OTP क्या है? One Time Password क्या होता है? पूरी जानकारी! आज की इस डिजिटल दुनिया में हमारे सारे काम ऑनलाइन हो रहे हैं, हम घर बैठे शॉपिंग कर रहे हैं घर बैठे खाना ऑर्डर कर रहे हैं घर बैठे बैंक टू बैंक ट्रांजैक्शन कर रहे हैं, लेकिन हमारे यह सभी कार्य OTP के कारण सुरक्षित और आसानी से हो जाते हैं।
इसके अलावा जब भी हम अपना कहीं वेरिफिकेशन करते हैं तो हमसे OTP मांगा जाता है या जब किसी वेबसाइट पर हम अपना प्रोफाइल क्रिएट करते हैं तब सारी डिटेल्स डालने के बाद हमसे आखिरी में OTP मांगा जाता है, लगभग ऑनलाइन हो रही सभी गतिविधियों को करने के लिए हर प्लेटफार्म पर हमसे OTP की मांग की जाती है।
हम सभी इसे तो डाल देते हैं लेकिन क्या कभी आपके मन में सवाल आया है कि आखिर, OTP क्या है?, ये कैसे काम करता है, इसे इस्तेमाल करने के क्या फायदे हैं या इसका इस्तेमाल क्यों किया जाता है।
अगर आपके मन में भी ऐसे कोई भी सवाल है तो आप हमारे आज के पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें क्योंकि यहां पर हम आपको OTP से जुड़ी सभी जानकारी विस्तार से प्रदान करने वाले हैं। तो चलिए देखते हैं की आख़िर यह OTP क्या है?
OTP क्या है? (What is OTP in Hindi)
एक तरह का सिक्योरिटी पासवर्ड होता है जिसे हम डायनेमिक पासवर्ड या फिर वन टाइम पेन के नाम से भी जानते हैं, यह कोड केवल एक बार ही ट्रांजैक्शन के लिए इस्तेमाल किया जाता है दोबारा से आप उसी सेम कोड का इस्तेमाल नहीं कर सकते, इसके साथ ही यह अपने समय सीमा के हिसाब से ही वैलिड होता है, यानी कि समय सीमा खत्म होने के बाद आप इसका इस्तेमाल करते हैं तो उसका कोई फायदा नहीं होगा।
इसका उद्देश्य हमारे अकाउंट को हैक होने से बचाना होता है, और यह auto-generated होता है, इसके अलावा यह हमेशा 4 से 8 अंकों के बीच आता है लेकिन कभी-कभी यह कोड आपको अल्फान्यूमैरिक और न्यूमैरिक में भी देखने को मिल जाता है।
जिस दौरान इंटरनेट का आविष्कार किया गया था तो हम सभी के सामने ऑनलाइन सिक्योरिटी की चुनौती खड़ी हो गई थी, क्योंकि इंटरनेट के कारण हैकिंग और साइबर क्राइम बढ़ गए थे इसी समस्या को हल करते हुए multi-factor authentication, end to end encryption जैसे फीचर्स को लाया गया और उन्हीं में से एक हमारा ओटीपी भी है।
दरअसल बन टाइम पर हमारे बनाए गए पासवर्ड के मुकाबले काफी ज्यादा सिक्योर होता है, हमारे द्वारा क्रिएट किया गया पासवर्ड भी होता है और साथ ही मल्टीपल अकाउंट में इस्तेमाल किया जाता है जिस वजह से हैकर्स आसानी से हमारे पासवर्ड को हैक कर सकते हैं। इसलिए किसी भी ट्रांजैक्शन या एप्लीकेशन को एक्सेस करने के लिए वन टाइम पर बहुत ही सुरक्षित तरीका है।
OTP का फुल फॉर्म क्या है?
इस का फुल फॉर्म one time password या फिर one time pin होता है, यानी कि एक बार इस्तेमाल किया जाने वाला पासवर्ड और जब तक आप इस पासवर्ड को नहीं डालेंगे तब तक लेनदेन की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ेगी, लेकिन ट्रांजैक्शन करने या फिर किसी ऐप में वेरिफिकेशन करने के लिए वन टाइम पासवर्ड आपको आपके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर प्राप्त होगा।
यानी कि आप जिस भी क्षेत्र में लेनदेन करना चाह रहे हैं तो ध्यान रखें कि आपका मोबाइल नंबर उस क्षेत्र से जुड़ा हो तभी आपको वन टाइम पिन मिलेगा। जैसे मान लीजिए आप ऑनलाइन पेमेंट करना चाह रहे हैं तो आपका मोबाइल नंबर आपके बैंक अकाउंट से लिंक होना चाहिए तभी आपके बैंक से ओटीपी आएगा जिसके माध्यम से आप लेनदेन की प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकेंगे।
यह भी पढ़े: UPI Address क्या है? – What Is UPI ID In Hindi
OTP की खोज किसने की?
