कंप्यूटर लैंग्वेज क्या है और इसके प्रकार (Computer Language in Hindi)

0

दोस्तों टेक्नोलॉजी से भरी इस दुनिया में आए दिन नए invention हो रहे हैं। AI के क्षेत्र में हर दिन कुछ नया मार्केट में लॉन्च हो रहा है, जिसका आधार Computer language होती है। इसीलिए अब बहुत ज्यादा जरूरी हो चुका है की Computer language हर किसी को आए, इसलिए आजके इस पोस्ट में हम कंप्यूटर लैंग्वेज से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी समझिंगे जैसे कंप्यूटर लैंग्वेज क्या है, इसके प्रकार, फ़ायदे और नुक़सान…

कंप्यूटर लैंग्वेज क्या है और इसके प्रकार (Computer Language in Hindi)


अगर आपको भी नहीं पता की कंप्यूटर लैंग्वेज क्या होता है? तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए है। Computer language in hindi के विषय पर लिख गए इस आर्टिकल में आपको कंप्यूटर लैंग्वेज के बारे में सब कुछ जानने को मिलेगा वो भी आपकी भाषा में! इसलिए इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ें। 

कंप्यूटर लैंग्वेज क्या है (What is Computer Language in Hindi)

जिस तरह से इंसानों को बात करने के लिए भाषा की जरूरत होती है जैसे हिंदी, इंग्लिश बंगाली, तमिल, तेलुगु या फिर कोई भी दूसरी भाषा ठीक उसी तरीके से कंप्यूटर को भी communicate करने के लिए भाषा की जरूरत पड़ती है। 

एक कंप्यूटर कभी भी इंसानी भाषा नहीं समझ सकता है। इसलिए कंप्यूटर तक अपनी बात पहुंचाने के लिए हमें एक अलग भाषा की जरूरत होती है, जिसे कंप्यूटर की भाषा कहते हैं। Short में बोलूं तो, कंप्यूटर से बात करने के लिए जिस भाषा का इस्तेमाल किया जाता है उसे computer language कहते हैं। 


कंप्यूटर लैंग्वेज की परिभाषा क्या है?

कंप्यूटर लैंग्वेज instructions का एक group होता हैं, जिसका इस्तेमाल program बनाने के लिए किया जाता हैं। Computer language एक तरह का code होता हैं, जिसके जरिए human computer से interact कर पाते हैं। 

Computer language का use desktop application, software, Mobile Apps और website बनाने के लिए किया जाता हैं। इस तरह की चीजें करने के लिए मुख्य रूप से Java, c++ language का इस्तेमाल किया जाता है। 

कंप्यूटर की ये जो भाषा होती हैं, उसे नॉर्मल इंसान नहीं समझ सकते हैं क्योंकि ये लैंग्वेज सिर्फ कंप्यूटर के लिए बनाई गई हैं। सॉफ्टवेयर या फिर एप्लीकेशन बनाने के लिए डेवलपर को algorithms, logic और computations को express करने में कंप्यूटर लैंग्वेज मदद करता है।


कंप्यूटर लैंग्वेज के प्रकार (Types of Computer Language in Hindi)

कंप्यूटर लैंग्वेज उनके उद्देश्य और काम के आधार पर कई प्रकार के हो सकते हैं, जो निम्नलिखित हैं

1. High Level Language

हाई लेवल लैंग्वेज कंप्यूटर लैंग्वेज के evolution का सबसे advance development language होता है जिसका इस्तेमाल प्रोग्रामिंग को आसान और error free बनाने के लिए किया जाता है। इस तरह के कंप्यूटर लैंग्वेज में words और command  देने में symbols और numbers का इस्तेमाल किया जाता है। 


इस तरह के जो कंप्यूटर लैंग्वेज होते हैं उसे आसानी से समझा और लिखा जा सकता हैं। क्योंकि ये बाकी कंप्यूटर लैंग्वेज की तुलना में आसान होते हैं। इस तरह के प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का इस्तेमाल यूजर फ्रेंडली सॉफ्टवेयर या फिर वेबसाइट बनाने के लिए किया जाता है। ‌

