communications
- Comcast High Speed Internet
- Consolidated Communications
- Cox Communications
- Frontier Communications
तो दोस्तों आशा करते हैं की अब आपको इंटरनेट और उससे जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी मिल चुकी होगी, और आप जान गये होगे की इंटरनेट क्या है? (What is Internet in Hindi)
FAQ:
ANS: Advanced Research Projects Agency Network
ANS: यह वाइड एरिया नेटवर्क होता है।
इंटरनेट शब्द का निर्माण इंटर और नेटवर्क जैसे 2 शब्दों को मिलाकर के किया गया है। इसमें से इंटर का मतलब होता है एक दूसरे के साथ आपस में कनेक्टेड और नेटवर्क का मतलब होता है जाल। इस प्रकार से इंटरनेट को अंतरजाल भी कहा जाता है।
इसके अलावा इंटरनेट को वाइड एरिया नेटवर्क भी कहा जाता है। यही वह नेटवर्क है जिसके द्वारा दुनियाभर में जितने भी लोगों के द्वारा कंप्यूटर इस्तेमाल किया जाता है उन सभी लोगों के कंप्यूटर और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस एक दूसरे के साथ आपस में कनेक्टेड होते हैं।
ANS: इंटरनेट को अंतरजाल कहते हैं। इसके दो प्रकार हैं, Intranet , Extranet
ANS: इंटरकनेक्टेड नेटवर्क
ANS: Tim Berners-Lee के द्वारा 1991 में इंटरनेट पर पहले वेबसाइट बनाई गई थी, जिसका नाम http://info.cern.ch/ था और इसका मुख्य पेज http://info.cern.ch/hypertext/WWW/TheProject.html है।
इंटरनेट की हिस्ट्री अर्थात इंटरनेट के इतिहास के बारे में चर्चा की जाए तो साल 1969 में चार यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर को आपस में कनेक्ट करके ARPANET नाम का एक नेटवर्क बनाया गया था और इसे स्थापित किया गया था। इसका निर्माण मुख्य तौर पर अमेरिकन गवर्नमेंट के द्वारा अमेरिकन सेना के लिए करवाया गया था।
इंटरनेट पर पहली वेबसाइट साल 1991 में 6 अगस्त के दिन बनाई गई थी। हालांकि उसके तकरीबन 4 सालों तक हमारे देश में इंटरनेट उपलब्ध नहीं हो पाया था, क्योंकि शायद किसी को भी इस चीज के बारे में पता ही नहीं था।
इंटरनेट से हम इंसानों को कितने फायदे होते हैं, इसके बारे में किसी भी व्यक्ति को बताने की बिल्कुल भी आवश्यकता नहीं है। हालांकि इसके बावजूद भी हमें इंटरनेट के एडवांटेज अथवा इंटरनेट के लाभ के बारे में अवश्य ही जानकारी रखनी चाहिए क्योंकि यह जानकारी कहीं न कहीं हमारे लिए अवश्य ही काम की साबित होती है।
अक्सर काफी लोगों के द्वारा बड़े पैमाने पर यह कीवर्ड सर्च किया जाता है कि आखिर इंटरनेट का मालिक कौन है अथवा इंटरनेट का फाउंडर कौन है। किसी भी चीज का कोई ना कोई मालिक अवश्य होता है परंतु जब बात इंटरनेट के मालिक के बारे में आती है तो इसका जवाब यही होता है कि इंटरनेट का मालिक कोई भी नहीं है।
यह काम साल 1967 में उस समय चालू हुआ था जब शीत युद्ध में अमेरिकन आर्मी भाग ले रही थी। साइंटिस्ट और इंजीनियर ने काफी मेहनत करके एडवांस रिसर्च प्रोजेक्ट एजेंसी नेटवर्क नाम के एक नेटवर्क की शुरुआत की जिसे आगे चलकर के इंटरनेट का नाम दिया गया। इसका निर्माण करने के लिए अमेरिका देश में मौजूद तब की 4 यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर को आपस में जोड़ने का काम किया गया था।
इंटरनेट पर जितनी भी वेबसाइट उपलब्ध है, उन सभी का अपना डोमेन नेम होता है। अगर आप भी कभी इंटरनेट पर अपनी खुद की वेबसाइट बनाते हैं तो आपको अपनी वेबसाइट के लिए डोमेन नेम लेना आवश्यक होता है।
इंटरनेट चलाने के लिए आपके पास एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होना चाहिए। यह इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस कोई स्मार्टफोन हो सकता है या फिर कोई आईफोन हो सकता है अथवा कंप्यूटर, लैपटॉप, डेस्कटॉप, टेबलेट या फिर आईपैड भी हो सकता है।
इन डिवाइस को प्राप्त करने के बाद आपको इन डिवाइस में इनबिल्ट गूगल क्रोम ब्राउजर या फिर किसी भी अन्य ब्राउज़र को ओपन करना होता है और उसके बाद दिखाई दे रहे सर्च बॉक्स पर क्लिक करके आपको जिस चीज को सर्च करना है उस चीज के कीवर्ड को दर्ज करके सर्च बटन दबानी होती है।
दोस्तों इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको समझ में आ गया होगा कि इंटरनेट क्या है? यदि आपने हमारा यह आर्टिकल अच्छी तरह से पढ़ लिया है तो अब आपको के बारे में पूरा ज्ञान प्राप्त हो चुका है, हमें उम्मीद है कि आप हमारा आर्टिकल पसंद आया होगा.
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Or bhai kya hal hai
Im Vishal kumar gupta
ImBeginner.in se
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