अगर बात करें कि ओटीपी की खोज किसने की थी तो इसे खोजने का सबसे बड़ा श्रेय Leslie Lamport को दिया जाता है। इन्होंने ही पहली बार 1980 के दशक में ऐसे algorithm का इस्तेमाल किया था जोकि one way function का इस्तेमाल करता है,
इस algorithm के अंतर्गत harsh function और static value का प्रयोग किया गया था और इसे इस तरीके से डिजाइन किया गया था कि कोई भी इसे रिवर्स करके ओरिजिनल वैल्यू की जानकारी ना निकाल सके। आगे चलकर इसी का इस्तेमाल तेजी से होने लगा और अब यह हमारे दैनिक जीवन के कार्यों का हिस्सा बन गया है।
OTP कैसे काम करता है?
जैसा कि आप जानते ही हैं की यह कोड सिस्टम द्वारा ऑटोमेटिक जनरेट होता है, जो कि आपकी डाटा सिक्योरिटी को मजबूत करता है और काफी ज्यादा सिक्योर होता है।
जब भी मनी ट्रांजैक्शन करते वक्त जो ओटीपी आता है उसके बारे में आपके सिवा किसी को जानकारी नहीं होती है, यहां तक कि आप जिस बैंक शाखा का इस्तेमाल कर रहे होते हैं उनके पास भी इसकी कोई जानकारी नहीं होती है, कोड प्राप्त होने पर जब आप उसे डालते हैं, तो वे कोड सिस्टम में जनरेट हुए पासवर्ड से मिल जाता है और तब जाकर आपका कोई ट्रांजैक्शन सक्सेसफुल होता है।
इसे जनरेट करने वाले एल्गोरिदम में 2-input का इस्तेमाल होता है, पहला स्टैटिक वैल्यू जोकि बदलता नहीं है, और जब आप authentication server पर अपना प्रोफाइल क्रिएट करते हैं तभी इसे जनरेट किया जाता है वही दूसरा मूविंग फैक्टर होता है जो कि बदलता रहता है जिस वजह से हमें हर बार एक नया यूनिक कोड प्राप्त होता है।
OTP के प्रकार (Types of OTP in Hindi)
OTP मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है पहला, time based OTP और दूसरा event based OTP, दोनों के बारे में विस्तार से नीचे आपको बताया गया है।
Time based OTP
टाइम बेस्ड जैसे कि नाम से ही पता चल रहा है कि ये वन टाइम पासवर्ड कुछ समय सीमा के मुताबिक वैलिड होगा, मतलब की इसमें moving factor समय पर आधारित होगा।
इसके अंतर्गत जनरेट होने वाले सभी कोड की अपनी अलग एक तय समय सीमा होती है, जिसे Timestep के नाम से भी जाना जाता है और इसके समय की सीमा 30 से 60 सेकंड होती है। यदि आप समय के अंतर्गत कोड नहीं डालते हैं तो वे कोड एक्सपायर हो जाएगा और आपके किसी काम का नहीं होगा।
Event-based OTP (HMAC)
यहां पर सबसे पहले आपको समझना है कि H का मतलब high based message authentication code होता है। इसके अंतर्गत जनरेट होने वाला ओटीपी इवेंट बेस्ट पर आधारित होता है यानी कि इसमें कोई भी समय सीमा नहीं होती है और इसके अंतर्गत जनरेट किया हुआ ओटीपी तब तक के लिए वैलिड होता है जब तक आप कोई दूसरा ओटीपी जनरेट ना करें।
OTP का इस्तेमाल कहां कहां किया जाता है?