High Level Language, ऐसा कंप्यूटर लैंग्वेज जिसका syntax पहले से ही निर्धारित होता है। इस तरह के कंप्यूटर लैंग्वेज में प्रोग्राम को मशीन लैंग्वेज में बदलने के लिए complier  और interpreter की जरूरत पड़ती है। इस तरह के कंप्यूटर लैंग्वेज में Java, python, JavaScript, C++ , PHP, C#, COBOL, Peel, Pascal आते हैं। 

High Level Language के फायदे

जैसा की मैंने आपको ऊपर बताया सारे कंप्यूटर लैंग्वेज में हाई लेवल लैंग्वेज सबसे ज्यादा एडवांस होता है। इसीलिए इससे user को काफी अच्छे फायदे मिलते हैं जैसे – 


  • हाई लेवल लैंग्वेज एक यूजर फ्रेंडली भाषा होती है, इसे समझना काफी आसान होता है और कोई भी इसे आसानी से सीख सकता है। 
  • हाई लेवल लैंग्वेज machine independent language होती है जो किसी भी कंप्यूटर में आसानी से काम कर सकती हैं। 
  • इस लैंग्वेज की सहायता से बनाए गए कमर्शियल सॉफ्टवेयर हाई लेवल के होते हैं। 
  • इस तरह के लैंग्वेज को लिखना और प्रोग्राम बनाना भी काफी आसान होता है। 
  • हाई लेवल लैंग्वेज को मेंटेन करना काफी आसान होता है। 
  • इस तरह के कंप्यूटर लैंग्वेज का इस्तेमाल करके अगर सॉफ्टवेयर या फिर एप्लीकेशन बनाया जाता हैं। तो यूजर को काफी अच्छा graphical interface मिलता है। 
  • हाई लेवल लैंग्वेज काफी फ्लैक्सिबल होती है क्योंकि इसमें अगर आपसे कोड लिखने में कोई गलती हो ही जाती है। तो भी आपके उस कोड को ठीक करना काफी आसान होता है। 

High Level Language के नुकसान

जहां एडवांस कंप्यूटर लैंग्वेज यानी की हाई लेवल लैंग्वेज के इतने सारे अच्छे-अच्छे फायदे हैं। वहीं इस कंप्यूटर लैंग्वेज के कुछ नुकसान भी है जिसके बारे में आपको जानना चाहिए – 

  • ये बात मैंने आपको ऊपर बताई थी कि हाई लेवल लैंग्वेज में source code को मशीनों के पढ़ने लायक बनाने के लिए उसे machine code में बदलना पड़ता है। ठीक उसी तरह machine code को source code में बदला जाता है, जिसमें काफी ज्यादा समय भी लगता हैं और समय की भी बर्बादी होती है।
  • इस तरह के कंप्यूटर लैंग्वेज का इस्तेमाल करने के लिए कंप्यूटर में इस लैंग्वेज के सॉफ्टवेयर को डाउनलोड करने में काफी ज्यादा जगह की जरूरत पड़ती हैं।
  • ये कंप्यूटर लैंग्वेज लो लेवल लैंग्वेज की तुलना में थोड़ा सा स्लो होता है।
  • इस तरह के कंप्यूटर लैंग्वेज की सबसे बड़ी परेशानी यही है कि ये लैंग्वेज हार्डवेयर से सीधा कम्युनिकेट नहीं कर पाती है
  • ये बात मैंने आपको ऊपर बताई थी कि हाई लेवल लैंग्वेज में source code को मशीनों के पढ़ने लायक बनाने के लिए उसे machine code में बदलना पड़ता है। ठीक उसी तरह machine code को source code में बदला जाता है, जिसमें काफी ज्यादा समय भी लगता हैं और समय की भी बर्बादी होती है।
  • इस तरह के कंप्यूटर लैंग्वेज का इस्तेमाल करने के लिए कंप्यूटर में इस लैंग्वेज के सॉफ्टवेयर को डाउनलोड करने में काफी ज्यादा जगह की जरूरत पड़ती हैं।
  • ये कंप्यूटर लैंग्वेज लो लेवल लैंग्वेज की तुलना में थोड़ा सा स्लो होता है।