आजकल हर जगह पर यूजर्स की सुरक्षा के लिए ओटीपी का इस्तेमाल किया जा रहा है, चाहे फिर वह बैंक हो, कोई ई-कॉमर्स वेबसाइट हो, या सिक्योरिटी से जुड़े काम यह भी इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। आइए विस्तार से जानते हैं कि किन किन जगहों पर इसका इस्तेमाल काफी ज्यादा किया जा रहा है।
सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म
हमारी आज की यूथ सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म जैसे कि इंस्टाग्राम स्नैपचैट फेसबुक व्हाट्सएप आदि का इस्तेमाल काफी ज्यादा कर रही है ऐसे में उनके डाटा की सिक्योरिटी बहुत जरूरी है। इसे ही ध्यान में रखते हुए सभी सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट्स यूजर्स के प्रोफाइल क्रिएट करते वक्त ओटीपी की डिमांड करती है, और जब भी आप अपनी प्रोफाइल में अपने पासवर्ड को बदलते हैं तो भी आपसे ओटीपी कोड की मांग की जाती है और यह कोर्ट आपके उसी नंबर पर आता है जो नंबर आपने प्रोफाइल बनाते वक्त डाला होता है।
ई-कॉमर्स वेबसाइट
ऑनलाइन की सुविधा ने हम सभी को बहुत ही आलसी बना दिया है जब भी हमें शॉपिंग करना होता है तो हम घर बैठे e-commerce website जैसे कि Flipkart Amazon Myntra आदि से शॉपिंग करना पसंद करने लगे हैं लेकिन जब भी हम ऐसी वेबसाइट पर अपना अकाउंट क्रिएट करते हैं तो हमें ओटीपी डालना होता है और साथ ही जब हम इन वेबसाइट से शॉपिंग करते हैं और ऑनलाइन पेमेंट करते हैं उस ट्रांजैक्शन के दौरान भी हमें ओटीपी दर्ज करना होता है।
नया पासवर्ड बनाने के दौरान
हम अपने दैनिक जीवन में बहुत सारे ऐप इस्तेमाल कर रहे हैं ऐसे में कई बार हमें ऐप में पासवर्ड याद नहीं होते तो जब हम कोई पासवर्ड भूल जाते हैं तो हमें दोबारा से उसी एप्लीकेशन पर लॉगइन करके पासवर्ड क्रिएट करने के लिए ओटीपी की जरूरत पड़ती है।
इसके अलावा जब कभी भी हम बहुत दिन बाद किसी वेबसाइट या एप्लीकेशन पर लॉगइन करते हैं तो अकाउंट रीएक्टिवेशन के लिए भी ओटीपी की जरूरत पड़ जाती है।
नया सिम खरीदते दौरान
मान लीजिए आप कोई नया सिम कार्ड खरीदना चाह रहे हैं तो जब कभी भी आप नया सिम कार्ड खरीदते समय ओटीपी की जरूरत पड़ती है जिससे कि सिम कार्ड खरीदने वाले व्यक्ति की पहचान हो सके।
नेट बैंकिंग के दौरान
नेट बैंकिंग को आप इंटरनेट बैंकिंग के नाम से भी जानते हैं दरअसल जब कभी भी हम इंटरनेट बैंकिंग की मदद से अपने खाते से किसी दूसरे के खाते में पैसा भेजना होता है तो पहले हमें एक ऑनलाइन फॉर्म भरना होता है जिसे भरने के बाद ओटीपी आता है, और तब उस वन टाइम पासवर्ड को डालने के बाद ही हमारा किया हुआ ट्रांजैक्शन पूरा होता है। इसके अलावा इंटरनेट बैंकिंग से जुड़े दूसरे काम के लिए भी इस कोड का इस्तेमाल किया जाता है।
अन्य कई जगहों पर ओटीपी का इस्तेमाल
इसी तरह से और भी कई जगह पर इसका इस्तेमाल किया जाता है जैसे मान लीजिए आपको ऑनलाइन मोबाइल रिचार्ज करना है, इलेक्ट्रिसिटी बिल भरना है या जब आप अपने नए एटीएम का पिन क्रिएट करने जा रहे होते हैं तो वहां भी आपको इस कोड की जरूरत पड़ती है। इसके अलावा मान लीजिए यदि आप अपना आधार कार्ड अपडेट कर रहे हैं तो वहां आपको ऐसे कोर्ट की जरूरत पड़ेगी, या आप स्कॉलरशिप पाने के लिए फॉर्म भर रहे हैं तो वहां भी आपको ऐसे कोड की जरूरत पड़ सकती है।
OTP नंबर कैसे प्राप्त करें?