इस तरह के कंप्यूटर लैंग्वेज की सबसे बड़ी परेशानी यही है कि ये लैंग्वेज हार्डवेयर से सीधा कम्युनिकेट नहीं कर पाती है।

High Level Language के प्रकार

अब तक आपने हाई लेवल लैंग्वेज के बारे में सब कुछ जान लिया होगा पर ये कितने प्रकार के होते हैं, ये शायद आपको पता ना हो। इसलिए आपकी जानकारी के लिए मैं बता दूं कि अलग-अलग जरूरतों के लिए हाई लेवल लैंग्वेज अलग-अलग तरह के होते हैं। जिसके बारे में मैंने नीचे बताया है 

  • Object oriented programming language 

इस तरह के प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का इस्तेमाल data, program elements, attributes या फिर methods के ग्रुप के लिए किया जाता है। ये कंपलेक्स प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में गिने जाते हैं पर क्योंकि इसमें errors ढूंढ कर उसे ठीक करना काफी आसान होता है। इसीलिए ये काफी पॉपुलर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है। इस तरह का प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में Java, python, PHP, C++, Ruby आते हैं। 

  • Visual programming language 

ये खास तरह की कंप्यूटर लैंग्वेज होती है इसका इस्तेमाल windows में यूज किए जाने वाले एप्लीकेशन को बनाने और डिजाइन करने के लिए किया जाता है। इस तरह के प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में Visual basic, visual Java और visual C आते हैं। 

2. Low Level Language

ये कंप्यूटर लैंग्वेज हाई लेवल लैंग्वेज के बिल्कुल ही opposite होता है। इस तरह के कंप्यूटर लैंग्वेज को समझना इंसानों की बस की बात नहीं है।  लेकिन कंप्यूटर इस लैंग्वेज को आसानी से समझ पाते हैं और उसमें काम कर पाते है। 

हाई लेवल लैंग्वेज की तरह ये लैंग्वेज भी machine dependent होती है मतलब इस भाषा को किसी भी कंप्यूटर में run किया जा सकता है। इस तरह के कंप्यूटर लैंग्वेज में हार्डवेयर से कम्युनिकेशन करने के लिए complier और interpreter की जरूरत नहीं पड़ती हैं। 

इस तरह का जो कंप्यूटर लैंग्वेज होता है, वो काफी तेजी से execute होता है। इतना ही नहीं इस कंप्यूटर लैंग्वेज का इस्तेमाल बड़े-बड़े प्रोग्राम को run करने के लिए किया जाता है। ये काफी कॉम्प्लिकेटेड कंप्यूटर लैंग्वेज होते हैं जिसका इस्तेमाल output को जल्दी क्रिएट करने के लिए किया जाता है।

जैसा की मैंने आपको कहा, इस तरह की प्रोग्रामिंग लैंग्वेज कंप्यूटर को भी आसानी से समझ में नहीं आती है। इसीलिए इस लैंग्वेज सीखना और इस्तेमाल करना काफी मुश्किल होता है। इस कॉम्पिटेटिव प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को सीखने में काफी समय लगता है। 

Low Level Language के प्रकार 

Low level Language यह तरह इस लैंग्वेज का भी खूब इस्तेमाल किया जाता है। इस लैंग्वेज का इस्तेमाल ज्यादातर कामों में किया जाता है। Low Level Language के अंदर इस तरह की भाषा आती है – 

  • Machine language

जैसा की आप नाम से ही समझ सकते हैं की ये मशीनों की भाषा होती है। इस तरह की लैंग्वेज में ज्यादातर binary यानी कि 0 से 1 तक का इस्तेमाल किया जाता है। 

आसान शब्दों में कहें तो कंप्यूटर के लिए जिस भाषा को समझना काफी ज्यादा आसान होता है, वो कंप्यूटर की मशीन लैंग्वेज होती है। अगर आपको कंप्यूटर का इस्तेमाल करना आता है, तो ये बात आपको अच्छे से पता होगी की कंप्यूटर सबसे ज्यादा इजी लैंग्वेज को समझता है। इसीलिए कंप्यूटर का हर काम इसी लैंग्वेज का इस्तेमाल किया जाता है। 

Machine language के फायदे 
  1. इस लैंग्वेज का इस्तेमाल करके अगर आप कोई कोड लिखते हैं या प्रोग्राम लिखते हैं तो कंप्यूटर के लिए उसे समझना काफी आसान होता है। 
  2. इस तरह के कंप्यूटर लैंग्वेज को कंप्यूटर एक ही बार में समझ सकता है‌। इसलिए इस कंप्यूटर लैंग्वेज में machine language को source Language में बदलने में समय खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ती है। 
  3. इस तरह के प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को समझने के लिए कंपाइलर और इंटरप्रेटर की जरूरत नहीं नहीं पड़ेगी तो आप आसानी से प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को समझ पाएंगे। 
  4. बाकी सभी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की तुलना में ये कंप्यूटर लैंग्वेज काफी तेजी से आउटपुट देता है। 
Machine language के नुकसान 

मशीन लैंग्वेज का इस्तेमाल machine learning के क्षेत्र में किया जाता है। क्योंकि इस लैंग्वेज के बहुत सारे फायदे होते हैं पर जितना इस लैंग्वेज के फायदे हैं‌ ! उतना इसका नुकसान भी होता है। 

  •  इस तरह के कंप्यूटर लैंग्वेज को सीखना काफी ज्यादा मुश्किल होता है क्योंकि ये लैंग्वेज हार्डवेयर से भी आसानी से बातें कर सकता हैं। 
  • मशीन लैंग्वेज के अंदर जो प्रोग्राम लिखे जाते हैं। वो काफी बड़े और लंबे होते हैं। इस तरह के प्रोग्राम लैंग्वेज को लिखने में काफी ज्यादा समय लगता है। 

ये  कंप्यूटर लैंग्वेज काफी complex होते हैं इसीलिए इस लैंग्वेज का इस्तेमाल करते हुए प्रोग्राम लिखने पर गलतियां काफी ज्यादा होती है। जिसे ठीक करने में काफी ज्यादा समय लगता है। 

  • Assembly Language

Assembly Language, ये एक low level computer language होती हैं। इस लैंग्वेज का इस्तेमाल भी machine learning के क्षेत्र में किया जाता है। इस लैंग्वेज को मशीन लैंग्वेज में बदलने के लिए एक खास तरह के सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता है। जिसे assembler कहा जाता है।

इस तरह के जो लो लेवल कंप्यूटर लैंग्वेज होते हैं उसका इस्तेमाल माइक्रोप्रोसेसर पर आधारित डिवाइस में और रियल टाइम सिस्टम में अधिक किया जाता है। इस तरह के कंप्यूटर लैंग्वेज में 0 से 1 digit के जगह पर alphanumeric term का इस्तेमाल अधिक किया जाता है। 

Assembly Language के अंदर जो प्रोग्राम लिखे जाते हैं, उसे दूसरे कंप्यूटर में एग्जीक्यूट नहीं किया जा सकता है। इस तरह के कंप्यूटर लैंग्वेज का इस्तेमाल करने के लिए user के पास इस लैंग्वेज को लिखने समझने नॉलेज तो होनी चाहिए पर उसी के साथ यूजर को हार्डवेयर की भी अच्छी खासी जानकारी होनी चाहिए।

Assembly Language के फायदे 

Assembly Language के बारे में पढ़ने के बाद आपको यही लगता होगा कि ये काफी कॉम्प्लिकेटेड लैंग्वेज हैं। ये हमारे लिए क्या ही फायदेमंद होगा! तो ऐसा नहीं है। Assembly Language बाकी कंप्यूटर लैंग्वेज की तरह काफी फायदेमंद होता है – 