वन टाइम पासवर्ड कोड प्राप्त करने के लिए 3 तरीके होते हैं जिसके बारे में यहां पर आपको जानकारी दी गई है जैसे कि आप जान गए हैं कि डाटा सिक्योरिटी के उद्देश्य से आज के समय में ऑनलाइन लेनदेन के लिए इसका इस्तेमाल किया जा रहा है।
Sms:- मैसेज के जरिए ओटीपी प्राप्त करना सबसे पुराना तरीका है, और काफी ज्यादा इस्तेमाल भी किया जा रहा है। जब कभी भी हम किसी शॉपिंग ऐप या पेमेंट ऐप साइन इन करते हैं तो साइन इन करने के लिए आपके रजिस्टर मोबाइल नंबर पर ओटीपी भेजा जाता है जिसे डालकर आप उस एप्लीकेशन पर लॉग इन कर सकते हैं।
Email OTP:- हम सभी इंटरनेट पर कई सारी वेबसाइट ब्राउज़िंग करते हैं, और जो हमारे काम की होती है उस पर रजिस्टर्ड भी कर लेते हैं लेकिन जब हम रजिस्टर करते हैं तो वहां पर हमसे ईमेल आईडी मांगी जाती है, जिसे डालने के बाद हमारे रजिस्टर्ड ईमेल आईडी पर ओटीपी आता है और उसके बाद ही हमारा अकाउंट उस वेबसाइट के लिए वेरीफाइड होता है।
Via call:- वर्तमान समय में हमें कॉल के जरिए भी ओटीपी प्राप्त करने की सुविधा प्रदान की जा रही है, यहां पर हम कॉल का विकल्प सिलेक्ट करते हैं तो हमारे रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर कॉल आता है और तब हमें वहां पर 6 अंको का ओटीपी बताया जाता है, उदाहरण के लिए आप कभी जोमैटो आप को इंस्टॉल करें तो आपको इस कोड को प्राप्त करने के लिए कॉलिंग का ऑप्शन भी मिलता है।
OTP का प्रयोग क्यों किया जा रहा है?
वन टाइम पिन एक तरह का सिक्योर पासवर्ड है, और यह हमारे बनाए हुए पासवर्ड से अलग भी होता है जो कि हम अधिकतर अपनी सोशल मीडिया अकाउंट क्रिएट करते समय बनाते हैं। मगर जब भी आप कोई एक पासवर्ड क्रिएट करें तो हमेशा एक ऐसा स्ट्रांग पासवर्ड क्रिएट करें जिसे कोई हैक ना कर सके क्योंकि यदि किसी हैकर को आपका यूजर नेम पता है तो वह आपके आईडी को हैक करने की कोशिश कर सकता है इसलिए हम वन टाइम पासवर्ड का इस्तेमाल करते हैं ताकि हमारी सभी चीजें सिक्योर रहे।
OTP के फायदे?
वन टाइम पासवर्ड या डायनेमिक पासवर्ड के बहुत से फायदे हैं जो कि आपको नीचे निम्न प्रकार से बताए गए हैं।
Digital crime से सेफ्टी:- इस डिजिटल दुनिया में हम बहुत से ट्रांजैक्शन ऑनलाइन कर रहे होते हैं, इसलिए ट्रांजैक्शन कंप्लीट होने से पहले हमारे रजिस्टर्ड मोबाइल पर एक ओटीपी आता है जिसका मतलब होता है कि खाताधारक उस ट्रांजैक्शन को करने के लिए अनुमति प्रदान कर रहा है और तभी सही ओटीपी डालने पर ट्रांजैक्शन सक्सेसफुल होता है। इसलिए हमारे बैंक अकाउंट सुरक्षित होते हैं।
User verification:- वन टाइम पासवर्ड की मदद से यूजर वेरिफिकेशन आसानी से हो जाता है, क्योंकि जिस भी प्लेटफार्म पर हम अपने नंबर से अपना प्रोफाइल बनाते हैं, तो उसी नंबर पर हमारा ओटीपी भी आता है जिसे हम रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर भी कहते हैं। इस तरह से जिस भी उपभोक्ता का मोबाइल होता है वह ओटीपी डालता है, और यह सुनिश्चित हो जाता है की जो यूजर अकाउंट एक्सेस कर रहा है वह उसका खुद का है।