  1. इस बात में कोई शक नहीं है की Assembly Language को लिखना और समझना काफी मुश्किल होता हैं। लेकिन अगर आप इस लैंग्वेज की तुलना मशीन लैंग्वेज के साथ करते हैं। तो इन दोनों में इस लैंग्वेज को समझना ज्यादा आसान है। 
  2. कॉम्प्लिकेटेड कंप्यूटर लैंग्वेज होने के बाद भी इस लैंग्वेज में प्रोग्राम लिखने में गलती होने के चांस काफी कम होते हैं। 
  3. कंप्यूटर के इस लैंग्वेज में program को modify करना काफी ज्यादा आसान होता है।

यह भी पढ़े: Python क्या है और कैसे सीखें? (What is Python in Hindi)

Assembly Language के नुकसान

Assembly Language के नुकसान काफी अलग तरह के होते हैं जिसके बारे में मैंने नीचे बात किया है –  

  • Assembly Language, ये कंप्यूटर लैंग्वेज पूरी तरह से machine के ऊपर निर्भर करता है। 
  • इस लैंग्वेज को अपने आप यूज़ नहीं किया जा सकता है बल्कि इसका इस्तेमाल करने के लिए सॉफ्टवेयर की जरूरत पड़ती है जो कि इसका एक नुकसान है। 
  •  वैसे तो सभी कंप्यूटर लैंग्वेज का इस्तेमाल करने के लिए हार्डवेयर की समझ की जरूरत नहीं पड़ती है। लेकिन इस कंप्यूटर लैंग्वेज का इस्तेमाल करने के लिए कंप्यूटर लैंग्वेज को जानने के साथ-साथ हार्डवेयर की नॉलेज होना भी बहुत ज्यादा जरूरी होता है। 
  • इस कंप्यूटर लैंग्वेज को लिखने में काफी ज्यादा समय लगता है,  जिसमें समय की बर्बादी होती है। 

हाई लेवल कंप्यूटर लैंग्वेज और लो लेवल कंप्यूटर लैंग्वेज में क्या अंतर होता है? 

High level computer language और low level computer language दोनों ही कंप्यूटर लैंग्वेज अलग-अलग चीजों के काम में आते हैं। और दोनों ही लैंग्वेज का अपना महत्व है, इन दोनों में काफी अंतर देखने को मिलता है जैसे – 

High level computer language को इंसानों के द्वारा आसानी से समझा जा सकता है क्योंकि इस तरह के कंप्यूटर लैंग्वेज में इंग्लिश शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है। जबकि low level computer language को समझना इंसानों के लिए बहुत ही ज्यादा मुश्किल होता है क्योंकि इस तरह की लैंग्वेज में binary numbers का इस्तेमाल किया जाता है। पर जब बात कंप्यूटर की आती है तो कंप्यूटर उस प्रोग्राम को आसानी से समझ पाता है। 

  • हाई लेवल लैंग्वेज ह्यूमन फैमिली लैंग्वेज होते हैं जबकि लो लेवल लैंग्वेज प्रोग्रामर फ्रेंडली लैंग्वेज होते हैं। 
  • हाई लेवल लैंग्वेज में प्रोग्राम एग्जीक्यूशन टाइम लंबा होता है। जबकि लो लेवल लैंग्वेज में प्रोग्राम एग्जीक्यूशन टाइम कम लगता है क्योंकि इसमें कंप्यूटेशनल स्पीड ज्यादा होती है। 
  • हाई लेवल लैंग्वेज को मेंटेन करना बहुत सिंपल होता है। जबकि लो लेवल लैंग्वेज को मेंटेन करना काफी मुश्किल होता है। 
  •  हाई लेवल कंप्यूटर लैंग्वेज में debugging process आसानी से हो जाता है जबकि लो लेवल कंप्यूटर लैंग्वेज में debugging process काफी हार्ड होता है। 
  • हाई लेवल कंप्यूटर लैंग्वेज पोर्टेबल नेचर का होता है ताकि इसे किसी भी कंप्यूटर में डाल कर run किया जा सके। लेकिन लो लेवल लैंग्वेज के मामले में ऐसा नहीं होता है। लो लेवल लैंग्वेज में जो प्रोग्राम बनाए जाते हैं, वो portable नहीं होते हैं। इसीलिए इस तरह के  लैंग्वेज के बने प्रोग्राम को हर कंप्यूटर में डाल कर शुरू नहीं किया जा सकता है। 
  • हाई लेवल लैंग्वेज का इस्तेमाल आज की टेक्नोलॉजी में किया जा रहा है जबकि लो लेवल लैंग्वेज का इस्तेमाल आज के टाइम में थोड़ा कम किया जाता है। 
  • हाई लेवल लैंग्वेज को सेट अप करना काफी ज्यादा आसान होता‌ है‌, जबकि लो लेवल लैंग्वेज में सेट अप करने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। 

3. Scripting Language 

Scripting language, high level language का ही हिस्सा होता है। ये एक यूजर फ्रेंडली लैंग्वेज है और इसे सीखना काफी आसान होता है। इस लैंग्वेज के द्वारा बड़ी आसानी से डायनेमिक वेब पेजेस बनाए जा सकते हैं। 

डेवलपर इस लैंग्वेज को इसीलिए use करते हैं क्योंकि इस लैंग्वेज को इस्तेमाल करने के लिए compiler की जरूरत नहीं होती हैं। इस तरह के लैंग्वेज में JavaScript, python, perl, Bash आता हैं। 

4. Functional Language

Scripting language की तरह Functional language भी हाई लेवल लैंग्वेज होता है, पर ये लैंग्वेज बाकी सभी language से थोड़ा अलग होता है। क्योंकि fundamental concepts पर based होने के वजह से इस language में mathematical functions बहुत अधिक देखने को मिलते हैं।

इस लैंग्वेज में जिन functions का use किया जाता हैं, वो काफी flexible होते हैं। और उनके द्वारा आसानी से प्रॉब्लम को सॉल्व किया जा सकता है और नया प्रोग्राम क्रिएट किया जा सकता है। आपकी जानकारी के लिए मैं बता दूं ये लैंग्वेज काफी आसान है और इसे बहुत ही सरलता से समझा जा सकता है। 

इस कंप्यूटर लैंग्वेज का इस्तेमाल एप्लीकेशन डेवलपमेंट में किया जाता है, जिसमें बहुत सारे data मौजूद होते हैं जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डाटा एनालिसिस। इतना ही नहीं ये कंप्यूटर लैंग्वेज web development और game development के लिए भी best माने जाते हैं। इस कंप्यूटर लैंग्वेज में Haskell, Lisp, Erlang, F#, Clojure आते हैं। 

5. Specialized Language

Specialized language खास तरह की कंप्यूटर लैंग्वेज होती है जिसका इस्तेमाल खास चीजों या फिर किसी specific industry में किया जाता है। इस तरह के कंप्यूटर लैंग्वेज में special feature और rules होते हैं, जिसके द्वारा problem को आसानी से solve किया जा सकता है। 

इस लैंग्वेज के द्वारा web page design लिया जाता है, अलग-अलग लैंग्वेज का scientific Calculation किया जाता है, database पर काम किया जाता है। ये लैंग्वेज प्रोग्रामर के काम को काफी ज्यादा आसान बना देता है क्योंकि उसके लिए specific knowledge और skills की जरूरत पड़ती है। 

  • a) Markup language  

Markup language, एक तरह का कंप्यूटर लैंग्वेज है जो की web या फिर document में text format में देखने को मिलता है। इस लैंग्वेज को इस तरह से इसीलिए बनाया गया है ताकि मशीन और इंसान दोनों ही इस लैंग्वेज को आसानी से पढ़ सके। 