Two step verification:- कि आप अपने किसी सोशल मीडिया अकाउंट की सिक्योरिटी और बढ़ाना चाहते हैं तो आप टू स्टेप वेरिफिकेशन का इस्तेमाल कर सकते हैं, जब आप इसे ऑन कर देते हैं तो जितनी बार आप अपना अकाउंट ओपन करेंगे उतनी बार आपको ओटीपी आएगा इससे फायदा यह होगा कि यदि किसी को आपका यूजर नेम और पासवर्ड भी पता है तो भी वह आपके अकाउंट को एक्सेस नहीं कर सकेगा।
Strong security:- डायनामिक पासवर्ड हर एक यूजर की डाटा सिक्योरिटी के लिए बहुत ही अहम है, जिसकी मदद से इस यूजर का सभी अकाउंट सुरक्षित रहता है। इसकी खास बात यह है कि यदि किसी को आपका यूजरनेम पता है तो भी वह बिना ओटीपी से आपकी आईडी का इस्तेमाल नहीं कर सकता।
Free service:- वन टाइम पासवर्ड का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह सभी यूजर्स के लिए बिल्कुल मुफ्त है इसका इस्तेमाल करने के लिए आपको किसी भी तरह का शुल्क देने की जरूरत नहीं पड़ती हैं।
Hacking सेफ्टी:- हम सभी अपने दैनिक जीवन में इतना व्यस्त रहते हैं कि हमारे पास टाइम ही नहीं होता कि हम हर हफ्ते अपना नया पासवर्ड क्रिएट करें, ऐसे में लंबे वक्त के लिए हम एक ही पासवर्ड का इस्तेमाल करते रहते हैं। लेकिन अगर कभी आपका रेगुलर पासवर्ड किसी अनजान व्यक्ति के हाथ लग जाए तो वह हो सकता है कि आपकी आईडी का मिस यूज करें, ऐसे मैं आपको ओटीपी का विकल्प रखना चाहिए ताकि आप किसी भी प्रकार की हैकिंग का शिकार ना बने।
Online फ्रॉड सेफ्टी:- हम अक्सर ही बैंकिंग से जुड़े फ्रॉड खबरों में सुनते रहते हैं, ऐसे में हमारे दैनिक जीवन के लिए ओटीपी का महत्व काफी ज्यादा है क्योंकि यह हमें ऐसे फ्रॉड से सुरक्षित रखता है।
OTP सुरक्षित क्यों है?
हम सभी मान रहे हैं कि ओटीपी सुरक्षित है लेकिन ओटीपी सुरक्षित क्यों है इसका जवाब जानना भी हमारे लिए जरूरी है दरअसल हमें पता है कि वन टाइम पासवर्ड auto-generated होता है, इसके अलावा ये रेंडम जनरेट होता है, जिस वजह से हम अंदाजा नहीं लगा सकते कि अगला पासवर्ड क्या होगा साथ ही यह टाइम बेस्ट और इवेंट बेस्ट पर आधारित होता है जिस वजह से समय सीमा खत्म होने के बाद उसका कोई वैल्यू नहीं रह जाता इसलिए हम कह सकते हैं कि यह पूरी तरह से सुरक्षित है।
लेकिन ध्यान दें कि आपने अपने मोबाइल पर किसी भी तरह के malicious app को इंस्टॉल करके ना रखा हो अन्यथा ऐसी स्थिति में आपका वन टाइम पासवर्ड हैक हो सकता है साथ ही वैलिडेट भी किया जा सकता है।
OTP जनरेटर ऐप कौन से हैं
यदि बात करें वन टाइम पेन जनरेटर ऐप कि तो सबसे पहले google authenticator app का नाम आता है क्योंकि यह सबसे ज्यादा लोकप्रिय है, लेकिन यहां पर हम आपको कुछ और अन्य आपके नाम भी बता रहे हैं जो कि भरोसेमंद है और आपके लिए जरूर मददगार साबित होंगे।
- Last pass authenticator
- Protectimus smart OTP
- Microsoft authenticator
- Authy 2 factor authentication
OTP के नुकसान?
जिस तरह से ओटीपी के कई फायदे हैं उसी तरह से इसके कुछ नुकसान भी है जो कि नीचे आपको बताए गए हैं।
- कई बार ऐसा होता है कि जब आप कोई लेन-देन का काम ऑनलाइन कर रहे होते हैं तो आपके पास आकर रजिस्टर्ड ऑनलाइन नंबर नहीं होता है जिस वजह से आपको तुरंत ओटीपी नहीं मिल पाता है और आपके काम में विलंब होता है।
- कई बार नेटवर्क अच्छा ना होने के कारण भी ओटीपी प्राप्त करने में थोड़ी सी दिक्कत आती है।
- वन टाइम पासवर्ड कुछ सेकंड के लिए ही मान्य होता है इसलिए तुरंत और टीवी देख कर सही से डालना आपके लिए जरूरी है अन्यथा गलत ओटीपी डालने पर आपका कार्य पूरा नहीं होगा।
OTP ना आने पर क्या करें?
कई बार ऐसा होता है कि सर्वर डाउन होने पर आपके पास ओटीपी काफी देर पर आता है और तब तक समय सीमा निकल चुकी होती है ऐसे में आप परेशान ना हो आपको उसी पेज पर रीसेंट ओटीपी का विकल्प मिलता है आप उस पर क्लिक करके दोबारा से ओटीपी मंगवा कर दर्ज कर सकते हैं।
स्मार्टफोन पर ओटीपी ऑटोफिल कैसे ऑन करें?
यदि आप अपना समय बचाना चाहते हैं तो आप अपने स्मार्टफोन पर ऑटोफिल ओटीपी के विकल्प को ऑन कर सकते हैं इसे ऑन करने के लिए यहां पर हम आपको कुछ स्टेप्स बता रहे हैं।
- सबसे पहले आप अपने फोन की सेटिंग पर जाएं।
- इसके बाद गूगल के विकल्प पर जाएं।
- अब ऑटोफिल का विकल्प चुने।
- इतना करने के बाद यहां पर ऑटोफिल विद गूगल का विकल्प चुने।
- अब ऑटोफिल सिक्योरिटी पर क्लिक करके credentials पर क्लिक कर दे।
- इस तरह से आपके मोबाइल पर ओटीपी ऑटोफिल ऑन हो जाएगा।
तो दोस्तों आशा करते हैं की अब आपको otp और one time password से जुड़ी सभी प्रकार की पूरी जानकारी मिल चुकी होगी, और आप जान गये होगे की OTP क्या है? One Time Password क्या होता है?
FAQ
वन टाइम पासवर्ड 4 से 8 अंकों के बीच का होता है और कभी-कभी अल्फान्यूमैरिक और न्यूमैरिक दोनों फॉर्म में आता है।
ओटीपी का फुल फॉर्म वन टाइम पासवर्ड या वन टाइम पिन होता है।
अपने फोन पर आए हुए ओटीपी को देखने के लिए अपने स्मार्टफोन पर मैसेज के विकल्प पर जाकर चेक करें।
वन टाइम पासवर्ड की समय सीमा अलग-अलग एप्लीकेशंस पर निर्भर करती है और यह 10 से 15 मिनट तक की भी होती है।
ओटीपी काफी सुरक्षित माना जाता है लेकिन यदि आपने अपने फोन में किसी ऐसे ऐप को इंस्टॉल कर रखा है जो कि स्क्रीन शेयर करता है तो ऐसी स्थिति में आपका ओटीपी चोरी हो सकता है।
उम्मीद करते है इस लेख को पढ़ कर आप ओटीपी के बारे मे अच्छे से समझ गए होंगे और जान गए होंगे की OTP क्या है? और इसका इस्तेमाल कब और कैसे किया जाता है।
यह भी पढ़े:
Hope अब आपको OTP क्या है? समझ आ गया होगा, और आप जान गये होगे की OTP का इस्तेमाल कैसे किया जाता है और इससे आप कैसे अपनी जानकारी को सुरकछित रख सकते हो।
अगर आपके पास कोई सवाल है, तो आप नीचे कमेंट में पूछ सकते हो. और अगर आपको यह पोस्ट हेल्पफुल लगा हो तो इसको सोशल मीडिया पर अपने अपने दोस्तों के साथ शेयर भी कर सकते हो.
Good article bhai
Aap kon sa hosting use karte hai plzzz reply…
digital ocean
Sir, ak he time me otp ke jareye account ke info. 2 ya usse jyada place par access kar sakte h Kya.
matlab?