इस तरह के कंप्यूटर लैंग्वेज में बहुत सारे लैंग्वेज आते हैं जैसे –

  • HTML – HTML का पूरा नाम Hypertextual Markup Language होता है। ये एक primary markup language है, इस तरह की लैंग्वेज का इस्तेमाल वेब पेज डिजाइन करने के लिए किया जाता है। HTML सभी के द्वारा यूज किया जाने वाला एक common programming language हैं। इस लैंग्वेज का इस्तेमाल करते हुए web pages के heading, paragraph, link, image और दूसरे elements को create करना काफी आसान होता है। 
  • XML – XML का पूरा नाम Extensible Markup Language हैं। ये प्रोग्रामिंग लैंग्वेज अलग-अलग सिस्टम से डाटा को store और exchange करता है। इस कंप्यूटर लैंग्वेज में tags का इस्तेमाल data structures को और content बनाने के लिए किया जाता है। एप्लीकेशन बनाने, डाटा शेयरिंग करने और web service का इस्तेमाल करने के लिए इस लैंग्वेज का ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। 
  • Markdown – Markdown एक lightweight markup language है जिससे web के लिए easy text formatting किया जा सकता है। इस कंप्यूटर लैंग्वेज में plain text और simple tags का use headings, lists, links और दूसरे elements create करने के लिए किया जाता है। इस कंप्यूटर लैंग्वेज का इस्तेमाल document लिखने, blog post लिखने और ‌web content create करने के लिए किया जाता है। 
  • b) Query language

Query language, खास तरह का कंप्यूटर लैंग्वेज होता है जो डेटाबेस से data को retrieve और manipulate करता है। इस तरह के जो कंप्यूटर लैंग्वेज होते हैं, वह यूजर को किसी स्पेसिफिक एरिया के डाटा को देखने या फिर एडिट करने के लिए command देने की सुविधा देता है। Query language का इस्तेमाल का चित्र में किया जा सकता है जैसे business intelligence, data analytics और web development इत्यादि। 

  • c) Domain specific language

डेवलपर ने DSL यानी कि Domain specific language को इसीलिए डिजाइन किया है ताकि वह किसी एक डोमेन के ऊपर या फिर किसी एक programming task के ऊपर काम कर सके और अगर किसी तरह की कोई परेशानी आए तो उसका समाधान कर सकें। बहुत सारे एप्लीकेशन में कंप्यूटर लैंग्वेज का इस्तेमाल करते हैं जैसे – scientific computing, financial modelling, game development इत्यादि। ‌

6. MATLAB

MATLAB एक Domain specific language है जिसका इस्तेमाल scientific data computing और analysis करने के लिए किया जाता है। इस तरह के कंप्यूटर लैंग्वेज यूजर को ऐसा एनवायरनमेंट प्रदान करते हैं जिसमें वो numerical computation,  visualisation और programming कर सकते हैं। इस प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का इस्तेमाल मुख्य रूप से इंजीनियरिंग और physics क्षेत्र में किया जाता है।

7. R language 

Statistical data और graphic से जुड़ा काम करने के लिए R language का इस्तेमाल किया जाता है। इस लैंग्वेज का सबसे ज्यादा इस्तेमाल साइंटिफिक रिसर्च के लिए किया जाता है। ये एक open source computer language है जो भारी संख्या में लोगों के द्वारा इस्तेमाल किया जाता है। 

कंप्यूटर लैंग्वेज में नवीनीकरण

कंप्यूटर लैंग्वेज में समय के साथ-साथ काफी विकास हुआ है। कंप्यूटर लैंग्वेज के हर विकास के साथ उसे समझना, इस्तेमाल करना और प्रोग्राम लिखना काफी ज्यादा आसान हो गया है। पहले के समय में जो कंप्यूटर लैंग्वेज होते थे वो काफी ज्यादा कॉन्प्लिकेटेड होते हैं। 

इतना ही नहीं कंप्यूटर लैंग्वेज को सीखने में काफी ज्यादा समय भी लग जाता था। और अगर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को सीखने की कोचिंग भी ले ली तो भी प्रोग्राम लिखते समय गड़बड़ी हो जाने पर पूरा प्रोग्राम फिर से लिखना पड़ता था। जो कि काफी ज्यादा समय बर्बाद करने वाला काम था। 

पर जैसे-जैसे वक्त बदला कंप्यूटर लैंग्वेज में बदलाव होते हैं और धीरे-धीरे ऐसे लैंग्वेज आने शुरू हो गए। जो कम complicated थे और जिन्हें आसानी से सीखा जा सकता था। इतना ही नहीं इस तरह के नए लैंग्वेज में प्रोग्राम लिखना उसे समझना और प्रोग्राम में गलतियां ढूंढकर उसे ठीक करना काफी आसान हो गया था। 

वर्तमान समय में ज्यादातर जो कंप्यूटर लैंग्वेज बनाए जाते हैं उनका उद्देश्य किसी खास काम को पूरा करना होता है। पर आज के समय में कंप्यूटर लैंग्वेज की बादशाह की बात करें तो सबसे पहला नाम python का आता है। इसके अलावा Java, c++ लैंग्वेज का इस्तेमाल भी खूब किया जाता है। 

जिस तरीके से टेक्नोलॉजी में, सॉफ्टवेयर में परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं। नए innovation देखने को मिल रहा है। ठीक उसी तरीके से कंप्यूटर लैंग्वेज में भी लगातार नई नई चीजें लांच हो रही हैं। हर अपडेट के साथ प्रोग्रामिंग लैंग्वेज या तो कॉम्प्लिकेटेड हो रहा है या फिर बहुत ही आसान हो रहा है। जिससे प्रोग्राम के लिए कॉन्प्लेक्स प्रॉब्लम का समाधान ढूंढना और अच्छे से प्रोग्राम लिखना काफी आसान हो गया है। 

FAQ 

क्या HTML एक programming language हैं ? 

जी नहीं, HTML एक programming language नहीं हैं बल्कि ये एक मार्कअप language हैं।

कंप्यूटर में कौन सी भाषा नहीं है?

कंप्यूटर में अंग्रेजी भाषा नहीं है। 

C++ कौन सी भाषा है ? 

C++ object oriented programming language हैं।

कंप्यूटर की वैज्ञानिक भाषा कौन सी है?

कंप्यूटर की वैज्ञानिक भाषा फोरट्रान है।

कंप्यूटर में कितने लैंग्वेज होते हैं?

कंप्यूटर में बहुत सारे लैंग्वेज होते हैं लेकिन सबसे ज्यादा इस्तेमाल binary language का ही किया जाता है। 

कंप्यूटर लैंग्वेज क्या होते हैं?

कंप्यूटर लैंग्वेज एक तरह की भाषा होती है जिसका इस्तेमाल करके कंप्यूटर कम्युनिकेट करता है। ये भाषा इंसानों की भाषा से अलग होती है। 

दोस्तों इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको कंप्यूटर लैंग्वेज क्या है? के बारे में सब कुछ समझ आ गया होगा। इस आर्टिकल में हमने कंप्यूटर लैंग्वेज के बारे में जितना detail हो सकता था! उतने डिटेल में बात की हैं।

इस आर्टिकल में बताई गई बातें अगर आपको पसंद आई हो, तो ऐसे आप अपने दोस्तों के साथ भी जरूर शेयर कीजिए। 

Previous articleहाई लेवल लैंग्वेज क्या है? (High Level Language in Hindi)
Next articleकंप्यूटर में हिन्दी टाइपिंग कैसे करे? (आसान तरीक़ा)
हेलो दोस्तों, मेरा नाम अंकुर सिंह है और में New Delhi से हूँ। मैंने B.Tech (Computer Science) से ग्रेजुएशन किया है। और में इस ब्लॉग पर टेक्नोलॉजी, कंप्यूटर, मोबाइल और इंटरनेट से जुड़े लेख लिखता हूँ।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here